Monsoon Special: बारिश के मौसम में हेल्दी रहने के लिए फौलो करें ये डाइट प्लान

मौनसून में रिमझिम बारिश की बूंदें मन को छू जाती है, लेकिन यह मौसम जितना सुहावना होता है, उतना ही बीमारियों को बढ़ाने वाला भी, क्योंकि इस मौसम में नमी होने के कारण हवा में कई बैक्टीरिया और वायरस उत्पन्न होते हैं, जो हमारे खानपान के जरीए हमारे शरीर में प्रवेश कर के हमें संक्रमित कर सकते हैं.

इसलिए इस समय खानेपीने की चीजों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है ताकि हम अपनी हैल्दी ईटिंग हैबिट्स से अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के साथसाथ खुद को बीमारियों से भी दूर रख पाएं.

इस संबंध में जानते हैं ‘डाइट पोडियम’ की फाउंडर ऐंड होलिस्टिक न्यूट्रिशनिस्ट डाइटीशियन शिखा महाजन से कि किन चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें और किन से दूरी बनाएं:

कप औफ सूप

चाहे बच्चे हों या बड़े, किसी को कोई सब्जी पसंद नहीं होती तो किसी को कोई. इस कारण भूख लगने पर कभी फास्ट फूड बनाया जाता है तो कभी बाहर का खाना मंगवाया जाता है, जबकि फास्ट फूड में कैलोरीज, सोडियम और अनहैल्दी फैट्स होते हैं और न्यूट्रिशन व फाइबर न के बराबर. हम एक टाइम में फास्ट फूड से उतनी कैलोरीज ले लेते हैं, जितनी हमें पूरे दिन में जरूरत होती है.

इसलिए जब भी पूरे दिन में फास्ट फूड खाने को मन करे तो आप वैजिटेबल सूप, किचन सूप से अपनी टमी को लंबे समय तक फुल रखें. इस से आप को जरूरी सब्जियां भी मिल जाएंगी और आप की इम्यूनिटी भी बूस्ट होगी, जो मौसमी बीमारियों से आप को बचाने का काम करेगी.

काम की बात

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन कप औफ बेटियन सूप- 50 कैलोरीज, लो कार्ब्स, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर.

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन कप औफ चिकन सूप- 50 ग्राम चिकन में 64-70 कैलोरीज,  6-7 प्रोटीन, 1 ग्राम फैट.

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन कप औफ कौर्न सूप- 1/2 कप कौर्न में 70-80 कैलोरीज.

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन कप औफ टोमैटो सूप 70-80 कैलोरीज.

गौर करें

बाहर के वैजिटेबल सूप में कैलोरीज  150-170 कैलोरीज.

क्या ध्यान रखें: इस बात का ध्यान रखें कि सूप होममेड ही हो, क्योंकि बाहर के सूप को टेस्टी और गाढ़ा बनाने के लिए, उस में सब्जियों की मात्रा कम व बटर व कौर्न फ्लोर भरभर कर डाला जाता है, जो ब्लड शुगर लैवल को बढ़ाने के साथसाथ दिल की सेहत को भी बिगाड़ने का काम करता है.

फाइबर के लिए साबूत अनाज

आप ने सुना ही होगा कि अगर अपनी डाइट में साबूत अनाज को शामिल करेंगे तो बीमारियां आप के पास तक नहीं फटकेंगी. असल में साबूत अनाज जैसे ओट्समील, केनोआ, पोहा, ब्राउन राइस, बाजरा, जवार, रागी इत्यादि में फाइबर बहुत ज्यादा मात्रा में होता है, जो लंबे समय तक पेट को फुल रखने के साथसाथ पाचनतंत्र को भी दुरुस्त बनाए रखने का काम करता है. साथ ही इस में प्रोबायोटिक भी होते हैं, जो आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने में मददगार होते हैं. इस से इम्यूनिटी भी मजबूत बनती है.

साथ ही यह खतरनाक बीमारियों जैसे डायबिटीज, कैंसर, ब्लड प्रैशर के खतरे को कई गुणा कम करने का काम करती है.

इसलिए आप अपनी डाइट में ओट्स, वैजिटेबल केनोआ, पोहा, साबूत अनाज से बनी रोटी, ब्राउन राइस मील, चने आदि को शामिल करें. ये आप की फिटनैस का भी ध्यान रखने का काम करेंगे, क्योंकि इन में फाइबर आप की भूख को शांत जो करेगा.

काम की बात

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन बाउल वैजिटेबल केनोआ- 250 कैलोरीज.

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन बाउल बौइल ब्राउन राइस- 200 कैलोरीज.

न्यूट्रिशन वैल्यू इन 2-3 रागी रोटी- 100 कैलोरीज पर रोटी.

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन बाउल मसाला ऐंड वैजिटेबल ओट्स- 150 कैलोरीज.

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन बाउल शुगर  ओट्स- 350 कैलोरीज. इस में फू्रट्स, शहद व दूध ऐड किया हुआ है.

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन बाउल व्हाइट  पोहा- 120 कैलोरीज. गौर करें

न्यूट्रिशन वैल्यू इन 2-3 बाइट रोटी में- 130 कैलोरीज पर रोटी.

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन बाउल व्हाइट राइस में- 250 कैलोरीज.

वैजिटेबल्स व दालें

सब्जियां जैसे लौकी, कद्दू, तुरई, टिंडा, करेला, बींस को अपने मील में जरूर शामिल करें, क्योंकि ये सब्जियां फाइबर, विटामिंस, मिनरलस व ऐंटीऔक्सीडैंट्स में रिच होती हैं. इन्हें आप अलगअलग तरीके से बना सकती हैं. जैसे कभी लौकी की सब्जी, तो कभी लौकी का कोफ्ता तो कभी टिंडे की भरवा आलू जैसी सब्जी. यहीं नहीं इन सब सब्जियों को बारीकबारीक काट कर इन का कटलेट या इन से उत्तपम भी बनाया जा सकता है.

ठीक इसी तरह प्रोटीन, विटामिंस व मिनरल्स से संबंधित शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक बाउल दाल व स्प्राउट्स रोजाना जरूर खाएं. इस के लिए जरूरी है कि एक दाल से चिपके न रहें बल्कि रोजाना बदलबदल कर दाल बनाएं.

इस से शरीर को प्रोटीन भी मिल जाएगा और दाल खाने से आप ऊबेंगे भी नहीं. जिन लोगों को डायबिटीज, पीसीओएस की शिकायत होती है, वे दालों से फाइबर की कमी को पूरा कर के इंसुलिन के लैवल को मैंटेन रख सकते हैं.

इन दिनों बालों व स्किन की चिंता भी बहुत अधिक सताती है. ऐसे में कुल्थ की दाल उन्हें अनेक फायदे पहुंचाने का काम करेगी, क्योंकि इस दाल में पौलीफिनोल्स नामक ऐंटीऔक्सीडैंट्स आप को हैल्दी रखते हैं.

साथ ही इस दाल के सेवन से यूरिन का फ्लो बढ़ता है, जो बौडी से टौक्सिंस को बाहर निकालने के साथसाथ किडनी स्टोन से भी नजात दिलाने का काम करता है. इस में आयरन, प्रोटीन, कैल्सियम होने के कारण यह बालों की हैल्थ व आप की अनियमित पीरियड्स की समस्या को भी दूर करने में मददगार होता है.

हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से बचें

वैसे तो हरी पत्तेदार सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन मौनसून के मौसम में इन्हें खाने से बचना चाहिए, क्योंकि एक तो मौसम में नमी और दूसरा पत्तेदार सब्जियों में प्राकृतिक नमी इसे कीटाणुओं के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती है और जब हम हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, पत्तागोभी, साग इत्यादि खाते हैं, तो उन के जरीए कीटाणु हमारे शरीर में प्रवेश कर के हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर बना कर हमें बीमार कर सकते हैं.

वहीं मशरूम भी नमी वाली जगह पर लगाई जाती है, इसलिए इस में बैक्टीरियल इन्फैक्शन होने का खतरा सब से अधिक रहता है. इसलिए मौनसून के मौसम में इन चीजों से दूरी बना कर रखें वरना इन से नजदीकी आप को बीमार बना सकती है.

ठंडी चीजों से परहेज रखें

अगर खानेपीने की चीजों का सही समय पर सेवन किया जाता है तो उस के शरीर को ढेरों फायदे मिलते हैं वरना वे शरीर को नुकसान पहुंचाने का ही काम करती हैं. जैसे दही, छाछ, जूस न सिर्फ शरीर की न्यूट्रिएंट संबंधित जरूरतों को पूरा करने का काम करते हैं, बल्कि इन से शरीर हाइड्रेट भी रहता है.

लेकिन अगर मौनसून के सीजन में इन चीजों का सेवन किया जाता है तो आप को जल्द ही सर्दी, खांसीजुकाम होने का डर बना रहता है, क्योंकि गरमी के बाद एकदम से तापमान में गिरावट आती है व फ्लू के चांसेज ज्यादा बढ़ जाते हैं.

साथ ही हमारा पाचनतंत्र भी मौनसून के मौसम में थोड़ा कमजोर हो जाता है, जिस से मौसमी बीमारी तुरंत हमें अपनी गिरफ्त में ले लेती हैं. इसलिए इस दौरान ठंडी चीजों से दूरी ही सही है. इस बात का भी ध्यान रखें कि कटे हुए फल न खाएं, क्योंकि हवा में संक्रमण होने के कारण बीमार होने की संभावना ज्यादा रहती है.

हर्बल टी है बैस्ट विकल्प

गरमी के बाद जैसे ही मौसम में थोड़ी ठंडक आती है, तो चाय पीने का मजा ही अलग होता है, क्योंकि एक तो यह शरीर को ठंडक पहुंचाने का काम करती है, दूसरा हर्बल टी में मौजूद ऐंटीऔक्सीडैंट्स प्रौपर्टीज आप के इम्यून सिस्टम को बूस्ट कर के आप को विभिन्न तरह के बैक्टीरिया इन्फैक्शन से बचा कर आप को कोल्ड और फ्लू से प्रोटैक्ट करने में मददगार होती है.

साथ ही शरीर से टौक्सिंस को भी फ्लश आउट करने में मददगार है और अगर आप को ग्रीन टी पीना पसंद नहीं है तो आप उस के टेस्ट को बढ़ाने के लिए उस में चीनी की जगह गुड़ या फिर शहद डाल सकते हैं, क्योंकि चीनी डालने से उस की कैलोरीज काफी बढ़ जाती है, जिस से बचना जरूरी है.

लैमन टी भी लो शुगर व लो कैलोरी वाली होने के साथसाथ विटामिंस व मिनरल्स से भरपूर होती है. इस में मौजूद ऐंटीऔक्सीडैंट्स आप की इम्यूनिटी को बूस्ट करने के साथसाथ आप को मौसमी बीमारियों से बचाए रखने का भी काम करते हैं.

काम की बात

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन कप ग्रीन टी- 5 कैलोरीज पर टी बैग, लेकिन अगर आप उस में शहद व गुड़ ऐड करते हैं तो उस में 70-80 कैलोरीज हो जाती हैं.

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन कप लैमन टी- 3-4 कैलोरीज.

डेयरी प्रोडक्ट्स से दोस्ती जरूरी

वैसे तो मौनसून के मौसम में डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन कम मात्रा में करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि पाचनतंत्र बहुत अधिक संवेदनशील हो जाता है और इन उत्पादों का बहुत अधिक सेवन करने से दस्त व पाचन संबंधित दिक्कतें हो सकती हैं. लेकिन यह भी सच है कि अगर आप ठंडे दूध के बजाय हलदी वाला दूध लें.

चीज को भी अपनी डाइट में शामिल करें तो यह आप की इम्यूनिटी को भी बूस्ट करेगा और जिन्हें जल्दी सर्दीखांसी हो जाती है, उन्हें भी इस से बचाए रखेगा, क्योंकि इस में ऐंटीवायरस, ऐंटीफंगल व ऐंटीबैक्टीरियल प्रौपर्टीज जो होती हैं.

काम की बात

न्यूट्रिशन वैल्यू इन वन कप हलदी मिल्क- 100-120 कैलोरीज.

Monsoon Special: कैसी हो आप की डाइट

मानसून हमें गर्मी से राहत तो दिलाता है लेकिन मानसून बारिश के साथ साथ बहुत सी बीमारियां व इंफैक्शन भी अपने साथ ले आता है.  बारिश में भीगना किसे पसंद नहीं होता? व बारिश में नहाने के बाद जो मजा चाट-पकौडे खाने में है वह् किसी और में कहां. पर क्या आप जानते हैं कि इस आनंद के साथ साथ इस सीज़न में  स्वास्थ्य से भी कुछ  रिस्क जुड़े हैं जिन के प्रति हमें सावधानियां बरतनी होंगी.

मानसून के महीने में  खांसी, जुखाम व बुखार होना बहुत आम बात है पर आप को यह बीमारियां भी आप की लापरवाहियों की वजह से ही होती हैं. मानसून के दौरान स्वस्थ रहने के लिए हमें अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना होगा. इस समय कुछ फूड ऐसे होते हैं जिन से हमारी इम्मयुनिटी बढती है. अतः हमें उन को अपनी डाइट में एड करना चाहिए तो कुछ फूड ऐसे भी हैं जिन की वजह से हम बीमार पड सकते हैं. आइए जानते हैं हमें कौन-कौन से फूड खाने चाहिए व कौन से अवाइड करने चाहिए.

1. बाहर का खाना न खाएं :

इस मौसम में हमें बाहर का खाना जैसे पानी पूरी, भेल पूरी आदि खाने का बडा मन होता है पर आप को अपने मन पर काबू रखना होगा. इन फूड्स में कुछ ऐसे बैक्टीरिया हो सकते हैं जिस से आप को इंफैक्शन हो सकता है. यदि आप चाहें तो घर पर स्ट्रीट स्टाइल खाना बना सकते हैं.

2. हरी सब्जियों को अपनी डाइट में एड करें :

हरी सब्जियों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में कौन नहीं जानता? आप को ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जी खानी चाहिए. इन में अनेक ऐसे पोषक तत्त्व होते हैं जो आप को फिट रखेंगे व इस से आप की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होगी जिससे आप बीमार नहीं पडेंगे.

3. सीज़नल फ्रूट व कडवी सब्जियां खाएं :

इस सीज़न के फल जैसे अनार, लीची, बेर आदि को अपनी डाइट में एड करना एक अच्छा आइडिया है. इन में मौजूद एंटी-आक्सीडैंट्स आप को बीमारी से बचाएंगे व जितनी भी कडवी सब्जियां होती हैं जैसे करेला व अन्य (नीम) में एंटी-आक्सीडैंट्स होते हैं जो आप को इंफैक्शन से बचाएंगे.

4. होम मेड आयुर्वेदिक रेसिपीज़ :

आप कुछ आयुर्वेदिक रेसीपिज़ घर में बना सकते हैं जैसे अदरक वाली चाय, लहसुन व दालचीनी ड्रिंक जो आप की इम्मयुनिटी बढाएगी व आप को इस मानसून स्वस्थ रखने में मदद करेगी.

5. कुछ घरेलू नुस्खे :

यदि आप को खांसी व जुखाम जैसी परेशानी है तो तुरंत राहत पाने के लिए आप कच्चे अदरक को खाएं. यदि आप का गला सुखता है या गले में दर्द है तो गर्म पानी के गरारे करें. बुखार को सही करने के लिए तुलसी,शहद व अदरक को पानी में उबाल कर पीएं. इस सीज़न में गेंहूं, चने की दाल व सब्जियां अधिक से अधिक खाएं.

6. मछली न खाएं :

यह सीज़न मछलियों का ब्रीडिंग सीज़न होता है. इसलिए आप को मछली खाने से पेट में इंफैक्शन हो सकता है. अतः इस सीज़न में मछली खाना अवाइड करें.

Monsoon Special: इन 7 टिप्स से बरसात में रहेंगे फिट एंड फाइन

चिलचिलाती गरमी से मौनसून की बौछारें राहत तो देती हैं पर बारिश के बाद वातावरण में बढ़ती उमस के कारण वायरल, बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण भी सक्रिय हो जाते हैं. इस दौरान डेंगू, मलेरिया आदि के मामले भी बढ़ जाते हैं. फिर उमस भरे मौसम में शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है.

तो क्या मौनसून का लुत्फ न उठाएं? नहीं, मौनसून का दिल खोल कर लुत्फ उठाने के लिए बस इन स्वास्थ्य संबंधी उपायों का पालन करें:

 1. मच्छरों से बचाव

वैसे तो डेंगू व मलेरिया के मामले गरमी के महीनों से ही दिखने लगते हैं, लेकिन जब मौनसून की बौछारें शुरू होती हैं तो ये बीमारियां चरम पर पहुंच जाती हैं. उमस बढ़ते ही कीड़ेमकोड़ों को पनपने का माकूल माहौल जो मिल जाता है. ठहरे हुए पानी में मच्छरों को प्रजनन करने की अच्छी जगह मिल जाती है और हवा में बढ़ती उमस उन्हें पनपने का अच्छा मौका मिल जाता है. इसीलिए मच्छरजनित बीमारियों का कहर मौनसून के मौसम में चरम पर होता है. अत: घर के आसपास ठहरे हुए पानी में मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव करें.

2. भरपूर पानी पीते रहें

अत्यधिक उमस का मतलब है कि बहुत ज्यादा पसीना निकलेगा. लिहाजा डीहाइड्रेशन होना पक्का है. पूरे वर्ष की तरह मौनसून के दौरान भी खुद को हाइड्रेटेड रखना जरूरी है. शुद्ध जल का पर्याप्त सेवन करें ताकि आप का शरीर और त्वचा हाइड्रेटेड बनी रहे. इस से आप के शरीर को संक्रमण से लड़ने की ताकत भी मिलती है और आप पानी की कमी होने से भी बचे रहते हैं. इस के अलावा भरपूर पानी पीने से शरीर के विषाक्त तत्त्व भी पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकलते रहते हैं.

3. बैक्टीरियल एवं फंगल संक्रमण से बचाव

मौनसून के मौसम में बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण बड़ी तेजी से फैलता है, क्योंकि इस मौसम का तापमान और नमी उन की वृद्धि के लिए अनुकूल हो जाती है. त्वचा के संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपनी त्वचा को ज्यादा समय तक भीगने से बचाएं. सीलन के कारण फंगल संक्रमण बढ़ता है. बैक्टीरियल और फंगल समस्याओं से बचे रहने के लिए ऐंटीबैक्टीरियल साबुन, क्रीम और पाउडर का इस्तेमाल करें, खासकर तब जब आप की त्वचा ज्यादा संवेदनशील हो.

आर्द्र मौसम में फंगल तेजी से फैलता है. त्वचा के मुड़ने वाले स्थानों पर लाल निशान पड़ जाते हैं. इस के अलावा तैलीय त्वचा में तेजी से दाने निकल आते हैं और खुजली भी होने लगती है. बहुत ज्यादा पसीना निकलने की स्थिति में यदि आप त्वचा को सुखा कर नहीं रखते और कपड़े नहीं बदलते हैं तो भी ऐसी समस्याएं बढ़ जाती हैं. ज्यादा देर तक पसीने वाले मोजे पहनने से भी समस्या बढ़ जाती है. इसलिए अपने पैरों और जांघों को सूखा और संक्रमण मुक्त रखें.

स्नान करने के बाद तौलिए से त्वचा और सिर को पोंछ कर सुखा लें. जब भी पैरों को धोएं, उन्हें तौलिए से अच्छी तरह पोंछ कर सुखा लें और उंगलियों के बीच के हिस्सों को भी सुखा लें. इस से आप संक्रमण से बचे रहेंगे. घर में प्रवेश करते ही पैरों को धो लें और संभव हो तो पानी में बेटाडीन की कुछ बूंदें मिला कर उस में पैरों को कुछ देर डुबोए रखें. जरूरत हो तो ऐंटीफंगल पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. पैरों में हवा की आवाजाही बनाए रखने के लिए खुले जूते या चप्पलें पहनें.

4. तैलीय और बाहर के भोजन से परहेज करें

मौनसून के मौसम में अपचता भी एक बड़ी समस्या होती है. जब उमस अधिक होती है तो शरीर में भोजन पचाने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है. फिर जब आप का पाचनतंत्र कमजोर रहता है तो गरिष्ठ भोजन आप के पेट को आसानी से बिगाड़ सकता है. लिहाजा आप अपने पेट को बिगड़ने न दें. इसे संक्रमण की चपेट में न आने दें. तैलीय भोजन भी त्वचा में संक्रमण और अन्य समस्याएं पैदा करने के लिए जिम्मेदार होता है. अत: इस दौरान हलका और आसानी से पचने वाला भोजन ही करें.

इस दौरान चूंकि संक्रमण चरम पर होता है, इसलिए बाहर के भोजन से परहेज करना ही बेहतर होगा. मौनसून के दौरान सड़क किनारे के ढाबों और रैस्टोरैंट में खाना खाने से दूर ही रहें. घर में बना भोजन ही करें. इस से संक्रमण की चपेट में आने की संभावना कम रहेगी, जो इस दौरान वातावरण में तेजी से फैल चुका होता है.

5. आंखों को भी रखें साफ

इस मौसम में आंखों का वायरल संक्रमण भी चिंता का कारण बनता है. हालांकि इस मौसम में संक्रमण से बचना मुश्किल होता है, लेकिन यह तय है कि आंखों की साफसफाई करते रहने से आप संक्रमण के खतरे को कम कर सकते हैं. घर में प्रवेश करते ही साबुन से हाथ धो कर आंखों को पानी से अच्छी तरह धोएं.

हर रात सोने से पहले आंखों में गुलाबजल की कुछ बूंदें डालें. पानी में सल्फर का टुकड़ा डाल कर भी रख सकते हैं. फिर उस पानी से आंखों को साफ कर सकते हैं.

6. प्रतिरक्षण प्रणाली मजबूत रखें

संक्रमण से लड़ने का सब से अच्छा तरीका अपने शरीर को अंदर से मजबूत बना कर रखना है और यह मजबूती सही खानपान से ही संभव हो सकती है. शरीर को चमकदार और अंदर से मजबूत बनाए रखने के लिए नियमित रसदार फल और हरी सब्जियां खाएं. सेब, नाशपाती और अनार जरूर खाएं. भोजन में लहसुन का इस्तेमाल करें. नियमित दही खाएं.

7. साफसफाई के नियमों का पालन करें

मौनसून के दौरान संक्रमण तेजी से फैलता है. इसलिए खुद को जितना साफसुथरा रखेंगे आप के संक्रमित होने की उतनी ही कम संभावना रहेगी. हम सार्वजनिक परिवहन में सफर करते हैं, सार्वजनिक स्थानों और सामुदायिक केंद्रों में जाते हैं जहां हर तरह के लोग होते हैं. इन में से कई लोग संक्रमण से ग्रस्त हो सकते हैं. अत: उन से संक्रमित न होने का सब से अच्छा उपाय यही है कि घर आते ही हाथों और चेहरे को अच्छी तरह धो लें. संभव हो तो स्नान ही कर लें तथा शरीर को अच्छी तरह सुखा लें.

– डा. रविंद्र गुप्ता, इंटरनल मैडिसिन कंसल्टैंट, कोलंबिया एशिया हौस्पिटल

 

Independence Day Special: बीमारियों से आज़ादी दिलवाने के लिए अपनाएं एक्सपर्ट के 5 टिप्स

इस वर्ष हमारा देश आज़ादी के 75 साल मना रहा है. इस सदी में आज़ादी का हर व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व है – चाहे वो पुरुष हो या महिला, बच्चा हो या बुज़ुर्ग. एक इंसान के लिए सबसे कीमती होता है उसका स्वास्थ्य.  यदि स्वास्थ्य सही हो तो यह इंसान सब कुछ हासिल कर सकता है.  तो आईये इस स्वतंत्रता  दिवस पर हम अपने शरीर को बीमारियों से आज़ाद रखने के लिए कुछ टिप्स जानते हैं:

 ये टिप्स बता रहीं हैं न्यूट्रीशनिस्ट, डायटीशियन और फिटनेस एक्सपर्ट मनीशा चोपड़ा.

टिप्स 1: मौसमी सब्जियां और फलों का सेवन करें

वैसे तो कई सब्जियां और फल पूरे साल मौजूद रहे हैं, लेकिन सिर्फ उन्हीं को खाना जरूरी है जो चल रहे मौसम के लिहाज से उपयुक्त हों. स्वस्थ और ताजा भोजन हासिल करने की कोशिश करें. आप इस मौसम के लिहाज से अनुकूल टमाटर, बेरी, आम, तरबूज, खरबूज, आलू बुखारा, अजवायन, नारंगी आदि जैसे फलों और सब्जियों पर ध्यान दे सकते हैं.

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टिप्स 2: पूरे दिन पर्याप्त पानी पीएं

पानी पीना और इस मानसून के सीजन में शरीर में नमी बनाए रखना बेहद जरूरी है. सुनिष्चित करें कि स्वयं को ताजगी महसूस कराने के प्रयास में हर दिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीएं. यदि संभव हो, तो कम ठंडा पानी पीएं, क्योंकि ज्यादा ठंडा पानी पीने से स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

टिप्स 3: नियमित रूप से व्यायाम करें

व्यायाम हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है.  एहूमे अनेक बीमारियों से बचाये रखता है इसलिए अपने शरीर को बीमारियों से आज़ाद करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत आवश्यक है.

टिप्स 4: कोल्ड ड्रिंक के बजाय ताजा फलों का जूस पीएं

बहुत से ऐसे लोग हैं जो ज्यादा प्यास का अनुभव महसूस करते हैं और अक्सर अपनी प्यास बुझाने के लिए कोल्ड ड्रिंक पीना पसंद करते हैं. लेकिन ऐसे ठंडे पेय आपके शरीर को फायदे के बजाय नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए, अपनी प्यास बुझाने के प्रयास में कोल्ड ड्रिंक के बजाय ताजा फलों के रस का इस्तेमाल करें. ये कोल्ड ड्रिंक के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद हैं और इनसे आपका स्वस्थ और फिट रह सकता है.

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टिप्स 5: स्वस्थ शरीर के लिए स्वच्छता बनाए रखें

जैसा कि आप जानते हैं, स्वस्थ शरीर के लिए स्वच्छता जरूरी है. यह सुनिष्चित करें कि क्या आप जो भोजन या पेय पदार्थ ले रहे हैं, वह स्वच्छ और ताजा है. आपका शरीर घर या रेस्तरां में गंदे बर्तनों की वजह से बैक्टीरियल इन्फेक्षन का शिकार हो सकता है. इसलिए हमेशा यह सुनिष्चित करें कि खाने से पहले और बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं. इसके अलावा, अपने चेहरे को समय समय पर धोते रहें.

मौनसून में ऐसे रखें डाइट का ख्याल

लेखक- अनु जायसवाल (फाउंडर डाइरैक्टर वैदिक सूत्र वैलनैस सैंटर)

मौनसून सीजन में अगर आप का खानपान सही है तो आप डिहाइड्रेशन, डायरिया, पसीना, थकान, भूख न लगना, उलटियां, हीट स्ट्रोक, फूड पौइजनिंग जैसी समस्याओं से दूर रहेंगी. इस मौसम में इन परेशानियों से बचने के लिए आप अपने डाइट चार्ट में निम्न चीजों को शामिल कर सकती हैं:

1. सलाद को करें डाइट में शामिल

टमाटर में विटामिन ए, विटामिन सी और लाइकोपीन होने से पोषक तत्त्वों का यह पावरहाउस फलों और सब्जियों दोनों में गिना जाता है. एक टमाटर में सिर्फ 35 से 40 कैलोरी होती है, लेकिन यह एक दिन में विटामिन सी की 40% और विटामिन ए की 20% जरूरत को पूरा कर सकता है.

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टमाटर के और भी कई फायदे हैं. लाइकोपीन जैसे ऐंटीऔक्सीडैंट के कारण यह कई तरह के कैंसर से लड़ने में सहायक होता है. शोध बताते हैं कि लाइकोपीन एलडीएल या बैड कोलैस्ट्रौल से बचाता है, जिस से हृदय रोगों की आशंका कम होती है.

खीरा सलाद के रूप में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इस में पोटैशियम होता है जो हाई ब्लड प्रैशर को कंट्रोल करने में मददगार होता है. अल्सर के इलाज में भी खीरे का सेवन राहत पहुंचाता है. पैपर या कालीमिर्च में भी बीटा कैरोटिन जैसा ऐंटीऔक्सीडैंट होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत  बनाता है और फ्री रैडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है. रोज एक बाउल टमाटर का सलाद जरूर खाएं. लेकिन कुछ बीमारियों जैसे पथरी में टमाटर का सेवन डाक्टर से पूछ कर ही करें.

2. लो कैलेरी फ्रूटस को मौनसून में करें ट्राई

इस मौसम में कई लो कैलोरी फ्रूट्स उपलब्ध होते हैं, जिन में फाइबर, कैल्सियम एवं अन्य महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्वों की पर्याप्त मात्रा होती है. ये शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखते हैं. इस मौसम में मौसमी फलों जैसे तरबूज, लीची, खीरा, खरबूजा, संतरा, अंगूर आदि का सेवन बहुत फायदेमंद रहता है. सोडियम, पोटैशियम और विटामिन बी से भरपूर तरबूज शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है. अत: इन सब मौसमी फलों को अपने डाइट चार्ट में शामिल करना न भूलें.

3. बौडी को रखें जूस से हाइड्रेटिड

चिपचिपी गरमी के मौसम में बौडी को पानी की ज्यादा जरूरत होती है, इसलिए पेयपदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए ताकि शरीर को पर्याप्त पानी मिले और आप को मिले उमस भरी दोपहरी में चुस्तीफुरती. अत: डाइट चार्ट में जूस को भी शामिल करें. नीबू पानी से बेहतर कोई जूस नहीं. संतरा, मौसमी जैसे फलों जूस भी ले सकती हैं. नारियल पानी में कई जरूरी मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को हाइड्रेट रखते हैं. यह पोटैशियम का अच्छा स्रोत है.

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4. मौसमी सब्जियों को करें डाइट में शामिल

डाइट में मौसमी सब्जियां जैसे लौकी, भिंडी, करेला, सीताफल, टमाटर, खीरा और मिर्च को जरूर शामिल करें. लौकी में कैलोरी कम, लेकिन फाइबर और पानी अधिक होता है. लो कैलोरी होने की वजह से इन सब्जियों को खाने से मोटापे का भी खतरा नहीं होता. करेले में कौपर, आयरन और पोटैशियम होता है. इसे खाने से शरीर की ब्लड शुगर और इंसुलिन का स्तर नियंत्रित रहता है. करेला शरीर में क्षारीय प्रभाव डालता है, जिस से शरीर से विषैले तत्त्व बाहर निकलते हैं. ऐसिडिटी और अपच की परेशानी में भिंडी बहुत फायदेमंद होती है. जिन्हें यूरिन से जुड़ी समस्याएं होती हैं उन के लिए भिंडी बहुत लाभकारी होती है.

सीताफल यानी कद्दू में आयरन, फास्फोरस, मैगनीशियम जैसे तत्त्व होते हैं. कच्चे सीताफल का रस शरीर से विषैले तत्त्वों को बाहर निकालता है. ऐसिडिटी दूर करने और वजन कम करने में भी यह बहुत फायदेमंद होता है.

Edited by- Rosy

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