जानें क्या है Skin Ageing के कारण और इससे बचने के उपाय

 Skin Ageing : स्किन एजिंग एक प्राकृतिक प्रक्रिया होती है जो साइकोलौजिकल और एनवायरनमेंट फैक्टर के संयोजन से होती है.  कई खराब स्किनकेयर की आदतों से भी जल्दी से स्किन बूढ़ी होने लगती है. प्रायः लापरवाही और जागरूकता की कमी से हम ऐसी स्किनकेयर या लाइफस्टाइल आदतों को अपनाते है जिससे कालेजन टूटता है, इससे स्किन में जलन होती है और  फिर इस वजह से फाइन लाइन्स, धब्बे और बढ़े हुए छिद्रों से  बुढ़ापा  जल्दी झलकने लगता है.

अगर आप जल्दी बुढ़ापे के लक्षणों का अनुभव कर रहे है तो नीचे कुछ स्किनकेयर और लाइफस्टाइल  से सम्बंधित ख़राब आदतों के बारें में बताया जा रहा है जिससे बुढ़ापा जल्दी आता है.

बहुत ज्यादा स्क्रबिंग (रगड़ना)

स्क्रबिंग और एक्सफोलिएट करने से स्किन के लिए लाभ होता है क्योंकि इससे स्किन के मृत कोशिकाओं और स्किन की उपरी परत की गंदिगी से छुटकारा पाने में मदद मिलती है. हालांकि अगर इसे बहुत ज्यादा किया जाए तो इससे लाभ के बदले नुकसान भी होता है.  बहुत ज्यादा जोर से एक्सफोलिएट करने या चेहरे पर ज्यादा स्क्रब करने से भी स्किन में तेज जलन हो सकती है. समय के साथ ज्यादा स्क्रबिंग करने से लंबे समय तक सूजन और फाइन लाइंस और झुर्रियां हो सकती है. अगर आप फेशियल स्क्रब का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसे रगड़ने के बजाय अपने चेहरे पर धीरे से इस्तेमाल करें. इसके अलावा हफ्ते में 2-3 बार स्क्रबिंग करना पर्याप्त होता है.

मॉइस्चराइज़र और सनस्क्रीन लगाना भूलें

जब बात उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने की आती है, तो मॉइस्चराइज़र और सनस्क्रीन बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं. हममें से ज्यादातर लोग इन चीजों को लगाते हैं. स्किन में नमी या हाइड्रेशन की कमी से जल्दी बुढ़ापा झलकता है. अक्सर कई लोग जिनकी स्किन सूखी नहीं होती है, वे हर दिन मॉइस्चराइज़र का उपयोग नहीं करते है उन्हें लगता है कि उन्हें इसकी जरुरत नहीं है. यहीं वह गलती करते है. स्किन के लिए मॉइस्चराइज़र जरूरी है. अगर आपकी स्किन ऑयली है तो आप एक वाटर बेस्ड या हल्का मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल कर सकते है. लेकि इसका लगातार करें. ठीक इसी तरह यूवी रेडिएशन के संपर्क में आने से बचने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से समय से पहले बुढ़ापा नहीं नज़र आता है क्योंकि इससे कोलेजन नही टूटता है. आपकी डेली स्किनकेयर रूटीन में चेहरे को धीरे-धीरे धोने के बाद  मॉइस्चराइजर और  सनस्क्रीन लगाना शामिल होना चाहिए. क्रीम, सीरम और ह्यालूरोनिक एसिड बेस्ड प्रोडक्ट जैसे कि प्रोह्फिलो  इंजेक्शन भी समय से पहले उम्र बढ़ने को रोकने में मदद कर सकते हैं और यहां तक कि ये बुढ़ापे के लक्षणों को भी कम करते है.

खुशबूदार और सिंथेटिक (कृत्रिम) रंगों वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल

सुगंधित प्रोडक्ट बाजार में बहुत ज्यादा मिलते है. हालांकि आपको किसी भी स्किनकेयर प्रोडक्ट में सुगंध या सिंथेटिक रंग का कौम्बिनेशन होने पर सावधान रहना चाहिए. खुशबूदार प्रोडक्ट से कई हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं. सुगंध और सिंथेटिक रंग स्किन में जलन और ब्रेकआउट पैदा करते है. इससे न केवल संवेदनशील स्किन को परेशानी होती हैं, बल्कि सभी प्रकार की स्किन के लिए ये हानिकारक होते हैं. वास्तव में सुगंध और सिंथेटिक रंगों वाले प्रोडक्ट में इस्तेमाल किये गए कुछ तत्व संभावित कार्सिनोजन प्रभाव वाले होते हैं इससे स्किन की जलन के अलावा स्किन भी खिंचती है. इसलिए सुगन्धित स्किन केयर प्रोडक्ट न चुने.

अपनी स्किन के हिसाब से प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना

बहुत सारे लोगों को यह पता होता है कि मानव की स्किन नार्मल, ड्राई, ऑयली और सेंसटिव स्किन होती है.  फिर भी बहुत सारे लोग अपनी स्किन के हिसाब से प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं करते है. अपनी स्किन के हिसाब से स्किन केयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से  जलन और ब्रेकआउट नही होता है.  जिनकी स्किन  सेंसटिव या जिनके मुंहासे ज्यादा होते है उन्हें स्किनकेयर प्रोडक्ट को लेने से पहले बहुत सावधान रहना चाहिए.  बहुत ही सामान्य नियम का पालन करें और स्किन पर जलन पैदा करने वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना बंद करें. ख़राब स्किनकेयर प्रोडक्ट का उपयोग करने के कारण त्वचा में जलन और समय से पहले बुढ़ापा झलकता है.

बहुत ज्यादा चीनी का सेवन करना

बहुत ज्यादा चीनी का सेवन करने से जल्दी बुढ़ापा झलकता है. चीनी शरीर में एक ऐसी प्रक्रिया को बढ़ाती है जिससे एडवांस ग्लाइकेशन एन्ड प्रोडक्ट (एजीई) नामक हानिकारक फ्री रेडिकल्स प्रोड्यूस होते है. ये एजीई  स्किन स्काफफोल्डिंग प्रोटीन जैसे कि कोलेजन को तोड़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उम्र बढ़ने के संकेत दिखते हैं. इसलिए लो-शुगर वाला डाइट न केवल शरीर के लिए बल्कि स्किन के लिए भी अच्छा होता है.

भारत के लीडिंग सेलिब्रिटी कास्मेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट, मुंबई के डॉ रश्मि शेट्टी द्वारा इनपुट

8 टिप्स: स्किन एजिंग अब नहीं

फूलों सी नाजुक त्वचा पर पतली धारियां और झुर्रियां नजर आने लगती हैं, तो मन सहम उठता है, क्योंकि झुर्रियां यानी बुढ़ापे की ओर बढ़ते कदम. आमतौर पर झुर्रियां त्वचा की उम्र बढ़ने का पहला साफ संकेत होती हैं. त्वचा में ढीलापन वौल्यूम के लौस होने का संकेत है. ऐसे में कुछ बातों का खयाल रखा जाए तो समय से पहले त्वचा की उम्र बढ़ने से रोक सकती हैं.

त्वचा की एजिंग के कई कारण होते हैं. कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिन का हम कुछ नहीं कर सकते हैं, लेकिन अन्य कारकों को हम प्रभावित कर सकते हैं.

एक चीज जिसे हम नहीं बदल सकते वह है उम्र बढ़ने की स्वाभाविक प्रक्रिया. इस की अहम भूमिका होती है. समय के साथ हम सभी को अपने चेहरे पर बारीक रेखाएं दिखने लगती हैं. यह स्वाभाविक प्रक्रिया है. यौवन ढलने पर त्वचा पतली और सूखी होने लगती है. जब ये परिवर्तन होते हैं, तो हमारे जीन बड़े पैमाने पर इसे नियंत्रित करते हैं. इस प्रकार की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को चिकित्सकीय भाषा में इंट्रिसिकएजिंग कहा जाता है. इस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता.

1. यों थामें स्किन एजिंग

त्वचा पर असर डालने वाले अन्य एजिंग कारकों को हम प्रभावित कर सकते हैं. पर्यावरण और जीवनशैली दोनों हमारी त्वचा को समय से पहले उम्रदराज बना सकते हैं. कुछ खास कदम उठा कर हम इस प्रकार के उम्र बढ़ने के प्रभाव को धीमा कर सकते हैं. अपोलो अस्पताल के डा. अनूप धीर समय से पहले त्वचा की एजिंग घटाने के कुछ उपाय बताते हैं:

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2. त्वचा को सूर्य की किरणों से बचाएं

चाहे समुद्र के तट पर दिन बिता रहे हों या फिर रोजमर्रा की भागदौड़ हो, सूर्य की किरणों से सुरक्षा जरूरी है. आप छाया में रह कर शरीर को कपड़ों से ढक कर और ब्रौडस्पैक्ट्रम, एसपीएफ 30 या इस से अधिक वाला तथा वाटर रिजिस्टैंस सनस्क्रीन लगा कर अपनी त्वचा की सुरक्षा कर सकती हैं.

3. संतुलित आहार का सेवन करें

अध्ययनों से पता चलता है कि ताजे फल और सब्जियां खाने से समय से पहले त्वचा की झुर्रियों को बढ़ावा देने वाले नुकसानदायक कारकों की रोकथाम में मदद मिल सकती है. ज्यादा चीनी या अन्य रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार का सेवन करने से उम्र बढ़ने की गति तेज हो सकती है.

4. उपचार की नौनसर्जिकल विधियां

बोटौक्स और फिलर्स त्वचा उपचार की नौनसर्जिकल विधियां हैं, जिन का चेहरे का कायाकल्प करने के लिए उपयोग किया जाता है. हालांकि ये रासायनिक रूप से पूरी तरह अलग हैं, इसलिए इन के काम का तरीका भी अलग है. दोनों का ही उपयोग बारीक धारियों और झुर्रियों को कम कर चेहरे को स्मूद एवं जवां दिखाने के लिए किया जाता है.

5. व्यायाम करें

हलकीफुलकी ऐक्सरसाइज ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाती है और इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है. इस से त्वचा ज्यादा जवां और खिलीखिली नजर आती है. अगर आप धूम्रपान करती हैं तो उसे बंद कर दें. धूम्रपान स्किन की एजिंग को काफी तेजी से बढ़ाता है. इस से त्वचा पर झुर्रियां पड़ जाती हैं, त्वचा मलिन व बुझीबुझी नजर आती है.

6. शराब का सेवन न करें

शराब त्वचा को रूखी बनाती है. यह त्वचा को डिहाइड्रेट करती है. इस से ज्यादा उम्र की दिख सकती हैं.

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7. कोमलता से करें त्वचा की सफाई

त्वचा को रगड़ कर साफ करने से उसे परेशानी हो सकती है. इस से त्वचा की एजिंग की गति बढ़ सकती है. कोमलता से सफाई करने से प्रदूषण, मेकअप और अन्य तत्वों को हटाने में मदद मिलती है और इस से त्वचा को कोई परेशानी भी नहीं होती है.

8. हर दिन फेशियल व मौइश्चराइजिंग

मौइश्चराइजर त्वचा में नमी को बनाए रखता है, जिस से त्वचा ज्यादा जवां नजर आती है. बारबार एक ही तरह के फेशियल ऐक्सप्रैशन से बचें. जब आप फेशियल ऐक्सप्रैशन देती हैं, तो आप की अंदरूनी मांसपेशियों पर खिंचाव होता है. अगर आप बारबार कई साल तक उसी मांसपेशी पर दबाव डालती हैं तो ये रेखाएं स्थायी रूप से उभर जाती हैं. धूप का चश्मा पहनने से अधखुली आंखों से देखने के कारण चेहरे पर पड़ने वाली धारियां घटने में मदद मिल सकती है.

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