ताकि प्राकृतिक संतुलन बना रहे

वीगन यानी वैजिटेरियन व्यवसायों में अब काफी अवसर पैदा हो रहे हैं. बस थोड़े धैर्य और थोड़ी लगन की जरूरत है, जो वैसे भी हर व्यवसाय में जरूरी है. फैशन के क्षेत्र में वीगन होने का मतलब यह नहीं कि आप स्टाइल की कुरबानी दे दें. आजकल बहुत सा हाई फैशन सामान रिसाइकल पौलिएस्टर से बन सकता है. जानवरों को मारे बिना जूते, बैल्ट, पर्स आदि हजारों में औनलाइन और औफलाइन दुकानों में बिक रहे हैं.

जूतों में लगने वाला गोंद भी अब जरूरी नहीं कि जानवरों से आए या जानवरों पर टैस्ट किया जाए. वीगन बाजार नई दिल्ली में 3 साप्ताहिक और्गेनिक मार्केट लगती हैं और कोई भी इन्हें शुरू कर पैसा कमा सकता है. वहां बीज, पौधे, सब्जियां, तेल, चीज, विनेगर, चाय, साबुन, कौस्मैटिक प्रौडक्ट्स भी बिक सकते हैं और वहीं बैठ कर खाने का स्टाल भी लगवाया जा सकता है.

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आस्ट्रेलिया के शहर सिडनी में एक बड़ा वीगन मेला लगता है. आजकल वीगन बेकरियों के दीवाने भी कम नहीं हैं, जहां हर तरह की और्गेनिक मिठाई मिले, चौकलेट हों, कैरेमल हों, मार्शमैलो हों, मफिन और डोनट हों, इतना सामान हो कि गिफ्ट बास्केट बन सके. लेकिन इस तरह का व्यवसाय शुरू करना है तो अपने सप्लायर्स को सावधानी से चुनना होगा. पाम औयल की जगह कोकोनट औयल इस्तेमाल हो, मिठास के लिए गन्ने का रस या कोकोनट की चीनी हो सकती है. ये सब बिना डोनेटिक मोडिफाइड हो सकते हैं, जिन का पर्यावरण पर असर नहीं पड़ता.

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लोगों की पसंद व्यवसाय चलाने के लिए एक बुटीक टाइप शौप खोली जा सकती है जिस में सिर्फ तेल, घी, मक्खन हों. इस के साथ औलिव औयल, चिया बीज, काजू, बादाम, दूध, मेपल सिरप, सूरजमुखी तेल, पारंपरिक पोशाकें आदि भी बेची जा सकती हैं. लोग अब ऐसा खाना पसंद करने लगे हैं जो मीट जैसी दिखने वाली चीजों में बना हो ताकि लोग मीट प्रोडक्ट्स की जगह वीगन बनें. अगर आप कैफे शुरू कर रहे हैं तो प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें.

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मोटे सादे कपड़े के नैपकिन अब बेचे जा सकते हैं जो स्टाइलिश भी हैं और सौफ्ट भी और जिन में हानिकारक कैमिकल रंग नहीं हैं. रिसाइकल पेपर पर कापी किताबों की भी भारी मांग है. यहां तक कि गाड़ी में खराब हुआ वनस्पति तेल तक इस्तेमाल करने की तकनीक उपलब्ध है. वीगन ब्यूटीपार्लर खोले जा सकते हैं जहां बिना पैट्रो प्रोडक्ट्स से बनी क्रीम, लोशन, शैंपू, स्किन केयर सामान इस्तेमाल किया जा सकता है, जो प्रकृति के लिए भी अच्छा है और ग्राहकों के लिए भी. इनसे ज्यादा से ऐलर्जी भी नहीं होती. प्रकृति प्रेमियों के लिए बहुत सी ऐसी चीजें बन रही हैं और बनाई जा सकती हैं जिन से प्राकृतिक संतुलन बना रहे. मेरे मंत्रालय में ऐसा बहुत कुछ इस्तेमाल हो रहा है और लोग खुश हैं.

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