एम्पथेटिक कम्युनिकेशन डेवलपमेंट है पर्सनालिटी का अहम हिस्सा, जानिए क्यों है ये जरूरी

जिंदगी में सफल, सुखी और खुश रहने के लिए करोड़ों के बैंक बैलेंस की नहीं सच्चे रिश्तों की जरूरत होती है। रिश्तों को समझना और समय देना खुशियों की नींव है। आपके रिश्ते समझदारी के साथ ही सहानुभूति की मजबूत डोर से बंधे होते हैं। यह बात सच है कि दूसरों के प्रति सहानुभूति दिखाकर आप बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। आमतौर पर एम्पथी यानी सहानुभूति के महत्व को लोग समझते नहीं हैं, लेकिन यह जिंदगी का सार है। जब आप दूसरों की परेशानियों, उलझनों, परिस्थितियों का अनुभव करने लगेंगे तो आपकी इस सहानुभूति से सामने वाले को न सिर्फ संबल मिलेगा, बल्कि आपके रिश्तों को भी मजबूती मिलेगी।

डॉक्टर स्वाति मित्तल, साइकैटरिस्ट, मैक्स हॉस्पिटल से बातचीत के अनुसार एम्पथेटिक कम्युनिकेशन डेवलप करना आपके व्यवहार के साथ ही पर्सनालिटी के लिए भी पॉजिटिव कदम होगा। आप दूसरों के प्रति कैसे सहानुभूति रख सकते हैं, आइए जानते हैं।

1. धैर्य से सुनें बातें

दूसरों के प्रति सहानुभूति दिखाने का पहला नियम है उन्हें धैर्यपूर्वक सुनना। जब आप दूसरे व्यक्ति की पूरी बात बिना उसे बीच में टोके या निष्कर्ष निकाले सुनेंगे तो उन्हें अपनापन महसूस होगा। उन्हें यह विश्वास रहेगा कि आप उन्हें समझते हैं और उनका साथ देंगे। इससे आपके व्यवहार में एम्पथेटिक कम्युनिकेशन डेवलप होगा।

2. दूसरों की भी सुनें

“जो मैं कह रहीं हूं तुम मेरी सुनो.. मुझे इस बात से कोई मतलब नहीं कि तुम क्या सोच रही हो..”मीनल के कहे ये शब्द सुनते ही सीमा सोच में पड़ गई और नाराजगी के साथ बोली,”रिश्ता एक तरफा नहीं दो तरफ होता है। आप सिर्फ अपनी बात रखें और दूसरे की ना सुने ऐसे रिश्ते नहीं चलते..”

बात तो सही है क्योंकि हर व्यक्ति की अपनी राय होती है। ऐसे में अपनी राय को सही साबित करने के लिए आप दूसरों के विचारों को दबाने की कोशिश न करें। उनकी राय, अनुभवों और विचारों के प्रति भी संवेदनशील रहें। ऐसा करने से आप न सिर्फ बेहतर रिश्ते बना पाएंगे, बल्कि बेहतर इंसान भी बनेंगे।

3. दूसरों की स्थिति को समझें

जब भी आपको कोई अपनी परेशानी शेयर करे तो निर्णय पर पहुंचने से पहले उसकी जगह पर खुद को रहकर परेशानियों को समझने की कोशिश करें। इससे न सिर्फ आप परिस्थितियों को ठीक से समझ पाएंगे, बल्कि इससे आप सही निष्कर्ष पर भी पहुंच पाएंगे। यह रिलेशनशिप को बिल्ड करने के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा।

4. निर्णय पर तुरंत न पहुंचें

आमतौर पर लोग इस बात को नहीं समझते, लेकिन दूसरे की पूरी बात सुने और समझे बिना खुद निर्णय सुना देना अक्सर बहुत ही असंवेदनशील लगता है। किसी भी समझदार शख्स को इस प्रकार का व्यवहार नहीं करना चाहिए। दूसरों की आलोचना करने या उसके विचारों को नकाराने से पहले उसके तर्क और दृष्टिकोण को जानना जरूरी है।

5. बड़ा दिल रखें

खुद को श्रेष्ठ और दूसरों को दोयम दर्जे का समझना लोगों की सबसे बड़ी गलतियों में से एक है। हर एक व्यक्ति के पास अपनी राय, अनुभव और दृष्टिकोण होता है। इसलिए अपने दिल और दिमाग को हमेशा दूसरों के विचार जानने के लिए खुला रखें। उन्हें भरोसा दिलाएं कि जो वो बोल रहे हैं, वह भी सही है। अगर आपको कोई बात सही नहीं लगती है तो भी उस पर धैर्यपूर्वक प्रतिक्रिया दें। कभी भी दूसरों पर हावी होने की कोशिश न करें।

 

 

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