Winter Special: सर्दियों में बनाएं ये 4 वन ड्राप आयल अचार

सर्दियों के मौसम में बाजार में सब्जियों की बहार होती है. इसीलिए इस मौसम में अचारों की भी बहार होती है. अचार जहां एक ओर भोजन को विविधता प्रदान करते हैं, वहीं दूसरी ओर भोजन के स्वाद को भी बढ़ाने के साथ साथ हमें पौष्टिकता भी प्रदान करते हैं. कुछ लोग अचार खाने से परहेज करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि अचार में बहुत तेल मसालों का प्रयोग किया जाता है परन्तु आज हम आपको ऐसे कुछ अचार के बारे में बता रहे हैं जिन्हें बनाने में केवल 1 टीस्पून तेल और बहुत कम मसालों का प्रयोग किया गया है, ये बनते भी बहुत जल्दी हैं और खाने में भी बहुत स्वादिष्ट लगते हैं,  पर हां ये अचार ताजे ही खाने में अच्छे लगते हैं और इन्हें आप कम मात्रा में रखकर 10 से 15 दिन तक आराम से प्रयोग कर सकतीं हैं. तो आइये देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाया जाता है-

-मूली का अचार

कितने लोगों के लिए          8

बनने में लगने वाला समय    20 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री

ताजी मूली                         4

राई की दाल                      1/2 टीस्पून

हल्दी पाउडर                      1/4 टीस्पून

चिली फ्लैक्स                      1/2 टीस्पून

नमक                               1/2 टीस्पून

नीबू का रस                         1 टीस्पून

सरसों का तेल                    1 टीस्पून

विधि

मूली को छीलकर पतले गोल टुकड़ों में काट लें. तेल को गर्म करके गैस बंद कर दें. अब इसमें राई और हल्दी डालकर मूली के टुकड़े डालकर  चलाएं. चिली फ्लैक्स, नीबू का रस और नमक डालकर अच्छी तरह चलाएं और 2-3 दिन बाद प्रयोग करें.

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-मिक्स वेज अचार

कितने लोगों के लिए          8

बनने में लगने वाला समय     20 मिनट

मील टाइप                       वेज

सामग्री

गाजर                          4

गोभी                            1 कप

हरी मिर्च                        6

अदरक                          1 मध्यम गांठ

नीबू                               4

राई की दाल                   1 टीस्पून

हल्दी पाउडर                  1/2 टीस्पून

नमक                           1 टीस्पून

हींग                              चुटकी भर

सरसों का तेल                1 टीस्पून

विधि

गाजर को छीलकर 1 इंच के लंबे और पतले टुकड़ों में काट लें. गोभी को भी छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें. 1 नीबू, अदरक और हरी मिर्च को भी लम्बाई में छोटे टुकड़ों में काट लें. शेष 3 नीबू का रस निकाल कर अलग रख लें. अब एक पैन में तेल गरम करके हींग, राई की दाल, हल्दी पाउडर डालकर सभी सब्जियां व नमक डालकर फुल फ्लेम पर 2 से 3 मिनट तक अच्छी तरह चलाते हुए पकाकर गैस बंद कर दें. ठंडा होने पर नीबू का रस मिलाकर एयरटाइट जार में भरकर तुरन्त ही प्रयोग करें.

-अदरक, कच्ची हल्दी का अचार

कितने लोगों के लिए            8

बनने में लगने वाला समय     20 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री

मोटा किसा अदरक               1/2 कप

मोटी किसी कच्ची हल्दी         1/2 कप

बारीक कटी हरी मिर्च             6

नीबू का रस                          1/2 कप

राई की दाल                        1 टीस्पून

काला नमक                        1/2 टीस्पून

काली मिर्च दरदरी कुटी         1/4 टीस्पून

विधि

एक बाउल में समस्त सामग्री को एक साथ अच्छी तरह मिक्स करके कांच के जार में भरकर 3-4 दिन तक धूप में रखकर प्रयोग करें.

-पिंड खजूर का अचार

कितने लोगों के लिए                8

बनने में लगने वाला समय        20 मिनट

मील टाइप                            वेज

सामग्री

बीज निकले ख़जूर                2 कप

नीबू का रस                         1/2 कप

काली मिर्च पाउडर               1/4 टीस्पून

काला नमक                        1/2 टीस्पून

सोंठ पाउडर                        1/4 टीस्पून

भुना जीरा पाउडर                1/4 टीस्पून

घी                                     1/4 टीस्पून

विधि

खजूर को धोकर साफ सूती कपड़े से अच्छी तरह पोंछ लें. अब इन्हें छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें. गर्म घी में कटे खजूर को तेज आंच पर 2 मिनट तक चलाते हुए भूनें ताकि इनकी नमी समाप्त हो जाये. जब ये ठंडे हो जाएं तो एक बाउल में डालकर समस्त सामग्री को अच्छी तरह मिलाएं. कांच के जार में भरकर रखें. आप इसे तुरंत ही प्रयोग कर सकतीं हैं.

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जीभ के स्वाद के लिए खुद को बीमार ना करें, हानिकारक है अचार

शहर हो या गांव, अमीर हो या गरीब, सबके खाने का स्वाद बढ़ाने की जिम्मेदारी अचार पर होती है. अचार के बिना जैसे खाना ही अधूरा है. खाने का अहम तत्व है अचार. एक ओर जहां अचार खाने का स्वाद बढ़ाता है वहीं दूसरी ओर इससे कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं. चूंकि इसमें अत्यधिक मात्रे में तेल नमक और मसाले होते हैं, ये स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है.

जानकारों का मानना है कि  जो लोग बहुत ज्यादा अचार खाते हैं उन्हें दिल की बीमारी, सुगर, अल्सर, आंतों की बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है. इस खबर में हम आपको बताएंगे कि अचार के अत्यधिक प्रयोग से किस तरह की शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं.

हो सकती है आंतों में सूजन

ज्यादा मात्रा में अचार लेने से आंतों में सूजन होने का खतरा भी बना रहता है. ऐसा इस लिए क्योकि इससे शरीर में वाटर रिटेंसन होती है.

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अल्सर का है खतरा

अचार बनाने में ज्यादा मसाले का प्रयोग किया जाता है. ये मासले सभी को सूट नहीं करते. इससे आंत में अल्सर होने की संभावना तेज होती है.

होता है हाई ब्लड प्रेशर का खतरा

जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की परेशानी है उन्हें अचार से परहेज करना चाहिए. अचार में भारी मात्रा में नमक होता है जिससे ब्लड प्रेशर के और बढ़ने का खतरा होता है.

होती है दिल की बीमारी

अचार ज्लदी खराब ना हो इस लिए प्रिजरवेटिव के तौर पर उसमें तेल डाला जाता है. दिल के लिए इतना तेल अच्छा नहीं होता है. इससे दिल की बीमारी के होने का खतरा बना रहता है.

हो सकता है गैस्ट्रिक कैंसर

जानकारों का मानना है कि ज्यादा अचार के सेवन से गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इसीलिए ज्यादा अचार का सेवन करने से बचना जरूरी है.

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सेहत के लिए अच्छे हैं अचार

हर घर की किचन में आपको तरह तरह के अचार दिख जाएंगे. क्योंकि अचार खाना आमतौर पर हर किसी को पसंद होता है , क्योंकि ये न सिर्फ खाने की प्लेट की शोभा को बढ़ाने का काम करते हैं बल्कि खाने के स्वाद को भी कई गुणा बढ़ा देता है. लेकिन अक्सर जब परिवार के लोग इसे रोज अपनी प्लेट में परोसते हैं तो यही सुनने को मिलता है कि रोज रोज अचार खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता. जबकि आपको बता दें कि आपकी ये धारणा बिलकुल सही नहीं है कि अचार सेहत के लिए अच्छे नहीं होते. जबकि अचार तो न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं जब वे खासकर के घर पर बने होते हैं. इस सम्बंद में जानते हैं न्यूट्रिशनिस्ट प्रीति त्यागी से कि अचार क्यों है सेहत के लिए फायदेमंद.

अचार है एन्टिओक्सीडेंट्स से भरपूर

एन्टिओक्सीडेंट्स सूक्षम पोषक तत्व होते हैं , जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने का काम करते है. क्योंकि अगर ये फ्री रेडिकल्स रक्त में मिल जाते हैं तो शरीर पर इसका काफी ख़राब प्रभाव पड़ता है. जबकि भारतीय अचार में अचार बनाने के लिए कच्ची सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है, जो एन्टिओक्सीडैंट्स का स्रोत होते हैं . जो हमें हैल्थी रखने के साथ साथ यंग बनाने का भी काम करते हैं.

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इम्युनिटी बूस्टर

जब भी हम कोई अचार बनांते हैं तो उसमें आमतौर पर हलदी का इस्तेमाल जरूर किया जाता है. हलदी में कुरकुमीन नामक रसायन होता है, जिसमें एन्टिओक्सीडैंट्स प्रोपर्टीज होने के कारण ये शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है . साथ ही ये मस्तिष के ग्रोथ हॉर्मोन के स्तर में भी बढ़ोतरी करने का काम करता है, जिसे ब्रेन ड्राइव ड न्यूरोट्रोफिक कारक के लिए जिम्मेदार माना जाता है. जिससे ब्रेन संबंधित बीमारियों से बचाव होता है. आपके शरीर में कुरकुमीन की वृद्धि इम्युनिटी को बूस्ट करने के लिए बहुत जरूरी होती है.

विटामिन्स, मिनरल्स के अच्छे स्रोत

अचार में सब्जियों के अलावा धनिया, मेथी दाना, पुदीना व करी लीव्स का भी इस्तेमाल किया जाता है. जो विटामिन्स जैसे विटामिन ए , सी और के के स्रोत होते हैं साथ ही ये मिनरल्स जैसे आयरन, कैल्शियम और पोटैसियम के अच्छे स्रोत माने जाते हैं. इसलिए कह सकते हैं कि अचार के माध्यम से शरीर की विटामिन और मिनरल्स की जरूरत पूरी होती है.

पाचन तंत्र को सुधारने में सक्षम

भारत में अधिकांश व्यंजनों के साथ अचार को परोसे जाने का एक कारण यह भी है कि ये हमारे पाचन तंत्र को सुधारने का काम करता है. हमारे पेट में प्रोबिओटिक बैक्टीरिया होते हैं , जो हमारे खाने को पचाने का काम करते हैं. लेकिन दवाओं के ज्यादा सेवन से व हमारे ख़राब लाइफस्टाइल की वजह से पेट के सुसम जीव प्रभावित होते हैं , जिसके कारण पेट संभंधित विकार हो सकते हैं. जबकि नेचुरल तरह से फरमेंट हुए अचार में इन बैक्टीरिया के विकास को प्रोत्साहित करने की क्षमता होती है. जो हमारे पाचन तंत्र को सुधारने में सक्षम है.

भारत में प्रचलित विभिन अचार

आयल बेस्ड अचार

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आम का अचार, हरी मिर्च का अचार, सब्ज़ियां का अचार, नींबू का अचार , ये बहुत ही मशहूर अचार हैं. जितने मशहूर हैं उतने ही इसके फायदे भी हैं. इन अचार को बनाने के लिए आयल और नमक का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ इसमें ऐसे मसाले इस्तेमाल किये जाते हैं , जो एन्टिओक्सीडैंट्स और माइक्रो न्यूट्रिएंट्स में रिच होने के कारण शरीर के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं.

शुगर बेस्ड अचार

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शुगर बेस्ड अचार में मीठा नींबू का अचार, आम का अचार, गाजर का अचार और चुकंदर का अचार आदि आते हैं. ये अचार स्वाद में काफी अच्छे होते हैं लेकिन इसे बनाने के लिए चीनी का प्रयोग किया जाता है. इन अचारों के सेवन से आपका पाचन तंत्र दुरस्त होता है लेकिन अगर आपको शुगर या फिर मोटापे की समस्या है तो आप रोजाना इसका सेवन न करें.

विनेगर – लेमन जूस बेस्ड अचार

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बहुत सारे अचार जैसे कच्ची हलदी, अदरक व हरी मिर्च को नींबू के रस या विनेगर में डिप करके तैयार किया जाता है. जो न सिर्फ पेट के लिए अच्छे होते हैं बल्कि वजन को कम करने में भी सहायक माने जाते हैं. ये विटामिन सी की अच्छे स्रोत होने के कारण इम्युनिटी को बूस्ट करने का काम करते हैं.

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हींग बेस्ड अचार

mango

भारत में हींग बेस्ड अचार बहुत ही प्रचिलित है. आम का अचार, नींबू का अचार बनाने में अकसर इसका इस्तेमाल किया जाता है. ये पेट के लिए तो फायदेमंद होता ही है साथ ही विटामिन सी और डाइटरी फाइबर का अच्छा स्रोत होने के कारण इम्युनिटी को भी बूस्ट करने का काम करता है. इसलिए अचार सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं , लेकिन ये बात का भी ध्यान रखें कि अति हर चीज की बुरी होती है.

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