जानें क्या है रुमेटाइड आर्थराइट्स

रुमेटाइड एक ऑटोइम्यून डिसॉर्डर है. जिस में प्रतीक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम शरीर के सेल्स पर हमला करती है. रुमेटाइड आर्थराइट्स जोड़ों की परतों को नुकसान पहुंचाता है, जिस कारण जोड़ों में दर्द, सूजन जैसी समस्या होने लगती है. शुरुआत में तो यह जोड़ों को प्रभावित करता है लेकिन बाद में यह शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है. गंभीर रुमेटाइड आर्थराइट्स के कारण शारीरिक विकलांगता जैसी समस्या भी हो सकती हैं.

1. अनदेखा न करें ये बीमारियां

हम सब भी कभी न कभी जोड़ों के दर्द जैसे समस्या से पीड़ित होते है. इसका मतलब यह नहीं है की हमें रुमेटाइड है. लेकिन कई बार जोड़ों का दर्द काफी लंबे समय तक रहता है. जो समय के साथ बढ़ता चला जाता है जिसमें आराम करने से भी कोई बदलाव नहीं होता. यदि आप जोड़ों के दर्द के साथ शरीर में सूजन व कठोरपन देख रही हैं तो, ऐसे में जरूरी है की किसी अच्छे डाक्टर से सलाह ली जाए.

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2. कारणों का लगाएं पता

रुमेटाइड होने का सही कारण का पता नहीं चल पाया है, लेकिन मोटापा, धूम्रपान, ज्यादा तनाव से रुमेटाइड बढ़ सकता है. आज के समय में हर बीमारी का इलाज है. मेडिकल लाइन में निरंतर प्रगति हो रही है. अच्छी संख्याओं में दवाइयां उपलब्ध है, जो रुमेटाइड के लक्षण को कम करने के साथ शरीर में इसके बढ़ोतरी को रोक सकती है. दवाइयों के साथ रुमेटाइड रोगी को अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव करना जरूरी है.

 3. योगा है जरूरी

जोड़ों में गति बनाए रखने के लिए शारीरिक गतिविधियां बहुत जरूरी है. यदि रुमेटाइड के वजह से मांश पेशियां कमजोर होने लगी हैं, तो योगा और मेडिटेशन जरूरी है. योगा आपके शरीर के वजन को बढ़ने से रोकता है साथ ही आपकी मांशपेशियों को मजबूत करता है. जिससे जोड़ों का दर्द में आराम मिलता है. योगा और मेडिटेशन से दिल की बीमारी और डाइबिटीज होने की संभावना भी कम हो जाती है.

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4. टेंशन लेना हो सकता है खतरनाक

रुमेटाइड में ज्यादा टैंशन लेना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है. योगा और मेडिटेशन की मदद से शरीर में बहुत जल्दी बदलाव देखने को मिलता है. यह आपको शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से स्वस्थ बनाता है. मेडिटेशन यानी ध्यान, सांस लेना और विश्राम यानी आराम से शरीर की कोमलता और सूजन में आप बड़ा अंतर पा सकती हैं. यदि कोई शारीरिक रूप से बीमार है या कोई तनाव से जूझ रहा है. इस स्तिथी से बचने का एक मात्र उपाय है योगा. योगा आंतरिक लाभ पहुंचाता है. यदि आपको रुमेटाइड हैं तो, शुरुआत में कुछ आसान योगासन करें और बाद में धीरे धीरे इसे बढ़ाएं. समय समय पर डाक्टर की सलाह लेना न भूलें.

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