मेरा बौयफ्रैंड बहुत शक्की है, मैं क्या करूं?

सवाल-

मैं 20 वर्षीय कालेज स्टूडैंट हूं. मुझे अपने बौयफ्रैंड से परेशानी है. वह बहुत शक्की है और ठीक व्यवहार भी नहीं करता. मैं कालेज में किसी भी लड़के से बात करूं तो उसे जलन होती है. मैं कहां जाती हूं किस के साथ जाती हूं वह सब जानना चाहता है. समझता है मैं उसी की बात मानूं जिस से कहे, बात करूं. कृपया बताएं मैं क्या करूं?

जवाब

आप का बौयफ्रैंड शक्की है तो शक का कोई इलाज नहीं, लेकिन आप समाधान बन सकती हैं उस पर इतना प्यार उढ़ेलिए कि किसी अन्य के पास जाने पर भी उसे न लगे कि उस का प्यार बंट रहा है. साथ ही अपनी सोच को पौजिटिव बनाइए. उस के व्यवहार को ऐसे समझिए कि वह कितना केयरिंग है. आप की कितनी परवा है उसे. किसी भी गलत व्यक्ति से बातचीत पसंद नहीं. वह आप का बुरा नहीं चाहता.

इस तरह की सोच से आप उस के प्रति समर्पित होंगी. फिर जिस से उसे शक हो उस से मिलवाइए व खुद से ज्यादा उस की तारीफ के पुल बांधिए. जब वह सब से घुलमिल जाएगा तो आप को गलत नहीं समझेगा.

हां, गलती से भी इन बातों के कारण उसे डांटिएगा नहीं, क्योंकि इस से उसे लगेगा कि आप दूसरे की वजह से उसे डांट रही हैं. इस से दूरी बढ़ेगी और अगर आप उसे प्यार से कहेंगी कि कितने केयरिंग हो तुम. कितना ध्यान रखते हो मेरा, तो उसे लगेगा कि वह भी कुछ है. इस से उस की हीनभावना भी समाप्त होगी और शक वाली बातें भी.

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आप जिसे मानते हैं, अगर वो किसी और को भी आपके जितना चाहता है. तो जलन होना स्वाभाविक है. पर अगर जलन जरुरत से ज्यादा हो जाए तो आपके रिश्ते के लिए मुसीबत बन सकता है. इसलिये अगर आप भी उनमें से है जो अपने साथी को लेकर बहुत जलन महसूस करते हैं तो इस भावना से बचने के लिए ये तरीके आजमा सकती हैं.

1. हदों का रखें ध्यान 

अगर आप दिन-रात जलन की भावना से परेशान हो रहे हैं तो आपको थोड़े ब्रेक की जरुरत है. अगर आपका साथी आपको आश्वासन देने के लिए तैयार नहीं हैं या आप इस विषय पर खुलकर बात नहीं कर सकती हैं तो बहुत ज्यादा परेशान ना करें. खुद की सीमा को तय करें कि आप किस हद तक इस भावना को झेल सकती हैं.

2. तनाव को मैनेज करें

आपके अंदर पल रही जलन की भावना तनाव का एक कारण हो सकती है. अगर आप पहले से ही चिंतित और परेशान है तो आप इस स्थिति में और अधिक तनाव महसूस करेंगी. इसलिए बेहतर होगा कि आप खुद से ही चिंता को काबू करने की कोशिश करें. इसके लिए आप व्यायाम, पोषक आहार, योगा और ध्यान का सहारा ले सकती हैं. कभी-कभी जलन की भावना को दूर करने के लिए अपना अच्छे से ख्याल रखना भी काफी होता है.

3. सीधे बात करें

रिश्तों मे बढ़ रही जलन को रोकने के लिए जरुरी है कि आप अपने साथी से सीधे इसके बारे में बात करें. यदि आप इस बारे में बात नहीं करेंगी तो आप अपनी जलन को उन पर जाहिर करने लगेंगे जिससे स्थिति और खराब हो जाएगी. सीधे से बात करने से आप उन्हें समझा पाएंगी कि आप कैसा महसूस कर रही हैं.

बच्चों में न हो एक दूसरे के प्रति जलन की भावना, दे अच्छे संस्कार

यों तो पैदा होते ही एक शिशु में कई सारी भावनाओं का समावेश हो जाता है, जो कुदरती तौर पर होना भी चाहिए, क्योंकि अगर ये भावनाएं उस में नजर न आएं तो बच्चा शक के दायरे में आने लगता है कि क्या वह नौर्मल है? ये भावनाएं होती हैं प्यार, नफरत, डर, जलन, घमंड, गुस्सा आदि.

अगर ये सब एक बच्चे या बड़े में उचित मात्रा में हों तो उसे नौर्मल समझा जाता है और ये नुकसानदेह भी नहीं होतीं. लेकिन इन में से एक भी भाव जरूरत से ज्यादा मात्रा में हो तो न सिर्फ परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए समस्या का कारण बन जाता है, क्योंकि किसी भी भावना की अति इंसान को अपराध की तरफ ले जाती है. जैसे कुछ साल पहले भाजपा के प्रसिद्ध नेता प्रमोद महाजन के भाई ने अपनी नफरत के चलते उन्हें गोली मार दी.

कहने का तात्पर्य यह है कि जलन और द्वेष की भावना इंसान को कहीं का नहीं छोड़ती. अगर द्वेष और जलन की यही भावना 2 बहनों के बीच होती है, तो उन से जुड़े और भी कई लोगों को इस की आग में जलना पड़ता है. ज्यादातर देखा गया है कि 2 बहनों के बीच अकसर जलन की भावना का समावेश होता है. अगर यह जलन की भावना प्यार की भावना से कम है, तो मामला रफादफा हो जाता है, लेकिन इस जलन की भावना में द्वेष और दुश्मनी का समावेश ज्यादा है, तो यह काफी नुकसानदेह भी साबित हो जाती है.

द्वेष व जलन नहीं

अगर 2 बहनों के बीच जलन का कारण ढूंढ़ने जाएं तो कई कारण मिलते हैं. जैसे 2 बहनों में एक का ज्यादा खूबसूरत होना, दोनों बहनों में एक को परिवार वालों का ज्यादा अटैंशन मिलना या दोनों में से किसी एक बहन को मां या पिता का जरूरत से ज्यादा प्यार और दूसरी को तिरस्कार मिलना, एक बहन का ज्यादा बुद्धिमान और दूसरी का बुद्धू होना या एक बहन के पास ज्यादा पैसा होना और दूसरी का गरीब होना. ऐसे कारण 2 बहनों के बीच जलन और द्वेष के बीज पैदा करते हैं.

इसी बात को मद्देनजर रखते हुए 20 वर्षीय खुशबू बताती हैं कि उन के घर में उस की छोटी बहन मिताली को जो उस से सिर्फ 3 साल छोटी है, कुछ ज्यादा ही महत्ता दी जाती है. जैसे अगर दोनों बहनें किसी फैमिली फंक्शन में डांस करें, जिस में खुशबू चाहे कितना ही अच्छा डांस क्या करें, लेकिन उस की मां तारीफ उस की छोटी बहन की ही करती हैं.

खुशबू बताती है कि वह अपने घर में अपने सभी भाईबहनों में कहीं ज्यादा होशियार और बुद्धिमान है, बावजूद इस के उस को कभी प्रशंसा नहीं मिलती. वहीं दूसरी ओर उस की बहन में बहुत सारी कमियां हैं बावजूद इस के वह हमेशा सभी के आकर्षण का केंद्र बनी रहती है. इस की वजह हैं खासतौर पर खुशबू की मां, जो सिर्फ और सिर्फ खुशबू की छोटी बहन की ही प्रशंसा करती हैं. इस बात से निराश हो कर कई बार खुशबू ने आत्महत्या तक करने की कोशिश की, लेकिन उस के पिता ने उसे बचा लिया.

वजह दौलत भी

खुशबू की तरह चेतना भी अपनी बहन की जलन का शिकार है, लेकिन यहां वजह दूसरी है. चेतना छोटी बहन है और उस की बड़ी बहन है आशा. जलन की वजह है चेतना की खूबसूरती. बचपन से ही चेतना की खूबसूरती के चर्चे होते रहते थे वहीं दूसरी ओर आशा को बदसूरत होने की वजह से नीचा देखना पड़ता था, जिस वजह से आशा चेतना को अपनी दुश्मन समझने लगी. चेतना की गलती न होते हुए भी उस को अपनी बहन के प्यार से न सिर्फ वंचित रहना पड़ा, बल्कि अपनी बड़ी बहन की नफरत का भी शिकार होना पड़ा.

कई बार 2 बहनों के बीच जलन, दुश्मनी, द्वेष का कारण जायदाद, पैसा व अमीरी भी बन जाती है. इस संबंध में नीलिमा बताती हैं, ‘‘हम 2 बहनों ने एक जैसी शिक्षा ली, लेकिन मैं ने मेहनत कर के ज्यादा पैसा कमा लिया. अपनी मां के कहे अनुसार बचत करकर के मैं ने अपनी कमाई से कार और फ्लैट भी खरीद लिया जबकि मेरी बहन ज्यादा पैसा नहीं कमा पाई और गरीबी में जीवन निर्वाह कर रही थी. इसी वजह से उस की मेरे प्रति जलन की भावना इतनी बढ़ गई कि वह दुश्मनी में बदल गई. आज हमारे बीच जलन का यह आलम है कि हम बहनें एकदूसरे का मुंह तक देखना पसंद नहीं करतीं. बहन होने के बावजूद वह हमेशा मेरे लिए गड्ढा खोदती रहती है. हमेशा इसी कोशिश में रहती है कि मेरे घरपरिवार वाले मेरे अगेंस्ट और उस की फेवर में हो जाएं.’’

हमेशा बुरी नहीं जलन

जलन या ईर्ष्या की भावना को आजकल मनोवैज्ञानिक तथा समाज विश्लेषक एक नए अंदाज में देखने लगे हैं. उन के शोध यह साबित कर रहे हैं कि अगर उन्हें किसी की तरक्की का ग्राफ देख कर जलन महसूस होती है तो घबराई सी दशा में रहने के बजाय उस के सकारात्मक पक्ष टटोलें. अगर जलन से प्रेरित हो कर अपनी दशा सुधारने में लग जाएंगे तो हालात सुधरने लगेंगे. इस का लाभ यह होगा कि यह ईर्ष्या कुंठा तक जाने के बजाय खुशियों की राह आसान करती जाएगी.

दूसरे की तरक्की या सफलता देख कर अगर मारे जलन के आप अच्छी मेहनत करने का संकल्प लेते हैं, तो यह ईर्ष्या आप के लिए सुखद परिणाम ला सकती है. यह भविष्य के लिए शुभ संकेत है.

नए प्रयोग करें

कहते हैं न कि भावनाओं पर तो किसी का भी वश नहीं चल पाता, परंतु अपना नजरिया तो ठीक किया ही जा सकता है न? कहने का तात्पर्य यह है कि दृष्टिकोण को सही फ्रेम में लगा कर अपने को अच्छे वातावरण के लिए तैयार करते रहें वरना खाली ईर्ष्या ही ईर्ष्या करने से मानसिक शांति का तो सर्वनाश होगा ही, साथ ही हृदय, लिवर, रक्तचाप आदि बीमारियां भी अपना ठिकाना आप के शरीर में ही बना लेंगी.

समय के मिजाज को भांप कर भी अपनी जलन का लाभ उठाया जा सकता है यानी दुनिया नए प्रयोग कर के आगे बढ़ रही है तो आप भी करिए. अगर समय नवीनता और ताजापन चाहता है तो आप भी वैसा करने की तरफ अपना ध्यान दीजिए.

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लक्ष्य बना लें

मन में जलन की भावना पैठ बना ले तो अपना ध्यान कुछ करने के जज्बे की तरफ मोड़ लेना बहुत लाभकारी हो सकता है. इस मामले में आलसी, निकम्मे लोग बस सोचत ही रह जाते हैं या वक्त को कोसते रहते हैं जबकि सही सोच रखने वाले खुद को भटकने नहीं देते. फट से अपनी कमियों की तरफ ध्यान देते हैं. अपना एक लक्ष्य तय करते हैं और ईर्ष्या को रोग की जगह बना डालते हैं अपनी बहुत अच्छी औषधि.

ईर्ष्या अगर सकारात्मक भाव पैदा करने लगी है, तो ऐसी कथाएं बारबार सुनते हुए या पढ़ते रहना भी लाभदायक है जो आप में एक तरंग पैदा कर दें, आप की ताकत को कई गुना बढ़ा दें और आप एक अच्छा पद, अच्छी स्थिति या फिर अच्छा नाम प्राप्त करने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगा दें.

मूल्यांकन करें

अपनी स्पर्धा अपनेआप से ही करना अति उत्तम होता है यानी हर दिन पिछले दिनों से अच्छा और उत्पादक बने, इस के लिए एक कैलेंडर बना कर रखना बहुत ही मददगार साबित होता है. अपनेआप का सच्चा मूल्यांकन भी करते रहना चाहिए. इस में कैलेंडर सहायक रहता है. समय का चक्र और प्रकृति हमारे लिए हमेशा बेहतर से बेहतर व्यवस्था बना कर रखती है. इस पर विचार अवश्य करते रहना चाहिए.

खुद से ही रायमशविरा करेंगे तो आप की हर कमजोरी खुद आप के सामने आएगी. अपनी कमजोरी को अपनी चुनौती बना कर हौसला रखना सचमुच जिंदादिली का पर्याय है. हिचकिचाएं बिलकुल नहीं, बस नाराजगी और शिकायतों में थोड़ी सी कटौती कर संभावनाएं जाग्रत करें और जीवन को संवार लें.

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अगर रिश्तों में हो जलन की भावना

आप जिसे मानते हैं, अगर वो किसी और को भी आपके जितना चाहता है. तो जलन होना स्वाभाविक है. पर अगर जलन जरुरत से ज्यादा हो जाए तो आपके रिश्ते के लिए मुसीबत बन सकता है. इसलिये अगर आप भी उनमें से है जो अपने साथी को लेकर बहुत जलन महसूस करते हैं तो इस भावना से बचने के लिए ये तरीके आजमा सकती हैं.

1. हदों का रखें ध्यान 

अगर आप दिन-रात जलन की भावना से परेशान हो रहे हैं तो आपको थोड़े ब्रेक की जरुरत है. अगर आपका साथी आपको आश्वासन देने के लिए तैयार नहीं हैं या आप इस विषय पर खुलकर बात नहीं कर सकती हैं तो बहुत ज्यादा परेशान ना करें. खुद की सीमा को तय करें कि आप किस हद तक इस भावना को झेल सकती हैं.

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2. तनाव को मैनेज करें

आपके अंदर पल रही जलन की भावना तनाव का एक कारण हो सकती है. अगर आप पहले से ही चिंतित और परेशान है तो आप इस स्थिति में और अधिक तनाव महसूस करेंगी. इसलिए बेहतर होगा कि आप खुद से ही चिंता को काबू करने की कोशिश करें. इसके लिए आप व्यायाम, पोषक आहार, योगा और ध्यान का सहारा ले सकती हैं. कभी-कभी जलन की भावना को दूर करने के लिए अपना अच्छे से ख्याल रखना भी काफी होता है.

3. सीधे बात करें

रिश्तों मे बढ़ रही जलन को रोकने के लिए जरुरी है कि आप अपने साथी से सीधे इसके बारे में बात करें. यदि आप इस बारे में बात नहीं करेंगी तो आप अपनी जलन को उन पर जाहिर करने लगेंगे जिससे स्थिति और खराब हो जाएगी. सीधे से बात करने से आप उन्हें समझा पाएंगी कि आप कैसा महसूस कर रही हैं.

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4. बात करते वक्त रखें संयम

जब आप अपने साथी से बात कर रही हैं तो अपने स्वभाव को सामान्य रखें और शांत रहकर बात करें. साथी पर जरुरत से ज्यादा दबाव ना डालें. अगर वह इस विषय पर बात करने के लिए तैयार नहीं है तो इंतजार करें. अगर आप उनके बारे में बार-बार उनके दोस्तो और साथियों से जानकारी लेते रहेंगे तो हो सकता है इस बात से आपके पार्टनर को बुरा लग जाए. इसलिये किसी भी बात को बार-बार पूछने से परहेज करें और थोड़ा संयम रखें.

नई कार कैसे सहें ईर्ष्या का वार

कार स्टाइल और स्टेटस सिंबल बन गई है. ऐसे में कौन नहीं चाहता कि उस के पास भी ऐसी कार हो, जिसे देखने वाले बस देखते रह जाएं और उस गाड़ी को खरीद कर, जिसे वे सपने में देखते थे, उन का ड्रीम पूरा हो जाए. ऐसा ही सपना नीरज और उस के पार्टनर ने भी काफी समय पहले देखा था, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने दिनरात मेहनत कर के काफी पैसे कमाए और फिर अपनी सेविंग से एक महंगी कार खरीदी. इस महंगी कार को देख कर उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि उन का सपना पूरा हो गया है.

लेकिन उन्हें क्या पता था कि उन की यह कार देख कर लोग उन से ईर्ष्या करने लगेंगे, परिवार के सदस्य ही पराए हो जाएंगे, फ्रैंड्स उन्हें बातबात पर ताने मारने लगेंगे. उन की कार लेने की खुशी धीरेधीरे दर्द में बदलने लगेगी. फिर भी दोनों ने हिम्मत नहीं हारी और सभी के बीच तालमेल बनाने की कोशिश कर के इस वाकेआ से कुछ चीजें भी सीखीं.

क्यों करते हैं लोग ईर्ष्या

अकसर लोग तब ईर्ष्या करते हैं जब वे खुद से, अपने पार्टनर से, अपनी चीजों से, अपनी तरक्की से, अपने धनवैभव से खुश नहीं होते हैं. उन का ऐसा विचार होता है कि उन के पास कितना भी हो, लेकिन वे अपनी चीजों से संतुष्ट न हो कर दूसरों की चीजों को देखदेख कर मन ही मन जलते रहते हैं. यहां तक कि कई बार तो ताने मारने में भी पीछे नहीं रहते हैं.

लेकिन शायद यह नहीं जानते कि दूर के ढोल सुहावने लगते हैं. जो जितना संपन्न दिखता है, जरूरी नहीं कि उतना हो ही, पर देखने वाले को तो ऐसा ही लगता है जैसे सामने वाल के पास सबकुछ है और मेरे पास कुछ भी नहीं. ऐसे लोग बस दूसरों की हर चीज पर नजर रखते हैं और उन्हें देखदेख कर जलते रहते हैं. यहां तक कि ताने मारने में भी पीछे नहीं रहते हैं.

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ईर्ष्या कौन करता है

परिवार के लोग

चाहे आप जौइंट फैमिली में रहते हों या फिर न्यूक्लीयर फैमिली में, आप के परिवार में कोई न कोई ऐसा सदस्य जरूर होगा, जो आप की चीजों, आप की तरक्की से खुश नहीं होगा. उस का हावभाव, उस के बात करने का तरीका आप को बता देगा कि वह आप से जलता है. फिर चाहे वह बड़े भाई की पत्नी हो, भाभी हो या खुद भाई ही क्यों न हो.

भले ही उन के पास गाड़ी हो, लेकिन वे नहीं चाहेंगे कि आप भी गाड़ी या फिर कोई नई चीज खरीदें, क्योंकि सामाजिक दूरी जो मिट जाएगी. लोग उन्हें भी उतना ही संपन्न समझेंगे जितना आप को. जो उन्हें हरगिज बरदाश्त नहीं होगा और अगर उन के पास गाड़ी बगैरा नहीं है तो फिर तो वे बिलकुल भी नहीं चाहेंगे कि आप खरीदें और अगर खरीद भी ली है तो आप को ताने मारने में बिलकुल पीछे नहीं रहेंगे. इस तरह के लोग आप को परिवार में मिल जाएंगे.

औफिस के लोग

आप के औफिस में भी ऐसे लोग होंगे, जो पीठ पीछे आप की बुराई करते होंगे और आप की बौस द्वारा की गई तारीफ से जरा भी खुश नहीं होते होंगे. ये वही लोग हैं जो न तो आप के साथ रह कर आप के साथ होते हैं और न ही आप के पीछे से.

अगर आप ने इन से पहले या इन से अच्छी गाड़ी खरीद ली है, फिर तो ये बातबात में आप पर ताना मारने में पीछे नहीं रहेंगे. ये कहने में भी देर नहीं लगाएंगे कि वैसे तो इतनी कम सैलरी है या फिर हमेशा पैसों के लिए रोता रहता है और गाड़ी पता नहीं कहां से खरीद ली. यहां तक कि आप की तरक्की को देख कर आप से बात

करना भी छोड़ सकते हैं. फिर भी आप घबराएं नहीं और ऐसे लोगों का समझदारी के साथ सामना करें.

पुराने क्लासमेट

अकसर आप को तरक्की करते देख आप के पुराने स्कूल फ्रैंड्स भी आप के गाड़ी या फिर कोई अन्य महंगी चीज खरीदने पर आप को यह ताना मारने में भी पीछे नहीं रहेंगे कि पढ़ाई तो करता नहीं था, पता नहीं गाड़ी कहां से खरीद ली. आजकल पता नहीं कहां काम कर रहा है जो गाड़ी खरीद ली. यही नहीं हो सकता है कि ईर्ष्या के कारण आप से बात करना भी छोड़ दे. फिर भी आप उस के साथ गलत व्यवहार न करें, बल्कि अपनी अच्छाई से उस का दिल जीतने की कोशिश करें.

अपने पड़ोसी

आप के पड़ोसी चाहे कितने भी अच्छे क्यों न हों, लेकिन वे आप के घर में नई आती चीजों को देख कर बरदाश्त नहीं कर पाएंगे. ऐसे में हर समय उन की नजरें आप के घर में ही लगी रहती हैं कि आप के घर कौन आया, कौन गया, क्या नया आया. आप की हर छोटीछोटी चीज पर उन की नजर टिकी रहती है.

ऐसे पड़ोसियों से बचना जरूरी है. हो सके तो उन से जो चीजें छिपाई जा सकें उन्हें दिखाने से बचें. अगर वे आप की नई गाड़ी को देख कर ताने मारें तो आप चुप रहें और ज्यादा शोऔफ करने से बचने की कोशिश करें.

कैसे निबटें

घमंड न करें

अकसर हमारी यह सोच होती है कि जब भी हम कोई बड़ी चीज जैसे गाड़ी, मकान बगैरा खरीद लेते हैं तो हमारे अंदर घमंड आ जाता है. हम फिर खुद के सामने किसी को कुछ नहीं समझते हैं. ऐसे में आप को जरूरत है कि आप खुद पर घमंड कर के दूसरों को नीचा न दिखाएं, बल्कि अपनी गाड़ी को सिर्फ अपनी जरूरत का टूल समझों.

दूसरों के सामने अपनी गाड़ी की बढ़ाचढ़ा कर तारीफ न करें, बल्कि जब कोई पूछे तो यही कहें कि यार जरूरत थी, इसलिए खरीदी और बड़ी और अच्छी गाड़ी खरीदने के पीछे यही मकसद है कि ये चीजें बारबार नहीं खरीदी जाती इसलिए एक बार में ही सोचसमझ कर खरीदी है.

फ्रैंड्स को लिफ्ट दें

अगर आप के फ्रैंड्स आप के गाड़ी खरीदने के कारण आप से ईर्ष्या करने लगे हैं तो आप भी उन से यह सोच कर बात करना बंद न कर दें कि ये मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं, बल्कि आप उन्हें लिफ्ट दें, आउटिंग पर ले जाएं. आप का ऐसा व्यवहार देख कर वे आप को अपनी गुड लिस्ट में शामिल कर लेंगे. इस से हो सकता है कि धीरेधीरे उन के मन से आप के लिए ईर्ष्या खत्म होने लगे.

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फैमिली के काम आएं

भले ही आप की नई कार को देख कर आप के फैमिली वाले आप को कितने भी ताने मारें, फिर भी आप उन्हें अपने दिल से न निकालें, बल्कि उन के काम आएं. जैसे उन्हें ट्रिप पर ले जाएं. अगर उन्हें कहीं बाहर जाना है तो आप उन्हें स्टेशन, एअरपोर्ट तक ड्रौप कर दें या फिर उन्हें कहीं आसपास जाना है तो आप उन्हें खुद बोलें कि आप हमारी गाड़ी से चले जाओ.

आप के ऐसे व्यवहार से उन्हें लगेगा कि आप कितने अच्छे हैं और हम उन के साथ कैसा व्यवहार कर रहे हैं. हो सकता है कि आप का यह व्यवहार आप के अपनों के मन से आप के प्रति ईर्ष्या को खत्म कर दे.

मन पर न लें

चाहे आप के परिवार वाले हों, फ्रैंड्स हों या औफिस वाले, अगर आप के गाड़ी खरीदने के बाद आप को बातबात पर ताने मारें, तो उन की बातों को मन पर न लें और न ही उन्हें कोई पलट कर जवाब दें, क्योंकि इस से न सिर्फ संबंध बिगड़ेंगे, बल्कि आप खुद को भी परेशान करेंगे. इसलिए खुद पर भरोसा कर के आगे बढ़ें.

हाइपरसेंसिटिव नार्सिसिज़्म-ईर्ष्या का नशा

किसी भी तरह का नशा करना बेहद गलत है. नशे से न सिर्फ शारीरिक और मानसिक स्तर खताब होता है बल्कि सामाजिक स्तर भी नीचे गिर जाता है. लेकिन अगर हम कहें कि इस नशे से हटकर भी कोई ऐसा नशा होता है जिसके बारे में आपको पता नहीं. इसे छिपा हुआ या गुप्त नशा भी कहें तो गलत नहीं होगा. इसे हाइपरसेंसिटिव नार्सिसिज़्म भी कहा जाता है.

ये नशा ऐसा होता है जो हम सब के अंदर होता है. बस जरूरत है तो इस नशे को पहचानने की. हमारा आज का ये लेख खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो बाहरी नशा तो नहीं लेते लेकिन, छिपे हुए नशे से घिरे हुए हैं और उन्हें इसके बारे में पता ही नहीं. तो इंतजार किस बात का? ऐसे पहचानिए अपने इस नशे को और इससे कैसे कहें गुड बाय.

उदाहरण-

एक घटना में दो बहनों ने मिलकर अपनी भाभी की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि वह अपने भाभी के रवैए से नाराज थी और उन्हें भाभी से काफी ईर्ष्या थी. पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपी इसलिए भी सपना से ईर्ष्या रखतीं थीं क्योंकि उनका भाई, अपनी पत्नी का ही पक्ष लेता था और विभिन्न मुद्दों पर बहनों के खिलाफ छींटाकशी करता था. इससे तंग आकर उन्होंने यह कदम उठाया.

दूसरी घटना में एक छोटे भाई ने ईर्ष्या में अंधा होकर अपने बड़े भाई को मौत के घाट उतार दिया. कारण सिर्फ इतना था कि वह अपने भाई को आगे बढ़ते हुए नहीं देख पा रहा था.उसकी कामयाबी से जलता था. लेकिन जब उसके बड़े भाई को सफलता का मुकाम हासिल होने वाला था तभी उसे मार दिया गया.

1. इर्ष्या की आदत- आमतौर पर लोगों की प्रतिभा, किसी गहरे रिश्ते से अक्सर इर्ष्या और जलन की भावना पनपने लगती है. इसे आपके के अंदर का छुपा हुआ नशा कहेंगे तो गलत नहीं होगा. जो आपके लिए घटक हो सकता है. इससे निपने के लिए अपने मन को शांत रखें उर दूसरों की ख़ुशी में जलन न महसूस करेंगे.

2.दुखी रहना- जो लोग हर समय खुद को असुरक्षित और अशांत महसूस करते हैं. आम तौर पर खुद के बारे में भी अच्छा महसूस नहीं करते हैं, और हर समय अधिकांश लोगों से अलग महसूस करने से सहमत होते हैं. ये भी एक तरह का गुप्त नशा है. इससे निपने के लिए आपको सबसे पहले अपने लिए आचे विचार लाने की जरूरत हैं. क्योंकि अगर आप अपनी नजर में पॉजिटिव रहेंगे तो दूसरों के आगे भी बेहतर महसूस करेंगे.

3. कमजोर रिश्ते बनाना- ऐसे लोग सार्थक संबंधों के निर्माण में कमजोर होते हैं. गुप्त नार्सिसिस्टों में ये स्वयं के बारे में अवास्तविक और अत्यंत नाजुक भावना है. ऐसे लोग उपरी रिश्ते निभाने में तो कारक=गर होते होते हैं, लेकिन भावात्मक टूर पर किसी से जुड़ने में फेल हो जाते हैं. या यूं कहें कि इन लोगों के लिए किसी भी सार्थक तरीके से दूसरों के साथ जुड़ना लगभग असंभव बना देता है. ऐसे में आप इस नशे को खत्म करने के लिए अपनी भावनाएं दूसरों के प्रति सकारात्मक बनाएं.

4. दूसरों की आलोचना करना- हर वक्त किसी न किसी की आलोचना में डूबे रहना ये गुप्त मादकता का एक बड़ा संकेत है. ऐसे लोग खुद को दूसरों की नजरों में बेहतर दिखाने में कोई कसार नहीं छोड़ते. फिर इसके लिए उनका दिल चाहे कितनी बार टूट जाए. उन्हें फर्क नहीं पड़ता. ऐसे में आप खुद को तकलीफ न दें और दूसरों की आलोचना करने से बचें. वरना ये आपके लिए घातक हो सकता है.

5.मतलबी होना- अपना काम निकल जाने पे दूसरों को नीचा दिखाना, इसे साधारण भाषा में मतलबी ही कहेंगे. ये एक तरह का गुप्त नशा है. जो अमूमन हम सबके अंदर ही होता है. जो हमें आसामाजिक बना देता है. ये व्यवहार आमतौर पर निष्क्रिय-आक्रामक हैं. इसके लिए आपको अपने व्य्व्झार में बदलाव लाने की सबसे ज्यादा जरूरत है और दूसरों के प्रति सम्वेदनशील होना भी जरूरी है. जो आपको मतलबी होने से बचाएगा.

6.सीमाओं का अभाव- गुप्त मादक द्रव्यवादियों का मानना है कि उनके अनुभव दूसरों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण और कठिन हैं. वे आपको हर समय यह बात करने के लिए कहेंगे कि उनका जीवन उनके लिए कितना जटिल है और वे कैसे पीड़ित हैं. वे बातचीत के आपके पक्ष या आपके समय की पूरी अवहेलना करते हैं.

ये कुछ ऐई बाते हैं जिनसे अमूमन हर दूसरा इंसान ग्रसित है. हम खुद को नशे और मादक पदार्थों से तो दूर कर सकते हैं, लेकिन ये जो नशा हमारे भीतर छुपा हुआ होता है उसे पहचानते भी नहीं. इस लिए ये नशा भी हमारे लिए जानलेवा न बन जाए, इससे पहले इसे दूर करना ही समझदारी है.

जलन क्यों नहीं जाती मन से

जलन एक सामान्य भावना है. सब का अपने जीवन में इस भावना से सामना होता ही है, चाहे कोई इसे स्वीकार करे या न करे, पर यह भावना एक स्वस्थ भाव से अस्वस्थ और हानिकारक भाव में बदल जाए, तब चिंता की बात है.

जलन के भी अनेक रूप होते हैं. यह केवल दूसरों की उपलब्धियों को सहन कर पाने की अक्षमता के रूप में हो सकती है या इस में यह इच्छा भी शामिल हो सकती है कि वे उपलब्धियां हमें हासिल हों. हम यह चाहें कि हमारे पास वह हो जो दूसरों के पास हो और हम यह भी चाह सकते हैं कि उस के पास वह चीज न रहे.

जलन अकसर ही क्रोध, आक्रोश, अपर्याप्तता, लाचारी और नफरत के रूप में भावनाओं का एक संयोजन होता है. यह एक मानसिक कैंसर है.

‘जलन तू न गई मेरे मन से…‘ रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित एक निबंध है. इस में लेखक ने जलन होने के कारण और उस से होने वाले नुकसानों का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण किया है. जलनलु व्यक्ति असंतोषी प्रवृत्ति के होते हैं.

लेखक रामधारी सिंह दिनकर ने जलन की बड़ी बेटी का नाम निंदा बताया है. जलन के कारण ही व्यक्ति दूसरों की निंदा करता है. जो व्यक्ति सादा व सरल होता है, वह यह सोच कर परेशान होता है कि दूसरा व्यक्ति मुझ से क्यों जलन करता है.

ईश्वर चंद्र विद्या सागर ने भी एक बार कहा था कि, ‘‘तुम्हारी निंदा वही करता है, जिस की तुम ने भलाई की है.‘‘

और जब महान लेखक नीत्से इस से हो कर गुजरे, तो इसे उन्होंने बाजार में भिनभिनाने वाली मक्खी बताया, जो सामने व्यक्ति की तारीफ और पीठ पीछे उसी की बुराई करती है. वे कहते हैं, ‘‘ये मक्खियां हमारे अंदर व्याप्त गुणों के लिए सजा देती हैं और बुराइयों को माफ कर देती हैं.’’

नीत्से ने कहा है, आदमी के गुणों के कारण लोग उन से जलते हैं.

जलन जब किसी अजनबी के कारण आप तक पहुंचे तो भी तकलीफ देती है. तो जरा सोचिए, जब जलन किसी प्यार भरे रिश्ते में अपने पैर पसार ले तो कितने दुख की बात होगी.

जब पति को ही अपनी पत्नी से किसी बात पर जलन होने लगेगी तो जलन की यह भावना आप के विवाह में कितनी अशांति ला सकती है. थोड़ीबहुत जलन की भावना सभी के अंदर हो सकती है, पर जब यह बढ़ जाए तो खतरनाक चीजों की शुरुआत कर सकती है, जैसे स्टाकिंग, हिंसा या मानसिक प्रताड़ना.

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मुंबई निवासी संजना देशमुख बताती हैं, ‘‘मेरे पति और मैं एक ही बिजनैस में थे और हम दोनों को ही बहुत टैलेंटेड समझा जाता था, वे शुरू के दिन थे और हम ने बहुत अच्छा काम किया. हम हर चीज शेयर करते थे. मुझे एक अवार्ड भी मिला और मेरी खूब तारीफ हुई.

‘‘मुझे महसूस हुआ कि मेरे पति को कुछ जलन हुई, पर मैं इस खयाल को झटक फिर खूब काम करती रही, फिर हम ने बच्चों के बारे में सोचा और मैं ने करीब 20 साल तक काम नहीं किया, घरगृहस्थी में व्यस्त रही.

‘‘यह मैं ने अपनी मरजी से किया था. मेरे पति बहुत खुश थे और मुझे सपोर्ट करते. फिर मैं ने दोबारा कैरियर शुरू किया और फिर मुझे अच्छे रिव्यूज मिले और नई सफलता मिलने लगी.

‘‘अब मेरे पति को इन सब से परेशानी होने लगी. वे मेरी सफलता को ले कर कमैंट्स करने लगे और हर समय मुझे नीचा दिखाने की कोशिश करने लगे. इस से हमारे रिश्ते पर बहुत असर हुआ. मैं अब खुद को उन से जुड़ा हुआ नहीं पाती. ऐसा लगता है कि मुझे अपने रिश्ते या कैरियर में से किसी एक को चुनना पड़ेगा.‘’

कभीकभी पति में यह भाव इस कदर हावी हो जाता है कि वे अपनी पत्नी की हर बात कंट्रोल करना शुरू कर देते हैं और अपनी यह जलन की भावना छुपाने के लिए उसे आर्थिक रूप से परेशान भी करते हैं या हाथ भी उठाने लगते हैं और बुराभला भी कहते रहते हैं.

कारण क्या हो सकते हैं

अकसर जलनलु पतियों में डर, क्रोध, दुख, चिंता, शक की भावना होती है. उन में असफलता का डर भी छुपा हो सकता है. जलन कई कारणों से हो सकती है, कुछ कारण हैं –

– असुरक्षित महसूस करना या अपने अंदर हीनता की भावना होना.

– किसी धोखे का डर.

– बहुत ज्यादा पजेसिव होना या कंट्रोल करने की इच्छा.

– विवाह में कुछ ज्यादा ही आशाएं रखना.

– अतीत का कोई बुरा अनुभव.

– किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति को खो देने की चिंता

यह जलन रिश्ते को नुकसान पहुंचाती है. यह भावना जलनलु व्यक्ति को शारीरिक रूप से भी परेशान करती है. वह डिप्रेशन या नींद न आने का शिकार हो सकता है. यह रिश्ता हाथ से निकले, इस से पहले इस के बारे में कुछ कदम उठाने चाहिए. जलन से कैसे निबटें, आइए जानते हैं :

– कई लोग या कई स्थितियां कभीकभी ऐसी होती हैं, जब विवाह की सिक्योरिटी पर सवाल उठाती हैं, चाहे वो कोई कलीग हो या टूर पर जाने वाला जौब. इस में थोड़ीबहुत जलन नौर्मल है.

यहां यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने पार्टनर से इस बारे में बात करती रहें और कुछ बाउंड्रीज सेट हो, जो आप के विवाह और आप के दिलों को जोड़े रखे.

जैसे आप दोनों इस बात से सहमत हों कि फ्लर्ट कलीग से एक दूरी रखनी है और टूर पर होने पर रोज बेडटाइम पर बात करनी है और कोई समस्या होने पर शांति से उसे सुलझाना है.

– जब पति को बारबार किसी बात पर जलन हो रही हो तो कारण का पता लगाना बहुत जरूरी है. जैसे अगर आप उन के साथ ज्यादा टाइम नहीं बिता पा रही हैं, तो क्या वे इनसिक्योर हो रहे हैं? या विवाह में अनैतिकता के कारण ट्रस्ट इश्यूज हैं, बात करें, कारण जानें, विश्वास का माहौल बना कर रखें. साथ ही साथ ज्यादा टाइम बिताएं.

– विवाह का मतलब साथ रहना या बेड शेयर करना ही नहीं होता. पर, अगर जलन का कोई कारण ही नहीं है तो खतरे को समझें, फिर यह स्वभाव ही है, जिस में बारबार जलन रखने की आदत है.

40 वर्षीया सोमा बताती हैं, ‘‘मैं और मेरे पति दोनों ही मैथ्स के टीचर हैं. मेरे पास ट्यूशन्स के ज्यादा बच्चे आते गए. वे अच्छा पढ़ाते हैं, पर मेरे पास ज्यादा स्टूडेंट्स हैं. अकसर ही वे मुझ पर बिना बात के गुस्सा करने लगे, बातबेबात नाराज हो जाते. मुझे कारण समझ आ रहा था. मैं खुद ही ट्यूशन्स कम लेने लगी, जबकि मैं बच्चों को पढ़ाना बहुत ऐंजौय करती हूं.‘‘

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कभीकभी यह इनसिक्युरिटी बढ़ जाती है, जब पार्टनर आप की लोकप्रियता, कौन्फिडेंस और लुक्स के मामले में अपने को कम समझने लगा हो.

मनोवैज्ञानिक डाक्टर कुलकर्णी कहते हैं, ‘‘रोज 1-2 कपल ऐसे आते हैं, जिन के रिश्ते में झगडे़, कम बातचीत और प्यार खोता जा रहा है. ऐसे मामलों में अकसर जलन देखने को मिल रही है. पार्टनर की प्रोग्रेस सहन नहीं होती है, विशेष रूप से जब पत्नी ज्यादा सफल होती जा रही हो, क्योंकि पुरुष को तो यही सिखाया जाता है कि सबकुछ उस के कंट्रोल में होना चाहिए. जब पत्नी की प्रोफेशनल रैंक और सैलरी पति से ज्यादा हो जाए, तो पति को कंट्रोल खोने का डर सताने लगता है.

जलन एक ऐसा शब्द है जो औरों के जीवन में भी परेशानियां ले आता है और खुद को भी बहुत नुकसान पहुंचाता है. यदि आप किसी को खुशी नहीं दे सकते तो कम से कम दूसरों की खुशी देख कर जलिए मत. खुद को जलन की आग में न जलाएं. पति को ही अपनी पत्नी से जलन नहीं हो सकती, बल्कि आप के साथ काम करने वाले कलीग्स, जिन्हें आप अपना दोस्त समझने लगते हैं, उन के अंदर तो जलन की भावना बहुत ही आम है. लगभग हर इनसान को अपने जीवन में किसी न किसी जलनलु कलीग का सामना करना ही पड़ जाता है. कोई आगे बढ़ रहा है, किसी की उन्नति हो रही है, नाम हो रहा है, तो अधिकांश लोग ऐसे देखने को मिल जाएंगे, जो पहले यह सोचेंगे, कैसे बढ़ते हुए लोगों की राह का रोड़ा बना जाए, उन्हें कैसे नीचे दिखाया जाए, कैसे समाज में उन का मजाक बने, कैसे उन्हें दुखी किया जाए. जो कलीग्स आप से जलते हैं, उन की पहचान करना जरूरी है, कौन आप से जलता है, कौन नहीं, इन लक्षणों से पहचानिए:

– जलनलु व्यक्ति हमेशा आप के मुंह पर आप की तारीफ करेगा, चाहे यह आप की ड्रेसिंग सेंस हो या काम से संबंधित आप की अचीवमेंट्स. वह आप को बड़े उत्साह से खूब बधाई देगा. वह आप को खुश करने का कोई मौका नहीं छोड़ेगा. आप के लिए यह पता लगाना मुश्किल होगा कि वह आप से जलता है या नहीं.

ऐसे व्यक्ति से कैसे निबटें

– जब आप महसूस करें कि नकली बधाइयां दी जा रही हैं, तनाव में न आएं. उन के फ्लैटरिंग कमैंट्स को इग्नोर करें, सीधेसीधे बात करें और कह दें कि फेक कंप्लीमेंट्स न दें.

– जब आप की औफिस में तारीफ हो रही होगी, जलनलु लोग हमेशा आप की मेहनत के बजाय किस्मत को क्रेडिट देंगे और अपनी किस्मत को कोसेंगे. उन के लिए आप की सफलता सिर्फ लक बाय चांस ही है.

– जब कभी ऐसा हो, तो अपनी सफलता के कारण ऐसे लोगों को न बताएं. वे जल्दी ही आप के बारे में बात करना बंद कर देंगे.

– अगर आप किसी वजह से परफौर्म नहीं कर पाए, तो इन्हें बड़ा संतोष मिलता है. वे आप की हार पर खुश होंगे. वे आप की असफलता का जश्न मना कर खुश होते हैं. ये जेलस कलीग्स आप की पर्सनल लाइफ में भी रुचि रखते हैं और हर बात में आप की नकल करने की भी कोशिश करते हैं.

– ऐसे लोगों को इग्नोर करें और उन की बातों में कोई रुचि न लें.

– ऐसे लोग आप की पीठ पीछे बुराई करते हैं. जब आप अपने बारे में ही कोई अफवाह सुनें तो ऐसे दोस्तों से अलर्ट हो जाएं, जिन के डबल स्टैंडर्ड हैं. उन की जलन बहुत हद तक खतरनाक हो सकती है, इतनी कि वे अपनी सारी ऐनर्जी आप की इमेज खराब करने में लगा सकते हैं.

उन की ऐसी हरकतों से आप तनाव में आ कर दुखी हो कर एक कोने में न बैठें, उन्हें कंफ्रंट करें, उन्हें अपनी हरकतें बंद करने के लिए कहें. आप शालीनता से अपने मैनेजर से भी इस बारे में बात कर सकती हैं.

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– जीवन में किसी न किसी जलनलु व्यक्ति से सामना होता ही रहेगा. इस भावना से खुद को प्रभावित न होने दें. मुश्किल है, असंभव नहीं.

– आप अपना काम मेहनत से करते रहें, खुद को जलन के नेगेटिव टच से दूर रखने की कोशिश करें, इग्नोर करना सब से अच्छा है.

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