ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर धोखा या जरूरत

खाने की टेबल पर बैठा जयंत कहीं खोया हुआ था. वह कुछ खा भी नहीं रहा था. तभी उस की वाइफ अपूर्वा ने उसे टोकते हुए कहा, ‘‘आप कहां खोए हुए हैं?’’

‘‘कहीं नहीं,’’ कहते हुए जयंत ने अपूर्वा की बात को टाल दिया.

असल में जयंत रिया के बारे में सोच रहा था. रिया जयंत की गर्लफ्रैंड है. वह 2 सालों से उस के साथ रिलेशनशिप में है. जयंत को हाल ही में बिजनैस में घाटा हुआ है. अब वह सोच रहा है कि वह अपनी शादी और रिलेशनशिप दोनों को कैसे मैनेज करेगा. रिया पूरी तरह जयंत पर निर्भर है. बिजनैस में हुए घाटे की वजह से जयंत अब रिया का खर्चा नहीं उठा पा रहा है. उस ने सोचा कि वह रिया से बात करेगा, लेकिन इस का कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि वह सोचती है कि औरतों की सभी जरूरतों का ध्यान मर्दों को रखना चाहिए.

रिया की ऐसी सोच ने जयंत को परेशान कर दिया है. अब वह रिया से रिश्ता तोड़ना चाहता है. लेकिन प्रौब्लम यह है कि रिया इस के लिए भी तैयार नहीं है. जयंत बड़ी दुविधा में है कि इस समस्या का छुटकारा कैसे होगा.

न व्यावहारिक न किफायती

ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर न तो व्यावहारिक हैं और न ही किफायती. यह अपने साथ कई खर्चे और प्रौब्लम ले कर आता है. ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर कई तरह के होते हैं. जिन लोगों के पार्टनर इमोशनल नहीं होते, ऐसे लोग अपनी मैरिज से बाहर इमोशन ढूंढ़ते हैं. ये लोग एक ऐसे पार्टनर की खोज में निकलते हैं जिस से ये इमोशनली जुड़ सकें. इस तरह के अफेयर को इमोशनल अफेयर कहते हैं. जो लोग अपनी मैरिड लाइफ से बोर हो चुके होते हैं और अपनी लाइफ में एक स्पार्क चाहते हैं ऐसे लोग वन नाइट स्टैंड का कौन्सैप्ट अपनाते हैं.

इस के अलावा लोग कुछ सैक्स ऐडिक्ट अफेयर भी करते हैं. ऐसा अफेयर वे लोग करते हैं जो सैक्स ऐडिक्ट होते हैं. ऐसे लोगों के लिए सैक्स ही सबकुछ होता है. कुछ लोग लव ऐडिक्ट अफेयर भी करते हैं. ऐसा अफेयर वे लोग करते हैं जो लव ऐडिक्ट होते हैं. इन के लिए लव बहुत इंपौर्टैंट होता है.

सुमित की शादी को 2 साल हो गए है. लेकिन वह अपनी पुरानी गर्लफ्रैंड प्रिया को नहीं भूल पाया है. वह अपनी वाइफ और गर्लफ्रैंड दोनों के साथ रिलेशन रखना चाहता है लेकिन प्रौब्लम यह है कि वह अपनी वाइफ के साथ दिल्ली में रहता है और गर्लफ्रैंड बैंगलुरु में जौब करती है. उस के लिए दोनों रिलेशन को मैनेज करना मुश्किल हो गया है.

वह कहता है कि बारबार बैंगलुरु जाने से उस की बीवी को उस पर शक होने लगा है. अपना ऐक्सपीरियंस बताते हुए वह ऐक्स्ट्रा मैरिड अफेयर से दूर रहने की सलाह देता है. उन का मानना है कि दो रिलेशन एकसाथ चलना आसान नहीं है और इसे ऐंजौय करने के लिए आप के पास बहुत सारा पैसा होना चाहिए. जब सच आता है सामने

शादीशुदा होते हुए अफेयर रखना आसान नहीं है क्योंकि आप अपनी मैरिड लाइफ से छिप कर यह अफेयर कर रहे हैं. ऐसे में कभी भी आप का भांड़ा फूट सकता है. उस वक्त आप इसे कैसे संभालेंगे यह आप को सोचना होगा.

वाणी प्रिया कहती है, ‘‘ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर निभाना आसान नहीं है क्योंकि यह बहुत जोखिम भरा है. साथ ही साथ ये बहुत खर्चीला भी है. इस से न केवल आप की मैरिड लाइफ खतरे में पड़ सकती है बल्कि यह आप का डिवोर्स भी करवा सकता है. लेकिन अगर आप मैरिज और अफेयर दोनों का खर्चा उठा सकते हैं तो बेशक आप ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर रख सकते हैं. अगर आप की मैरिड लाइफ का चार्म खत्म हो गया है तो अपने पार्टनर से इस बारे में खुल कर बात करें.’’

जेब पर भारी

अर्जुन रामपाल और उन की पत्नी मेहर जेसिया का डिवोर्स नहीं हुआ. उस से पहले ही अर्जुन का लिव इन रिलेशनशिप थी. इसी बीच उन की गर्लफ्रैंड प्रैगनैंट हो गई. इस के बाद उन्होंने मेहर को डिवोर्स दे दिया.आज वह अपनी लिव इन पार्टनर से बिना शादी ही अपना रिश्ता निभा रहे हैं. ऐसा वे इसलिए कर पाए क्योंकि वे अमीर हैं, लेकिन अगर आप अमीर नहीं हैं तो ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर आप की जेब पर भारी पड़ेगा.

क्या कहते हैं आंकड़े

आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों के ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर ज्यादा होते हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं की संख्या 12% और पुरुषों की संख्या 28% है. सर्वे में 77% वूमन ने माना कि उन की मैरिड लाइफ बेजान होने की वजह से उन्होंने ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर किया. 72% वूमन को ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर करने का कोई पछतावा नहीं है.

इस के अलावा 10 में से 7 वूमन ने माना कि उन के हसबैंड घर के कामों में उन का हाथ नहीं बंटाते इस की वजह से उन्होंने ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर किया. 10 में से 4 वूमन ने माना कि अननोन लोगों के साथ फ्लर्ट करने से हसबैंड के साथ उन की इंटीमेसी बेहतर हुई है.

जिन महिलाओं के पति दूसरे शहर में जौब करते हैं या ज्यादा समय तक घर से दूर रहते हैं उन की महिलाएं ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की ओर जल्दी आकर्षित होती हैं. इसलिए यह जरूरी है कि दूर होते हुए भी अपने रिश्ते में प्यार बनाए रखें.

वहीं अगर पुरुषों की बात करें तो कई बार पत्नी के प्रैगनैंट होने पर पति के ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के चांस बढ़ जाते हैं. इस के अलावा पत्नी से सैक्सुअल डिजायर पूरी न होने की वजह से भी पति अकसर ऐसा कदम उठाते हैं.

दिल्ली की अदिति यादव (बदला हुआ नाम) के लिए प्रौब्लम तब खड़ी हुई जब मयंक को पता चला कि उस का ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर है. उस ने इस के पीछे की वजह जाननी चाही तो उसे पता चला कि वह अदिति को उतना वक्त नहीं दे पाता जितना वह चाहती है. वह कहता है, ‘‘ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के कई कारण हो सकते हैं. जरूरी है कि आप उन कारणों को पहचानें और उन पर काम करें.’’

झारखंड महिला हैल्पलाइन ‘181 अभयम’ ने कुछ आंकड़े पेश किए. इन आंकड़ों में हर घंटे एक ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से जुड़ा केस रिकौर्ड किया गया. 2018 से 2022 में हैल्पलाइन पर आने वाली शिकायतें बढ़ने लगीं. जहां 2018 में 3,837 शिकायतें आईं थीं वहीं 2022 में 9,382 तक पहुंच गईं. इन आंकड़ों से यह पता चलता है कि बीते 5 सालों में ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर ढाई गुना बढ़े हैं.

वजह कई हैं

ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर करने की लोगों के पास अपनी कई वजहें होती हैं. लेकिन फिजिकल नीड, इमोशनल अटैचमैंट न होना, डोमैस्टिक वायलेंस, कम्युनिकेशन गैप अटैंशन की कमी, अकेलापन, बच्चे की रिस्पौंसिबिलिटी, सैक्सुअल नीड न पूरी होना, कम एज में शादी होना, थौट्स न मिलना, लाइफ की प्रायौरिटी अलगअलग होना, कौमन इंटरैस्ट का न होना, रिलेशन में स्पार्क न होना, अट्रैक्शन की कमी होना, बैड पर खराब परफौर्मैंस होना, कैरियर अचीवमैंट जैसी तमाम वजहों से पार्टनर ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की तरफ बढ़ते हैं. लेकिन इन सब में सब से कौमन ‘फिजिकल नीड’ है.

आसान नहीं यह

ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर न सिर्फ पैसे खर्च कराता है बल्कि इसे ज्यादा दिनों तक छिपाया भी नहीं जा सकता. अफेयर की बात पता चलते ही पार्टनर आप का जीना दूभर कर देता है. ऐसे में अगर आप डिवोर्स के बारे में सोचते हैं तो यह इतना आसान नहीं होगा क्योंकि हमारे देश में डिवोर्स लेना आसान नहीं है.

डिवोर्स होने के बाद आप को फाइनैंशियल क्राइसेस से गुजरना पड़ सकता है. अगर आप अमीर हैं तो ठीक है वरना कई तरह की प्रौब्लम्स आप को झेलनी पड़ सकती हैं.

ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर रखना चाहते हैं तो पार्टनर के रहने की जगह, उस के खर्चे, मैडिकल बिल सब उठाने के लिए तैयार रहना होगा. इस के अलावा ऐक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर एक जोखिमभरा खेल है.

बेवफाई आखिर क्यों

यूनाइटेड किंगडम के कुल्युवेन विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला में डा. मारटेन लारमूसीयू द्वारा किए एक अध्ययन में पाया गया कि यूके की 2% संतानें गैरपिता से उत्पन्न हैं. अब प्रश्न यह उठता है कि इतने बड़े स्तर पर लोग बेवफाई में लिप्त क्यों हैं, जबकि बेवफाई, भावनात्मक व यौन विशिष्टता के संदर्भ में किए गए विवाह अनुबंध का उल्लंघन है?

वर्तमान समय में विभिन्न पत्रपत्रिकाओं द्वारा किए गए सर्वे भी इसी बात को इंगित करते हैं कि भारत में भी 25 से 30% विवाहित महिलाएं समयअसमय पर अपने पति के अतिरिक्त अन्य पुरुषों के साथ अपनी कामवासना शांत करती हैं. भले ही यह अतिशयोक्ति लगती हो, लेकिन सच को नकारा नहीं जा सकता. जो महिलाएं बहुत सीधीसादी व गंभीर दिखती हैं वे भी विवाहशादियों व सामाजिक मेलमिलाप के अवसरों पर अपने लिए किसी ऐसे व्यक्ति की खोज में रहती हैं, जो उन की कामवासना को दबेछिपे शांत कर सके.

अधिकतर लोग यह जानते हुए भी कि उन की पत्नियां उन के प्रति वफादार नहीं हैं, तो भी वे इस सत्य को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने से कतराते हैं. कई लोग तो जानबूझ कर भी ऐसा सिद्ध करने की कोशिश करते हैं कि उन की पत्नी उन के प्रति पूरी वफादार है.

1950 के आरंभ में किंसे द्वारा जारी किए सर्वे में बताया गया था कि  विवाह पूर्र्व शारीरिक संबंधों की तुलना में विवाहेतर संबंधों की संख्या अधिक है. किंसे ने लिखा था कि उन के द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने वालों में से 50% विवाहित पुरुषों के तथा 25% विवाहित महिलाओं के विवाहेतर संबंध थे.

इसी प्रकार अमेरिका में यौन व्यवहार पर आधारित जेन्स द्वारा किए गए सर्वे में एकतिहाई विवाहित पुरुष और एकचौथाई महिलाओं का विवाहेतर संबंधों में लिप्त होना पाया गया था. बेवफाई पर सब से सटीक सूचना शिकागो विश्वविद्यालय में 1972 में किए गए एक अध्ययन से आई थी, जिस में 12% पुरुष और 7% महिलाओं ने विवाहेतर संबंधों में लिप्त होना स्वीकारा था.

मनोवैज्ञानिकों का विश्वास है कि व्यक्ति न तो पूरी तरह एकल विवाही है और न ही पूरी तरह बहुविवाही. मानव विज्ञानी हेलनफिशर के मुताबिक व्यभिचार के लिए कई मनोवैज्ञानिक कारण जिम्मेदार हैं.

कुछ लोग विवाह के उपरांत भी यौन संबंधों का अभाव पाते हैं, जिस कारण वे विवाहेतर यौन संबंध कायम कर लेते हैं. कुछ लोग अपनी यौन समस्या के समाधान हेतु तो कुछ अपनी ओर ध्यानाकर्षण के लिए भी विवाहेतर संबंध कायम कर लेते हैं. कुछ लोग प्रतिशोध लेने या विवाह संबंधों को और रोचक बनाने के लिए भी विवाहेतर संबंध कायम कर लेते हैं.

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हेलनफिशन ने अपने शोध में व्यभिचार के लिए कुछ जैविक कारण भी बताए हैं. उन्होंने बताया है कि इनसान के मस्तिष्क में 2 प्रणालियां हैं. एक प्रणाली प्रेमालाप और लगाव से जुड़ी है, तो दूसरी पूर्णतया यौन आचरण से. कभीकभी दोनों प्रणालियों का तालमेल टूट जाता है, जिस के कारण बिना भावनात्मक लगाव के व्यक्ति यौन संतुष्टि प्राप्त करने में सक्षम नहीं होता.

सोशल मीडिया पर प्रतिदिन 18 लाख व्यक्ति केवल सैक्स चर्चा करते हैं. बेवफाई के प्रत्येक मामले में व्यक्ति का एक अलग उद्देश्य हो सकता है, लेकिन बेवफाई की मुख्यरूप से 5 श्रेणियां हैं-

अवसरवादी बेवफाई: अवसरवादी बेवफाई तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति अपने जीवनसाथी के प्रति समर्पित तो होता है, किंतु अपनी यौनेच्छा पूरी करने के लिए वह किसी अन्य से यौन संबंध स्थापित कर लेता है.

अनिवार्य बेवफाई: यह स्थिति तब पैदा होती है जब कोई व्यक्ति अपने धोखेबाज जीवनसाथी के प्रेम से पूर्णतया ऊब जाता है. तब उस के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह भी किसी अन्य के साथ यौन संबंध बनाए.

विरोधाभासी बेवफाई: यह स्थिति तब पैदा होती है जब कोई व्यक्ति अपने जीवनसाथी के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध रहता है, किंतु अपनी प्रबल यौनेच्छा के कारण समयसमय पर अन्य से भी यौन संबंध बनाता रहता है.

संबंधनिष्ट बेवफाई: यह स्थिति तब पैदा होती है जब कोई व्यक्ति अपने वैवाहिक संबंधों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध रहता है, लेकिन जीवनसाथी से कोई अपनत्व न मिलने के कारण वह किसी अन्य से यौन संबंध स्थापित कर लेता है.

रोमांटिक बेवफाई: यह स्थिति तब पैदा होती है जब कोई व्यक्ति अपने जीवनसाथी से प्रतिबद्ध रहते हुए कई अन्य के साथ रोमांस करता रहता है.

लेकिन इन सभी प्रकार की बेवफाई हर हाल में दुष्परिणाम ही देती है. ऐसे संबंधों

के उजागर होने पर बेइज्जती, आत्मग्लानी, मानसिक तनाव, पारिवारिक संबंधों में बिखराव, मुकदमेबाजी सहित और कई परेशानियां पैदा हो सकती हैं.

बेवफाई हर युग में होती रही है पर आज औरतों के अधिकार ज्यादा हैं. अत: वे ज्यादा रिस्क भी लेती हैं और बेवफाई करने वाले साथी को छोड़ती भी नहीं है. उचित यही है कि आप अपने जीवनसाथी के प्रति ईमानदार रहें. अगर कोई परेशानी है तो पहले तो कोशिश करें उसे बातचीत से हल किया जाए और बेवफाई को जीवन का अंत न समझा जाए. फिर विवाह विशेषज्ञों से बात करें. अलग रहने या तलाक लेने की बात तब करें जब साथी लगातार बेवफाई कर रहा हो.

– डा. प्रेमपाल सिंह वाल्यान

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जब हमसफर राह से भटकता है!

पहली घटना-
राजधानी रायपुर में एक महिला ने अपने पति के खिलाफ थाने में यह रपट लिखाई कि पति ने बिना बताए उसके लॉकर से सोने-चांदी के गहने निकाले और बेच दिए.

दूसरी घटना-
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की एक महिला ने पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया कि उसके पति ने बिना बताए उसके बैंक अकाउंट से फर्जी हस्ताक्षर करके डेढ़ लाख रुपए निकाल लिए.

तीसरी घटना-
जिला कोरबा के थाना कटघोरा में एक पत्नी ने अपने पति के खिलाफ यह रपट लिखाई कि उसके नाम की जमीन को, पति ने बिना बताए औने पौने दामों पर बेच दिया और फर्जी हस्ताक्षर किए.

दरअसल,ऐसी घटनाएं अक्सर घटित होती रहती हैं, जब पति पत्नी के आपसी संबंधों में कुछ एक खटास पैदा हो जाती है. उनके रास्ते इस तरह अलग हो जाते हैं कि पति अपने ही पत्नी के साथ धोखाधड़ी करने लगता है, उसकी जमा पूंजी उसके पैसे, उसका स्त्रीधन, उसकी बेशकीमती प्रापर्टी को हथिया रुपए बनाता है.ऐसे में अपने पति के भरोसे में रहने वाली महिला पत्नी आखिर क्या कर सकती है?

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हमारे आस पास ऐसी अनेक घटनाएं घटित होते जाती हैं, ऐसी ही एक घटना छत्तीसगढ़ के रायपुर में घटित हुई है जिसमें पुलिस ने मामला दर्ज किया है, घटनाक्रम के अनुसार-

पति ने क्रेडिट कार्ड से पैसे खर्च कर दिये तो नाराज बीबी ने पति के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करा दी . अब पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी .मामला रायपुर के आमानाका थाना का है. महिला का आरोप है कि उसकी मर्जी के खिलाफ बिना बताए ही अलमारी में सुरक्षित, पति ने उसके दो क्रेडिट कार्ड से पौने चार लाख रुपये खर्च कर दिये हैं. अब वो ना तो पैसे लौटा रहा है और पैसे मांगने पर धमकी दे रहा है. पति के इस हरकत के खिलाफ पत्नी ने आमानाका थाने में एफआईआर दर्ज करायी है.
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ऐसे में, क्या रणनीति हो पत्नी की
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उपरोक्त घटनाक्रम के अंतर्गत कुछ ऐसा पेंच फंस जाता है कि सरल स्वभाव की महिलाएं आखिर क्या करें उन्हें समझ में नहीं आता.
इस तरह कुल मिलाकर वह पति पर विश्वास करके एक ऐसी डूबती नाव में बैठी होती हैं जिसका खेवैया उसे कहां डूबाएगा वह नहीं जानती. ऐसे में छत्तीसगढ़ की राजधानी में घटित घटना क्रम एक सिंबॉल है की महिला क्या करें यहां देखिए महिला ने क्या साहसिक कदम उठाया-
महिला का नाम अंकिता सिंह राठौर है, जबकि पति के नाम विजय विक्रम सिंह है, जो रायपुर के एक निजी कंपनी में कार्यरत है. महिला और पति के बीच कुछ दिनों से विवाद चल रहा है, जिसके बाद महिला रायपुर के सड्डू में अपने मायके में रह रही है, जबकि इससे पहले वो टाटीबंध के सर्वोदय कॉलोनी में रहती थी. इसी दौरान पति ने उसके दोनों क्रेडिट कार्ड ले लिये और उसके जरिये करीब 3 लाख 75 हजार रुपये निकालकर खर्च कर दिये. पत्नी का आरोप है कि पैसे वंदना ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड में खर्च किये गये हैं. मामला पुलिस के अधीन है जान जारी है मगरिया घटनाक्रम बताता है कि किस तरह महिलाओं के साथ कभी-कभी पति भी एक बैरी बनकर पेश आते हैं और उनकी अपनी अमानत को जो गाढ़े वक्त के लिए रखी होती है को उनकी बिना जानकारी के ही उड़ा कर मौज-मस्ती में खर्च कर देते हैं. लाख टके का सवाल यह है कि ऐसी परिस्थितियों में महिला क्या रास्ता अपनाएं घर के भीतर पति को समझा-बुझाकर रास्ते पर लाना जब मुश्किल और दुश्वार हो जाता है तब महिलाएं क्या करें क्योंकि अगर वह थाना जाती हैं तो पति जेल जा सकता है अगर नहीं जाती हैं तो उसका जीवन बर्बाद हो जाता है ऐसे दोराहे पर महिलाएं घने अंधेरे में रास्ता टटोलती हैं. नीचे हम बताएंगे कि ऐसी विषम परिस्थितियों में क्या करें.

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आपसी समझाइश अथवा थाने का डंडा
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महिलाएं जब अपने ही पति के द्वारा ठगी जाती हैं तो उनके सामने बड़ा यक्ष प्रश्न होता है कि वह क्या करें, महिलाएं कई बार यह सोचती है,कि जो हो गया ठीक है और उस जुल्मों को सह लेती हैं. मगर बहुतेरी महिलाएं आज इस परिस्थिति में साहस का काम लेते हुए पुलिस का सहारा लेती हैं और पति के खिलाफ मामला दर्ज कराती हैं. मगर यहां भी यह सबसे बड़ा पेंच है कि पति के के खिलाफ अगर पुलिस में दस्तक देती है तो फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी हस्ताक्षर करके रुपए हड़पने के मामले में पति जेल भी जा सकता है.
यह एक ऐसा विकट रास्ता है जिसमें महिलाओं को आगे बढ़ने में बेहद मुश्किल पेश आती है. कुआं और खाई वाली स्थिति होती है. ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ता और विधि के जानकार पुलिस अधिकारी इस संदर्भ में जो कह रहे हैं वह अत्यंत महत्वपूर्ण है.
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के अनुशासन समिति के अध्यक्ष बीके शुक्ला कहते हैं कि उनके 30 वर्ष के वकालत की प्रैक्टिस में कई मामले ऐसे भी आए हैं जब महिलाओं ने अपने ही पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया और उन्हें जेल भेजा है. क्योंकि अहम खाते हुए पति झुककर, समझौता करने को तैयार नहीं होते, ऐसे में महिलाओं के पास एक ही रास्ता है वह है कानून और विधि का.
सामाजिक कार्यकर्ता शिव दास महंत के अनुसार महिलाएं सदैव पीड़ित होती रहती हैं पति जब शराब, जुआ अथवा अन्य स्त्री के संसर्ग में आ जाता है तो अपनी ही पत्नी के साथ, जिसके साथ सात फेरे लिए हैं, विवाह किया है संग निभाने का वादा किया है, धोखा घड़ी पर उतर आता है. ऐसे में पत्नी के सामने एक ही रास्ता है कि वह पुलिस के यहां दस्तक दे.
पुलिस अधिकारी विवेक शर्मा के अनुसार अक्सर महिलाएं पीड़ित होकर थाना आती हैं और पति के खिलाफ शिकायत प्रस्तुत करती हैं पुलिस पति पत्नी को समझौते के लिए प्रेरित करती है और अपेक्षा रखती है कि आपसी समझौते के तहत मामले को सुलझा लें. मगर जब पति समझने को तैयार नहीं होता तो हमारे पास कठोर कार्रवाई करने के अलावा कोई रास्ता नहीं रहता.

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