बच्चे के लिए कैसे बनाएं निवेश की योजना

जिस पल कोई महिला मां बनती है, तो उस का बच्चा उसी पल से उस के संसार की धुरी बन जाता है. रोजाना अपने बच्चे की छोटीछोटी जरूरतों से ले कर उस के सुरक्षित भविष्य तक के लिए वह उसे सबकुछ बेहतरीन देना चाहती है. वैसे भी अब बच्चे को अच्छी शिक्षा और अच्छा भविष्य देने की जिम्मेदारी केवल पिता की ही नहीं रही है, मां भी इस में अपना पूरा सहयोग दे रही है.

इस संदर्भ में अनिता सहगल नामक महिला का उदाहरण लेते हैं. उन की उम्र 35 साल है और वे अपने पति तथा 2 बच्चों के साथ पुणे में रहती हैं. उन का बड़ा बेटा 12 और छोटा 6 साल का है. वर्तमान समय में एक ही बच्चे के पालनपोषण में होने वाले खर्च की सूची भयभीत कर देती है, तो ऐसे में अनिता को अभी से अपने बच्चों की शिक्षा को ले कर योजना बनाने की जरूरत है.

भारत में शिक्षा पर खर्च बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है. उच्च शिक्षा के खर्च में महंगाई दर काफी अधिक है. यह वित्तीय वर्ष 2012 से 2018 के दौरान औसतन 6.42% रही पर अब सालाना 10% है. हम अगले 20 वर्षों में 7% की अपरिवर्तित दर को ले कर भी विचार करें तो 4 वर्षीय बीटैक इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम जिस का वर्तमान खर्च लगभग क्व8 लाख आता है, वह भी क्व30 लाख में बदल सकता है. इसी तरह वर्तमान में एमबीए कोर्स पर कुल मिला कर करीब क्व12 लाख खर्च होते हैं, लेकिन आने वाले 20 वर्षों में यह खर्च अंदाजन क्व46 लाख हो जाएगा. इसे ध्यान में रखते हुए अनिता जैसी हर महिला के लिए जल्द से जल्द अपने बच्चे की शिक्षा की योजना बनाना अनिवार्र्य हो गया है.

निवेश की योजना बनाएं

सब से जरूरी यह है कि अनिता अपने लक्ष्यों को लिख लें ताकि इस बात का एहसास हो जाए कि कब, किन मदों पर और कितना खर्च करना होगा. उदाहरण के लिए प्री प्राइमरी ऐजुकेशन के खर्च के लिए उच्च शिक्षा की तुलना में कम निवेश की दरकार होगी. इसी तरह स्नातक स्तर के मुकाबले स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए ज्यादा पैसे लगेंगे. ट्यूशन फीस को ही ध्यान में रखने के बजाय एक मां को होस्टल फीस, स्टेशनरी व प्रिंटिंग आदि से जुड़े खर्चों पर भी विचार करने की जरूरत है. उसे यह भी तय करने की जरूरत है कि बच्चे की शिक्षा भारत में होगी या विदेश में.

इन तमाम बातों को चार्ट में लिख लेने से आवश्यक लक्षित धनराशि की पहचान करने और उस के मुताबिक निवेश करने में मदद मिलेगी. उसे बजट की एक ऐसी बुनियादी योजना तैयार करने की भी जरूरत है जो अवांछित खर्चों को कम करने और अतिरिक्त पैसे बचाने में सहायक हो. ये अतिरिक्त पैसे बच्चे के लक्ष्य के लिए निवेश किए जा सकते हैं.

बच्चे के जन्मदिन और त्योहारों पर रिश्तेदारों से उपहार में मिलने वाले पैसों का एकमुश्त निवेश किया जाना चाहिए. जब भी बच्चे को पैसे मिलें, उन के उपयोग पर विचार करते हुए निवेश को सब से ऊपर रखें.

निवेश का असरदार रास्ता

बच्चे से जुड़े लक्ष्य के लिए निवेश करने की कई राहें हैं. 8.5% की ब्याज दर (वित्तीय वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही) देने वाली सुकन्या समृद्धि योजना या एक समय में 9-10% रिटर्न पैदा कर सकने वाला यूनिट लिंक्ड इन्वैस्टमैंट प्लान (यूलिप) आदर्श निवेश हो सकता है. बहरहाल, एक डाइवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड निवेश का सब से असरदार रास्ता होगा. एक समय अवधि में यह छोटी बचत योजनाओं की अपेक्षा ज्यादा बड़ी राशि बनाने में सहायक होती है.

किसी बच्चे की उच्च शिक्षा एक दीर्घकालिक लक्ष्य है, इसलिए रिश्तेदारों से 20 साल तक सालाना क्व10 हजार भी मिलें तो वे लगभग क्व17 लाख की धनराशि बन सकते हैं. म्यूचुअल फंड में लगाया गया पैसा 18% दे तो यह संभव है. इसलिए अनिता जैसी ज्यादा से ज्यादा महिलाएं दीर्घकालिक लाभ को ध्यान में रख कर अच्छी तरह से डाइवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश कर सकती हैं और काफी रुपए जमा कर सकती हैं.

लंबे समय तक किया जाने वाला निवेश

परिवार से कभीकभार जो पैसा मिलता है, उस के अलावा भी उन्हें एसआईपी जैसी इक्विटी योजनाओं में अपनी बचत का निवेश करते रहना चाहिए. नियमित रूप से लंबे समय तक किया जाने वाला यह निवेश भी अच्छीखासी धनराशि दे सकता है.

उदाहरण के लिए

15 साल तक एसआईपी में हर माह क्व15 हजार लगाए जाने पर सालाना रिटर्न 18% मानें, तो अंत में करीब क्व40 लाख इकट्ठा हो सकते हैं.

आखिरी बात, नियमकायदों और संचालन से जुड़ी अनावश्यक परेशानियों से बचने के लिए जरूरी है कि हर महिला अपने नाम निवेश करे. बच्चे को नौमिनी बनाया जा सकता है.

एक अच्छी मां बनने के लिए अपने बच्चे को उज्जवल भविष्य देने वाली हर जिम्मेदारी को पूरा करना शामिल है. आप को यह जिम्मा लेना ही होगा कि आप की जिंदगी जैसी है अपने बच्चे को उस से बेहतर जिंदगी देंगी.

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