Holi 2024: होली पर कैमिकल रंगों से बचना है जरूरी

होली के त्यौहार पर बच्चों से लेकर बूढ़े सभी एक-दूसरे को रंग लगाना पसंद करते हैं. विभिन्न प्रकार के रंगों के साथ सभी के बीच गिले-शिकवे दूर हो जाते हैं और हर जगह हंसी-ठिठोली नजर आती है. लेकिन इस मस्ती में हम एक चीज़ पर ध्यान देना ही भूल जाते हैं और वह है, होली में खेले जाने वाले रंग. बस यही एक लापरवाही हमारी स्किन के लिए कई मुश्किलें पैदा कर देती है. दरअसल, बाज़ार में कई प्रकार के रंग मिलते हैं और ज्यादातर रंग स्किन के लिए हानिकारक होते हैं. ऐसे में न सिर्फ सावधानी बरतें बल्कि ऐसे रंगों का चुनाव करें, जो स्किन को नुकसान न पहुंचाएं.

बाज़ार में उपलब्ध रंगो के प्रकार

डॉ गौरव भारद्वाज ,डर्मेटोलॉजिस्ट, सरोज हॉस्पिटल, बताते हैं कि आमतौर पर बाज़ार में तीन प्रकार के रंग मिलते हैं, जिसमें पेस्ट, पाउडर वाले रंग और गीले रंग शामिल हैं. जहां ये सभी रंग कैमिकल्स से भरे होते हैं, वहीं बाज़ार में हर्बल रंग भी आसानी से मिल जाते हैं, जो स्किन को बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. आइए जानते हैं ये रंग स्किन को किस प्रकार प्रभावित करते हैं और इनके फायदे व नुकसान क्या-क्या हैं:

1. पेस्ट

इस प्रकार के रंग ट्यूब के रूप में मिलते हैं, जो किसी जेल की भांति नजर आते हैं. हालांकि, इस प्रकार के रंगों को ज्यादा पसंद नहीं किया जाता है, इसलिए बाज़ार में ये जल्दी नहीं मिलते हैं. इन रंगों में कैमिकल्स की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो स्किन के लिए बेहद नुकसादायक हैं. ये स्किन को ड्राई कर देते हैं और जलन का कारण भी बनते हैं. इसलिए इस प्रकार के रंगो से दूर रहने में ही फायदा है.

2. पाउडर

होली में पाउडर यानी कि सूखे रंगों को सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. ये कैमिकल व हर्बल दो प्रकार के होते हैं. अधिकतर लोगों में हर्बल रंगों के बारे में अधिक जानकारी न होने के कारण वे कैमिकल वाले रंग खरीद लेते हैं. ये कैमिकल वाले रंग स्किन के लिए बेहद नुकसानदायक होते हैं. इनमें कलरेंट नाम का तत्व पाया जाता है, जो स्किन के लिए बेहद टॉक्सिक होता है. खासकर पानी के साथ इस्तेमाल किए जाने पर ये स्किन को दोगुना नुकसान पहुंचाते हैं. इनसे न सिर्फ स्किन पर जलन होती है बल्कि लाल चकत्ते भी पड़ सकते हैं. हरे रंग में कॉपर सल्फेट मिलाया जाता है, जो स्किन की एलर्जी और कमजोर आँखों के लिए जिम्मेदार होता है. लाल रंग में मरकरी होता है, जिससे स्किन का कैंसर हो सकता है. वहीं नीले रंग में कोबाल्ट नाइट्रेट होता है, जिससे स्किन की एलर्जी, कैंसर और दमा की समस्या हो सकती है.

3. चमकीला पाउडर

चमकीले पाउडर वाले रंगों में एस्बेस्टस नाम का तत्व पाया जाता है. एस्बेस्टस से स्किन कैंसर हो सकता है. ये रंग बाज़ार में आसानी से मिल जाते हैं और चूंकि ये दिखने में काफी आकर्षक होते हैं इसलिए लोग इन्हें खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं.

4. पक्के रंग

दरअसल, ये बाज़ार में पाउडर के रूप में ही मिलते हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल पानी के साथ किया जाता है. एक बार स्किन पर लगने के बाद इन्हें साफ करना बेहद मुश्किल होता है. स्किन को पूरी तरह से साफ होने में कम से कम 4-5 दिन का वक्त लग जाता है. इनमें मौजूद कैमिकल्स के कारण स्किन में जलन, रूखापन, दाने, लाल धब्बे आदि जैसी समस्याएं होती हैं, इसलिए लोग इनका इस्तेमाल पसंद नहीं करते हैं. पक्के रंगों का इस्तेमाल बच्चे और शरारती लोग ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें अन्य लोगों को परेशान करने का एक अच्छा मौका मिल जाता है.

5. हर्बल रंग

ये रंग गीले व पाउडर के रूप में मिलते हैं. हर्बल रंग स्किन के लिए बिल्कुल सुरक्षित और फायदेमंद होते हैं. चूंकि, हर्बल रंग स्किन को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, इसलिए ये बाकी रंगों की तुलना में मंहगे होते हैं. इन रंगों की खास बात यह है कि इन्हें घर पर आसानी से तैयार किया जा सकता है.

घर पर कैसे तैयार करें हर्बल रंग?

पीला रंग: पिसे हुए चावल या गेहूं के आंटे में हल्दी मिलाकर पीला रंग तैयार किया जा सकता है. इसके अलावा गेंदे के फूलों को पानी में उबालकर भी पीला रंग बनाया जा सकता है.

लाल रंग: लाल रंगों के लिए लाल गुड़हल, लाल गुलाब या चुकंदर को पानी में उबालें या लाल चंदन का इस्तेमाल करें.

हरा रंग: हरे रंग को बनाने के लिए पालक या धनिया के पत्तों को पानी में उबालें या मिक्सी की मदद से इनका पेस्ट तैयार कर लें.

गुलाबी रंग: गुलाबी रंग के लिए गुलाबी गुलाब को पानी में उबालें.

इन बातों का खास ख्याल रखें:

केवल हर्बल रंगों का इस्तेमाल करें.

पक्के रंगों का इस्तेमाल बिल्कुल न करें.

रंग खेलने से पहले शरीर पर सरसों तेल या जैतून का तेल लगाएं.

रंग खलते वक्त पूरे शरीर को ढ़कने वाले कपड़े पहने, जिससे रंग पूरे शरीर पर न लग सके.

रंगों को आँखों में बिल्कुल न जाने दें. यदि रंग आँखों में चला भी जाए तो आँखों को ठंडे पानी से साफ करें. ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें.

पूरा दिन होली खेलने की बजाए, कुछ देर खेलकर शरीर की अच्छे से सफाई करें.

पक्का रंग निकालने के लिए दही और बेसन के पेस्ट का इस्तेमाल करें.

रंग निकालने के लिए स्किन को रगड़े नहीं. यदि सफाई के बाद भी रंग नहीं निकल रहा है तो उसे ज़बरदस्ती निकालने की कोशिश न करें.

नहाने के बाद स्किन पर नारियल का तेल लगाएं.

डॉ गौरव भारद्वाज सीनियर कंसलटेंट ,डर्मेटोलॉजिस्ट सरोज हॉस्पिटल, नई दिल्ली, से बातचीत पर आधारित.

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