महिलाओं के लिए अचूक हथियार आर्थिक आत्मनिर्भरता

आजादी के 75 साल हो गए हैं. बीते दशकों से भारत की महिलाओं ने सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक कई मोरचों पर बदलाव देखे हैं. कुछ मोरचों पर वे कमजोर हैं तो कुछ मोरचों पर धीरेधीरे पहले से भी ज्यादा सशक्त और मजबूत हो रही हैं जैसे कि आर्थिक मोरचे पर.

एक दौर था जब महिलाएं आर्थिक तौर पर पूरी तरह से पुरुषों पर निर्भर थी. लेकिन आजादी के 75 सालों बाद हालात बदले हैं. आज की औरत किचन भी संभालती है और मिसाइल भी लौंच करती है. बनिए से राशन का हिसाबकिताब भी देखती है और बैंक में भी कई पदों पर काम कर रही हैं.

आइए, चलिए विश्लेषण करते हैं मौजूदा दौर में महिलाओं की आर्थिक स्थिति के बारे में:

घूंघट से पावर तक तब और अब

पहले महिलाएं पूरी तरह से अपने परिवार पर आश्रित होती थीं. उन्हें जैसा परिवार ने कह दिया, वे चुपचाप उसे ही पत्थर की लकीर मान कर बैठ जाती थीं. पिता ने जहां शादी तय कर दी, वहां बिना अपने पति का मुंह देखे, जाने हां कह कर पूरी जिंदगी उस के साथ जीवनयापन करने के लिए तैयार हो जाती थीं. शादी के बाद भी अपने वजूद को त्याग कर सिर्फ और सिर्फ परिवार, पति की आवभगत में लग जाती थीं. पढ़ाईलिखाई के आभाव में जिस ने जैसा बोल दिया मान लेती थीं.

उन का काम तो बस लंबा घूंघट निकाल कर सुबह से शाम तक चूले के आगे बैठे रहना, पति की बिना बात की मार खाना, परिवार के ताने सुनना. इतना सब सहने के बाद भी उसी पति को भगवान मानती थीं और उस परिवार को जन्नत समझती थीं क्योंकि उन के मातापिता ने जो सीख दे कर भेजा था कि अब वही तुम्हारा घर है. इस घर पर आज से तुम्हारा कोई हक नहीं.

ऐसे में बेचारी बन लंबा घूंघट निकाल कर ससुराल को ही सब कुछ मान लेती थीं और उन के इसी बेचारेपन का सब लोग खूब फायदा उठाते थे क्योंकि उन्होंने खुद को सब पर आश्रित जो कर रखा था, खुद को बेचारा जो बना रखा था. ऐसे में दूसरे तो उन का फायदा उठाएंगे ही. लेकिन अब हालात बिलकुल उलट हैं. आज की नारी खुद को अबला नहीं समझती, बल्कि खूब पढ़लिख कर अपने दम पर आज ऐसा मुकाम हासिल कर रही है कि देशदुनिया भर में अपनी अलग पहचान बना ली है. अब के पेरैंट्स भी लड़कियों को पढ़ाने में व उन की मरजी जानने में ज्यादा यकीन रखते हैं ताकि उन्हें किसी के आगे हाथ न फैलने पड़ें. वे अपनी पढ़ाई व काबिलीयत के दम पर इतना नाम व शोहरत कमाए कि उन्हें लड़कों की नहीं बल्कि लड़कों को खुद उन की जरूरत महसूस हो.

ताजा उदाहरण

हाल का ताजा उदाहरण देखें तो आप देख कर हैरान रह जाएंगे. बता दें कि इस समय कानपुर देहात जिले में ज्यादातर महत्त्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी महिलाएं ही संभाल रही हैं. जैसे डीएम नेहा जैन, एसपी सुनीति, सीडीओ सोमन्या पांडेय. यहां तक कि कई एसडीएम, बीएसए और जिला पंचायती राज अधिकारी भी महिलाएं ही हैं, जिन्होंने इन पदों पर आसीन हो कर जता दिया कि अब हम घर की भागदौड़ से ले कर देशदुनिया की भागदौड़ संभाल सकते हैं.

इंदिरा गांधी हमारे देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. सिर्फ वे नाम के लिए ही प्रधानमंत्री नहीं थीं बल्कि उन के कार्यकाल में हरित क्रांति, बैंकों का राष्ट्रीयकरण जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया गया. प्रतिभा पाटिल भारत की आजादी के बाद हमारे देश की पहली महिला राष्ट्रपति रह चुकी हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल में महिलाओं व बच्चों के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास किए. किरण बेदी हमारे देश की पहली महिला आईपीएस रही हैं, जिन्होंने नवज्योति व इंडिया विजन जैसी संस्थाओं का गठन किया. इंदिरा नूई पेप्सिको कंपनी की अध्यक्ष व मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुकी हैं. उन की लगन, मेहनत का ही परिणाम है कि उन्होंने दुनिया में 100 शक्तिशाली महिलाओं में अपनी जगह बनाई है. वे हम सब के लिए प्रेरणास्रोत्र हैं.

द्रौपदी मुर्मू सब से युवा राष्ट्रपति बनीं. उन का जीवन संघर्षों से भरा होने के बावजूद उन्होंने शिक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ी. ये सभी उदाहरण दर्शाते हैं कि आज की महिलाएं पढ़लिख कर अपने दम पर आगे बढ़ कर आर्थिक रूप से खुद को सशक्त बनाने पर जोर दे रही हैं, जो एकदम सही है.

मौजूदा आर्थिक स्थिति अब और तब

पहले की बात करें तो महिलाएं पढ़ीलिखी नहीं होने के कारण पूरी तरह से अपने परिवार पर निर्भर रहती थीं, जिस कारण उन पर शोषण भी ज्यादा होते थे. लेकिन अगर आजादी के इतने सालों बाद की बात करें तो अभी भी देखने में यही आया है  कि आर्थिक आजादी और विकास में महिलाओं की भूमिका उतनी ज्यादा नहीं है, जितनी ज्यादा होनी चाहिए.

ऐसा हम नहीं बल्कि ‘इन्वैस्ट इंडिया इनकम एंड सेविंग सर्वे’ के आंकड़े बताते हैं, जिस में बताया गया है कि शहरी आबादी की तुलना में गांवों की महिलाएं घर के बाहर जा कर यानी खेतों आदि में ज्यादा काम करती हैं. गांवों में 35% से ज्यादा महिलाएं खेतों में काम करती हैं और इन में से 45% महिलाएं सालभर में 50 हजार रुपए भी नहीं कमा पाती हैं. उन में सिर्फ 26% महिलाएं ही सिर्फ अपने पैसे को अपनी मरजी के अनुसार खर्च कर पाती हैं.

इस के अलावा यह भी देखने में आया है कि शहरी क्षेत्र में जिन परिवारों की वार्षिक आय 2 से 5 लाख रुपए है, उन में सिर्फ 13% महिलाएं ही सिर्फ बाहर नौकरी के लिए जाती हैं, जबकि 5 लाख से ऊपर की आय वाले परिवारों में यह प्रतिशत सिर्फ 9% है. वहीं अगर बात करें गांव की तो 50 हजार से 5 लाख की आय वाले परिवारों में यह प्रतिशत 16 से 19% है.

कैसे बनें मजबूत

किसी काम को छोटा न समझें. अकसर हम यह सोच कर कि क्यों करें रिसैप्शनिस्ट की जौब, क्यों करें सेल्स गर्ल की जोब, हम खाना बनाना आने के बावजूद यह सोच कर कुकिंग क्लासेज नहीं देती हैं या फिर टिफिन सेवा शुरू नहीं करती हैं कि ऐसे छोटे काम कर के हमारी शान में कमी आएगी. हम पेंटिंग बनाना तो जानती हैं, लेकिन बना कर बेचने में शर्म आती है. अरे शर्म कैसी, यह तो आप का हुनर है, जिसे सही तरीके से यूज कर के आप नाम व शोहरत कमा सकती हैं.

हाउसवाइफ खुद को समझे

अगर आप हाउसवाइफ हैं तो खुद को किसी भी माने में काम न आंकें और न ही यह समझें कि मैं तो सिर्फ घर व किचन का काम ही संभाल सकती हूं बल्कि अगर आप बाहर जा कर नौकरी नहीं कर पा रही हैं तो घर के छोटेमोटे काम सीख कर पैसों को बचा सकती हैं. जैसे खुद से बल्ब, ट्यूबलाइट लगाना. अगर घर का कोई स्विच खराब हो जाए तो उसे ठीक करना आता हो तो इस से एक तो आप इन कामों पर होने वाले पैसों को बचा सकती हैं, साथ ही आप का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.

फ्रीलांस काम से बनें आत्मनिर्भर

आज आप घर बैठे भी अच्छाखासा पैसा कमा सकती हैं अगर आप में कुछ करने का टैलेंट हो. जैसे अगर आप कंटैंट का काम जानती हैं, या फिर आप को कुछ क्रिएटिव करने का शौक है तो आप औनलाइन फ्रीलांस साइट्स पर रजिस्टर कर के घर बैठे अपनी पसंद का काम कर के घंटों व महीनों के हिसाब से कमा सकती हैं. इस से आप की प्रतिभा भी बेकार नहीं जाएगी और आप धीरेधीरे अपने इस हुनर से घर बैठे अपने परिवार को देखने के साथसाथ खुद को भी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना पाएंगी.

डांस कला से कमाएं

अगर आप को प्रोफैशनल डांस आता है, तो आप उस हुनर का इस्तेमाल करें. इस के लिए आप औनलाइन क्लासेज ले सकती हैं. अब आप सोच रही होंगी कि इस की शुरुआत कहां से करें तो आप को बता दें कि आप अपने आसपास के बच्चों से इस की शुरुआत करें. भले ही शुरुआत में ज्यादा अच्छा रिस्पौंस न मिले, फिर भी आप हिम्मत न हारें क्योंकि आप का हुनर और मेहनत एक दिन जरूर रंग लाएगी.

अपना बिजनैस शुरू करें

अगर आप को होममेड मसाले, अचार आदि बनाने का शौक है तो फिर अपने इस हुनर को अपने घर तक ही न समेट कर रखें बल्कि इन मसालों, आचार को अपनी एक औनलाइन साइट बना कर कम मेहनत में आप ज्यादा पैसा कमा सकती हैं.

सेविंग पर जोर दें

अगर आप आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हैं और आप को ज्यादा पैसा खर्च करने की आदत है तो इस बात का ध्यान रखें कि जो कमाया उसे उड़ा दिया वाली नीति को आप को छोड़ना होगा वरना आप अपने व अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित नहीं कर पाएंगी. ठीक इसी तरह अगर आप हाउसवाइफ हैं तो आप छोटीछोटी बचत करना सीखें.

बात करें अगर ‘वूमंस ऐंड मनी पावर 2022’ की रिपोर्ट की, तो भारत में 33 फीसदी महिलाएं बिलकुल निवेश नहीं करती हैं. ऐसे में जरूरी है उन में निवेश संबंधित जागरूकता बढ़ाने की. तो आइए जानते हैं कि महिलाएं कहां व कैसे निवेश कर सकती हैं:

पीपीएफ: पब्लिक प्रौबिडैंट फंड लोकप्रिय बचत योजनाओं में से एक है, जिस में आप सालाना 500 रुपए से डेढ़ लाख रुपए तक जमा कर सकती हैं, जिस में 15 साल तक पैसे जमा करने पर आप को अंत में अच्छीखासी रकम मिलती है.

फिक्स्ड डिपौजिट: बैंकों में फिक्स्ड डिपौजिट एक भरोसेमंद निवेश का विकल्प है, जिस में आप अच्छीखासी ब्याज दर पर पैसा जमा कर के उस का लाभ उठा सकती हैं.

रेकरिंग डिपौजिट: यह निवेश का आसान सा विकल्प है, जिस में आप 500 रुपए से ले कर अपनी मरजी मुताबिक राशि का अकाउंट खोल सकती हैं, जिस से आप को सेविंग की भी आदत पड़ जाती है और साथ ही एक समयसीमा पर आप को फिक्स्ड अमाउंट भी मिल जाएगा. इस तरह आप रिसर्च व रिस्क फैक्टर्स को देख कर निवेश के विभिन्न विकल्पों को चुन कर सेविंग कर सकती हैं.

पैसे बचत करने के आसान तरीके, आप भी अपनाइए

बचत करना कौन नहीं चाहता है, हर कोई चाहता है की वो अपने रोज के खर्चो में से कुछ बचत करे जो बाद में अपने परिवार के काम में आये, ज्यादातर इस बात की चिंता महिलाओं को होती है,

क्योंकि घर का खर्चा उन्ही को चलाना होता है. पर क्या आप सही तरीके से बचत कर पाती हैं, शायद हो सकता हैं कुछ लोग अच्छी बचत कर लेते होंगे पर बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो बचत के मामले में थोड़ा कमजोर हैं, पैसे घर पे आते ही ना जाने कहा खर्च हो जाते हैं. यह महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या है अगर आप बचत करना चाहती हैं तो यहां पर आपको कुछ आसान तरीके बताये जा रहे हैं जो आपको बचत करने में बहुत ज्यादा मदद करते हैं. अब आप भी अच्छी बचत कर पाएंगे पर उसके लिए आपको अपनी कुछ आदतों को बदलना होगा. तभी आप एक अच्छी बचत कर पाएंगे.

कहां खर्च करती हैं आप अपने पैसे

जब आपकी मासिक आय घर पर आती है तो आप सबसे पहले सभी जगह देने वाले पैसे अलग कर देती होंगी और कुछ पैसो को संभाल कर रख देती होंगी, और फिर वो भी कभी ना कभी खर्च हो ही जाते हैं. इसलिए इस खर्चे से बचने के लिए सबसे आसान तरीका यह है कि, जब आपकी मासिक आय आती है तो सबसे पहले उसमें से पैसो का कुछ भाग सेविंग करना शुरू करदें अर्थात या तो आप कोई गुल्लक बना लें या फिर अपने बैंक अकाउंट में जमा करले और उन पैसो को कभी ना निकाले. जब तक आपको ज्यादा जरुरत ना पड़ जाये, ऐसे आप हर माह अच्छी सेविंग कर सकती हैं.

कर्जे से हमेशा बचें

कई बार ऐसा होता है कि आपको पैसो की जरुरत पड़ती है और आप अपने दोस्तों या अपने रिश्तेदारों से मदद लें लेते हैं. कर्जे से हमेशा बचने कि कोशिश करें क्योंकि एक बार अगर आप किसी से पैसो कि मदद लें लेते हैं तो फिर आपको धीरे धीरे उस चीज की आदत हो जाती है, फिर आपको थोड़ा बहुत भी परेशानी हो तो आप फिर वही बात दोहराती हैं.

इसलिए कर्जे से जितना हो सके उतना बचने की कोशिश करें. क्योंकि जहां आपने एक बार कर्जा लेना शुरू कर दिया तो फिर आप सेविंग कभी नहीं कर सकती. ज्यादा सुविधा की जगह कम सुविधा से काम चला लें पर कर्जे से बचकर रहें.

फालतू के खर्चो से बचें

फालतू के खर्चों से मतलब इस प्रकार है कि, आज के समय में हम हो या आप छोटी छोटी जगह बहुत फालतू खर्चा करते हैं, जैसे रोज बहार खाना, रोज कही ना कही घूमने जाना, रोज कुछ ना कुछ खरीदना आदि ऐसे बहुत से फालतू खर्चे हैं जो आमतौर पर आप प्रतिदिन करती रहतीं हैं.

इन सभी फालतू खर्चो से बचें रोज बाहर खाने की जगह अपने घर पर खाना खाये और अगर आपका बाहर खाना खाने का मन हैं ही तो हफ्ते में एक बार बाहर चले जाये पर इसे अपनी रोज की आदत ना बनाये, ये सब आपके स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है.

रोज घूमने की जगह हफ्ते में एक दिन घूमने जाएं, ऐसे आप अपने बहुत से खर्चो को कम कर सकते हैं, इन छोटी छोटी सेविंग से ही तो आप बड़ी सेविंग कर पाएंगी. इसलिए ध्यान दें फालतू के खर्चो को कम करदे.

महत्वपूर्ण ध्यान रखने योग्य बातें

  • अगर आपके परिवार में दो व्यक्ति जौब करने वाले हैं तो आप अच्छी बचत कर सकते हैं, सिर्फ एक ही व्यक्ति की आय का यूज करें और एक व्यक्ति की आय को सीधा बचत खाते में डाल दें.
  • हर महीने अपना बजट बनाये और उसका पालन भी करें.
  • आपके द्वारा की जाने वाली हर खरीददारी पर नजर रखें और ध्यान पूर्वक खरीदी करें.
  • आजकल सभी बैंको में अलग अलग प्रकार की सेविंग की सुविधाएं शुरू हो गयी हैं, उन सभी सुविधाओं का लाभ उठाये.
  • सर्वप्रथम अगर आपने किसी से कर्जा लिया है तो उसका भुगतान करें और उसके बाद ही अपनी सेविंग करना शुरू करें.
  • अपनी एक बजट डायरी बना लें और उसमे अपने हर महीने के खर्चो का लेखा जोखा करें इससे आपको ध्यान रहेगा कि आप कहां पर कितना पैसा खर्च कर रहीं हैं.
  • अगर आपके परिवार में छोटे बच्चे हैं तो उन्हें सिखाएं कि फालतू टीवी ना खोले, फालतू लाइट ना जलाये और फालतू में पानी ना बहायें इससे आपका बिल और ज्यादा बड़ जायेगा और इस बात का आप भी ध्यान रखें, क्योंकि बहुत सारी बचत तो आप घर बैठे ही कर सकती हैं.
  • जब आप कभी बाजार जाते हैं तो अपने पास ज्यादा पैसे ना रखें, क्योंकि आप जितने पैसे लें कर जाते हैं वो कही ना कही पर खर्च हो जाते हैं, इसलिए जितने पैसों की जरुरत हो उतने ही पैसे अपने साथ ले जाये.
  • अगर आप किसी भी बड़ी चीज को खरीदने कि सोचते हैं, तो सबसे पहले उसके बारे में सभी जगह से पता करें और सोच समझ कर अच्छी दुकान से खरीदे.
  • अगर आपका औफिस या मार्किट पास ही है तो कोशिश करें कि आप पैदल ही जाएं ना कि गाड़ी या रिक्शा से जाएं.
  • आप अपने पैसों की सेविंग के लिए एफडी, म्युचुअल फण्ड और सेविंग अकाउंट आदि का प्रयोग भी कर सकती हैं.

महिलाएं पैसा बचाना चाहती हैं तो इन बातों को जान लें

आज महिलाएं केवल घर गृहस्थी संभालने तक ही सीमित नहीं हैं. बल्कि घर से बाहर निकल कर उन्होंने दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाया है. आज वो अपना बिजनेस भी कर रही हैं तो मल्टीनेश्नल कंपनियों में नौकरी कर उनकी नेतृत्व भी कर रही हैं. आमतौर पर धारणा है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में बचत की भावना अधिक होती है. ऐसे में सबसे अधिक जरूरी है कि उन्हें वित्तीय मामलों की समझ अच्छी हो. इस खबर में हम आपको टिप्स के बारे में बताएंगे जिनसे महिलाओं को बचत के साथ वित्त की अच्छी समझ विकसित होगी.

निवेश के बारे में ज्यादा सोचें

पैसों की बचत के लिए बेहद जरूरी है कि आप निवेश के बारे में भी सोचना शुरू कर दें. पैसा बचा कर घर में रखने का कोई फायदा नहीं होता. बेहतर है कि आप उसे बाजार में या पौलिसी में निवेश करें. निवेश किए हुए पैसों से आपका बचत अच्छा हो सकेगा.

समझे कहां और कितना करना है खर्च

जो भी आपके खर्चे हैं उनको बारिकी से समझे. जरूरी है कि खर्चों को आप कहीं नोट करें. रोजाना के खर्चे का हिसाब करें. और ध्यान रखें कि जितनी जरूरत हो उतना ही खर्च करें.

जरूरी चीजों की करें खरीदारी

जितना जरूरी हो उतना ही खरीदारी करें. फालतू के खर्चे से दूरी बनाएं. अगर आपके सामने कोई औफर हो तो पहले खुद से पूछें कि क्या आपको उस प्रोडक्ट की जरूरत है? अगर आपको जवाब हां मिलता है तो ही उसे खरीदें. अपनी जरूरत को ध्यान में रख कर ही खरीदारी करें.

वित्तीय मामलों की समझ

एक महिला के लिए ये बेहद जरूरी है कि वो वित्तीय मामलों के बारे में समझ अच्छी रखे. इसके लिए आप चाहें तो फाइनेंशियल प्लानर की मदद ले सकती है.

इस तरह से सेविंग्स कर बने स्मार्ट हाउसवाइफ

आज के समय में पैसों की बचत बेहद जरूरी है. जिंदगी में कब कैसी परेशानी आ जाए, किसी को नहीं पता होता है. चूंकि महिलाएं घर की सारी चीजें संभालती हैं, जरूरी होता है वो इन बातों को ले कर सजग रहें. हम आपको कुछ स्मार्ट टिप्स बताने वाले हैं, जिनकी मदद से आप अच्छी सेविंग्स कर सकेंगी.

करें डेली बजट प्लानिंग

मंथली बजट के साथ साथ जरूरी है कि आप डेली बजट पर भी काम करें. जैसे कि आप रोज सुबह प्लान करें कि दिनभर भी आपके क्या खर्चे होने हैं, कौन से जरूरी काम हैं. कुल मिला कर पूरे दिना का बजट एक साथ तय कर लें. इस तरह से हर दिन कुछ रकम बचाएं.

आरडी का विकल्प चुनें

पैसे को घर में रखने से बेहतर है आप निवेश करना शुरू करें. हर माह इसमें कुछ रकम जमा करती रहें. छोटी छोटी बचत आपके लिए बड़ी बचत साबित होगी.

पहले ही बनाएं शौपिंग लिस्ट

शौपिंग के लिए पूरी प्लानिंग के साथ निकलें. बिना तैयारी के शौपिंग करने से ज्यादा पैसा खर्च होता है. कभी भी शौपिंग पर निकलने से पहले सामान की पूरी लिस्ट तैयार करें. अपनी जरूरत की चीजें नोट कर के रखें और केवल उन्हीं की खरीदारी करें. इस तरह से आपके ज्यादा पैसे खर्च नहीं होंगे.

पब्लिक ट्रांसपोर्ट का करें प्रयोग

अपनी कार या बाइक का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचें. इससे ना सिर्फ पैसा कम खर्च होंगे, बल्कि आपकी जर्नी भी सेफ रहेगी.

क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने से बचें

क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने से आपने कितने पैसे खर्च कर लिए हैं पता नहीं चलता. इसका मुख्य कारण है कार्ड फिजिकली आपको पैसा पे नहीं करना होता. इससे आपके दिमाग़ में खर्च का खाका नहीं बनता.

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