बिगड़ते रिश्ते का कारण कहीं आप तो नहीं

जब भी किसी रिश्ते में दरार पड़ने लगती है, हम में से ज्यादातर लोग अपने पार्टनर पर ही दोषारोपण करने लगते हैं. मगर ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती. बहुत कम रिश्ते ऐसे होते हैं जहां एक की ही पूरी तरह से गलती होती है. अगर आप के बीच भी कुछ गलत हो रहा है, तो अपने पार्टनर को दोष देने से पहले जरा सोच लें कि कहीं इस परेशानी की जिम्मेदार आप तो नहीं:

– क्या आप को लगता है कि आप का पार्टनर आप की उपेक्षा कर रहा है और ऐसा आप को पहली बार नहीं लग रहा है? आप को लग रहा है कि आप का एक्स भी ऐसा करता था या कोई और दोस्त भी ऐसा करता है? आप के करीबी लोगों के साथ आप को यही महसूस होता है तो यह समस्या आप की है.

इस पर गंभीरता से सोचें. यह भी हो सकता है कि पुरुष या स्त्री किसी को भी चुनने का आप का तरीका ही गलत हो.

– ‘‘मैं मूडी हूं,’’ यह कोई बहाना नहीं होता है. आप की यह बात दूसरा समझे, यह ठीक नहीं होगा. आप ही इस आदत पर स्वयं को सुधारें. यदि आप के गुस्से पर आप का कंट्रोल नहीं है, इस से आप के प्रियजनों को कष्ट हो रहा है तो इस समस्या को देखना आप की जिम्मेदारी है. थेरैपिस्ट के पास जाएं, आप की जगह आप के पार्टनर का यह स्वभाव होता तो आप भी यही आशा करतीं न?

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– आप को अपने पार्टनर पर बहुत गुस्सा आ रहा है, यह आप ने उन का फोन न उठा कर संकेत दिया है, पर कई बार वह सोच लेता है कि आप व्यस्त हैं या बात करने के मूड में नहीं हैं. वह आप के मन की बात नहीं जान सकता. आप के दिमाग में क्या चल रहा है, अंदाजा नहीं लगा सकता.

बिना कुछ कहे, बोले आप यह आशा न रखें कि वह जान लेगा कि आप कैसा महसूस कर रही हैं या क्या सोच रही हैं. कभी वह समझ सकता है कि आप का मूड खराब किस बात पर है, पर हमेशा नहीं. आप उस से बात करें, उसे बताएं कि आप के दिमाग में है क्या. संवाद बनाए रखें यह अच्छे रिश्ते की पहचान है. चुप रह कर अपने मन की बात न बता कर आप रिश्ते में कटुता ला सकती हैं.

– आप हमेशा यह आशा रखती हैं कि वही आप को फोन करेगा, कोई प्लान बनाएगा. यह शुरू में तो अच्छा लग सकता है, पर एक समय के बाद उसे यह लग सकता है कि आप को किसी बात की चिंता ही नहीं है. जो कुछ करना है उसे ही करना है. यह चीज कुछ समय बाद उसे बोझ लग सकती है.

– प्यार हो या काम, सकारात्मक बातों पर ही ध्यान देना सफलता का रहस्य है. शिकायत तो हमेशा ही किसी भी बात पर की जा सकती है. अपने पार्टनर की ऐसी कई बातें भी हो सकती हैं जो आप को पसंद न हों.

आप उन बातों पर ही फोकस करें जो आप को अच्छी लगती हैं और जिन बातों से रिश्ता मधुर बना रह सकता है. जो बातें पसंद नहीं हैं, उन को नजरअंदाज कर दें. उन का इशू न बनाएं.

– वह एक चीज जो पार्टनर के साथ रिश्ते को मजबूत बनाती है, वह है नए अनुभव साथ में शेयर करना. एकदूसरे की स्पेस का भी सम्मान करते हुए अपने पार्टनर के साथ नई चीजें शेयर करते हुए असुरक्षा या ईगो बीच में न आने दें वरना रिश्ते के आगे बढ़ने में बाधा हो सकती है.

– कोई भी समस्या हो तो समय के साथ ठीक होने का इंतजार न करें. जब तक समस्या का समाधान नहीं होता, वह ज्यों की त्यों बनी रहती है. वह अपनेआप खत्म नहीं होगी, बढ़ती जाएगी. कोई भी समस्या होने पर अपने पार्टनर के साथ खुली सोच रखते हुए बात करें. समाधान ढूंढ़ें, बैठ कर बात करने की आदत बनाएं.

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– कभी ऐसा हुआ है कि आप जानती हैं कि गलती आप की है, पर आप को माफी मांगने में शर्म आ रही है या संकोच हो रहा है? गलती हुई है तो पार्टनर से माफी मांगें, इस में कोई शर्म की बात नहीं. आप का अपनी गलती स्वीकार करना आप दोनों को और करीब ही लाएगा.

– आप प्लान बनाती हैं और अपने पार्टनर को इस में शामिल नहीं करतीं, उसे बताने की भी जरूरत नहीं समझतीं. अगर आप अपने पार्टनर से दोस्ती का रिश्ता नहीं रख रही हैं तब आप अभी भी सिंगल लाइफ जी रही हैं. आप अपना वजूद बनाए रखें पर एक रिश्ते का मतलब होता है अपनी लाइफ किसी के साथ शेयर करना.

आप अपनी पसंद की चीजें करना बंद न करें, पर यह अवश्य याद रखें कि आप के किस व्यवहार का पार्टनर पर क्या प्रभाव पड़ता है. अब आप सिंगल नहीं हैं.

– अगर अपने पार्टनर की कोई बात आप को दुखी करती है, तो उसे आवश्य बताएं. इस पर मिल कर सोचें. आप की खुशी महत्त्वपूर्ण है. आप को खुश रहने का हक है. यदि आप के बताने के बाद भी आप की परेशानी कम नहीं हो रही है, तो दोबारा इस रिश्ते पर गंभीरतापूर्वक सोचें.

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