कहीं ऑफिस पॉलिटिक्स बिगाड़ न दे मेंटल हेल्थ, बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स

रौनक बेहद खुश मिज़ाज़ पर्सनालिटी का व्यक्ति था। जो घर और ऑफिस दोनों में बेहतर सामंजस्य बनाए रखता। ऑफिस में बॉस खुश और घर में परिवार वाले. लेकिन पिछले कुछ दिनों से वो बेहद उखड़ा-उखड़ा ,चिड़चिड़ा रहने लगा जिसका कारण था ऑफिस पॉलिटिक्स का शिकार होना.  हर किसी के ऑफिस में अलग अलग मिज़ाज़ के लोग होते हैं.  कुछ एक दूसरे की सफलता को देख कर खुश होते हैं तो कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो जलन महसूस करते हैं जिस कारण वह दूसरों को नाकारा साबित करना ,गॉसिपिंग या खुद को सर्वश्रेष्ठ घोषित करने की आड़ में उसे नुकसान पहुंचाना चाहते हैं जिस कारण अच्छी परफॉरमेंस वाला व्यक्ति भी तनाव में रहने लगता है. ऐसे में जरूरी हैं कि आपको इस परेशानी से बाहर निकलने के गुर आते हों. यहां हम ऐसे टिप्स साझा कर रहे हैं जो आपके लिए मददगार साबित होंगे.

खुद पर भरोसा रखें –

किसी भी परिस्थिति में खुद पर विश्वास न खोएं। कही सुनी बातों को सुनने की जगह अपने काम पर पहले से ज्यादा ध्यान लगाएं. हर टास्क समय पर पूरा करें.

नकरात्मकता से बचें –

ऐसे व्यक्ति बहुत खतरनाक सिद्ध होते हैं जो एक दूसरे की पीठ पीछे बुराई करते हैं. ऐसी नकरात्मक सोच रखने वाले व्यक्तियों से दुरी बनाएं. क्योंकि यही वो लोग होते हैं जो ऑफिस पॉलिटिक्स में महारत रखते हैं. इनकी गॉसिप में खुद शामिल होने से बचें.

सही जानकारी हासिल करें –

पूरानी कहावत हैं कि हमें आँखों देखी बातों पर विश्वास करना चाहिए न की दुसरो की बातों में आना चाहिए. जब तक आपके पास सही जानकारी न हो तब तक कोई रियेक्ट न करें.

बॉस से करें चर्चा –

यदि आप सही हैं और बात बहुत बढ़ गयी हैं तो अपने बॉस से उस विषय पर चर्चा अवश्य करें क्योंकि कई बार ऐसी परिस्थितियों में ऑफिस का माहोल भी बिगाड़ जाता है

प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में अंतर –

प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को एक दूसरे पर हावी न होने दे. कोशिश करें कि ऑफिस में हर किसी के साथ अपनी पर्सनल लाइफ का ज़िक्र न करें. साथ ही घर में आते ही ऑफिस के कामों से दुरी बनाएं और अपने परिवार के साथ वक़्त बिताएं।लेकिन यदि आप ऑफिस की किसी बात से परेशान है तो किसी ऐसे व्यक्ति से बात करें जो भरोसेमंद भी हो और आपकी बात को समझ सके.

औफिस की मुश्किल सिचुएशन

औफिस में कई बार कठिन परिस्थितियां आती हैं क्योंकि यहां आप को कैरियर के साथसाथ कलीग्स और बौस का भी खयाल रखना पड़ता है. इन मुश्किलों से निबटने के लिए काफी सावधानी और संयम बरतने की जरूरत पड़ती है. जानिए ऐसी ही कुछ मुश्किल सिचुएशंस और उन के समाधान के बारे में.

1. आप का पूर्व बौस आप का जूनियर बन जाए

आप जिस कंपनी में काम करते थे, वहां के बौस का आप बड़ा सम्मान करते थे. अचानक एक दिन आप को पता लगता है कि वही बौस आप की मौजूदा कंपनी में काम करने लगा है और अब वह आप को रिपोर्ट करेगा यानी अब वह आप का जूनियर है. ऐसी स्थिति में आप को सिचुएशन को बहुत ही आराम से हैंडिल करना होगा. इस बात का खयाल रखें कि पूर्व बौस को इंडस्ट्री में आप से ज्यादा अनुभव है और मौजूदा स्थिति में उसे कंफर्टेबल होना चाहिए. आप को उस से सलाह लेनी चाहिए. अगर आप अपने पूर्व बौस के साथ काम करने में सहज नहीं हैं तो आप प्रबंधन की मंजूरी से एक अलग टीम के साथ काम कर सकते हैं. अगर आप को मौजूदा स्थिति में ही काम करना है तो पूर्व बौस से काम की चुनौतियों को ले कर चर्चा करें. आप अब भी अपने पर्सनल स्पेस में पूर्व बौस का सम्मान करते रहें. अपने नियोक्ता को इस बारे में बता दें कि वह शख्स आप का बौस रह चुका है. अगर आप खुद ऐसे व्यक्ति को रिपोर्ट कर रहे हैं, जो पहले आप के जूनियर के तौर पर काम कर चुका है तो प्रोफैशनल की तरह व्यवहार करें.

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2. आप के बारे में गौसिप का माहौल

कई बार आप को पता चलता है कि औफिस में आप को ले कर काफी नैगेटिव बातें हो रही हैं जिन्हें सुन कर आप का मन दुखी भी हो जाता है और आप का औफिस जाने का भी मन नहीं करता. ऐसी स्थिति में आप को धैर्य से काम लेना होगा. अगर आप सब से उलझेंगे तो आप के रिश्ते सब के साथ और भी बिगड़ जाएंगे. वक्त के साथसाथ ऐसी बातों पर से लोग खुद ही अपना ध्यान हटा लेते हैं. वहीं, अगर आप को अफवाहें फैलाने वाले का पता चल जाए तो अलग से उस से बात जरूर करें और प्रेमपूर्वक मामला सुलझा लें.

3. आप का दोस्त काम में दक्ष नहीं है

औफिस में अगर आप को प्रमोशन दे कर टीम लीडर बनाया गया हो और आप के बैस्ट फ्रैंड को इग्नोर किया गया हो क्योंकि वह अपने काम में दक्ष नहीं है, यह भी हो सकता है कि नियोक्ता आप को यह जिम्मेदारी सौंप दें कि आप उस की परर्फौमैंस सुधारने के लिए काउंसलिंग करें, अगर वह खुद को इंप्रूव नहीं कर पाया तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा. ऐसी स्थिति में अपने दोस्त से किसी रैस्टोरैंट वगैरह में मिलें. उसे बताएं कि आप को क्या जिम्मेदारी दी गई है और आप उसे दोस्त के रूप में पहली प्राथमिकता देते हैं, लेकिन फिर भी आप को बौस की बात को फौलो करना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में वह आप की स्थिति को जरूर समझेगा और इस से आप दोनों का रिलेशन भी खराब नहीं होगा.

4. बौस के साथ सार्वजनिक झगड़ा

कभीकभी जब बौस बुरी तरह चिल्लाने लगता है तो अधीनस्थ कर्मचारी भी धैर्य खो देता है और वह भी पलट कर ऊंचे स्वर में जवाब देने लगता है. इस से मामला बिगड़ जाता है. कभी ऐसा हो जाए तो उस वक्त तुरंत अपनी जगह पर जा कर बैठ जाएं. लेकिन कुछ समय बाद सब के सामने बौस से गंभीरतापूर्वक क्षमा मांग लें. उन्हें बेहद सधी हुई भाषा में बता दें कि उन के जोर से बोलने के कारण आप ने अपना संयम खो दिया था, जो आप को नहीं खोना चाहिए था. इस से बौस को अपनी गलती समझ में आ जाएगी और आप के द्वारा सब के सामने माफी मांगने से उन के सम्मान को लगी ठेस भी दूर हो जाएगी. आप के और बौस के रिश्ते फिर से पहले जैसे हो जाएंगे.

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5. सहकर्मी जीवनसाथी को प्रमोशन मिल गया

अगर आप का पति/पत्नी आप की कंपनी में ही काम करता है और उसे प्रमोशन मिलता है तो आप को खुशी के साथसाथ ईर्ष्या भी होगी. खुद को थोड़ा समय दें और पता करें कि क्या आप इस स्थिति को उस कलीग के रूप में ले सकते हैं, जिसे प्रमोशन मिला है और आप को नहीं. इस बात को पहचानें कि आप की पहली प्राथमिकता निजी संबंध होने चाहिए. अगर आप को लगता है कि इस घटना का सामाजिक और निजी प्रभाव बहुत ज्यादा चुनौतीपूर्ण है तो आप कंपनी बदल सकते हैं. अगर आप को लगता है कि आप अपने इमोशंस पर कंट्रोल कर सकते हैं तो वहीं काम करते रहें. आप चाहें तो अपनी फीलिंग्स को अपने जीवनसाथी के साथ भी शेयर कर सकते हैं और पता कर सकते हैं कि वह इस के बारे में क्या सोचता है. अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जिसे प्रमोशन मिला है और जीवनसाथी उसी कंपनी में काम करता है तो पहले अपने निजी जीवन पर फोकस करना चाहिए और पार्टनर के प्रति संवेदनशील बनना चाहिए.

6. दो बौस के बीच जिन की न बनती हो

एकदूसरे को पसंद न करने वाले दो सीनियर्स के बीच में फंस जाना वाकई खतरनाक स्थिति है. ऐसी स्थिति में हर बौस आप से दूसरे बौस के बारे में जानकारी जुटाने में लगा रहेगा. इस से आप का समय बरबाद होगा और आप अपना काम पूरा नहीं कर पाएंगे. वैसे इस अनुभव से आप को पता लग जाएगा कि अलगअलग स्वभाव के 2 बौस को एकसाथ किस तरह से साधना है. आप को दोनों की निगाहों में अच्छा बने रहना होगा. किसी भी बौस की बुराई करने के बजाय हां में हां मिलाना अच्छा रहेगा. कोशिश करें कि किसी भी नैगेटिव चर्चा का हिस्सा बनने से बचें. कुछ समय बाद आप के बौस आप की इस आदत से काफी खुश होंगे कि आप पीठपीछे किसी की भी बातें नहीं करते.

7. नौकरी छोड़ना चाहते हैं

अगर आप जौब छोड़ना चाहते हैं तो किसी से चर्चा न करें. अगर कोई ऐसा कलीग है जिसे आप बचपन से जानते हैं और उस के साथ हर बार जौब स्विच की है तो उस से बातें शेयर कर सकते हैं. इस के अलावा किसी से बात शेयर करना खतरनाक हो सकता है.

8. शिकायत करना चाहते हैं

किसी की भी शिकायत करने से पहले फैक्ट्स जांच लें. ईमेल या किसी विश्वसनीय गवाह की मदद लें. अगर आप किसी जांचपड़ताल के बिना ही शिकायत करेंगे तो नुकसान आप को ही होगा.

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9. किसी से लड़ना चाहते हैं

औफिस के किसी सहकर्मी के साथ अनबन हो गई है और आप उसे मजा चखाना चाहते हैं. ऐसे में विचार करें कि क्या आप उस के साथ लड़ाई में जीत सकते हैं या नहीं. अगर नहीं जीत सकते तो रहने दें. ऐसा न हो कि खुद ही लड़ाई से परेशान हो कर रह जाएं.

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