पौर्न फिल्मों का भारत में बढ़ता बाजार

अभी कुछ दिनों पहले मुंबई में 18 से 24 साल की लड़कियों को पुलिस रेसक्यू में छुड़ाया गया था. दरअसल, ये लड़कियां पौर्न फिल्मों में काम किया करती थीं. इन लड़कियों में से कुछ ऐसी भी लड़कियां थीं जिनसे जबरन यह काम करवाया जाता था. इस पूरे मामले में कुछ लड़कियां पौर्न फिल्म में तो कुछ देह व्यापार में शामिल थी.

छुप-छुपा कर बंद कमरे में देखा जाने वाला पौर्न का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है. इस व्यापार में खास कर ऐसी लड़कियों का शिकार किया जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर हों. इनकी आर्थिक स्थिति इनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन जाती है. जिस वजह से इन लड़कियों को अपने जिस्म का व्यापार तक करना पड़ता है.

वुमेन ट्रेफिकिंग

ह्यूमन ट्रेफिकिंग यानी मानव तस्करी के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं. ह्यूमन ट्रेफिकिंग एक गैर कानूनी अपराध है. लेकिन फिर भी इस अपराध की बढ़ोतरी होती ही जा रही हैं. ह्यूमन ट्रेफिकिंग के अंतर्गत महिलाओं को जबरन शादी और देह व्यापार जैसे धंधे में धकेल दिया जाता है. एक तरफ महिलाओं को सफलता के शिखर पर पहुंचाने की बात की जाती है और वहीं दूसरी तरफ इन्हें ऐसे घिनोने दलदल में धकेल दिया जाता हैं. अब इनकी संख्या बढ़ती जा रही है.

27 वर्ष की सोनाक्षी भी ट्रेफिकिंग का शिकार हो चुकी हैं. सोनाक्षी की उम्र 19 थी जब उसकी शादी हुई थी. शादी के 6 महीने बाद ही उसके पति ने उसकी नौकरी लगने के बहाने किसी ओर को बेच दिया था. सोनाक्षी को उस वक्त पता नहीं था की इस नौकरी में उसको उसका जिस्म बेचना होगा. करीब एक साल तक वह इस दलदल में फंसी रही और आखिरकार भागने में कामयाब हुई. लेकिन इस एक साल में सोनाक्षी की जिंदगी पूरी बदल गई थी. आर्थिक परेशानियों की वजह से सोनाक्षी को फिर से यह धंधा शुरू करना पड़ गया.

सोनाक्षी जैसी हजारों लड़कियां इस धंधे का शिकार होती थी, होती है और होती रहेंगी क्योंकि हमारे समाज में ऐसे व्यापार के ग्राहक आधिक हैं.

पौर्न का फलता-फूलता कारोबार

पौर्न का बाजार जितना बड़ा हैं उससे कई ज्यादा इसके ग्राहक हैं. इंटरनेट की दुनिया में पौर्न से सालाना 10 से 14 अरब डालर का कारोबार हो रहा है. एक समय था जब डीवीडी, केसेट्स के द्वारा पौर्न का कारोबार होता था. लेकिन इंटरनेट की दुनिया में पौर्न का कारोबार और आसान हो गया है.

कैसे होती है कमाई

पौर्न के 25 मिलियन से ज्यादा साइट्स इंटरनेट पर उपलब्ध हैं. लेकिन जिस साइट्स पर ज्यादा व्यू और ट्रेफिक होता है, उसी साइट्स को सबसे ज्यादा मुनाफा भी होता है. इंटरनेट पर कुछ फ्री पौर्न साइट्स भी हैं जिनपर विज्ञापन देकर पैसे कमाएं जाते हैं. पौर्न के कुछ ऐसे भी साइट्स हैं जिनको देखने के लिए पैसे देने पड़ते हैं.

पौर्न देखने में महिलाएं सबसे आगे

हम सबको यही लगता है सबसे ज्यादा पौर्न देखने वाले पुरुष होते हैं अगर आप भी यहीं सोचते हैं तो आप बिल्कुल गलत हैं. एक्स वीडियोज जो दुनिया की सबसे बड़ी पौर्न साइट्स में से एक है. उस पर 4 अरब का पेज व्यू आता है जिनमे महिलाएं के व्यू सबसे अधिक हैं.

आज के समय में लोग पौर्न के इतने ज्यादा दीवानें हो गए हैं की इंटरनेट पर हर 2 मिनट में 2 मिलियन से अधिक लोग पौर्न देखते हैं. जिनमें से महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है.

पौर्न देखने का क्रेज

आज के समय में पौर्न देखना आम बात हो गया है. सेक्सोलोजिस्ट विनोद रावत का कहना है:, डिजिटल दुनियां में मोबाइलफोन तो सबके पास होता है और इस मोबाइल फोन की वजह से ही 90% 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे पौर्न से रूबरू हो चुके होते हैं. लेकिन कम उम्र में पौर्न की चपेट में आने की वजह से ऐसे बच्चों में पौर्न के प्रति एडिक्शन की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है.

  • जहां एक तरफ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पौर्न की पहुंच आसान हो गयी है, वहीं दूसरी तरफ लगभग 60% लोगों का यह कहना है कि उन्होनें पौर्न किसी ना किसी तरह की जानकारी के लिए देखा, जो उन्हें अन्य किसी माध्यम जैसे किताबों आदि में नहीं मिला.
  • एक सर्वे के अनुसार इंटरनेट पर औनलाइन पौर्न सर्च करने वाले लोगों में 18 से 24 साल के युवाओं की संख्या अधिक हैं.

पौर्न के साइड इफेक्ट

  • जो लोग बहुत अधिक पौर्न देखते हैं वो आर्टिफिशियल दुनिया के करीब आते जाते हैं और उन्हें निजी जिन्दगी में लोगों से जुड़ने में दिक्कत होने लगती है.
  • लोग जैसा पौर्न फिल्मों में देखते हैं, वैसी ही रिलेशनशिप वो अपनी जिंदगी में चाहने लगते हैं जो कि संभव नहीं होता ऐसे में लोगों में अपने रिलेशनशिप को लेकर संतुष्टि का भाव कम होने लगता है. यह लोग डिप्रेशन का शिकार होने लगते हैं. वो लोगों से खुद को कटा हुआ महसूस करने लगते हैं.
  • असल मे पौर्न देखते वक्त लोगों को एक रश फील होता है, जिसकी वजह से उस पल तो अच्छा महसूस करते हैं, मगर उस रश के खत्म होते ही फिर से अकेलेपन, और निराशा से घिर जाते हैं.
  • इसके एडिक्शन के बाद हमें उन बातों की आदत पड़ जाती है जिन्हें एक समय पर हम खुद सही नहीं मानते थे. हम वो सब करना चाहते हैं जो हम पौर्न में देखते हैं जो कि शायद संभव नहीं है. देखने वाले को ये बात समझ में ही नहीं आती कि असल में इन वीडियो में एक्टिंग अधिक की जाती है. आप अपने पार्टनर से वो सब एक्स्पेक्ट करने लगते हैं जो असल में सच नहीं है.
  • ऐसे में आपके और आपके पार्टनर के बीच दूरियां भी आ सकती हैं.
  • अत्यधिक पौर्न देखने पर व्यक्ति सेल्फिश हो जाता है. वो सिर्फ अपने और अपनी संतुष्टि के बारे में सोचना शुरू कर देता है.
  • कई बार लोग अपने पार्टनर्स को बिना उनकी इच्छा जाने शारीरिक संबंध बनाने के लिए परेशान करना शुरू कर देते हैं जो कि एक अपराध के गिनती में आता है.
  • ऐसे में पौर्न महिलाओं के प्रति हिंसा का कारण भी बन जाता है.
  • सेक्स के दौरान परफार्मेंस की चिंता- डाक्टर विजयसारथी रामनाथन का कहना है:, पौर्न की लत कोई गंभीर समस्या नहीं है लेकिन इसे बहुत गंभीरता से लेने से आपको सेक्स के दौरान परफार्मेंस की चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

पौर्न से जुड़े कानून

पौर्न से जुड़े कानून पर एडवोकेट सुमित शर्मा का कहना है:,  इंटरनेट के जमाने में चीजे आसान जरूर हो गई हैं, लेकिन इंटरनेट की दुनियां में अपराध भी तेजी से बढ़ रहा है. इंटरनेट के माध्यम से अश्लीलता का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है. बात अगर हम पोर्नोग्राफी की करें तो इंटरनेट के द्वारा चलने वाला यह बहुत बड़ा कारोबार बन गया है.

सुमित ने पौर्न से जुड़े कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बाते बताई हैं. जिसको पढ़ कर आप पौर्नोग्राफी के क्राइम से बच सकते हैं.

  • घर पर पौर्न देखना गैरकानूनी नहीं है, लेकिन सार्वजनिक जगहों पर पौर्न देखना अपराध माना जाता है.
  • अपने फोन, लैपटाप, या हार्ड ड्राइव मे पौर्न स्टोर करके रखना भी गैरकानूनी नहीं है, लेकिन पौर्न का किसी भी तरह का सामूहिक या किसी को निजी मैसेज पर भेज कर प्रदर्शन करना, पौर्न बेचना, किसी को जबर्दस्ती दिखाना आदि गैरकानूनी है.
  • किसी को पौर्न संबन्धित चित्र, विडियो, या लेख भेजना गैरकानूनी है.
  • सेक्स कहानियां भी पौर्न के दायरे में आती हैं.

अगर कोई इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर पौर्न प्रकाशित करता पकड़ा जाता है, तो वह ग्रे एरिया मे आएगा, मगर उसके खिलाफ किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं होगी, जब तक सरकार उसके आदेश नहीं देती है. तुरंत कार्यवाही सिर्फ उस स्थिति मे होगी, जिसमें चाइल्ड, यानि बच्चों से जुड़े पौर्न का प्रकाशन किया जा रहा हो.

  • किसी भी तरह का चाइल्ड पौर्नोग्राफी देखना, रखना या ढूंढना गैरकानूनी है.
  • भारत में किसी भी तरह का पौर्न बनाना इन्फार्मेशन टेक्नालौजी एक्ट 2000 के सेक्शन 67 के अनुसार गैरकानूनी है.
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