कैसे PCOS एक महिला के रिप्रोडक्टिव हेल्थ को प्रभावित करता है

पॉलिसिस्टक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक ऐसी स्थिति है, जिससे आज के दौर में हर उम्र की महिलाएं गुजर रही हैं. इंटरनेट और सोशल मीडिया की वजह से इस समस्‍या के बारे में लोगों को काफी जानकारी हो गई है. पीसीओएस एक महिला के लिए गर्भधारण करने में भी आम फैक्‍टर बन गया है.

डॉ मनीषा तोमर, सीनियर कंसल्‍टेंट, ऑब्‍सटेट्रिशियन एवं गायनेकोलॉजिस्‍ट (प्रसूति एवं स्‍त्री रोग विशेषज्ञ), मदरहुड हॉस्पिटल, नोएडा का कहना है कि-

पीसीओएस एक ऐसी समस्या है, जिसकी वजह से अनियमित माहवारी की परेशानी होती है, क्योंकि इसमें मासिक ओव्यूलेशन नहीं होता है और एंड्रोजन (पुरुष हॉर्मोन) का स्तर बढ़ जाता है. एंड्रोजन के बढ़े हुए स्तर की वजह से चेहरे पर अत्यधिक मात्रा में बाल, एक्ने, और/या पुरुषों की तरह जड़ों से बाल कम होने लगते हैं. अधिकांशत:, लेकिन सभी महिलाएं पीसीओएस के कारण ओवरवेट या मोटी नहीं होतीं और उनमें डायबिटीज और ऑब्सट्रेक्टिव स्लीप एप्निया होने का खतरा बढ़ जाता है. पीसीओएस से पीड़ित जो भी महिलाएं गर्भवती होना चाहती हैं, उनके लिये प्रजनन की दवाओं की जरूरत होती है, जो ओव्यूलेशन को प्रेरित कर सके

पीसीओएस के संकेत और लक्षण

पीसीओएस से पीड़ित अलग-अलग महिलाओं में अलग-अलग तरह के लक्षण नजर आते हैं. सभी महिलाएं, जिन्हें पीसीओएस है, उनके अंडाशय में सिस्ट नहीं होता और ना ही अंडाशय में सिस्ट की समस्या होने पर सभी को पीसीओएस होता है. अधिकांश महिलाओं को निम्नलिखित में से कोई एक या दोनों लक्षण नजर आते हैं:

असामान्य माहवारी:

इसमें अधिक रक्तस्राव, माहवारी खत्म हो जाने के बीच में रक्तस्राव, माहवारी ना आना, हल्की माहवारी या साल में कुछेक बार ही माहवारी आना, शामिल है.

अत्यधिक एंड्रोजन का प्रमाण:

ये हॉर्मोन प्रजनन स्वास्थ्य और शरीर के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. लेकिन जिन महिलाओं में इनकी मात्रा काफी ज्यादा होती है, उनमें होने वाले लक्षण इस प्रकार हैं:-

टुड्डी, होंठ के ऊपरी हिस्से, स्तन के आस-पास और पेट के बीचोंबीच, अत्यधिक काले और सख्त बालों का उगना, इसे हिर्सूटिज्म कहा जाता है.

पुरुषों की तरह गंजा होना (बालों की संख्या कम होना) एक्ने.

पीसीओएस के अन्य लक्षणों में शामिल हैं:

पेट का मोटापा या अधिक वजन बढ़ना. यह लक्षण पीसीओएस वाली लगभग डेढ़ से दो-तिहाई महिलाओं में मौजूद है, हालांकि, दुबली-पतली महिलाओं को भी पीसीओएस हो सकता है.

गर्दन के पीछे और कांख की त्वचा का काला पड़ना, जिसे एकेथोसिस नाइग्रिकन्स कहा जाता है. यह इंसुलिन प्रतिरोध और पीसीओएस से जुड़े अतिरिक्त इंसुलिन की वजह से होता है. गर्भधारण में परेशानी आना.

चूंकि, महिलाएं अनचाहे बालों को हटा सकती हैं या फिर एक्ने का इलाज करा सकती हैं, तो हो सकता है डॉक्टर्स अपने रोगियों में पीसीओएस की पहचान ना कर पाए, जब तक वे असामान्य माहवारी और अनचाहे बालों के बढ़ने के बारे में बात ना करें. इसी तरह, यदि आपको भी असामान्य माहवारी या अनचाहे बालों के बढ़ने की समस्या हो रही है तो अपने डॉक्टर से बात करना अच्छा है कि कहीं आपको पीसीओसएस तो नहीं.

किस तरह पीसीओएस, प्रजनन को प्रभावित कर रहा है

वैज्ञानिक रूप से कहा जाए तो हर महीने महिलाओं की गर्भधारण की उम्र में, छोटे-छोटे तरल से भरे सिस्ट, जिन्हें फॉलिकल्स कहा जाता है अंडाशय की सतह पर विकसित हो जाते हैं. एस्ट्रोजन सहित, फीमेल सेक्स हॉर्मोन, उनमें से एक फॉलिकल्स को एक परिपक्व एग तैयार करने का कारण बनते हैं. इसके बाद अंडाशय इस एग को रिलीज कर देता है और यह फॉलिकल से बाहर निकल जाता है. ऐसी महिलाएं, जिन्हें पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या पीसीओएस है, उनमें फीमेल सेक्स हॉर्मोन का असंतुलन होता है. यह असंतुलन विकास और परिपक्व एग को रिलीज करने से रोक सकता है. एक परिपक्व एग के बिना, ना तो ओव्यूलेशन होता है और ना ही प्रेग्‍नेंसी होती है.

पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन होता है, जिसकी वजह से हॉर्मोन का स्तर अधिक हो सकता है, जिसे एंड्रोजन कहा जाता है. अंडाशय में छोटे, दर्दरहित,तरल से भरी थैलियों का निर्माण होता है

अंडाशय का बाहरी आवरण मोटा होने लगता है. आपके शरीर में इंसुलिन की काफी अधिक मात्रा होती है. ये सारी चीजें ओव्यूलेशन को प्रभावित कर सकती हैं. ऐसा होने का एक लक्षण है अनियमित माहवारी या माहवारी का ना आना.

पीसीओएस की पहचान कैसे करें-

वर्तमान में पीसीओएस का कोई इलाज नहीं है. हालांकि, इलाज से उन महिलाओं के लिये गर्भधारण करने की संभावना बढ़ जाती है, जोकि गर्भवती होना चाहती हैं. इससे महिलाओं को अपने लक्षणों को मैनेज करने में भी मदद मिल सकती है.

एक से दूसरे व्यक्ति के लक्षणों में फर्क हो सकता है और इसलिए इलाज भी हमेशा एक जैसा नहीं होता है. इसके विकल्प इस बात पर निर्भर करते हैं कि कोई महिला गर्भवती होना चाहती है या नहीं.

पीसीओएस के लक्षणों के उपचार में शामिल है:

हॉर्मोन संबंधी असंतुलन को ठीक करने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां देना

इंसुलिन-संवेदनशील दवाएं देना ताकि शरीर द्वारा इंसुलिन के इस्‍तेमाल में सुधार किया जा सके और टेस्टोस्टेरोन के  उत्पादन में भी सुधार हो पाए.

डायबिटीज के मामले में, ब्लड ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने के लिये दवा देना.

संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और वजन को नियंत्रित करने में मदद करने के लिये व्यायाम और स्वस्थ भोजन.

यदि दवाओं से प्रजनन में कोई सुधार नहीं है तो सर्जरी एक विकल्प हो सकता है. लैप्रोस्कॉपिक ओवेरियन ड्रिलिंग एक सर्जिकल विकल्प है. इस प्रक्रिया में, पेट में सर्जन छोटे-छोटे कट लगाता है और इलेक्ट्रिकल करंट के साथ एक सुई इंसर्ट की जाती है. वे इलेक्ट्रॉनिक करंट का इस्तेमाल करके उत्तकों की एक छोटी मात्रा को नष्ट करते हैं, जोकि अंडाशय पर टेस्टोस्टेरॉन का निर्माण करता है. टेस्टोस्टेरॉन का स्तर कम होने से नियमित ओव्यूलेशन होता है.

एक स्वस्थ वजन बनाए रखने से इंसुलिन और टेस्टोस्टेरॉन का स्तर कम करने में मदद मिलती है और लक्षणों में सुधार होता है.

जानें किस बीमारी से गुजर रहीं हैं बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर

सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के जरिए अक्सर ट्रोल होने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर ने हाल ही में
वीडियो के जरिए इंस्टाग्राम पर स्टोरीटाइम विद सोनम’ की पहली कड़ी में उन्होंने अपने दर्द को दुनिया के सामने शेयर किया है. वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने बताया कि वो पीसीओस जैसी बीमारी से ग्रस्त हैं .सोनम कपूर ने अपना अनुभव शेयर करते हुए महिलाओं को इस बीमारी से बचने के टिप्स दिए हैं.

एक बहुत ही गंभीर स्थिति है

उन्होंने वीडियो को पोस्ट कर लिखा: “हाय गाइज, कुछ निजी बताने जा रही हूं. मैं पीसीओस जैसी बीमारी से कई वक्त से गुजर रही हूं. पीसीओएस या पीसीओडी एक सामान्य बीमारी है, जिसे कई महिलाएं पीड़ित होती हैं. यह भी एक बहुत ही गंभीर स्थिति है, क्योंकि सभी के मामले, लक्षण और संघर्ष अलग हैं.

 

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Hi guys, going to share something personal here. I’ve been struggling with PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) for quite some time now. PCOS, or PCOD, is a very common condition that a lot of women live with. It’s also an extremely confusing condition since everyone’s cases, symptoms and struggles are different. I’ve finally figured out what helps me after years of trying several diets, workouts and routines, and I want to share my tips for managing PCOS with you! Having said that, PCOS manifests in different ways, and I urge you to visit a doctor before you self-medicate or self-prescribe. Do you have any other PCOS hacks and tips? Let me know what helps you in the comments! #PCOS#PCOD#StoryTimeWithSonam #LivingWithPCOS

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पीसीओएस अलग-अलग तरीकों से होता है

मैंने फाइनली ये जान लिया है कि डाइट, वर्कआउट और अच्छे दिनचर्या से मुझे मदद मिलती है. मैं आपके साथ पीसीओएस को मैनेज के लिए अपने सुझाव शेयर करना चाहती हूं कि पीसीओएस अलग-अलग तरीकों से होता है और मैं आपसे खुद के डॉक्टर बनने या खुद ही कुछ उपाय करने से पहले किसी डॉक्टर से मिलने का आग्रह करती हूं.”

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14 या 15 साल से पीड़ित हूं

उन्होंने अपनी वीडियो में बताया- मैं कई सालों से इससे पीड़ित हूं, जब मैं 14 या 15 की थी और इसकी वजह से मेरे अस्तित्व का प्रतिबंध रहा है. मैं अपनी मदद के लिए कई डॉक्टरों और आहार विशेषज्ञों के पास गई और अभी, मैं एक अच्छी जगह पर हूं. मुझे लगा कि मैं अपनी सीख आप लोगों के साथ शेयर करूं.

एक्सरसाइज करें और चीनी का सेवन ना करें

इसके अलावा पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) या पीसीओडी ने निपटने के लिए उन्होंने कुछ टिप्स भी दिए. उन्होंने एक्सरसाइज, योगा इसके साथ ही उन्होंने चीनी का बेहद घातक बताया है, उन्होंने बताया कि कैसे चीनी का सेवन छोड़ने के बाद कैसे उन्होंने अपने अंदर बदलाव पाया है.

आखिर क्या है PCOS / PCOD

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) और पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (PCOD) एक ऐसी मेडिकल कंडिशन है, जो आमतौर पर रिप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन के कारण पाई जाती है. इसमें महिला के शरीर में मेल हॉरमोन का लेवल बढ़ जाता है और ओवरीज़ पर एक से ज़्यादा सिस्ट हो जाते हैं. पीसीओएस का इलाज संभव है, लेकिन यदि काफी समय तक इसका इलाज न किया जाए तो गंभीर रूप ले सकती है.

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