प्रेग्‍नेंसी के दौरान नाश्‍ता जरूर करें वरना बच्चा होगा अस्वस्थ

नाश्‍ता दिन का सब से अहम भोजन होता है. कहते हैं कि नाश्‍ता शरीर के लिए सब से ज्‍यादा जरूरी होता है. अधिकतर महिलाएं काम की व्यस्तता के कारण नाश्‍ता समय पर नहीं कर पाती. अगर आप ऐसा प्रेग्‍नेंसी में करती हैं तो इस का असर आप के साथसाथ आप के गर्भस्थ शिशु पर भी पड़ता है.

यदि प्रेगनेंट महिला सुबह के समय नाश्‍ता नहीं करती है तो शिशु पर इस का कुप्रभाव पड़ता है. आइए, जानते हैं कि गर्भवती महिला के नाश्‍ता न करने पर शिशु कैसा महसूस करता है.

​शिशु के विकास पर पड़ सकता है असर

मां जो कुछ भी खाती है उस का सीधा असर उस के गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है. प्रेगनेंट महिला द्वारा किए गए भोजन से ही बच्‍चे को पोषण मिलता है. वहीं पूरी रात के बाद सुबह भी यदि प्रेगनेंट महिला नाश्‍ता नहीं करती है तो उस का बच्‍चा भूखा रह जाता है. उसे पोषक तत्‍वों की कमी हो सकती है, जिस का सीधा असर बच्‍चे के विकास पर पड़ेगा.

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गर्भस्थ ​शिशु सुस्‍त महसूस करता है

सुबह का पहला आहार हमें दिनभर काम करने के लिए ऐनर्जी देता है. इस आहार से गर्भस्‍थ शिशु को भी ऐनर्जी मिलती है. वहीं अगर गर्भवती महिला समय पर नाश्‍ता न करे तो मां के साथसाथ शिशु को भी लो ऐनर्जी महसूस हो सकती है.

नाश्‍ता न करने से मां को पूरी ऐनर्जी नहीं मिल पाती, इसलिए उन्‍हें दिनभर सुस्‍ती रह सकती है. जब मां सुस्‍त महसूस करेगी तो बच्‍चे को भी सुस्‍ती रहेगी. इस वजह से बच्‍चे की मूवमेंट में भी कमी आ सकती है.

​प्रीमैच्‍योर डिलीवरी का रहता है खतरा

समय पर नाश्‍ता न करने या ब्रेकफास्‍ट स्किप करने से बच्‍चे को कई स्‍वास्‍थ्‍य सम्बंधी कई परेशानियां हो सकती हैं. इस की वजह से शिशु नौ महीने से पहले ही जन्‍म ले सकता है. रात के खाने से सुबह के नाश्‍ते के बीच 10 से 12 घंटे का गैप होता है और इतनी देर तक भूखा रहने के बाद भी समय पर नाश्‍ता न करना मां और बच्‍चे की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है.

ओवरईटिंग हो सकती है

प्रेग्‍नेंसी के दौरान नाश्‍ता न करने पर बाद में ज्‍यादा भूख लगती है, जिस से ब्‍लडशुगर लैवल कम हो सकता है. ज्‍यादा भूख लगने पर महिलाएं ज्यादा खाना खाने लगती हैं और उन के भोजन में पौष्टिक खाद्य पदार्थों की मात्रा भी कम हो जाती है. ओवरईटिंग से बेहतर होगा कि आप समय पर नाश्‍ता करें.

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​शिशु की सेहत का रखें खयाल

यदि आप चाहती हैं कि आप का शिशु स्‍वस्‍थ रहे और उस का विकास भी ठीक तरह से हो तो समय पर नाश्‍ता जरूर करें. अपने नाश्‍ते में पौष्टिक चीजों को शामिल करें. इस के बाद दिनभर थोड़ाथोड़ा कर के खाएं ताकि शरीर को एनर्जी को मिलती रहे और एक बार में ही ज्‍यादा खाने की वजह से बढ़ते वजन से भी बचा जा सकता है.

डिनर के बाद सुबह नाश्‍ते के बीच बहुत लंबा गैप हो जाता है इसलिए नाश्‍ते को स्किप करने की गलती न करें और चाहे कुछ भी हो नाश्‍ता समय पर करने की कोशिश करें। इससे मां भी स्‍वस्‍थ रहेगी और गर्भस्‍थ शिशु का विकास भी अच्‍छा होगा.

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