Lockdown 3.0: यह लॉकडाउन कुछ अलग है ! 

कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए मार्च के आखिरी सप्ताह से अभी तक हम सभी लोगो ने दो लॉक डाउन का पालन किया है, उस दौरान पूर्ण देशबंदी लागू था . अभी भी देशबंदी दो सप्ताह तक लागू रहेगा लेकिन कुछ इलाको में कुछ विशेष शर्तों के अनुसार छूट प्रदान होगी. आइये जानते है – लॉक डाउन  कैसे अलग है .

* लॉकडाउन-3  चार मई से प्रभावी होगा :- 1 मई के शाम को देश में कोविड-19 की स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के बाद आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत भारत सरकार के गृह मंत्रालय  ने लॉकडाउन को 4 मई, 2020 से दो सप्ताह और बढ़ाने के लिए  एक आदेश जारी किया जिसमें देश के जिलों को तीन भागों में बता गया. संक्रमण के जोखिम पर आधार पर देश के जिलों को रेड जोन (हॉटस्पॉट), ग्रीन जोन  और ऑरेंज जोन में बांटा गया. इन दिशा-निर्देशों में ग्रीन और ऑरेंज जोन में पड़ने वाले जिलों में काफी रियायतें या ढील दी गई है.

* इन सेवा में कोई छूट नहीं होगा :-  लॉकडाउन को बढ़ाने के साथ गृह मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया है कि इस दौरान हवाई सफर, ट्रेन, इंटर स्टेट बस सर्विस, स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. देश में 40 दिनों का लॉकडाउन 3 मई को पूरा हो रहा था.

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* सोशल डिस्टेंशिंग के नियम जारी रहेगा :-  इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की है. हालांकि, इस बार ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में शर्तों के साथ कुछ छूट भी दी जाएगी। लेकिन सोशल डिस्टेंशिंग के नियम पहले की तरह जारी रहेगा .

* राज्यों के सलाह पर लॉकडाउन बढ़ाया गया :- बीते सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ लॉकडाउन पर चर्चा की थी. इस दौरान अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राय थी कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन अभी जारी रखा जाए.  हालांकि, कुछ राज्यों ने लॉकडाउन के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को शर्तों और सावधानियों के साथ चालू करने पर जोर दिया था. सबका सलाह मानते हूँ लॉक डाउन का गाइडलाइंस तैयार किया गया है .

* शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक सख्ती से प्रतिबंध जारी रहेगा :- नए दिशानिर्देशों में लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए कुछ उपाय भी सुझाए गए हैं. इस प्रकार सभी गैर आवश्यक गतिविधियों के लिए लोगों की आवाजाही पर शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक सख्ती से प्रतिबंध जारी रहेगा. स्थानीय अधिकारियों को इस उद्देश्य और सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के अंतर्गत निषेध आदेश (कर्फ्यू) जैसे कानून के उचित प्रावधानों के अंतर्गत आदेश जारी करने होंगे.

*आवश्यक जरूरतों और स्वास्थ्य उद्देश्यों मिलेगा छूट :-   सभी जोन में 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों, बीमार लोगों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को आवश्यक जरूरतों और स्वास्थ्य उद्देश्यों को छोड़कर घर पर ही रहना होगा. रेड, ऑरेंज, ग्रीन जोन में बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) और मेडिकल क्लीनिकों को सामाजिक दूरी के नियमों के पालन और अन्य सुरक्षा सावधानियों के साथ परिचालन की अनुमति होगी, हालांकि रोकथाम (कंटेनमेंट) वाले जोन में इसकी अनुमति नहीं होगी.

* हर जोन के लिए अलग-अलग दिशा निदेश जारी होगा :-   रेड, ग्रीन और ऑरेन्ज जोन के लिए अलग-अलग गाइडलाइंस तैयार की गई है. ग्रीन और ऑरेन्ज जोन में काफी छूट भी दी गई है.

* ग्रीन जोन के जिले :- ग्रीन जोन ऐसे जिले होंगे ज‍हां या तो अब तक संक्रमण का कोई भी पुष्ट (कन्‍फर्म) मामला नहीं आया है अथवा पिछले 21 दिनों में कोई पुष्ट मामला सामने नहीं आया है.

*  रेड जोन के जिले :-   रेड जोन के रूप में जिलों का वर्गीकरण करते समय सक्रिय मामलों की कुल संख्या, कन्‍फर्म मामले दोगुनी होने की दर, जिलों से प्राप्‍त कुल परीक्षण (टेस्टिंग) और निगरानी सुविधा संबंधी जानकारियों को ध्यान में रखा गया है .

* ऑरेंज जोन :-  वे जिले, जिन्हें न तो रेड जोन और न ही ग्रीन जोन के रूप में परिभाषित किया गया है, उन्‍हें ऑरेंज जोन के रूप में वर्गीकृत किया गया है .

* आने वाले समय में देश के जिले अपने जोन से दूसरे जोन में शामिल हो सकते है

रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन के रूप में जिलों के वर्गीकरण को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ हर सप्‍ताह या आवश्यकतानुसार पहले साझा किया जाएगा.  वैसे तो राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश कुछ और जिलों को रेड व ऑरेंज जोन के रूप में शामिल कर सकते हैं, लेकिन वे किसी ऐसे जिले के वर्गीकरण को घटा नहीं सकते हैं जिसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा रेड या ऑरेंज जोन की सूची में शामिल किया गया है.

* एक जिले में भी दो जोन बनाया जायेगा

देश के कई जिलों की सीमाओं में एक या एक से अधिक नगर निगम हैं. यह देखा गया है कि नगर निगमों के भीतर जनसंख्या घनत्व अधिक होने और लोगों का मिलना-जुलना अधिक होने के कारण नगर निगम की सीमा के भीतर कोविड-19 के मामले जिले के बाकी हिस्सों की तुलना में अधिक हैं. अत: नए दिशा-निर्देशों में यह उल्‍लेख किया गया है कि ऐसे जिलों को दो जोन में वर्गीकृत किया जाएगा, अर्थात, नगर निगम की सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के लिए एक जोन; और नगर निगम की सीमा के बाहर आने वाले क्षेत्र के लिए एक अन्‍य जोन. यदि नगर निगम की सीमा के बाहर आने वाले क्षेत्र में पिछले 21 दिनों से कोई मामला सामने नहीं आया है, तो इसे रेड या ऑरेंज जोन के रूप में जिले के समग्र वर्गीकरण से एक पायदान नीचे के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा.

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* ऑरेंज  जिला में आर्थिक एवं अन्य गतिविधियां कार्य शुरू होगा

यदि जिला समग्र रूप से रेड है; या ग्रीन के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा, यदि जिला समग्र रूप से ऑरेंज है। इस वर्गीकरण से जिले के उस क्षेत्र में और भी अधिक आर्थिक एवं अन्य गतिविधियां या कार्य किए जा सकेंगे, जो कोविड-19 के मामलों से अपेक्षाकृत कम प्रभावित हैं और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि निरंतर पूरी सावधानी बरती जाए, ताकि ये क्षेत्र आगे भी कोविड-19 के मामलों से मुक्त रहें. यह व्‍यवस्‍था केवल नगर निगम वाले जिलों के संबंध में ही की गई है.

* नियंत्रण क्षेत्र बनाया जायेगा

कोविड-19 के फैलाव और रेड एवं ऑरेंज जोन के अंतर्गत आने की दृष्टि से देश के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों को नियंत्रण क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) के रूप में विकसित किया जायेगा . ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां संक्रमण फैलने का व्‍यापक जोखिम है. कंटेनमेंट जोन को संबंधित जिला प्रशासन द्वारा परिभाषित किया जाएगा और ऐसा करते समय सक्रिय मामलों की कुल संख्या, उनके भौगोलिक फैलाव और कार्यान्‍वयन की दृष्टि से सुव्‍यवस्थित सीमांकन करने की आवश्यकता को ध्यान में रखा जाएगा। स्थानीय प्राधिकारी कंटेनमेंट जोन के निवासियों के बीच आरोग्य सेतु एप की 100% कवरेज सुनिश्चित करेगा. कंटेनमेंट जोन के लिए गहन निगरानी प्रोटोकॉल होंगे जिनमें मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना, घर-घर की निगरानी, किसी व्‍यक्ति से जुड़े जोखिम के आकलन के आधार पर उसका संस्थागत क्‍वारंटाइन और नैदानिक प्रबंधन भी शामिल हैं. सख्त दायरा नियंत्रण को सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी, ताकि आपातकालीन चिकित्सा स्थिति और आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति बनाए रखने को छोड़कर इस जोन के भीतर और बाहर लोगों की आवाजाही न हो सके। कंटेनमेंट जोन के भीतर किसी भी अन्य गतिविधि या कार्य की अनुमति नहीं है.

* 22 मार्च से शुरू हुआ अभी 17 मई तक जारी रहेगा

देश में पहले एक दिन का बंद आव्हान पीएम मोदी की अपील पर  22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया गया, इसके सफलता के बाद नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके बाद 14 अप्रैल से इसे 17 दिन के लिए और बढ़ा दिया गया था. अब कल यह तीसरे फेज में लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है.

ATM से लेकर गैस सिलेंडर तक, 2 मई से बदले ये 7 नियम

देश में कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी तालाबंदी के बीच 1 मई 2020  से भारत में कई बड़े बदलाव हुए हैं.इन बदलावों का आपकी जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा.इसलिए इन नियमों के बारे में जानना आपके लिए बेहद जरूरी है.बदल रहे इन नियमों से एक तरफ जहां आपको राहत मिलेगी, वहीं अगर आप अलर्ट नहीं रहे तो आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है क्योंकि ये नियम पेंशन, एटीएम, रेलवे, एयरलाइंस, गैस सिलिंडर, बचत खातों पर ब्याज और डिजिटल वॉलेट से जुड़े हैं जो हर किसी की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं.

1- कम्युट पेंशन का विकल्प चुनने वाले पेंशनरों को मई से मिलने लगेगी पूरी पेंशन

एम्पलॉयीज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) , मई से उन लोगों को फुल पेंशन देना शुरू करेगा जिन्होंने रिटायरमेंट के समय कम्युटेशन (Commutation) का विकल्प चुना था. कम्युटेशन से पेंशनर्स को यह विकल्प मिलता है कि वो रिटायरमेंट के समय अपने मंथली पेंशन को अपफ्रंट एकमुश्त पेंशन में बदल सके. सरकार ने हाल ही में रिटायरमेंट के 15 वर्ष बाद पूरी पेंशन राशि के भुगतान का प्रावधान फिर से शुरू कर दिया.

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सरकार ने इसे दोबारा शुरू करने के लिए फरवरी में नोटिफिकेशन जारी किया था. सरकार के इस कदम से 6.30 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा. इससे सरकारी खजाने से 1500 करोड़ रुपये निकल जाएंगे. हम आपको बता दे की  साल 2009 में इस नियम को वापस ले लिया गया था.

2-ATM से जुड़ा ये नियम भी बदला

देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन घोषित किया गया है.ज्यादा सावधानी के लिए अब ATM के लिए भी नई व्यवस्था तय होने जा रही है.प्रत्येक व्यक्ति द्वारा एटीएम के इस्तेमाल के बाद उसे साफ किया जाएगा.ताकि इनफेक्शन खत्म किया जा सके. इसकी शुरुआत गाजियाबाद और चेन्नई में हो गई है. जो इलाके हॉटस्पॉट हैं वहां हर दिन दो बार समूचे ATM की सफाई होगी. अगर सैनिटाइजेशन के इस नियम का पालन नहीं किया जाएगा तो ATM बंद कर दिया जाएगा.

3- 4 घंटे पहले तक बदल सकेंगे बोर्डिंग स्टेशन

देश में लॉकडाउन की वजह से रेलवे सेवाएं बंद हैं.लेकिन भविष्य में रेल सेवाओं के लिए एक नया नियम लागू हुआ है.इनमें से कुछ नियम 1 मई से प्रभावी होने जा रहे है, जिसके मुताबिक, अब यात्री चार्ट निकल जाने के चार घंटे पहले तक बोर्डिंग स्टेशन को बदल सकेंगे.जबकि पहले यात्री अपने बोर्डिंग स्टेशन को यात्रा की तारीख से 24 घंटे पहले ही बदल पाते थे.

वहीं अगर यात्री बोर्डिंग स्टेशन में बदलाव करने के बाद भी यात्रा नहीं करते और टिकट कैंसिल कर देते हैं, तो ऐसे में उन्हें कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा.

4- रसोई गैस का दाम हुआ सस्ता

लॉकडाउन के बीच आज आम जनता के लिए राहत भरी खबर आई है.आज से 19 किलोग्राम और 14.2 किलोग्राम वाले गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलिंडर के दाम सस्ते हो गए हैं.हालांकि हर राज्य में टैक्स अलग-अलग होता है और इसके हिसाब से एलपीजी के दामों में अंतर होता है.

आइये जानते है इन सिलिंडर के दामों नें क्या बदलाव हुए हैं-

a- इतना सस्ता हुआ गैर-सब्सिडी वाला सिलिंडर-

दिल्ली में 14.2 किलोग्राम वाला गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलिंडर 162.50 रुपये सस्ता हो गया है .अब इसकी कीमत 744 रुपये से घटकर 581.50 रुपये हो गई है.

कोलकाता में इसका दाम 774.50 रुपये से घटकर 584.50 रुपये हो गया है, मुंबई में यह 714.50 रुपये से कम होकर 579 रुपये हो गया है.वहीं चेन्नई में यह पहले 761.50 रुपये का था, जो आज से 569.50 रुपये का हो गया है.

b –इतना सस्ता हुआ 19 किलोग्राम वाला सिलिंडर

दिल्ली में 19 किलोग्राम वाला सिलिंडर 256 रुपये सस्ता हो गया है.इसके बाद इसकी कीमत 1029.50 रुपये हो गई है, जो पहले 1285.50 रुपये थी.कोलकाता में इसका दाम 1348.50 रुपये से घटकर 1086 रुपये हो गया है, मुंबई में यह 1234.50 रुपये से कम होकर 978 रुपये हो गया है.वहीं चेन्नई में यह पहले 1402 रुपये का था, जो आज से 1144.50 रुपये का हो गया है.

5- सेविंग अकाउंट्स के लिए SBI  का नया इंटरेस्ट रेट- 

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 1 मई 2020 से बचत खातों पर मिलने वाले ब्याज में बदलाव कर दिया है.SBI के सेविंग्स अकाउंट पर आज से आपको कम इंटरेस्ट रेट मिलेगा. अब ग्राहकों को एक लाख से अधिक बचत जमा खातों पर कम ब्याज मिलेगा.एक लाख तक जमा राशि पर आपको सालाना 3.50% और एक लाख से ज्यादा जमा राशि पर आपको सालाना 2.75%  ब्याज मिलेगा, जो पहले 3.25%  था.

इससे पहले RBI ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती करके इसे 6.25 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दिया. SBI पहला बैंक है जो एक्सटर्नल बेंचमार्क के आधार पर ब्याज दे रहा है.

6-एयर इंडिया में नहीं लगेगा कैंसिलेशन चार्ज

एयर इंडिया ने 1 मई से यात्रियों को एक बड़ी सुविधा देने का फैसला लिया है. इसके तहत अब यात्रियों को टिकट कैंसिल कराने पर कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं देना होगा.टिकट बुकिंग के 24 घंटों के भीतर उसे कैंसिल करने या बदलाव किए जाने पर कैंसिलेशन चार्ज नहीं लगेगा.24 अप्रैल को कंपनी ने इसकी जानकारी दी थी.

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7-बंद हुआ PNB का डिजिटल वॉलेट

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का डिजिटल वॉलेट 1 मई से काम नहीं करेगा. PNB के वो सभी ग्राहक जो इसका किट्टी वॉलेट सर्विस इस्तेमाल करते थे वो अब IMPS के जरिए वॉलेट का पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं या खर्च कर सकते हैं. PNB ने कहा है कि यूजर्स के वॉलेट में ज़ीरो बैलेंस होने पर ही वॉलेट अकाउंट बंद किया जाएगा. अगर आपके खाते में पैसे हैं, तो आपको या तो उसे खर्च करना होगा, या आईएमपीएस के जरिए उसे किसी अन्य खाते में ट्रांसफर करना होगा.ग्राहक अगर बैंक के साथ रजिस्टर फोन नंबर बदलना चाहते हैं तो उन्हें पहले वॉलेट का पैसा खर्च करके उसे बंद करना होगा.

लॉकडाउन 3.0: वायरस संग जीने की आदत

बस! डर चुके. अब और नहीं. वरना भूख मार डालेगी. डराने वाला तो डराता रहेगा. बदले वातावरण में जीवनशैली को बदलें. लौकडाउन को लौकआउट करने का वक्त है. कामकाज शुरू हो और अर्थव्यवस्था को गति मिले.

तालाबंदी यानी लौकडाउन लागू होने के चलते देश ठहरा हुआ है. यह भी सच है कि तकरीबन पूरी दुनिया ठहरी है. लेकिन वहीं, तालाबंदी के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं. अमेरिका में लोग सड़कों पर उतर चुके हैं, वे एहतियात यानी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ रोजीरोटी अर्जित करने की इजाज़त दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

अमेरिका की तरह अब भारत में भी केंद्र और राज्य सरकारों के जारी लौकडाउन के खिलाफ आवाजें मुखर होने लगी हैं. इनमें सबसे पहला नाम विश्वविख्यात आईटी कंपनी इंफोसिस के फाउंडर एन आर नारायणमूर्ति का आता है.

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तालाबंदी के चलते देशवासी भूख से अब और न मरें, इसके लिए तालाबंदी को आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए. इंफोसिस प्रमुख एन आर नारायणमूर्ति ने एक वैबिनार कौन्फ्रैंस में सरकार के तालाबंदी बढ़ाने के फैसले को लेकर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि अगर देशबंदी यानी तालाबंदी 3 मई के बाद भी जारी रहती है, तो कोरोना वायरस से नहीं, भूख से होंगी ज्यादा मौतें.

विकासशील या अन्य विकसित देशों की अपेक्षा भारत की स्थिति पर नजर डालते हुए मूर्ति ने कहा कि हमें समझना चाहिए कि हमारा देश लंबे वक्त तक तालाबंदी को झेलने में सक्षम नहीं है. वे अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि अगर तालाबंदी एक बार फिर आगे बढ़ाई जाती है तो एक वक्त ऐसा आएगा, जब कोविड-19 महामारी से कहीं ज्यादा मौतें देश में भूख से होने लगेंगी.

उन्होंने कहा कि विकसित देशों की तुलना में भारत में कोरोना वायरस के पौजिटिव मामलों की कुल संख्या काफी कम है. साथ ही, वायरस से मरने वालों की दर महज 2.25 से 0.50 फीसदी है. मालूम हो कि भारत में वायरस के फैलने की रफ्तार काफी कम रही है. भारत में वायरस संक्रमण का पहला मामला जनवरी के आखिरी हफ्ते में सामने आया था.

तालाबंदी से जुड़ी देश में हुईं घटनाओं पर गौर किया जाए तो समझ में यही आता है कि लोगों को रोजीरोटी के लिए काम करने की इजाज़त दी जाए. इस संबंध में
नारायणमूर्ति ने कहा कि लोगों को काम करने देना चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि कोरोना एक नए तरह का सामान्य सा वायरस है.

देश की लचर स्वास्थ्य सुविधाओं पर उंगली उठाते हुए आईटी जाएंट नारायणमूर्ति ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस की टेस्टिंग की रफ्तार काफी धीमी है. उन्होंने भारतीय स्टार्टअप और उद्यमियों को टेस्टिंग व वैक्सीन बनाने की दिशा में आगे बढ़ने की सलाह दी, साथ ही, सरकार को सलाह देते हुए कहा कि केंद्र सरकार मैथमेटिकल डेटा आधारित एनालिटिकल इनपुट के आधार पर फैसला करे, न कि इमोशनली.

वैसे, भारत में कोरोना वायरस के अलावा कई अन्य वजहों से सालभर में करीब 90 लाख लोगों की मौत हो जाती है. प्रदूषण की वजह से ही बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है. भारत दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित देश है. भारत में करोड़ों लोग अस्थायी सेक्टर और स्वरोजगार से जुड़े हैं और तालाबंदी में यह सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. अस्थायी सेक्टर ही भारत से सबसे ज्यादा आबादी को रोजगार देता है.

मूर्ति के मुताबिक, तालाबंदी से कारोबारियों का रेवेन्यू 15 से 20 फीसदी घट सकता है. इससे सरकार को मिलने वाला टैक्स और जीएसटी कलेक्शन भी घट जाएगा.

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लब्बोलुआब यह है कि कोरोना क्राइसिस के मद्देनजर हमसब अपनेआप को बदलें यानी देश बदले. कोरोना वायरस की उपस्थिति को ध्यान में रखकर देश सोशल डिस्टेंसिंग जैसे एहतियाती कदम उठाते हुए जीवनयात्रा पर चलता रहे, ताकि, भूख से कोई न मर सके.

Lockdown 3.0: रेलवे ने फंसे व्यक्तियों के लिए चलाई जाएंगी विशेष रेलगाड़ियां !

कोरोना महामारी के फैलाव को रोकेने के उद्देश्य से लगाई गई लॉकडाउन पाबंदियों के कारण देश भर में फंसे व्यक्तियों की आवाजाही के लिए सरकार विशेष रेलगाड़ियां चला रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय  ने रेल मंत्रालय को आदेश जारी किया है कि  विशेष ट्रेनों से देश भर में विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, विद्यार्थियों और अन्य व्यक्तियों की आवाजाही राज्यों से मिलकर सुनिश्चित करे. इस कार्य को कल ही शुरू कर दिया गया है . विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के लिए कल ही कई विशेष रेलगाड़ियां रवाना कर दिया गया . आइये जानते है किन मापदंड का रखा गया है ख्याल और कहा से कौन से विशेष रेलगाड़ियां खुली और आगे की क्या योजना है .

1. नोडल अधिकारी की नियुक्ति

रेल मंत्रालय इन लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति किया गया है . वह संबधित राज्यों के नोडल अधिकारी से बातचीत कर सभी फसे यात्रा को उनके गंतव्य स्थान तक पहुँच्या जायेगा .

2. सामाजिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जायेगा

रेल मंत्रालय ने बताया कि यात्रा के के अलावा टिकटों की बिक्री; रेलवे स्टेशनों एवं रेल प्लेटफॉर्मों पर तथा ट्रेनों के भीतर सामाजिक दूरी का पूरा ख्याल रखा जायेगा. रेलवे यात्रियों के सहयोग से सामाजिक दूरी के मानदंडों और स्वच्छता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा. यह सुनिश्चित करने और अन्य सुरक्षा उपायों पर अमल के लिए रेलवे ने विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किया है .

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3. सभी लोगो के लिए नहीं है यह विशेष रेलगांडियां

रेल मंत्रालय ने लॉकडाउन के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों को विभिन्न स्थानों पर ले जाने के लिए ‘श्रमिक स्पेशल ट्रेन’ की शुरुआत कल से ही कर दिया है . इस में वही यात्री सफर करेंगे जिन्होंने अपने राज्य के संबधित नोडल अधिकारी के पास आवेदन किया है . रेलवे ने यह कहा गया है, रेलवे परिसर में उन्ही का प्रवेश होगा जिन्हे सरकारी अधिकारी ले कर आएंगे .

4. बीच में कही नहीं रुकेगी

 ‘श्रमिक स्पेशल ट्रेन’ संबंधित दोनों दो राज्यों के बीच ही राज्य सरकारों के अनुरोध पर एक जगह से दूसरी जगह के बीच चलेंगी. बिना अनुमति के कही नहीं रुकेगी .

5. यात्रियों के जाँच और भोजन की पूरी व्यवस्था संबधित राज्य सरकार की होगी

यात्रियों को भेजने वाले राज्‍यों द्वारा उनकी जांच की जाएगी और यात्रा की अनुमति केवल उन्‍हीं लोगों को दी जाएगी जिनमें कोई लक्षण नहीं पाया जायेगा. भेजने वाली राज्‍य सरकारों को इन लोगों को ट्रेन में बिठाने के लिए निर्धारित रेलवे स्‍टेशन तक सैनिटाइज्‍ड बसों में बैठाकर सामाजिक दूरी के नियमों और अन्‍य सावधानियों का पालन करते हुए जत्‍थों में लाना होगा. प्रत्‍येक व्‍यक्ति के लिए फेस कवर लगाना अनिवार्य होगा. भेजने वाले राज्‍यों द्वारा शुरुआती स्‍टेशन पर उनके लिए भोजन और पानी उपलब्‍ध कराया जाएगा. लंबे मार्गों पर यात्रा के दौरान रास्‍ते में रेलवे एक भोजन प्रदान करेगा. गंतव्य तक पहुंचने पर, राज्य सरकार द्वारा यात्रियों की अगवानी की जाएगी. वहीं उनकी स्क्रीनिंग, यदि आवश्यक हो क्‍वारंटीन और रेलवे स्टेशन से आगे की यात्रा जैसे सभी तरह के प्रबंध करेगी.

6. कोटा से बिहार और झारखण्ड के लिए विशेष रेलगाड़ी रवाना

राजस्‍थान में जयपुर और कोटा से दो रेलगाडियां फंसे प्रवासी कामगारों और विद्यार्थियों को ले जाने के लिए कल  रात पटना के लिए रवाना होंगी। ये रेलगाडियां कल रात दस बजे रवाना हुए और आज तीसरे पहर पटना पहुंचेगी। इनमें 18 शयनयान और द्वितीय श्रेणी के चार सामान्‍य कोचों सहित 24 कोच हैं. यात्रा के दौरान आपसी सुरक्षित दूरी का पालन किया गया. सुचारू यात्रा के लिए इन रेलगाडियों में सुरक्षा बल तैनात है .  वही राजस्‍थान में फंसे झारखंड के विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए दो विशेष रेलगाडियां कल रात कोटा से रवाना हुई..

7. झारखंड के लिए तेलंगाना खुला विशेष रेलगाडी

झारखंड, तेलंगाना से अपने प्रवासी मजदूरों को विशेष रेलगाडी से वापस ला रहा है. अन्‍य राज्‍यों ने भी अपने मजदूरों को वापस लाने की प्रकिया शुरू कर दी है. झारखंड अपने प्रवासी मजदूरों को वापस लाने वाला पहला राज्‍य बन गया है.  तेलंगाना के लिंगमपल्‍ली रेलवे स्‍टेशन से रॉची के हटिया रेलवे स्‍टेशन के बीच कल रेलगाडी चली जो आज रांची रत तक पहुंचेगी.

8. 40 बसें से कोटा से दिल्ली आये लोग

कल दिल्‍ली सरकार ने बताय कि देशव्‍यापी लॉकडाउन के कारण राजस्‍थान में फंसे अपने विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए करीब 40 बसें कोटा भेज रही है. दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविन्‍द केजरीवाल ने कहा कि विद्या‍र्थियों को लेकर इन बसों के शुक्रवार को  दिल्‍ली पहुंचने की संभावना है.  उन्‍होंने कहा कि सरकार ने उत्‍तर प्रदेश, बिहार और झारखंड सहित कुछ अन्‍य राज्‍यों के साथ भी बातचीत की है ताकि फंसे लोगों को उनके गृह राज्‍यों में भेजा जा सके.

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9. केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कल से ऑनलाइन पंजीकरण सुविधा शुरू

केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ने गुरुवार से ही अन्‍य प्रदेशों में फंसे मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों की निकासी को सुगम बनाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण और हेल्पलाइन नंबर की सुविधा शुरू कर दिया है . जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के मद्देनजर विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इन लोगों की निकासी के समन्वय और निगरानी के लिए सात अधिकारियों की नियुक्ति की। ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म में कुछ जान‍कारी देनी होगी.

10. मध्य प्रदेश भी वापसी का तैयारी में लगा है

मध्य प्रदेश में, राज्य सरकार ने लॉकडाउन के कारण देश के अन्य हिस्सों में फंसे हुए राज्य के लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सात वरिष्ठ भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को नियुक्त किया है. इन अधिकारियों को अलग-अलग राज्यों का जिम्मेदारी सौंपी गई है. ये सभी अधिकारी मध्य प्रदेश में फंसे हुए अन्य राज्यों के लोगों को भी वापस भेजने का काम करेंगे.

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