बढ़ती उम्र के कारण मेरे हाथों पर निशान दिखाई दे रहे हैं, मैं क्या करूं?

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समाधान: ऐल्प्स ब्यूटी क्लीनिक की फाउंडर, डाइरैक्टर डा. भारती तनेजा द्वारा 

सवाल

मेरी उम्र 40 साल है और मैं पूरा दिन कंप्यूटर पर काम करती हूं जिस से मेरे हाथों पर बढ़ती उम्र के निशान स्पष्ट दिखते हैं. इन्हें दूर करने के लिए मैं क्या करूं?

जवाब

आप दूर करने के लिए नियमित रूप से हौट औयल मैनीक्योर करवा सकती हैं. इस का उपयोग न केवल ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है बल्कि जौइंट्स के लिए भी लाभकारी होता है. इस से स्किन की देखभाल भी होती है और नाखूनों को क्लीन लुक मिलता है. इसे घर पर भी आसानी से तैयार किया जा सकता है. एक बाउल में सनफ्लौवर औयल, कैस्टर औयल, आमंड औयल, विटामिन ई औइल, टी ट्री औयल और औलिव औयल को समान मात्रा में मिला कर मिक्स करें. इस मिश्रण को 30 सैकंड्स के लिए माइक्रोवेव में गरम करें. फिर इस में विटामिन ई के 2 कैप्सूल तोड़ कर डालें और मिक्स करें. अब इसे अपनी उंगलियों पर लगाएं और मालिश करें. फिर हाथों को धो लें और मौइस्चराइजर लगाएं. इस मैनीक्योर को हफ्ते में कम से कम 2 बार करें. नियमित उपयोग से आप को अंतर जरूर दिखेगा.

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मेरा वजन दिन पर दिन कम होता जा रहा है, क्या करूं?

सवाल-

मैं 23 साल की विवाहित स्त्री हूं. मेरा 1 बेटा भी है. मेरा वजन पहले से ही कम था, पर इधर कुछ समय से यह घट कर सिर्फ 32 किलोग्राम रह गया है. परिवार के सभी बड़े-बूढ़े अकसर टोकते रहते हैं कि मुझे ठीक से खानापीना चाहिए और खुश रहना चाहिए, पर मैं उन्हें क्या बताऊं कि मैं ठीक से खातीपीती भी हूं और सदैव खुश रहने का जतन भी करती हूं, फिर भी शरीर सूखता जा रहा है. कहीं यह किसी अंदरूनी बीमारी का लक्षण तो नहीं है? कुछ ऐसे व्यावहारिक उपाय बताएं जिन से वजन बढ़ सके और मैं सुंदर तथा हृष्टपुष्ट दिखने लगूं?

जवाब-

यदि किसी व्यक्ति का वजन बिना प्रयत्न किए खुदबखुद घटने लगे और उस की जानकारी में उसे शरीर या मन का कोई रोग न हो, तो इसे यकीनन गंभीरता से लेना चाहिए. अच्छा होगा कि आप या तो अपने फैमिली डाक्टर या किसी इंटर्नल मैडिसिन के विशेषज्ञ डाक्टर से मिलें और अपनी विधिवत जांच कराएं. आंतों के कई प्रकार के रोग जिन में आंतों की पाचनशक्ति कमजोर पड़ जाती है और खाना आंतों से जज्ब होने के बजाय शरीर से व्यर्थ चला जाता है, उन के पनपने से यह परेशानी प्रकट हो सकती है. बिगड़ी हुई डायबिटीज में भी यह लक्षण आम देखा जा सकता है.

शरीर में टीबी का रोग लग जाए तब भी व्यक्ति सूख कर कांटा हो जाता है. कुछ खास हारमोनल रोगों जैसे हाइपरथायरोडिज्म और ऐडिसन रोग में भी वजन घटता चला जा सकता है. किसीकिसी व्यक्ति में वजन घटने के पीछे कभीकभी कैंसर जैसा गंभीर रोग भी कारक होता है. कई लोगों में समूची समस्या मानसिक असंतोष, उदासी और अवसाद से जुड़ी होती है. कुछ में मसला शरीर के किसी बड़े अंग जैसे लिवर, किडनी या हार्ट फैल्योर से भी संबंधित हो सकता है.  समस्या से उबरने के लिए सब से पहली जरूरत वजन घटने के पीछे उस के कारक को ढूंढ़ निकालने की है. जैसे ही डाक्टरी छानबीन से इस का कारण सामने आएगा, वैसे ही उस से उबरने के उपाय बताना आसान हो जाएगा.

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जरूरत से ज्यादा पतला होना भी ठीक नहीं होता. कई बार ज्यादा पतला होना हमारे लिए शर्मिंदगी की वजह बन जाता है. हममें से कई महिलाएं ऐसी हैं जो खाती तो बहुत हैं लेकिन कुछ भी उनके शरीर को लगता ही नहीं. अगर आपके या आपके किसी जाननेवाले के साथ भी ऐसी ही दिक्कत है तो समझ लीजिए कि डाइट में बदलाव की जरूरत है. यहां हम आपको कुछ चीजें बता रहे हैं जो वजन बढ़ाने में मदद कर सकती हैं.

दूध

दूध फैट, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का मिक्स होता है. इसके साथ इसमें विटामिन और कैल्शियम भी भरपूर होता है.

चावल

चावल से भरे एक कप में 200 कैलरीज होती हैं, जिसमें कार्बोहाइड्रेट भी बड़ी मात्रा में होता है.

मेरी स्किन बहुत औयली है, कृपया मुझे होममेड स्किन टोनर की जानकारी दें?

सवाल-

मेरी स्किन बहुत औयली है. गरमियों में और ज्यादा औयली हो जाती है, साथ ही फेस के पोर्स भी बड़े हो रहे हैं. कृपया मुझे होममेड स्किन टोनर की जानकारी दें?

जवाब-

टमाटर और शहद का बहुत अच्छा होममेड स्किन टोनर बनाया जा सकता है. ताजा टमाटरों का रस निकाल उस में उतनी ही मात्रा में शहद मिला लें. दोनों को मिक्स कर के गाढ़ा पेस्ट बना कर उसे चेहरे पर 20 मिनट तक लगाए रखें. 20 मिनट के बाद चेहरे को ताजा ठंडे पानी से अच्छी तरह धो लें. यह होममेड स्किन टोनर आप की औयली स्किन के लिए वरदान साबित होगा. यह होममेड स्किन टोनर त्वचा के कीलमुंहासों, झांइयों और झुर्रियों को कम करने में भी मदद करता है. सप्ताह में 2-3 बार इस्तेमाल करने पर कुछ ही दिनों में त्वचा काफी ग्लोइंग नजर आने लगती है.

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औयली (तैलीय) त्वचा वाली महिलाओं को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है. त्वचा पर मौजूद अधिक तेल चेहरे को चिपचिपा बना देता हे, जिस से चेहरे पर कीलमुंहासे होने का डर बना रहता है, लेकिन अब इस डर को घर में बनाए जाने वाले फेस पैक, जिन्हें घरेलू फेस पैक के नाम से भी जानते हैं, का इस्तेमाल कर दूर किया जा सकता है.

डा. दीपाली भारद्वाज, त्वचा रोग विशेषज्ञा बताती हैं कि तैलीय त्वचा से परेशान बहुत सी महिलाएं उन के पास आती हैं, जो विभिन्न क्रीमों व अन्य चिकित्सीय उपचार ले चुकी होती हैं, लेकिन डा. दीपाली के मुताबिक घरेलू उपचार से बेहतर कोई इलाज नहीं.

इन 5 घरेलू उपचारों का प्रयोग कर आप औयली त्वचा की परेशानियों से छुटकारा पा सकती हैं:

1 केला, शहद और लैमन फेस पैक: केला सेहत के लिए तो फायदेमंद होता ही है, साथ ही यह त्वचा से अतिरिक्त तेल निकालने में भी मदद करता है. केले के साथ शहद और नीबू भी कमाल के गुणों से भरपूर होते हैं. आप को अपने लिए फेस पैक बनाने के लिए बस इतना करना है कि एक केले को मैश कर उस में 1 चम्मच शहद और नीबू का रस मिला कर इस मिश्रण को चेहरे पर तब तक लगाए रखना है जब तक कि यह सूख न जाए. फिर चेहरे को कुनकुने पानी से धो लें.

Summer Special: गरमी में इन 4 स्किन प्रौब्लम्स को कहें बाय-बाय

गरमी का मौसम आते ही हमारे मनपसंद अलग-अलग डिजाइन के कपड़े निकल आते हैं और उन्हें पहन कर बाहर निकलने की खुशी के तो क्या कहने. लेकिन इस मौसम में कई सारी स्किन प्रौब्लम्स से दोचार होना पड़ता है. ये स्किन प्रौब्लम्स रैशेज, घमोरियां, ऐक्ने और सनबर्न होती हैं. ये इतनी गंभीर नहीं होतीं कि डाक्टर के पास जाना पड़े, परंतु इतनी छोटी भी नहीं कि इन्हें नजरअंदाज किया जाए. इस तरह की प्रौब्लम्स से कैसे बचें, जानिए…

1 सनबर्न

beauty tips

गरमी में अकसर घर से बाहर कड़ी धूप में निकलने से सनबर्न की समस्या हो जाती है. सूरज की हानिकारक किरणें जब स्किन से डायरैक्ट कौन्टैक्ट में आती हैं तो उस पर असर पड़ता है. स्किन रूखी, बेजान होने के साथ उस पर छाले भी हो जाते हैं. कभी-कभी स्किन लाल हो जाती है व छिल भी जाती है.

इन चीजों का करें इस्तेमाल…

– सनबर्न होने पर अहम यह है कि संक्रमित स्किन को अधिक से अधिक ठंडक दें. ठंडे पानी से नहाएं, ठंडे पानी की पट्टियां स्किन पर लगाएं व स्किन पर बर्फ धीरे-धीरे रगड़ें. आलू सनबर्न को कम करने और दर्द खत्म करने का कार्य करता है. आलू को काट कर या घिस कर सनबर्न से प्रभावित स्किन पर लगाएं. इस से आराम मिलेगा.

– पुदीने की पत्तियों का रस निकाल कर धूप से झुलसी स्किन पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है. इस के अलावा एलोवेरा जेल भी स्किन को ठंडक प्रदान करता है. एलोवेरा जेल को स्किन पर डायरैक्ट लगाएं.

– उड़द दाल को दही में मिला कर जली हुई स्किन पर लगाने से भी राहत मिलती है.

– दिल्ली स्थित विनायक स्किन ऐंड कौस्मेटोलौजी क्लिनिक के स्किन विशेषज्ञ डा. विजय कुमार गर्ग ने बताया, ‘विटामिन ई एंटीऔक्सिडैंट होता है जो संक्रमण को कम करता है. विटामिन ई को सनबर्न के समय भोजन में शामिल करना चाहिए, इससे आप की स्किन जल्दी ठीक होगी. विटामिन इ पालक, सोयाबीन, बादाम व मूंगफली में होता है.

– टी ट्री तत्वों से मुक्त पदार्थो का सनबर्न से प्रभावित स्किन पर उपयोग करें. साबुन का इस्तेमाल न कर के टी ट्री तत्त्वों वाले फेसवाश का इस्तेमाल करें. साथ ही, सनस्क्रीन क्रीम या लोशन का जरूर इस्तेमाल करें.

– यदि जलन और दर्द अत्यधिक हो और स्किन अधिक झुलसी हुई हो तो स्किन रोग विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं.’’

2 प्रिकली हीट

प्रिकली हीट जिसे हम घमोरियां कहते हैं, गरमी में होने वाली एक सामान्य परेशानी है. यह किसी को भी हो सकती है. ये शरीर पर खुजली, दर्द और चिलमिलाहट पैदा करती हैं. स्किन पर छोटेछोटे बंप उभर आते हैं. जब ये फूटते हैं तो इन में से पसीना निकलता है और स्किन पर प्रिकली सैंसेशन होती है.

इन चीजों का करें इस्तेमाल

– घमोरियां होने पर यह आवश्यक है कि आप ढीले कपड़े पहनें और हो सके तो कौटन के कपड़े पहनें क्योंकि वे पसीना सोख लेते हैं और घमोरियों से बचाव करते हैं. टाइट कपड़े न पहनें और शरीर पर पसीना न जमने दें.

– बेकिंग सोडा लें और उस मे ठंडा पानी मिला लें. अब इस में एक साफ कपड़ा डुबोएं और उसे प्रिकली हीट प्रभावित स्किन पर 10 मिनट तक रहने दें. इस से दर्द व खुजली से आराम मिलेगा.

– हर 5 घंटे के अंतराल में स्किन पर बर्फ लगाएं. बर्फ को एक कपड़े में रखें और प्रभावित हिस्से पर लगाएं. ऐसा करने से घमोरियां फैलेंगी नहीं और दर्द में राहत मिलेगी.

– ठंडे पेय पदार्थों, जैसे छाछ, नीबू पानी, नारियल पानी आदि का सेवन करें.

– ये अंदरूनी रूप से आप के शरीर को ठंडा रखते हैं.

– मुलतानी मिट्टी को सर्दियों से प्रिकली हीट का तोड़ माना जाता है, कारण स्पष्ट है कि यह ठंडक पहुंचाती है. मुल्तानी मिट्टी या चंदन पाउडर में गुलाबजल मिला कर पेस्ट बनाइए और इसे प्रिकली हीट पर लगाइए. सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लीजिए.

– दिन में 2 बार ऐसा करने से आप को आराम भी मिलेगा.

– डा. विजय कहते हैं, ‘‘प्रिकली हीट के लिए हाइड्रोफेशियल ट्रीटमैंट किया जाता है. यह 3-4 स्टैप में होता है. सब से

– पहले स्किन टाइटनिंग, फिर टौक्सिन रिमूवल, उस के बाद औक्सिजनाइजेशन और आखिर में विटामिन सी इंफ्यूज किया जाता है.

– यदि आप को घमोरियों से बचना है तो नहाने के बाद 10-15 मिनट तक पंखे के नीचे जरूर बैठें. ऐसा करने से घमोरियां नहीं होंगी. आमतौर पर एसी में रहने वाले व्यक्ति को घमोरियां नहीं होती हैं.’’

3 ऐक्ने प्रौब्लम

acne

जब पसीना स्किन पर तैलीय ग्रंथियों से मिलता है तो ऐक्ने का रूप ले लेता है. तैलीय ग्रंथियों के अत्यधिक रिसाव से स्किन के रोमछिद्र खुल जाते हैं और ऐक्ने व ब्लैकहैड्स जैसी समस्याएं होने लगती हैं.

इन चीजों का करें इस्तेमाल

– ऐक्ने के लिए हलदी एक कारगर उपाय है. 2 चम्मच चंदन में थोड़ी सी हलदी और बादाम का तेल मिला कर चेहरे पर लगाएं. 15 मिनट के बाद हलके हाथ से रगड़ कर हटाएं और ठंडे पानी से धो लें.

– ऐक्ने के लिए खीरे का फेसपैक भी उपयोगी रहता है. खीरा, ओटमील और एक चम्मच दही को मिला कर पेस्ट बना लें. अब इसे ऐक्ने पर लगाएं और सूखने पर ठंडे पानी से धो लें. यह फेसपैक स्किन को रिजुवनेट करता है और ऐक्ने को कम करता है.

– शहद भी ऐक्ने पर कारगर साबित होता है. शहद में नीबू का रस मिला कर चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद कुनकुने पानी से चेहरे को धो लें.

– आजकल ऐक्ने के लिए विभिन्न प्रकार की क्रीम व फेसवाश आते हैं जिन के इस्तेमाल के लिए खुद डाक्टर भी कहते हैं. ऐक्ने को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए लेजर ट्रीटमैंट भी किया जाता है. सैलिसिलिक एसिड भी ऐक्ने हटाने के लिए अच्छा उपाय है तो सैलिसिलिक एसिड से बने फेसवाश व क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं.

4 बौडी ओडोर प्रौब्लम

बौडी ओडोर गरमी में होने वाली एक साधारण समस्या है जो पसीने के कारण होती है. हमारे शरीर से 2 तरह का पसीना निकलता है. पहला, एक्राइन जो साफ और बिना दुर्गंध का होता है व शरीर के तापमान को बनाए रखता है और दूसरा, ऐपोक्राइन जो मोटा पदार्थ होता है व कमर और कांख में ग्रंथियों द्वारा निर्मित होता है. एपोक्राइन भी बिना दुर्गंध का ही होता है परंतु बैक्टीरिया के संपर्क में आने से इस में से दुर्गंध आने लगती है. यदि आप भी बौडी ओडोर अर्थात शरीर की बदबू से परेशान हैं तो ये कुछ उपाए हैं जिन्हें आप अपना सकते हैं.

इन चीजों का करें इस्तेमाल

– ताजे नीबू को 2 भागों में काट कर अंडरआर्म्स में रगडि़ए. ये शरीर की दुर्गंध को हटाता है और बैक्टीरिया भी मारता है.

– आपको ओडोर से बचने के लिए डियोड्रैंट का इस्तेमाल करना चाहिए. यदि आप के पास डियोड्रैंट नहीं है तो एक कप पानी लें और उस में हाइड्रोजन पैरोक्साइड मिलाएं. इस पानी में एक साफ कपड़े को डुबो कर अंडरआर्म्स में रगडि़ए. यह शरीर के बौडी ओडोर को दूर कर देगा.

– बेकिंग सोडा में एक नीबू निचोडि़ए और पेस्ट बना कर शरीर के जिन हिस्सों में अत्यधिक पसीना आता है वहां लगाइए. इसे रगडि़ए नहीं. कुछ देर बाद ठंडे पानी से धो लीजिए. कुछ हफ्ते इस विधि को अपनाने से बौडी ओडोर खत्म हो जाएगा.

– अत्यधिक डाक्टर बौडी ओडोर से बचने के लिए एंटीपर्सपिरैंट इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं. इस में ऐल्युमिनियम क्लोराइड होता है, जो शरीर द्वारा उत्पन्न पसीने को कम करता है. बोटोक्स ट्रीटमैंट के द्वारा भी पसीने को कम किया जाता है.

Beauty Tips: उम्र के अलग-अलग पड़ावों पर एजिंग के लक्षणों को ऐसे करें कम

फाइन लाइनों, पिग्मेंटेशन, डिस्कोलर्नेस , रूखी सूखी त्वचा और एक उम्र के बाद झुर्रियां हम सभी में काफी आम हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपनी त्वचा को सुस्त और वृद्ध दिखने से नहीं रोक सकती हैं . बढ़ते प्रदूषण के स्तर, तनाव , खराब पोषण और आत्म-देखभाल की कमी ने कारण भी समय से पहले बुढ़ापा आना आम हो गया है. कॉस्मेटोलॉजिस्ट के अनुसार, युवाओं में समय से पहले बूढ़ा होना एक बड़ी चिंता का विषय है . ऐसे कई लोग है जिन्होंने 25 वर्ष की उम्र में ही 80 साल के उम्र के लोगो जैसे एजिंग के लक्षणों का सामना किया है .

इन सभी एजिंग की समस्याओं को आप आसानी से हल कर सकती हैं . एक नियमित स्किनकेयर रूटीन को शामिल करके इन सभी उम्र बढ़ने के मुद्दों से बचा जा सकता है. जिसमें एंटी-एजिंग रूटीन के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में शामिल है सनस्क्रीन . विशेषज्ञों का सुझाव है कि महिलाओं को 20 साल में कदम रखते ही अपनी त्वचा की देखभाल करनी  शुरू कर देनी चाहिए . ऐसे बहुत से तरीके हैं जिन्हें आप आसानी से अपना सकती हैं. बस आपको इन्हें अच्छे से समझना है. तो चलिए समझते हैं

यदि आप 20 वर्षीय हैं

इस आयु वर्ग में प्रमुख चिंता मुँहासे, पिग्मेंटेशन, ब्लैकहेड्स, ऑयली स्किन और सुस्त त्वचा है जो अक्सर शरीर में हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होती है. हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव के कारण, कई महिलाएं इस उम्र में अपनी त्वचा में भीषण बदलाव देखती हैं, जैसे रूखी और सेंसिटिव त्वचा. यह आवश्यक है कि आप एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करें और हरी पत्तेदार सब्जियों से भरपूर पौष्टिक आहार लें. बिस्तर पर जाने से पहले अपना मेकअप  जरूर हटाएं और मॉइस्चराइजर लगाना कभी न भूलें. अगर आप अपनी त्वचा को साफ और मॉइस्चराइज नहीं करतीं तो इससे रोम छिद्र बंद हो जाते हैं. जिससे पिगमेंटेशन और ब्लैक हेड्स की समस्या बढ़ जाती है .

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एक बार नही बार बार लगाए सनस्क्रीन :

जहां हम में से ज्यादातर महिलाएं रोजाना सनस्क्रीन लगाती हैं, वहीं बहुत कम महिलाओं को यह एहसास होता है कि एक बार लगाना काफी नहीं है. सन बर्न, टैनिंग, रैशेज, खुजली, यहां तक कि स्किन कैंसर भी सूरज की हानिकारक रेडिएशन के संपर्क में आने से होते हैं. आपको यह जांचना होगा कि आपका सनस्क्रीन एचसीवी और आयरन ऑक्साइड के अलावा यूवीए और यूवीबी रेडिएशन से सुरक्षा प्रदान करता है या नहीं. आयरन ऑक्साइड आपकी त्वचा को लंबे समय तक नीली रोशनी के संपर्क में आने से बचाता है, जो यूवीए और यूवीबी रेडिएशन की तरह ही हानिकारक है.

त्वचा की समस्याओं को न करें नजरअंदाज

इस उम्र में त्वचा संबंधी बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस उम्र में मुँहासे की समस्या सबसे अधिक होती है. आपके त्वचा की देखभाल के लिए एक बेहतर रूटीन की आवश्यकता है, क्योंकि यह उम्र आपके हार्मोनल परिवर्तनों की शुरुआत है .

यदि आप 30 वर्षीय हैं

इस समय के दौरान आप अपनी त्वचा में कई गहरे बदलाव महसूस करेंगी. आपके 30 के दशक में पोषण पर अधिक प्रयास और देखभाल करने की आवश्यकता होती है क्योंकि यही वह समय होता है जब शरीर की आत्मसात धीमी हो जाती है और समस्याएं बढ़ने लगती हैं, उसके आधार पर आपको अपने कॉस्मेटोलॉजिस्ट और कस्टोमाइस्ड स्किनकेयर के साथ अधिक सेशन करने की आवश्यकता है. यह वह समय भी है जब त्वचा में अधिक सूजन आने लगती है . एजिंग की प्रक्रिया को झुठलाया नहीं जा सकता, इसलिए आपको अपने रूटीन को लेकर और भी ज़्यादा प्रोटेक्टिव होना पड़ेगा.

30वे साल के दशक में आपको  एजिंग के संकेत दिखने शुरू हो जाएंगे. आप देखेंगी कि आपकी त्वचा अब उतनी लचीली नहीं रही जितनी पहले हुआ करती थी. उम्र बढ़ने के साथ, हमारी त्वचा के इलास्टिन और कोलेजन का धीरे-धीरे ब्रेकडाउन होना शुरू हो जाता है. त्वचा की ऊपरी सतह को स्ट्रांग बनाने के लिए, हमें रात में बहुत सारा सेरैमाइड से भरपूर मॉइस्चराइज़र और दिन के लिए हल्की जेल-क्रीम का उपयोग करना चाहिए.

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यदि आप 40 वर्षीय हैं

अब आपकी स्किन मेच्योर स्टेज में प्रवेश कर रही है. आपके कोलेजन को एक्स्ट्रा बूस्ट की आवश्यकता है, और आप अत्यधिक ड्राइनेस की शिकार भी हो सकती हैं. आपको लगेगा कि आपकी स्किन थोड़ी लटकने लगी है.ह वह आयु समूह है जब आपको अधिक झुर्रियाँ , सुखी त्वचा का एहसास होता है. आपको कुछ एडवांस्ड स्किन ट्रीटमेंट प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता है जो कोलेजन के निर्माण में मदद करती है . इस दशक में शरीर के वजन के बारे में अधिक चौकस रहने की जरूरत होती है. इस अवधि के दौरान शरीर का सही वजन बनाए रखना आवश्यक है. यह प्रक्रिया आपके 20 के दशक के अंत से शुरू हो जानी चाहिए क्योंकि यदि आपने अपने शरीर के वजन को 20 के दशक में नियंत्रित नहीं किया, तो आपके लिए अपने 40 के दशक में इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है. अत्यधिक शरीर में फैट शरीर में सूजन को बढ़ाता है और डायबिटीज , हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोगों और कैंसर सहित कई बीमारियों का कारण बन सकता है. यह देखा गया है कि जो महिलाएं स्वस्थ शरीर का वजन बनाए रखती हैं, उनके उपचार के परिणाम भी लंबे समय तक बने रहते हैं. शरीर के वजन को बनाए रखने के अलावा, एक स्वस्थ जीवन शैली और सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने की भी आवश्यकता होती है. इस उम्र में आप अपने कॉस्मेटोलॉजिस्ट के साथ अधिक से अधिक संपर्क में रहने की कोशिश करें और महीने में एक बार या दो महीने में एक बार क्लिनिक उपचार के लिए जरूर जाएं.

आप इन उपायों को आजमाकर एजिंग के लक्षणों को काफी हद तक कम कर सकती हैं. स्किन की उचित देखभाल करने से चेहरे पर हमेशा चमक बनी रहती है.

 जब सताए दाद, खाज-खुजली तो अपनाएं ये टिप्स

स्किन मानव शरीर का एक ऐसा हिस्सा है जिस में आएदिन कोई न कोई परेशानी हो ही जाती है. स्किन की बीमारियों की बात की जाए तो सबसे पहले खयाल दादखाजखुजली का आता है, जो गरमी के मौसम में ज्यादा परेशान करती है. हम अकसर इसे मामूली परेशानी समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह मामूली सी परेशानी कब भयानक रूप ले लेती है, इस का पता ही नहीं चलता. यह एक ऐसी बीमारी है, जो देश में 1 से 3% व्यक्तियों को इस प्रकार प्र्रभावित करती है कि वे कुछ ही समय में बहुत ज्यादा परेशान हो जाते हैं.

क्या है लक्षण

– यदि आप को हर दिन खुजली की प्रौब्लम रहती है तो यह खाज का लक्षण है.

– स्किन पर लाल चकत्ते उभर रहे हों जिन्हें आप का बारबार खुजलाने का मन करे तो वह दाद का लक्षण है.

– स्किन पर खिंचाव के साथ खुजली महसूस हो तो यह खाज का ही लक्षण है.

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– स्किन पर दाने होना.

क्या है कारण

– दवाओं का ज्यादा सेवन करने से शरीर में साइड इफैक्ट हो सकता है, जिस से खुजली की परेशानी हो सकती है.

– मच्छरों और कीटों के काटने से खुजली की प्रौब्लम होती है.

– साफसफाई न रखने से स्किन में इन्फैक्शन हो सकता है, जो दादखाजखुजली का रूप ले सकता है.

– दाद, सोरायसिस, ऐक्जिमा जैसे चर्मरोग होने से भी खुजली होती है.

– गीले कपड़े पहनने से खुजली होती है.

– यदि किसी व्यक्ति को किसी चीज से ऐलर्जी है तो उस से खुजली हो सकती है.

– रूखी स्किन.

– चिलचिलाती धूप.

– इफैक्टेड व्यक्ति के संपर्क में आना.

 इन्फैक्शन से बचना जरूरी

जब दादखाज शरीर के अलग-अलग हिस्सों में एकसाथ हो जाए तो उसे ठीक कर पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है. यह प्रौब्लम देखने में तो बहुत ही साधारण लगती है, लेकिन असल में किसी भी व्यक्ति को अत्यधिक परेशान करने के लिए काफी है. ऐसे वक्त व्यक्ति को खुजलाने के अलावा कुछ नजर नहीं आता है. खुजलाने से उस क्षण तो राहत मिल जाती है लेकिन यही राहत बाद में परेशानी को गंभीर करने का कारण बन जाती है, जिस से दाद या खाज की जगह इन्फैक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है. खुजली करने की जगह यदि इस का समय पर इलाज करा लिया जाए तो इसे बढ़ने से रोका जा सकता है.

दाद और खाज के बीच अंतर

आमतौर पर लोग दाद और खाज को एक ही बीमारी समझ बैठते हैं, लेकिन दोनों में काफी अंतर है. दाद एक चर्मरोग है, जिस में स्किन पर लाल चकत्ते उभर आते हैं, जिन का सही समय पर इलाज न करने पर वे शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैलने लगते हैं. दाद में अत्यधिक खुजली महसूस होती है, जिस के कारण व्यक्ति मजबूर हो कर जब दाद को खुजलाता है, तो उसे आनंद महसूस होता है, लेकिन यही आनंद कुछ ही वक्त में दाद को और फैलने में मदद करता है. वहीं अगर बात खाज की करें, तो खाजएक तरह का इन्फैक्शन है, जो अकसर उंगलियों के बीच, घुटनों के पीछे, कलाइयों और कूल्हों और प्राइवेट पार्ट के किनारों पर देखने को मिलता है. आमतौर पर यह अंगों के गीले रहने पर जन्म लेता है जैसेकि गीले मोजे पहनना, लगातार पसीना आना, बारबार पानी में जाना, गीले कपड़े पहनना, जरूरत से ज्यादा कसे कपड़े पहनना आदि.

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क्या है इलाज

आजकल बाजार में हर बीमारी की दवा उपलब्ध है. यदि आप दादखाज से परेशान हैं, तो डाक्टर की सलाह से दवा का सेवन कर सकते हैं या जैल के उपयोग से इस प्रौब्लम से छुटकारा पा सकते हैं. दाद खाज की प्रौब्लम का शुरुआत में ही इलाज कराने से यह आसानी से ठीक हो जाती है, लेकिन इलाज में देरी करने से इसे ठीक कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है. इस तरह की परेशानी होने पर चर्मरोग विशेषज्ञ से परमर्श लें.

-डा. गौरव भारद्वाज

कंसल्टैंट, डर्मेटोलौजी, सरोज सुपर स्पैश्यलिटी हौस्पिटल,नई दिल्ली –

5 टिप्स: इन तरीकों से लगाएं हल्दी और पाएं टैनिंग से छुटकारा

गरमी बढ़ते ही हमारी स्किन प्रौब्लम की प्रौब्लम्स शुरू हो जाती हैं. जिनसे निपटने के लिए हमें कईं बार डौक्टर्स के चक्कर काटने पड़ते हैं, लेकिन इस बार हम आपको हर घर में मौजूद हल्दी के कुछ ऐसे टिप्स के बारे में बताएंगे, जिससे आपको इस गरमी स्किन प्रौब्लम से होने वाली प्रौब्लम से छुटकारा तो मिलेगा ही. साथ ही आपको ग्लोइंग स्किन भी मिलेगी. आइए आपको बताते हैं, हल्दी के कुछ असरदार टिप्स…

1. हल्दी से पा सकते हैं टैन से छुटकारा

हल्दी और नींबू का रस मिलाएं औुीर 30 मिनट के लिए चेहरे पर लगाकर छोड़ दें. फिर गुनगुने पानी से धो दें. इसके अलावा, थोड़ी से हल्दी को एक चम्मच मिल्क पाउडर, दो चम्मच शहद और आधे नींबू के रस में मिलाएं और सूखने तक चेहरे पर लगाकर छोड़ दें. इसके बाद धो दें और फर्क देखें.

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2. ग्लोइंग स्किन के लिए हल्दी है बेस्ट

हल्दी और बेसन के फेसपैक को हमेशा से ही स्किन को ग्लो कराने का बेहतरीन तरीका माना जाता है. चार चम्मच बेसन, आधा चम्मच हल्दी और थोड़ा सा दूध लेकर पेस्ट बनाएं. इसे कम से कम 20 मिनट के लिए चेहरे पर लगाकर छोड़ दें. इसे हफ्ते में कम से कम एक बार जरूर लगाएं और ग्लोइंग स्किन पाएं.

3. पिंपल की छुट्टी दिलाएगी हल्दी

अगर आप पिंपल की प्रौब्लम से छुटकारा पाना चाहते हैं तो हल्दी को चंदन और नींबू के रस में मिलाकर फेस पैक बनाएं और 10 मिनट तक चेहरे पर लगाकर रखें. फिर हल्के गर्म पानी से धो दें. मुहांसों के दाग भी हल्दी 15 मिनट तक चेहरे पर हल्दी का लेप लगाने से कम हो जाते हैं. आप दो टेबलस्पून बेसन में आधा चम्मच हल्दी और तीन चम्मच फ्रेश योगर्ट यानी दही मिलाकर चेहरे पर लगा सकते हैं. सूखने के बीद इसे ठंडे पानी से धो दें.

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4. डार्क सर्कल दूर करे हल्दी

हल्दी, गन्ने का रस और दही मिलाकर आंखों के नीचे लगाने से डार्क सर्कल कम होते हैं. इससे झुर्रियां भी कम होती हैं.

5. एंजिंग की प्रौब्लम से मिलेगा छुटकारा

बढ़ती उम्र आपके चेहरे से ना झलके इसके लिए भी हल्दी आपके बहुत काम आएगी. हल्दी को दूध या योगर्ट में मिलाकर चेहरे पर सर्कुलर मोशन में लगाएं और सूखने के लिए छोड़ दें. फिर गुनगुने पानी से धो दें.

5 टिप्स: छिले फिंगर टिप्स को ऐसे कहें बाय-बाय…

बौडी के हर पार्ट की सफाई और केयर करना जरूरी होता है, लेकिन केयर करने के बाद भी आपकी स्किन डैमेज हो जाती है जैसे आपके नाखूनों के आसपास की स्किन. जो आपके लिए नाखूनों की तरह ही जरूरी होती हैं, जिससे आपके हाथ सुंदर दिखते हैं. उंगलियों के आसपास की स्किन काफी सेंसिटिव होती है, जिससे स्किन फट जाती है. जिस पर दवा लगाना आसान नहीं होता, क्योंकि बिना उंगलियों के तो हम कोई काम भी नहीं कर सकते.

इसलिए आज हम आपको ऐसे होममेड टिप्स देंगे, जिससे आप उंगलियों की स्किन को फटने से बचाने के साथ-साथ हाथों को और भी सुंदर बना सकती है…

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1.फिंगरटिप्स को एलोवेरा से करें कूल… 
उंगलियों के आसपास की स्किन छिलने से जलन और इरिटेशन हो सकती है, जिसके लिए एलोवेरा जैल सबसे अच्छा औप्शन है. इसलिए ऐलोवेरा का जैल निकाल कर प्रभावित हिस्सों पर इसे सूखने तक रहने दें. एलोवेरा जैल दिन में कम से कम दो बार लगाएं.

2. कोकोनट औयल से फिंगरटिप्स को दें आराम
पुराने टाइम में जब हमारे पास मौइस्चराइज़र जैसी क्रीम्स नहीं थीं, तब कोकोनट औयल स्किन की हर तरह की प्रौब्लम का अकेला औप्शन था. जो ड्राई और पैची स्किन अच्छा सौल्यूशन है. फिंगरटिप्स पर कोकोनट औयल को दिन में दो बार और रात में एक बार लगाए. जिससे आपको कुछ ही दिनों में फर्क दिखने लगेगा.

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3. हनी से लाए हाथों में नमी…
स्किन के लिए हनी एक अच्छा और बेहतरीन मौइस्चराइजर है. इसे आप केवल प्रभावित हिस्सों पर लगाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें. जिससे आपको साफ और सुंदर हाथों का एहसास होगा.

4. फिंगर टिप्स पर दूध और ओट्स…
दूध मौइस्चराइज और ओट्स स्किन की परतदार चर्बी को दूर करने में मदद करता है जो इरिटेशन और जलन का कारण हो सकता है. ओट्स और दूध का एक गाढ़ा पेस्ट बनाएं और इसे अपनी उंगलियों पर लगाएं.

5. गले हुए केलों का करें इस्तेमाल…
गले हुए केलों को फेंकनें की बजाय, उसे मैश करने के बाद इसमें थोड़ा-सा शहद और दूध मिलाएं और इसे अपनी उंगलियों पर लगाएं. इसे रोजाना लगाएं और देखें कि आपकी स्किन कैसे न्यूट्रीएंटस को औब्जर्ब करती है स्किन को सौफ्ट बनाती है.

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