पीरियड्स की मुश्किलों से कैसे निबटें

कुछ लड़कियां पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स का सामना करती हैं तो कुछ लड़कियों को कोई खास बदलाव महसूस नहीं होता है. ऐसे ही कुछ लड़कियां डिप्रैशन और इमोशनल आउटबर्स्ट का शिकार होती हैं. इसे कहते हैं प्रीमैंस्ट्रुअल सिंड्रोम और 90 प्रतिशत लड़कियां वर्तमान में इसे महसूस कर रही हैं.

पीरियड के दौरान अनेक परेशानियां भी आती हैं. महीने में 2 बार पीरियड्स क्यों हो रहे हैं? मसलन, फ्लो इतना ज्यादा या इतना कम क्यों है ? पीरियड्स और लड़कियों के समान क्यों नहीं हैं? अनियमित पीरियड्स क्यों हैं? ये सब प्रश्न अकसर हमारे दिमाग में घर कर लेते हैं.

हमें यह समझने की जरूरत है कि ये सब परेशानियां असामान्य नहीं हैं. हर महिला का मासिकधर्म और रक्तस्राव का स्तर अलगअलग है.

असामान्य माहवारी

पिछले कुछ मासिक चक्रों की तुलना में रक्तस्राव असामान्य होना, पीरियड्स देर से आना, कम से कम रक्तस्राव से ले कर भारी मात्रा में खून बहना आदि असामान्य पीरियड माने जाते हैं. यह कोई बीमारी नहीं है. इसे अलगअलग हर लड़की में देखा जाता है. इस में अचानक मरोड़ उठने लगती है और बदनदर्द होने लगता है. अनियमित और असामान्य पीरियड को एनोबुलेशन से भी जोड़ा जा सकता है. आमतौर पर इस कारण हार्मोंस में असंतुलन हो सकता है.

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प्रीमैंस्ट्रुअल सिंड्रोम हर साल भारत की एक करोड़ से भी ज्यादा लड़कियों में देखा जाता है. यह एक ऐसी समस्या है जो लड़कियों को हर महीने पीरियड से कुछ दिनों पहले प्रभावित करती है. इस दौरान लड़कियां शारीरिक और भावनात्मक रूप से खुद को कमजोर महसूस करती हैं.

मुंहासे, सूजन, थकान, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स इस के कुछ सामान्य लक्षण हैं. सटीक लक्षण और उन की तीव्रता लड़की से लड़की और चक्र से चक्र पर निर्भर करती है.

हार्मोंस में परिवर्तन इस सिंड्रोम का एक महत्त्वपूर्ण कारण है. विटामिन की कमी, शरीर में उच्च सोडियम का स्तर, कैफीन और शराब का अधिक सेवन पीएमएस का कारण बन सकते हैं. पीएमएस 20 से 40 वर्ष की महिलाओं में देखा जा सकता है.

इलाज है जरूरी

माहवारी में आने वाले अनियमित पीरियड्स या पीएमएस जैसी परेशानियों का इलाज बहुत ही सरल है. ऐक्सरसाइज हमेशा से ही पीरियड्स की परेशानी का हल रही है. एक स्त्रोत के अनुसार हफ्ते में 5 दिन 35 से 40 मिनट ऐक्सरसाइज करने से उन हार्मोंस की मात्रा कम हो जाती है जिन के कारण अनियमित माहवारी हो सकती है.

यदि किसी लड़की को पीरियड्स के दौरान बहुत दर्द हो, भारी रक्तस्राव हो, 7 दिनों? से ज्यादा पीरियड के बीच उल्टियां हों तो अच्छा यही होगा कि तुरंत उसे डाक्टर के पास ले कर जाएं.

क्या खाएं क्या नहीं

–  दोपहर के भोजन में मिक्स दाल, सलाद, पनीर और उबले अंडे शामिल करें. इन के सेवन से शरीर में प्रोटीन की जरूरत पूरी होगी.

–  काले चने, राजमा और फलियां न खाएं तो बेहतर होगा. इन के सेवन से पेट दर्द या मरोड़ की शिकायत हो सकती है जो माहवारी के दर्द को और मुश्किल बना सकती है.

–  इस दौरान खून में शुगर की मात्रा को भी नियंत्रित रख जरूरी है, इसलिए मीठी चीजों का सेवन कम करें.

–  विटामिन बी6 और आयरन की कमी को पूरा करने के लिए ब्रोकली, टमाटर, मक्का इत्यादि खा सकती हैं. साथ ही विटामिन सी ने भरपूर चीजें जैसे नीबू, संतरा इत्यादि भी लें.

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–  माहवारी के दर्द से मैगनिशियम और पोटैशियम युक्त चीजें नजात दिलाने में सहायक हैं. इस के लिए केला, सोया पनीर यानी टोफू और सेम इत्यादि का सेवन कर सकती हैं.

पीरियड्स के दौरान इन बातों का भी रखें ख्याल

बिजी लाइफस्टाइल में बहुत जरूरी है कि आप पीरियड्स के दौरान अपनी स्वच्छता का पूरा ख्याल रखें क्यों कि अगर ऐसा नहीं किया तो बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसीलिए आज हम आपको बताएंगे की कैसे पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई बनाए रखें और बीमारियों से भी बचे रहें…

1. ब्लीडिंग के दौरान रखें साफ-सफाई

पीरियड्स के दौरान शरीर से ब्लीडिंग होने पर विशेष रूप से अपने प्राइवेट पार्ट्स को साफ रखना महत्वपूर्ण है. इस हिस्से की सफाई के लिए गर्म पानी और इंटिमेट या वैजाइनल वाश का उपयोग करें.

2. कभी भी एक साथ दो पैड का इस्तेमाल न करें

कुछ महिलाएं ज्यादा फ्लो के समय सावधानी वश 2 सेनेटरी पैड का उपयोग करती हैं. यह उचित नहीं क्यों कि यह योनि क्षेत्र में संक्रमण का कारण बन सकता है. इसीलिए एक ही पैड का इस्तेमाल करें और यदि फ्लो अधिक हो तो इसे बदलते रहें.

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3. आरामदायक, साफ अंडरवियर पहनें

अपने सैनिटरी पैड को बदलते समय आवश्यक है इन दिनों कुछ आरामदायक अंडरवियर पहने. केवल कौटन या कपड़े से बने अंडरवियर जो आप की स्किन को सांस लेने की अनुमति देते हैं. सिंथेटिक और टाइट अंडरवियर भी संक्रमण को आमंत्रित करते है.

हमेशा प्राइवेट पार्ट्स को आगे से पीछे की तरफ धोएं या पोंछें. यह महत्वपूर्ण है क्यों कि विपरीत दिशा में सफाई, बैक्टीरिया का रास्ता बना सकती है जिस से संक्रमण हो सकता है.

4. अक्सर उत्पादों को बदले

एक सैनिटरी उत्पाद आप के शरीर के संपर्क में जितना लंबा होगा, संक्रमण का खतरा उतना ही अधिक होगा. बहुत लंबे समय तक रहने पर पैड रशेस पैदा कर सकते हैं और संक्रमण भी पैदा कर सकते हैं. आम तौर पर एक पैड का उपयोग 6 घंटे तक किया जा सकता है. टैम्पोन को भी हर 2 से 3 घंटे में बदलने की आवश्यकता होती है.

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पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई न करना हो सकता है खतरनाक

महिलाओं और लड़कियों के लिए प्रत्येक महीने 4 -5 दिन काफी थकावट वाला और दर्द भरा होता है. यह वक्त है जब उन्हें पीरियड्स के दर्द से जूझना पड़ता है. लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि तकलीफ की वजह से आप उन दिनों खुद की देखभाल करना छोड़ दें. बल्कि उन दिनों आप के प्राइवेट पार्ट्स को ज़्यादा देखभाल की जरुरत होती है. आइये जानते हैं इंटरनेशनल फर्टिलिटी सेंटर की डॉ. रीता बक्शी से कि पीरियड्स के दिनों में साफ-सफाई क्यों जरुरी है और कैसे रखी जा सकती है-

1. यूरिन इन्फेक्शन्स

पीरियड्स के दौरान खुद को साफ न रखना बहुत सारे बैक्टीरियाज को आमंत्रित करता है जो आगे चल कर यूरिन इन्फेक्शन्स की वजह बन सकते हैं. इस से पेट के निचले हिस्से में दर्द के साथ किडनी भी प्रभावित हो सकती है.

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2. रैशज

यह एक बहुत ही आम समस्या है और लगभग हर दूसरी महिला ने कभी न कभी इस का अनुभव किया है. पीरियड्स के दौरान होने वाले रैशेज का मुख्य कारण सैनिटरी नैपकिन को बारबार बदलना नहीं है. आधुनिक समय के नैपकिन बनाने में कंपनियां अच्छी मात्रा में प्लास्टिक और अन्य सामग्री का उपयोग करते हैं जो आप की स्किन के लिए अनुकूल नहीं है. इस के अलावा 4-6 घंटे से अधिक के लिए एक नैपकिन का उपयोग करने से रक्त उस के आसपास के संक्रमण का कारण बन सकता है जिस से स्किन पर चकत्ते और जलन होती है.

3. सफेद डिस्चार्ज

प्राइवेट पार्ट्स से व्हाइट डिस्चार्ज हर बार अस्वस्थ परिस्थितियों की ओर इशारा नहीं करता है. लेकिन पीरियड्स के दौरान अस्वच्छता आप की योनि में बैक्टीरिया का कारण बन सकती है और परिणामस्वरूप सफेद डिस्चार्ज हो सकता है. इस लिए ज़रूरी है कि इस हिस्से को पीरियड्स के दौरान साफ़ और स्वच्छ रखें.

4. बांझपन की संभावना

पीरियड्स के दौरान अशुद्ध कपड़ों का उपयोग करना या लंबे समय तक एक ही सैनिटरी नैपकिन या टैम्पोन का उपयोग करना बैक्टीरिया के विकास को सुविधाजनक बना सकता है. ये बैक्टीरिया बांझपन की संभावना बढ़ा सकते हैं.

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5. सरवाइकल कैंसर की संभावना

पीरियड्स के दौरान अस्वच्छता की वजह से कैंसर के विकास की संभावनाएं पैदा हो जाती हैं. महिलाओं के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे अपने पीरियड्स के दौरान न केवल खुद को साफ रखें बल्कि नियमित रूप से अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई कर के हमेशा स्वच्छता बनाए रखें.

पीरियड्स के दिनों में रखें सफाई का खास ख्याल

हम जानते हैं कि हर लड़की और महिला के जीवन में प्रत्येक महीने करीब 4 -5 दिन का समय काफी कठिन और थकावट वाला होता है. यह वो समय है जब आप पीरियड्स से जूझ रही होती हैं, लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि आप उन दिनों के दौरान खुद की देखभाल करना छोड़ दें , बल्कि उन दिनों में आप का शरीर आप से ज्यादा देखभाल और साफ-सफाई मांगता है. पीरियड्स के दौरान सफाई का ख्याल जरूर रखें वर्ण बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

  1. यूरिन इन्फेक्शन का रहता है खतरा

मासिक धर्म के दौरान खुद को साफ न रखना बहुत सारे बैक्टीरिया को आमंत्रित करता है. वे न केवल आप को बाहरी रूप से प्रभावित करते हैं बल्कि यूरिन इन्फेक्शन्स भी पैदा कर सकते हैं. इस से न सिर्फ आप के पेट के निचले हिस्से के लिए  दर्दनाक है बल्कि आप की किडनी को भी प्रभावित करता है.

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  1. रैशेज है नौर्मल प्रौब्लम

यह एक बहुत ही आम प्रौब्लम है और लगभग हर दूसरी महिला कभी न कभी इस का अनुभव करती है. आपके पीरियड्स के दौरान होने वाले रैशेज का मुख्य कारण सैनिटरी नैपकिन को बारबार न बदलना है. 4-6 घंटे से अधिक समय तक एक ही नैपकिन का उपयोग करने से रक्त उस के आसपास के इंफेक्शन का कारण बन सकता है जिस से स्किन पर चकत्ते और जलन होती है.

  1. सफेद डिस्चार्ज की प्रौब्लम से बचें

मासिक धर्म के दौरान अस्वच्छता आप की योनि में बैक्टीरिया पनपने का कारण बनती है और बाद में इस से सफेद डिस्चार्ज की प्रौब्लम पैदा होती है. जरूरी है कि योनि को पीरियड्स के दौरान साफ रखें.

  1. बांझपन की होती है संभावना

मासिक धर्म के दौरान गंदे कपड़ों का उपयोग करना या लंबे समय तक एक ही सैनिटरी नैपकिन या टैम्पोन का उपयोग करना बैक्टीरिया पनपने का रास्ता खोलता है. ये बैक्टीरिया अंडाशय तक पहुंच सकते हैं जिससे बांझपन की संभावना बढ़ जाती है.

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  1. सरवाइकल कैंसर का खतरा

पीरियड्स के दौरान अस्वच्छता की वजह से कैंसर के विकास की पर्याप्त संभावनाएं हैं. महिलाओं के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे अपने पीरियड्स के दौरान न केवल खुद को साफ रखें बल्कि नियमित रूप से अपने प्राइवेट पार्ट की सफाई कर के स्वच्छता बनाए रखें.

कैसे रखें सफाई

अपने योनि क्षेत्र को साफ रखें. गर्म पानी और इंटिमेट या वैजाइनल वौश का उपयोग कर इसे समय-समय पर साफ करती रहे.

कभी भी एक साथ दो पैड का इस्तेमाल न करें. कुछ महिलाएं हैवी पीरियड्स के समय एक बार में दो सेनेटरी पैड का उपयोग करती हैं. इस से योनि क्षेत्र में इंफेक्शन हो सकता है.

आरामदायक, साफ अंडरवियर पहनें. केवल कौटन या कपड़े से बने अंडरवियर जो आप की स्किन को सांस लेने की अनुमति देते हैं उन्हीं को पहने. सिंथेटिक और टाइट अंडरवियर भी इंफेक्शन को आमंत्रित करते है.

इंटरनेशनल फर्टिलिटी सेंटर की डौ. रीता बक्शी से बातचीत पर आधारित.

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