सोच बदलने से समाज बदलेगा, आखिर क्या कहना चाहती हैं रीना कपूर

धारावाहिक वो रहने वाली महलों की से चर्चित होने वाली अभिनेत्री रीना कपूर ने मनोरंजन की दुनिया में अपनी एक सफल इमेज बनाई है. उन्हें अलग और चुनौतीपूर्ण कहानी में काम करना पसंद है. उनका शो हमेशा हिट होने की वजह वे कहानी को मानती है, जो आम जिंदगी से जुडी हुई होती है, जिससे हर कोई रिलेट कर सकता है. सुंदर और हंसमुख रीना दंगल टीवी पर प्रसारित होने वाली शो रंजू की बेटियां में मुख्य भूमिका रंजू मिश्रा की निभा रही है. उनसे बात करना रोचक था, पेश है कुछ खास अंश.

सवाल-इस शो को करने की खास वजह क्या रही?

इस कहानी में रंजू एक महिला है जिसकी 4 बेटियां है. उसका पति उसे छोड़कर चला जाता है और वह सिंगल मदर बन अपनी चारों बेटियों की परवरिश करती है. ये किरदार बहुत ही चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि असल जिंदगी में ये समझा जाता है कि पुरुष का होना परिवार के लिए जरुरी है, उसके बिना घर नहीं चल सकता. इस सोच को हटाने के लिए यह धारावाहिक बनाई गयी है, जिसमें मैं माँ रंजू की भूमिका निभा रही हूं. रंजू अनपढ़ है और 4 बेटियों को जन्म दिया है, ऐसे में गुस्सा होकर उसका पति उसे छोड़कर दूसरी शादी कर लेता है. इसके अलावा एक सिंगल मदर की जद्दोजहद, समाज का नजरिया आदि को दिखाने की कोशिश की गयी है.

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सवाल-सिंगल मदर की भूमिका निभाना कितना मुश्किल था?

एक सेंसेटिव कलाकार किसी भी किरदार की बारीकियां आसानी से समझ जाता है. हर किसी के साथ ऐसी परिस्थिति आ सकती है. उसे सोचकर इस भूमिका को निभाई है.

सवाल-एक्टिंग में शौक था या इत्तफाक ?

एक्टिंग में आना कभी शौक नहीं था. अचानक आने के बाद अब शौक बन गया है. परिवार का सहयोग पूरा था, लेकिन पहले मैं टूरिज्म में कुछ करना चाहती थी, क्योंकि मेरी बहन की एक टूरिज्म कंपनी थी, लेकिन एक्टिंग में जब मौका मिला, तो उसी को मैंने अपना प्रोफेशन बना लिया. पहले मेरा परिवार और अब मेरे ससुराल वाले भी मेरे काम से बहुत खुश है. इसकी वजह यह भी है कि मैंने जो भूमिका निभाई है, वह हमेशा अलग और शालीनतापूर्ण रही है, जिससे मेरे परिवार वालों को शर्मिंदगी का सामना न करनी पड़े. वे मेरे काम से गर्व महसूस करते है. इसलिए काम को लेकर कभी समस्या नहीं आई.

सवाल-सिंगल मदर, विधवा या फिर डिवोर्सी, हमेशा महिलाओं पर इसका दोष मढ दिया जाता है, इस बारें में आपकी सोच क्या है?

कोई भी इंसान बुरा नहीं होता, बचपन से जो वह माता-पिता से सुनता आ रहा है, उसे ही वह सही समझता है और बड़े होकर एक महिला के साथ वैसे ही व्यवहार करता है, जैसा उसने अपने पिता को माँ के साथ करते हुए देखा है. इसे बदलने के लिए परिवार के सोच को बदलने की जरुरी है. इसलिए ऐसे शोज दिखाए जा रहे है, ताकि इसके परे भी वे दूसरी चीज को देख सकें. सोच बदलने से समाज अवश्य बदलेगी.

सवाल-आपकी शो ‘वो रहने वाली महलों की’ से आपको कितना फायदा हुआ था?

उससे मुझे सभी ने जाना, मैं घर-घर में पहचानी गयी. प्रसंशकों ने काफी तारीफ की और मुझे उस चरित्र के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का पुरस्कार भी मिला, लेकिन मुझे अब इस शो से भी काफी उम्मीद है, क्योंकि उस शो में मैंने एक साधारण लड़की की भूमिका निभाई थी, जबकि इसमें एक संघर्षरत महिला की कहानी है.

सवाल-आप अपने पति से कैसे मिली?

मेरा अरेंज्ड विवाह हुआ है. मेरे पति हेलिकॉप्टर के पायलट है.

सवाल-महिला सशक्तिकरण पर बहुत बातें की जाती है, आज महिलाये अपने बल पर हर क्षेत्र में काम भी कर रही है, लेकिन अभी भी वे कस्बो, छोटे या बड़े शहरों में प्रताड़ित होती है, इसकी वजह क्या मानती है?

इसकी जिम्मेदार खुद महिलाएं ही है, क्योंकि वे आगे आकर पुरुषों की गलतियों को बताने से हिचकिचाती है. किसी भी क्लास में महिलाएं कमाकर पुरुषों को भले ही खिला रही हो, पर वे  सबकुछ करने के बाद भी अपने आपको पुरुषों से कमतर समझती है. असल में महिलाओं को जन्म से सिखाया जाता है कि वे पुरुषों के साथ कंधा मिलाकर काम तो कर सकती है, पर उनकी बराबरी नहीं कर सकती, क्योंकि पुरुष तो पुरुष ही है. इसके आगे कोई जाना नहीं चाहती.

सवाल-आपने कई सफल शो किये है, पर फिल्मों में कम दिखने की वजह क्या है?

मुझे शो करना एक कम्फर्ट जोन लगता है. इसका रेगुलर टाइम अच्छा लगता है. इसमें किसी प्रकार की अनिश्चितता नहीं होती. इसके अलावा मैंने फिल्मों के लिए कभी कोशिश नहीं की है. मुझे फिल्में लार्जेर देन लाइफ लगती है, जिससे कोई अपने आपको जोड़ नहीं सकता, जबकि शो को दर्शक खुद से जोड़ सकता है. इतना ही नहीं फिल्मों के लिए निर्माता, निर्देशक से मिलना पड़ता है, जो कास्टिंग काउच का रूप कई बार धर लेती है. मुझे मालूम नहीं कि ये कितना होता होगा, लेकिन मैं किसी का सुनकर ही घबरा जाती हूं. मैं अपने इस काम से संतुष्ट हूं. मैं अधिक आशावादी नहीं.

सवाल-वेब सीरीज में कब आ रही है?

वेब की कंटेंट बहुत अच्छे होते है, लेकिन इसके सब्जेक्ट बहुत बोल्ड होते है. हो सकता है कि मेरी भूमिका बोल्ड न हो, लेकिन सीरीज में भी बोल्ड होने पर मैं अपने परिवारजन को देखने के लिए नहीं कह सकती.

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सवाल-आउटसाइडर होने की वजह से क्या पहला ब्रेक मिलने में परेशानी आई?

पहला ब्रेक मिलना आसान रहा, लेकिन बाद में एक अच्छे शो के लिए मुझे संघर्ष करने पड़े और ये अभी तक कर रही हूं. इन चीजो से बहुत कुछ सीखने को मिलता है और व्यक्ति ग्राउंडेड रहता है.

सवाल-समय मिलने पर क्या करना पसंद करती है?कोरोना काल में आपने क्या-क्या किया है?

मैं घर पर रहना पसंद करती हूं और पौधों को पानी डालना और उसकी देखभाल पर ध्यान देती हूं. कोरोना काल में हम सब घर पर रहे, बहुत कम बाहर निकलना हुआ. एक साल तक मैं दिल्ली, ससुराल में रही. सबने मिलजुलकर घर का काम किया.

सवाल-गृहशोभा के ज़रिये क्या मेसेज देना चाहती है?

महिलाएं समाज और परिवार की मुख्य होती है, ऐसे में उन्हें सम्मान देने की आवश्यकता है. महिला चाहे सिंगल हो या विधवा उसे कम नहीं समझना चाहिए. आज बहुत सारी सिंगल मदर्स है और वे अपने बच्चे की परवरिश अच्छे से कर भी रही है,ऐसे में परिवार और समाज को उनके प्रति अपनी सोच को बदलने की जरुरत है.

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