Relationship Tips : कहीं आप का रिश्ता भी तो नहीं बदल गया ऐंबिवेलैंट रिलेशनशिप में ?

Relationship Tips :  जिंदगी की भागादौड़ में कब हमारे रिश्तों में दरार आने लगती है, हमें पता ही नहीं चलता. छोटीछोटी बातें राई का पहाड़ बनने लगती हैं. कभी पार्टनर एकदूसरे पर प्रेम और लगाव न्यौछावर करते हैं, तो कभी पलभर में ही पार्टनर की शक्ल तक देखना नापसंद कर देते हैं.

ऐसे में रिश्ता खुशियों भरा कम व तनावपूर्ण ज्यादा होता जाता है जोकि न सिर्फ शारारिक बल्कि मानसिक रूप से भी पीड़ादायक होती है. इस परिस्थिति का एक कारण रिश्ते में विश्वास की कमी होना भी है. ऐसा रिश्ता सिर्फ पतिपत्नी का ही नहीं बल्कि किसी के साथ भी हो सकता है फिर चाहे भाई-बहन, माता पिता, दोस्त कोई भी हो.

बात यदि लाइफ पार्टनर की करें तो यह जीवनभर के लिए कड़वा अनुभव होता है क्योंकि यह एक दीर्घकालिक संबंध है. इस रिश्ते में 2 लोग एकदूसरे से गहराई से जुड़े होते हैं, जिन के बीच न सिर्फ प्रेम बल्कि टकराव, संघर्ष जैसी भावनाएं भी मौजूद होती हैं. लेकिन जब प्रेम कम और टकराव रिश्ते में घर करने लगें तो समझ लें की रिश्ता ऐंबिवेलैंट रिलेशनशिप की तरफ जा रहा है, जिसे समय रहते समझ लिया जाए तो रिश्ता टूटने से बचाया जा सकता है.

ऐंबिवेलैंट रिलेशनशिप एक ऐसा रिश्ता है, जिस में व्यक्ति के मन में एक ही व्यक्ति के प्रति मिश्रित भावनाएं होती हैं. जैसेकि पलभर में ही प्रेम और घृणा का एकसाथ होना या कभी पार्टनर की और आकर्षित होना तो दूसरे ही पल उसे अस्वीकृत करना.

कारण को समझें :

● पार्टनर के बीच में संवाद की कमी का होना जिस कारण एकदूसरे की बातों को सही से समझ नहीं पाते.

● दोनों की सोच और प्राथमिकताएं एकदूसरे सेअलग होना.

● पार्टनर से अत्यधिक अपेक्षा रखना.

● बचपन की परवरिश में अस्थिर स्नेह या असुरक्षित परवरिश का प्रभाव का होना.

प्रभाव :

● अत्यधिक मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी स्थिति की संभावना बढ़ जाती है.

● रिश्ते में विश्वास व भावनात्मक रूप से जुड़ाव कम होना.

● रिश्ते से बाहर निकलने के बारे में सोचना लेकिन पार्टनर को खोने का डर भी साथ में बने रहना.

समाधान :

● गुस्सा शांत होने पर एकदूसरे से खुल कर बात करें.

● अत्यधिक अपेक्षाओं को हावी न होने दें. रिश्ते में सामंजस्य लाने का प्रयास करें.

● ममता और वात्सल्य बनाए रखें.

● एकदूसरे की खामियों को नजरअंदाज करने की आदत डालें.

● काउंसलिंग या थेरैपी की सहायता लें.

● आत्मविश्वास में कमी न आने दें.

● एक-मदूसरे के साथ क्‍वालिटी टाइम बिताएं.

● एकदूसरे के प्रति सम्मान की भावना बनाए रखें.

Relationship Tips : कैसे निभाएं कम उम्र के लड़के से शादी

Relationship Tips : मध्य प्रदेश के पिपरिया की रहने वाली 30 साल की संजना बैंगलुरु की एक आईटी कंपनी में सौफ्टवेयर इंजीनियर है. पिछले 2-3 सालों से शादी के लिए उसे बहुत से लड़कों के बायोडाटा आ रहे थे. संजना के मम्मीपापा को जो लड़के पसंद आते वे संजना को पसंद नहीं आते. इस वजह से मामला टलता रहा. 2024 की दीपावली के बाद एक शुभम नाम के लड़के का बायोडाटा जब उस के पापा ने संजना को भेजा तो उसे देख कर संजना की आंखों में चमक आ गई. शुभम भी पुणे की एक औटोमोबाइल कंपनी में सौफ्टवेयर इंजीनियर है, परंतु उस की उम्र 26 साल है. संजना ने जब पहल कर के शुभम से बात की तो पाया कि वैचारिक रूप से उन में काफी समानता है.

रिश्ते की बात आगे बढ़ाई तो कुछ रिश्तेदारों ने लड़के की उम्र का हवाला दे कर रिश्ता न करने की सलाह दे डाली. संजना से जब उस के पापा ने इस संबंध में बात की तो संजना ने दो टूक जवाब देते हुए कहा, ‘‘पापा, शादी के लिए उम्र के बजाय लड़के की योग्यता और उस की आपसी समझ ज्यादा महत्त्वपूर्ण है, यदि लड़के वालों को कोई आपत्ति न हो तो मुझे यह रिश्ता पसंद है.’’

संजना से हरी झंडी मिलते ही दोनों की शादी 15 दिसंबर, 2024 को धूमधाम से हो गई और समाज के लिए एक संदेश भी छोड़ गई कि शादी के लिए लड़के का लड़की से बड़ा होना जरूरी नहीं है. आज के दौर में संजना और शुभम की शादी कोई अकेली मिसाल नहीं है. अब इस तरह की शादियों का ट्रैंड चल निकला है.

काम आती है सूझबूझ

ऐसा नहीं है कि कम उम्र के लड़कों से शादी मौजूदा वक्त में ही हो रही है. वर्षों पहले भी कभीकभार इस तरह की शादियां समाज में होती रही हैं. रिटायरमैंट के करीब पहुंच रहीं स्कूल टीचर शहनाज बानों ने 36 साल पहले अपने से कम उम्र के जाफर खान से शादी की थी. जाफर की उस समय सरकारी स्कूल में टीचर की नौकरी लगी थी. ऐसे में घर वालों ने उम्र न देख कर दोनों के एक ही फील्ड और नौकरीपेशा होने की बजह से शादी कर दी थी. आपसी सूझबूझ से उन का जीवन आज भी खुशहाल है और उम्र का बंधन कभी रिश्ते में बाधा नहीं बन सका.

कहने का मतलब यही है कि लड़कालड़की के व्यवसाय, आपसी समन्वय और रुचियों को ध्यान में रखते हुए सुखद दांपत्य के लिए इस तरह की शादियां की जा सकती हैं.

लड़का भले ही अपने से कम उम्र का हो, यदि वह अच्छाखासा कमाने वाला है तो उम्र का बंधन कोई माने नहीं रखता. यदि नौकरी करने वाली लड़कियों को अपने से बड़ी उम्र का बेरोजगार लड़का मिला तो जीवनभर पत्नी की कमाई खाएगा. इस से अच्छा तो यही है कि कम उम्र के लड़के से शादी कर  लड़कियां अपना भविष्य सुखद बना सकती हैं. कम उम्र के लड़कों से शादी करने का एक फायदा लड़कियों को यह भी रहता है कि ऐसे लड़के उन पर रोब झाड़ने के बजाय उन का सम्मान करते हैं.

लोगों के लिए मिशाल

भारत के मशहूर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की शादी 24 मई, 1995 को अंजलि से हुई थी. अंजलि अपने पति सचिन तेंदुलकर से 6 साल बड़ी हैं. शादी के पहले सचिन और अंजलि ने

5 साल तक एकदूसरे को डेट किया था, सचिन और अंजलि ने अपने रिश्तों का खुलासा 1994 में किया, जब उन्होंने न्यूजीलैंड में सगाई की. सगाई के कुछ समय बाद 1995 में दोनों ने शादी भी कर ली और आज 30 साल बाद भी यह खूबसूरत जोड़ा लोगों के लिए मिसाल बना हुआ है.

45 साल की अंजुलता जाति से ब्राह्मण हैं. 23 साल की उम्र में उन की शादी हुई और शादी के 1 साल बाद ही उन के पति का एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया. 1-2 साल में ही उन्हें सरकारी स्कूल में टीचर की नौकरी मिल गई. जब वे 35 साल की थीं, तभी समाज और परिवार के लोगों के विरोध के बावजूद उन्होंने 30 साल के लड़के समर्थ से शादी कर ली. एक लड़के की मां बन चुकी अंजुलता 10 सालों से सुखद दांपत्य जीवन जी रही हैं.

आमतौर पर ज्यादातर मामलों में लड़कियों की शादी अपने से बड़ी उम्र के लड़कों से की जाती है. इस के पीछे का कारण लड़कियों को लड़कों से कमतर समझने की पितृसत्तात्मक समाज सोच रही है. समाज में एक आम धारणा है कि शादी के वक्त महिला की उम्र पुरुष से कम होनी चाहिए. भारत में सरकार की तरफ से शादी की कानूनन उम्र लड़के के लिए 21 साल है तो लड़की के लिए 18 साल. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जब किसी शादी में लड़की की उम्र लड़के से ज्यादा हो जाती है तो क्या वे समाज के बनाए नियम के विपरीत जा रहे होते हैं? बड़ी उम्र की महिलाओं का कम उम्र के युवकों के साथ संबंध बनाना या शादी करना उन के पुराने अनुभवों के आधार पर होता है.

कितने काम के मैरिज काउंसर

कोई बड़ी उम्र की युवती अपने पुराने अनुभवों या गलतियों से सबक लेते हुए आगे बढ़ती है, वह अपने जीवन में काफी कुछ सीख चुकी होती है. उम्र के एक पड़ाव पर आने के बाद उसे लगता है कि अब उस के जीवन में जुड़ने वाला व्यक्ति उस पर अपना प्रभुत्व न जमाए, ऐसे में वह कम उम्र के लड़के के साथ अपनेआप को सहज पाती है. फिल्म ‘दिल चाहता है’ में अक्षय खन्ना ने जिस लड़के का किरदार निभाया है, उसे खुद से उम्र में बड़ी महिला से प्यार हो जाता है. यह बात वह अपने सब से जिगरी 2 दोस्तों को बताते हैं लेकिन उन के दोस्त उन के प्यार की गहराई को समझने की जगह उन का मजाक बनाने लगते हैं. इस फिल्म में दिखाए गए मजाकिया सीन दरअसल इस तरह के रिश्तों की हकीकत बयां करते हैं.

मैरिज काउंसलर के पास बहुत से ऐसे क्लाइंट आते हैं जिन के बीच अनबन की वजह दोस्तों का मजाक या रिश्तेदारों के ताने होते हैं. पतिपत्नी को चाहिए कि समाज के तानों की परवाह न करते हुए अपने रिश्ते को मजबूत बनाने पर ज्यादा ध्यान दें. वैसे तो कोई भी रिश्ता आम सहमति और पसंद के साथ ही शुरू होता है. खुद से कम उम्र के लड़कों को पसंद करते समय लड़कियों के दिमाग में एक ही बात चलती है- पुराने रिश्तों को भुलाना. दरअसल, युवा लड़कों के साथ रिश्ता बनाने पर लड़कियां खुद भी युवा महसूस करने लगती हैं. उन्हें महसूस होता है कि वे अभी भी खुद से युवा लड़कों को आकर्षित कर सकती हैं. इस के विपरीत एक लड़का खुद से बड़ी उम्र की लड़की के साथ रिश्ता कायम करता है तो उस के लिए यह रिश्ता एक तरह से कम जिम्मेदारी भरा होता है. वह एक अनुभवी साथी का साथ पा कर बहुत सी जिम्मेदारियों से बच जाता है.

अगर दोनों की आपसी समझ बेहतर है तो लड़का और लड़की एकदूसरे की जरूरतों को पूरा कर देते हैं. बड़ी उम्र की लड़कियां आत्मनिर्भर होती हैं. ऐसी लड़कियों के साथ लड़कों को बहुत अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती है.

ऐसे कई उदाहरण हैं जहां पत्नी के बड़ी उम्र के होने के बाद शादियां कामयाब रहीं जैसे प्रियंका चोपड़ा और निक जोन्स की शादी. मिस वर्ल्ड रही बौलीवुड ऐक्ट्रैस प्रियंका चोपड़ा ने अमेरिकन सिंगर, ऐक्टर निक जोन्स से 2018 में शादी की थी. निक और प्रियंका की उम्र में 10 साल का फासला है. यह ऐज गैप उस वक्त चर्चा का विषय बन गया था. मगर आज भी उन की जोड़ी हिट है.

भारतीय क्रिकेटर की जोडि़यां भी हैं मिसाल

कम उम्र के लड़कों से शादी करने में केवल फिल्म ऐक्ट्रैस ही आगे नहीं हैं भारतीय क्रिकेटरों ने भी अपने से बड़ी उम्र की लड़कियों से शादी कर के मिसाल कायम की है. भारत के क्रिकेटर रौबिन उथप्पा अपनी पत्नी शीतल गौतम से 4 साल छोटे हैं. रौबिन उथप्पा ने 3 मार्च, 2016 को शीतल गौतम से शादी की थी. उथप्पा ने काफी लंबे समय तक रिलेशनशिप में रहने के बाद शादी का फैसला किया था. उथप्पा और शीतल बैंगलुरु के एक ही कालेज में पढ़ाई करते थे.

शीतल इस कालेज में रौबिन उथप्पा की सीनियर थीं. 7 साल तक दोनों ने एकदूसरे को डेट किया था. रौबिन की वाइफ शीतल गौतम पूर्व में टेनिस खिलाड़ी रह चुकी हैं. उथप्पा क्रिश्चियन परिवार से आते हैं, जबकि शीतल गौतम का हिंदू धर्म से संबंध हैं. ऐसे में इन दोनों ने 3 मार्च, 2016 को पहले ईसाई धर्म के अनुसार शादी की और 1 हफ्ते बाद 11 मार्च, 2016 को दोनों ने हिंदू रीतिरिवाज से शादी की.

दिग्गज भारतीय लेग स्पिन गेंदबाज अनिल कुंबले और चेतना कुंबले की शादी 1 जुलाई, 1999 को हुई थी. चेतना कुंबले अपने पति अनिल कुंबले से 7 साल बड़ी हैं. अनिल कुंबले की पत्नी का भी अपने पहले पति के साथ तलाक हुआ था. अब यह कपल एकदूसरे के साथ लंबे समय से खुशी से रह रहा है.

हिट है जोड़ी

तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और संजना गणेशन की शादी 15 मार्च, 2021 को हुई थी. संजना गणेशन अपने पति जसप्रीत बुमराह से 1 साल और 7 सात महीने बड़ी हैं. बुमराह और संजना ने गोवा में शादी की थी. शादी में इस जोड़े का परिवार और करीबी दोस्त ही शामिल हुए थे. संजना स्टार स्पोर्ट्स के लिए ऐंकरिंग करती हुई दिखती हैं. वे स्पोर्ट्स ऐंकर हैं और कई वर्ल्ड कप टूरनामैंट्स को कवर कर चुकी हैं. आईपीएल में भी संजना गणेशन काफी सक्रिय रहती हैं.

मिस वर्ल्ड ऐश्वर्या राय ने भी अपने से 3 साल छोटे अभिनेता अभिषेक बच्चन के साथ शादी रचाई थी. 2007 में दोनों शादी के बंधन में बंधे. तब ऐश की उम्र 34 साल थी और अभिषेक की 31 साल. इस कपल की शादी को पूरे 15 साल हो चुके हैं. ये एक प्यारी सी बेटी आराध्या बच्चन के मातापिता भी बन चुके हैं.

बौलीवुड फिल्मों को बहुत पहले छोड़ चुकीं नम्रता शिरोडकर ने साउथ के सुपरस्टार महेश बाबू से शादी की है. नम्रता पति महेश से बड़ी हैं. दोनों की उम्र में 4 साल का अंतर है. महेश बाबू और नम्रता ने अपनी शादी का फैसला करने से पहले 5 साल तक डेट किया था. दोनों 10 फरवरी, 2005 को शादी के बंधन में बंधे थे और अब उन के 2 बच्चे हैं- गौतम और सितारा.

इस लिस्ट में बिपाशा बसु और करण सिंह ग्रोवर का नाम भी शुमार है. बिपाशा अपने पति करण सिंह ग्रोवर से उम्र में पूरे 6 साल बड़ी हैं. बिपाशा ने टीवी के मशहूर अभिनेता करण सिंह ग्रोवर से शादी रचाई थी. इस जोड़े ने 2016 में शादी की थी. बिपाशा और करण भी 1 बेटी देवी के मातापिता बन चुके हैं.

कैटरीना की समझारी

कैटरीना ने अपना हमसफर बस एक झटके में ही चुन लिया था. सभी ये कयास लगाते थे कि सलमान खान के साथ कैटरीना की शादी होगी. मगर सभी खबरें तब अफवाह बन कर रह गईं जब कैटरीना ने विक्की कौशल से शादी कर ली. कैटरीना की उम्र 40 साल और विक्की कौशल की उम्र 35 साल है. दोनों 2021 में शादी के बंधन में बंधे थे.

नेहा धूपिया ने भी खुद से 2 साल छोटे उम्र के अंगद बेदी से शादी की है. दोनों ने 2018 में शादी रचाई थी. आज दोनों नेहा और अंगद 2 बच्चों के मातापिता बन चुके हैं.

शादी तय करते समय मातापिता अपने बेटे के लिए उस से उम्र में छोटी लड़की को ही पसंद करते रहे हैं. हालांकि वक्त के साथ लड़कियों ने इस ट्रैंड को बदल कर रख दिया है. अब लड़कियां खुद से बड़े नहीं बल्कि छोटे लड़कों से शादी करना चाहती हैं, जिस के पीछे कारण भी बेहद दिलचस्प और ठोस हैं. छोटी उम्र के लड़के नेचर से काफी ऐक्टिव और स्पोर्टी होते हैं. उन्हें रोजाना नईनई चीजों के साथ ऐक्सपैरिमैंट करना पसंद होता है. इस के अलावा कम उम्र के लड़के के साथ रहने पर लड़कियों को अपनी असली उम्र का पता भी नहीं लगता. ऐसे लड़कों के साथ रहने पर लड़कियां खुद को यंग और चुस्त फील करती हैं.

कैरियर में मदद

छोटी उम्र के लड़कों से शादी करने पर लड़कियों की लाइफ में हमेशा रोमांस बना रहता है. समय के साथ आप का प्यार कभी बूढ़ा नहीं होगा. आपका पार्टनर आप की समझदारी से दूर अपनी चुलबुली बातों से आप को इंप्रैस करता रहेगा. अगर कोई लड़की खुद से कम उम्र के लड़के को लाइफ पार्टनर बनाती है तो उसे अपने पार्टनर से हर चीज का ज्यादा अनुभव होता है. इस के अलावा वह अपने कैरियर, लाइफ में भी सैटल होगी.अपने अनुभव अपने पार्टनर के साथ शेयर करते हुए वह उसे उस का कैरियर बनाने में भी मदद कर सकती है.

कम उम्र के लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाने से कोई नुकसान नहीं होता है. एक रिसर्च के अनुसार खुद से बड़ी उम्र की महिलाओं को देख कर लड़कों में टेस्टेस्टेरौन हारमोन का लैवल बढ़ जाता है. यही वजह है कि लड़के खुद से बड़ी उम्र की महिलाओं की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं.

भारतीय सामाजिक परिवेश की बात करें तो यहां मान्यता है कि पत्नी की उम्र पति से कम होनी चाहिए. मगर समाज की इस मान्यता को तोड़ कर की गई कई शादियां इसी समाज में  मिल जाएंगी. हालांकि इन सभी बातों के अलावा एक अच्छे रिश्ते के लिए सब से जरूरी है कि दोनों के बीच आपसी समझ होनी चाहिए. अगर आप दोनों हर स्थिति में एकदूसरे का साथ दे सकते हैं तो आप अपने हमउम्र से भी शादी कर सकते हैं और अपने से कम उम्र के पार्टनर के साथ भी.

Healthy Relationship Tips : जब रिश्तों में बढ़ जाए नाराजगी, तो इन तरीकों से सुलझाएं

Healthy Relationship Tips : रिश्तों में समयसमय पर नाराजगी आना एक सामान्य सी बात है. चाहे वह दोस्तों के साथ हो, परिवार के साथ या किसी खास व्यक्ति के साथ, हर रिश्ते में कभी न कभी मनमुटाव हो सकता है. लेकिन अगर नाराजगी बढ़ जाए तो यह रिश्ते में खटास ला सकती है. ऐसे में इसे सुलझाना और बेहतर बनाना बेहद जरूरी है.

यहां कुछ तरीके दिए जा रहे हैं, जो रिश्तों में नाराजगी को दूर करने में मदद कर सकते हैं :

शांत हो जाएं

जब हम नाराज होते हैं, तो अकसर हमारे शब्द या काम बिना सोचेसमझे होते हैं. सब से पहले तो आप को खुद को शांत करना होगा. गहरी सांस लें और स्थिति को ठंडे दिमाग से देखें. जब आप शांत होंगे, तो आप सही तरीके से बात कर पाएंगे और रिश्ते को सुलझा पाएंगे.

खुले दिल से बातचीत करें

रिश्ते में नाराजगी दूर करने का सब से प्रभावी तरीका है खुलकर और ईमानदारी से बात करना. अपनी भावनाओं को शांति से, बिना किसी आरोपप्रत्यारोप के, सामने वाले से साझा करें. बताएं कि आप किस वजह से नाराज हैं और आप के दिल में क्या है. इसी तरह सामने वाला भी अपनी बातें आप को बता पाएगा.

सुनने की कला को समझें

सिर्फ अपनी बातें कहना ही नहीं, बल्कि सामने वाले की बातों को ध्यान से सुनना भी बहुत जरूरी है. अकसर हम खुद को सही साबित करने में लगे रहते हैं और सामने वाले की भावनाओं की अनदेखी कर देते हैं. रिश्ते में नाराजगी को दूर करने के लिए जरूरी है कि आप दोनों एकदूसरे की बातों को समझने की कोशिश करें और महसूस करें कि सामने वाला किस स्थिति से गुजर रहा है.

गलतियों को स्वीकार करें

कभीकभी हम खुद अपनी गलतियों को नजरअंदाज कर देते हैं. अगर आप को लगता है कि इस नाराजगी में आप की भी कोई गलती थी, तो उसे स्वीकार करें और माफी मांगें. यह कदम रिश्ते को और मजबूत बनाता है. माफी मांगने से सामने वाले को यह एहसास होता है कि आप रिश्ते की अहमियत समझते हैं.

समय दें और इंतजार करें

कुछ नाराजगियां तुरंत हल नहीं हो सकतीं. ऐसे में आप को थोड़ा समय और धैर्य रखना होगा. अगर दोनों ही पक्ष अपनी भावनाओं को ठीक से व्यक्त कर चुके हैं, तो थोड़ा समय देने से स्थिति शांत हो सकती है. कभीकभी कुछ दिनों का अंतराल भी दोनों को सोचने और अपनी स्थिति समझने का समय देता है.

एकदूसरे के नजरिए को समझें

कभीकभी नाराजगी इस कारण होती है कि हम सामने वाले के नजरिए को समझ नहीं पाते. किसी भी स्थिति में दोनों व्यक्तियों की स्थिति और भावनाओं का सम्मान करना जरूरी है. एकदूसरे के दृष्टिकोण को समझने का प्रयास करें, इस से आपसी समझ बेहतर होगी.

बातों को नजरअंदाज करें

रिश्ते में छोटीछोटी बातों को ले कर नाराज होना रिश्ते में तनाव को बढ़ा सकता है. यदि आप किसी छोटी बात को लेकर नाराज हैं, तो उसे नजरअंदाज करने की कोशिश करें. छोटीछोटी बातों पर ध्यान न देना रिश्ते को हैल्दी बनाता है.

रिश्ते को पहले जैसा बनाएं

नाराजगी दूर करने के बाद यह जरूरी है कि आप दोनों मिल कर आगे बढ़ने के लिए तैयार हों. अपने रिश्ते को सुधारें. भविष्य में रिश्ते को और मजबूत बनाने के लिए कोशिश करें और एकदूसरे के साथ खुशहाल समय बिताने की दिशा में काम करें.

लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप को कैसे मजबूत बना सकते हैं?

सवाल- 

मेरी उम्र 24 वर्ष है. डेटिंग ऐप के जरिए मेरा एक बौयफ्रैंड बना. हमारी आपस में खूब बातें, चैट होती हैं. वह बेंगलुरु का रहने वाला है. दिल्ली वह मुश्किल से 2 बार ही आया है. मु झे उस से बातें करना, उस का स्टाइल, इंटैलिजैंस बहुत पसंद है. उस का कहना है कि जो बातें वह अपनी गर्लफ्रैंड में चाहता था, मु झ में वे सब हैं. मैं अपना यह रिलेशनशिप इतना मजबूत बनाना चाहती हूं कि वह मु झे शादी के लिए प्रपोज कर दे. पहल मैं उस की तरफ से चाहती हूं. लेकिन डरती रहती हूं कि हमारी लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप कहीं कमजोर न पड़ जाए और मु झे उसे खोना न पड़ जाए. अगर ऐसा होगा तो मैं सह नहीं पाऊंगी. आप सु झाएं, मैं क्या करूं कि हमारा रिश्ता मजबूती से बना रहे?

जवाब-

लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप में ज्यादा परेशानी आती है, यह बात तो सही है लेकिन आपसी बातचीत और एकदूसरे के लिए समर्पण-  इन 2 चीजों का अच्छा तालमेल हो तो लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप नजदीकी रिश्तों को भी मात दे सकती है.

आप दोनों के बीच बातचीत में कमी नहीं आनी चाहिए. रैगुलर टच में रहें. जरूरी नहीं कि अपने दोनों के रिश्ते और भविष्य को ले कर ही बात की जाए. दुनिया में क्या हो रहा है या जानपहचान के लोगों की बात भी की जा सकती है, यदि बात करने के लिए कुछ नहीं है. बस ध्यान रखें, पार्टनर कहीं आप की बातों से बोर तो नहीं हो रहा.

लौंग डिस्टैंस में एकदूसरे पर विश्वास रखना बेहद जरूरी है. अपनी हर बात उस से शेयर करें. इस से पार्टनर का विश्वास आप पर बना रहेगा. कोई भी काम करें तो उसे बता दें. यदि किसी काम के लिए वह आप को मना करे तो उसे न करें. इस से आप दोनों के बीच लड़ाई नहीं होगी.

बौयफ्रैंड से कहें कि 3-4 महीने में मिलने का समय निकाले. बेंगलुरु से दिल्ली फ्लाइट से ढाईतीन घंटे से ज्यादा समय नहीं लगता. कहीं घूमने का प्लान बना सकते हैं. वह आप के पास नहीं आ सकता तो आप उस के पास जाने का प्लान बना सकती हैं, उसे स्पैशल फील कराने के लिए.

इमोशनली वह आप से अटैच है ही, फिजिकली आप को देख कर हो सकता है, उस के लिए अपनी फीलिंग्स को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाए और वह आप से शादी के लिए प्रपोज कर दे, जो आप चाहती भी हैं. ट्राई करने में क्या जाता है. लडके कई बार कुछ बातें बोल नहीं पाते, उन से बुलवानी पड़ती हैं. आखिर में आप से यही कहेंगे कि रिश्ते को बनाए रखने के लिए जितने प्रयास करेंगी, उतना ही रिश्ता मजबूत बनेगा.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप को कहें हां या न

साल 2010 में अपर्णा सेन की एक इंडियन-जापानी रोमांटिक ड्रामा बेस्ड बंगालीहिंदी फिल्म आई थी जिस का नाम था ‘जैपनीज वाइफ.’ इस का मुख्य प्लौट लौंग डिस्टैंस लव पर था. इस में मुख्य पात्र स्नेह्मोय चटर्जी (राहुल बोस) को प्यार हो जाता है दूर स्थित जापानी मूल की लड़की मियागु (चिगुसा टकाकु) से. दोनों में लैटर्स से बातचीत होती है और इन्हीं लैटर्स के आदानप्रदान में वे एकदूसरे के साथ शादी के बंधन में बंधने का वचन भी ले लेते हैं. लंबी दूरी होने के कारण 17 साल बाद भी वे एकदूसरे से मिल नहीं पाते, लेकिन उन के बीच रिश्ता फिर भी मजबूत ही रहता है. फिल्म के अंत में स्नेह्मोय चटर्जी की मौत के बाद उस की जापानी मूल की पत्नी भारत लौट आती है और चटर्जी की विधवा बन कर जीने लगती है.

फिल्म चाहे कई लूपहोल्स के साथ रही हो लेकिन इस फिल्म की कहानी की खासीयत लौंग डिस्टैंस लव था जो काफी अच्छे से दिखाया गया. खैर, अब बात फिल्म के एक दशक बाद की है. 2010 की तुलना में आज काफी चीजें बदल गई हैं. आज एकदूसरे से चिट्ठियों के माध्यम से कम्युनिकेट करने का तरीका लगभग खत्म हो गया है.

आज जमाना डिजिटल युग का है जिस में दुनिया एक फोन के भीतर समा चुकी है. गांव में बैठा युवक मीलों दूर शहर या दूसरे देश में किसी से आसानी से कम्युनिकेट कर सकता है. फिर ऐसे में आशंका तो कई गुना बढ़ जाती है कि लंबी दूरी के रिश्ते अपने पंख डिजिटल के माध्यम से फैला रहे होंगे.

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आनंद पर्वत इलाके में रहने वाला सनी एक आम परिवार का लड़का है जिस के पिताजी कारपैंटर का काम करते हैं. सनी की कहानी भी कुछ ‘जैपनीज वाइफ’ फिल्म से मिलतीजुलती है. लेकिन यह आज की बात है तो मामला चिट्ठीपत्री से हट कर डिजिटल हो गया. अपना कैरियर बनाने के लिए इंग्लिश सीखने की चाहत में सनी ने पास के एक एनजीओ में फ्री कोर्स सीखने का मन बनाया. कोर्स इंस्ट्रक्टर ने उसे सुझव दिया कि अगर इंग्लिश सीखनी है तो विदेशी मूल के लोगों से कम्युनिकेट करना शुरू करो. बस, फिर क्या, सनी ने औनलाइन साइट विजिट की जहां उस की मुलाकात इंडोनेशिया की एक लड़की से हुई. दोनों एकदूसरे से लगातार बात करते रहे और धीरेधीरे एकदूसरे को पसंद भी करने लगे. लेकिन, उस के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि उस का यह लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप कितना सफल होगा. मुश्किल यह है कि इस रिश्ते में कितनी ‘हां’ और कितनी ‘न’ की गुंजाइश है.

जाहिर है आज डिजिटल टैक्नोलौजी के बढ़ते दायरे और पूरी दुनिया के फोन में सिकुड़ जाने से हमारे सामने लोगों से मेलजोल बढ़ाने व सीखने का अवसर बढ़ गया है. इन अवसरों के साथसाथ आज मौका अपने लिए प्यार चुनने का भी मिल गया है. फिर चाहे बात करने वाला या वाली कितनी ही दूर क्यों न हो. जहां पहले लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप के मौके किसी खास सिचुएशन में ही आ पाते थे, जैसे पढ़ाई या नौकरी के लिए सैकड़ों मील दूर जाना हो. आज ऐसी सिचुएशन घर बैठे सोशल मीडिया प्रोवाइड करवा देता है जिस में इंटरनैट ने चीजों को बहुत आसान कर दिया है. लेकिन लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप यानी एलडीआर सुनने में जितनी रूहानी लगती है उतना ही वह अपने साथ कुछ समस्याएं ले कर भी चलती है.

-सब से बड़ी समस्या फाइनैंशियल उभर कर आती है. इस समस्या को अगर आंका जाए तो भारत में आधे से ज्यादा एलडीआर वाले कपल एकदूसरे से मिलने की उम्मीद लगा ही नहीं पाते. यह सही है यंग एज में किसी से औनलाइन बात करना और बात का आगे बढ़ जाना सामान्य हो सकता है लेकिन उस रिश्ते को मुकाम तक पहुंचाने में सब से बड़ी अड़चन पैसों की आती है. यही बड़ा कारण इस समय सनी जैसे एलडीआर में है जिस में उन का एकदूसरे से मिलना फिलहाल असंभव दिखाई दे रहा है.

इस कारण वह चाह कर भी कोई कमिटमैंट करने की कंडीशन में नहीं है.

–  रिऐलिटी परियों की कहानियों से अलग है. हर किसी की अपनी जरूरतें होती हैं. खासकर तब जब आप रिलेशनशिप में होते हैं, तब आप की अपने पार्टनर के साथ फिजिकल होने की इच्छा प्रबल हो जाती है. लेकिन लौंग डिस्टैंस वाले रिश्तों में सिंपल टच तक के लिए तरसना पड़ता है तो सैक्स और किस करना तो दूर की बात है. शुरुआत में लगता है कि सब ठीक है लेकिन जैसे ही रिलेशन कुछ महीने आगे बढ़ता है तब इंटिमेसी लैवल भी हाई होने लगता है, जिस के पूरा न होने के कारण फ्रस्ट्रैशन लैवल भी बढ़ने लगता है.

-लौंग डिस्टैंस रिलेशन में हमेशा इनसिक्योरिटी बनी रहती है. ज्यादातर रिश्तों में यह तब होता है जब आप किसी को जानते तो हों लेकिन उस के तौरतरीकों को फेसटूफेस औब्जर्व नहीं कर पाते. लौंग डिस्टैंस रिलेशन की यही समस्या है कि सारा रिलेशन कम्युनिकेशन पर टिका रहता है. इस में ओब्जर्व करने के लिए सिर्फ बात ही एक रास्ता होता है, इसलिए डेटूडे लाइफ में आप के पार्टनर का किन से मिलना, कितने फ्रैंड, कहां विजिट किया जैसे सवाल कई शंकाओं को जन्म दे सकते हैं.

-इस तरह के रिश्तों में सब से बड़ी समस्या कम्युनिकेशन पर टिकी होती है. यानी आप किसी तकनीक की सहायता से ही एकदूसरे के रिश्ते में बंधे हैं. सोशल मीडिया या टैलीफोन से कम्युनिकेशन एक लिमिट तक ही अंडरस्टैंडिंग लैवल बढ़ा सकता है. आमतौर पर एलडीआर में डेटूडे बातचीत ही मुख्य होती है. इस का बड़ा कारण कपल के बीच फ्रैश मैमोरीज न के बराबर होती हैं. किसी मैमोरी के बनने का तरीका किसी घटना या इवैंट से जुड़ा होता है, और इवैंट ऐसा जो दोनों को रिलेट करे. किंतु ऐसी कंडीशन में इस तरह की मैमोरीज न के बराबर होती हैं, तो कम्युनिकेशन में एक समय के बाद ठहराव आ जाता है जो इरिटेट भी करने लगता है.

-ऐसे रिश्तों में ट्रस्ट लैवल कम रहता है. किसी लव रिलेशन में पार्टनर के प्रति ट्रस्ट या भरोसा होना बहुत बार सैक्सुअल रिलेशन से निर्धारित होता है, जिस में आमतौर पर यह समझ जाता है कि आप तन और मन से समर्पित हैं या नहीं. जाहिर सी बात है, पार्टनर का मन समर्पित है यह माना जा सकता है लेकिन तन समर्पित न होना, विश्वास की लकीर को कमजोर करता है. ऐसे में हमेशा अपने पार्टनर के क्लोज फ्रैंड्स को ले कर इनसिक्योरिटी रहती है, जिसे ले कर हमेशा संदेह लगा रहता है.

खैर, कुछ समस्याएं हैं जिन से एक लौंग डिस्टैंस कपल को दोचार होना पड़ता है. लेकिन, भारत में यह प्रौब्लम इस से कई गुना आगे बढ़ जाती है. भारत देश डाइवर्सिटी से घिरा हुआ है. कुछ लोग इस पर प्राउड करते हैं, वहीं कुछ डाइवर्सिटी के होने के अनेक एक्सपीरियंस तो मानते हैं लेकिन इस के साथ इसे सोशल बैरियर भी मानते हैं, जो आपस में आसानी से कनैक्ट करने से रोकते हैं. इन्हीं बैरियर्स में कास्ट, रिलीजन, एरिया, लैंग्वेज और कल्चर आता है. हमारे देश में किसी रिश्ते में बंधने का मतलब पारिवारिक मंजूरी का होना जरूरी हो जाता है. इतने सारे बैरियर्स पार करना अपनेआप में चुनौती होता है. फिर लौंग डिस्टैंस रिलेशन तो एक कदम और दूर की बात है.

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अगर आप भी लौंग डिस्टैंस रिलेशनशिप में हैं या आना चाहते हैं तो जरूरी है कि आप इन पौइंट्स को कंसीडर करें. जरूरी नहीं कि ये चीजें हर किसी के लिए समस्या हों, अगर आप इन्हें ध्यान में रखते हुए इन से टैकल कर सकते हैं तो चीजें बेहतर होंगी. लेकिन ध्यान रहे ऐसे रिश्ते ज्यादातर कंडीशन में असफल ही होते हैं. अगर लौंग डिस्टैंस में ही जाने का मन हो तो कोशिश करें कि आप का/की पार्टनर भले पास का न हो लेकिन उसी शहर से हो जहां से आप बिलोंग करते हैं. ऐसी स्थिति में इन बिंदुओं को आसानी से टैकल किया जा सकता है और संभव है कि भविष्य में आप के एकदूसरे को जीवनसाथी चुनने की संभावना भी बढ़ जाएगी.

लौंग डिस्टेंस रिलेशनशिप में इन बातों का रखें ध्यान

क्या आप लौंग जिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं वैसे ये कोई पूछने वाला सवाल लगता नहीं क्योंकि 50 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो लौंग डिस्टेंस रिलेशनशिप में होते हैं, लेकिन तब उसको रिश्ता कायम रखना मुश्किल होता है. रिलेशन में अक्सर ऐसा होता है जब दो लोग साथ होकर भी दो अलग-अलग जगह पर रहते हैं. एक-दूसरे से दूर रहते हैं. अक्सर ऐसा होता है कि जब महीने दो महीने या फिर उससे भी ज्यादा समय बाद दोनों मिलते हैं. फिर भी उनका रिश्ता बना रहता है, लेकिन अगर उस रिश्ते को अच्छा बना कर रखना है और हमेशा साथ रहना रहना है तो आपको कुछ ऐसी बातों पर ध्यान देना होगा जो आपके रिश्ते को मजबूत रखेगी… हम आपको बताएंगे की कौन सी ध्यान देने वाली मुख्य बातें हैं…

1. एक-दूसरे पर रखें भरोसा हमेशा

अगर आप अपने पार्टनर से दूर हैं तो उसमें सबसे जरूरी बात होती है भरोसा. आप दूर होकर अगर भरोसा नहीं कर सकतीं तो फिर आपका रिश्ता सिर्फ नाम का रिश्ता है, क्योंकि लौंग डिस्टेंस रिलेशनशिप भरोसे पर ही टिका होता है. लोग तमाम बातें कहतें हैं, आपको भड़काने का काम करते हैं कि अरे वो तो तुम्हारा फोन ही नहीं उठा रहा है तो ऐसे में आपको चौकन्ना रहने की जरूरत है. मैं ये नहीं कहती की सब लड़के अपनी जगह सही होते हैं, लेकिन भरोसे नाम की भी एक चीज होती है,जो आपके रिश्ते को मजबूती प्रदान करती है.

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2. शक को कम करना है जरूरी

अक्सर ऐसा होता है जब आपका पार्टनर फोन नहीं उठाता या आपको प्रौपर समय नहीं दे पाता तो आपके दिमाग में ये खयाल आता है कि कहीं वो मुझे इग्नोर तो नहीं कर रहा, कहीं वो मुझे धोखा तो नहीं दे रहा, कहीं किसी और के साथ तो नहीं है या उसे कोई और पसंद आ गया. ये सभी खयाल आपके रिश्ते को अन्दर से खोखला कर देते हैं और रिश्ता कमजोर पड़ने लगता है. अगर आप शक कम करेंगी तो आपका रिश्ता अच्छा बना रहेगा.

3. झगड़ा करें कम

अक्सर आप अपने पार्टनर से लड़ाई-झगड़ा करने लगती हैं अगर वो आपका फोन नहीं उठाता या आपको समय नहीं दे पाता तो इसका मतलम ये नहीं की हर वक्त आप उससे झगड़ा ही करेंगी एक तरह से ये भी आपके रिश्ते को कमजोर करता है और फिर उस रिश्ते में कुछ नहीं रह जाता है. अब ये आपके उपर डिपेंड करता है की आप कितना झगड़ा करेंगी और कितनी प्यार से रहकर अपने रिश्ते को मजबूत रखेंगी.

4. रिलेशनशिप में दिखाएं समझदारी

जिस तरह आप अपनी जिंदगी में सेटल होने की कोशिश करती हैं और लाइफ में कुछ अच्छा करना चाहती हैं उसी तरह आपका पार्टनर भी अपनी लाइफ में स्टैंड होने की कोशिश कर रहा होता है जिसके कारण वो आपको समय नहीं दे पाता पर इसका मतलब ये नहीं की वो आपसे प्यार नहीं करता हां कुछ रिश्ते झूठे होते हैं आपका पार्टनर आपको धोखा दे रहा होता है लेकिन हर रिश्ता ऐसा हो ये जरूरी नहीं इसलिए आपको समझदारी दिखानी जरूरी होती है.

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5. पार्टनर को समझना है जरूरी

कभी-कभी आपका पार्टनर बहुत उदास होता है उसे अकेलापन सा महसूस होता है ऐसे में अपना मन और दिल हल्का करने के लिए  वो आपको ही फोन करता है तो आप उसे कुझ बोलें नहीं,झगड़े नहीं कि आप तो फोन ही नहीं करते जब खुद मन हो तो करते हैं बल्कि आप उसे समझें, उसकी प्रॉब्लम को समझें. उसका साथ दें, उसके अकेलेपन को दूर करें.

ये सभी वो तरीके हैं जिससे आप आपने रिश्ते को मजबूत कर सकतीं हैं. इन सभी तरीकों को अपनी जिंदगी में अपना कर देंखें यकीन मानें एक अच्छा रिश्ता बनाने में मदद मिलेगी.

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