Winter Special: पत्नी का पेट पति की आफत बन जाएं तो क्या करें?

एक पत्रिका में एक समस्या छपी थी, ‘‘मेरी शादी को 3 साल हो गए हैं. मेरे मोटे पेट के कारण मेरे पति मेरी तरफ देखते भी नहीं. कृपया बताएं कि मैं क्या करूं, जो पति मेरे पेट को भूल कर मेरे करीब आ जाएं और मैं फिर से वैवाहिक सुख का आनंद ले पाऊं?’’

इसी तरह एक और समस्या थी. एक लड़की की 1 महीने बाद शादी होने वाली थी और वह अपना वजन घटाना चाहती थी. शादी के दिन वह अपने मोटापे को ले कर हंसी का पात्र नहीं बनना चाहती थी. इस के लिए उस ने टीवी में कैलोग्स स्लिम फैट का ऐड देख कर उसे नाश्ते में लेना शुरू कर दिया, जिस से वह बीमार पड़ गई. तब डाक्टर ने दुलहन बनने जा रही उस मुहतरमा को सही सलाह दी.

क्या आप भी दुलहन बनने जा रहीं और छरहरा बनना चाहती हैं? क्या यह सिर्फ विवाह तक के लिए करना चाह रही हैं? विवाह के बाद का क्या? उस के बाद जब भी आप खुद को आईने में देखेंगी तो आप को अपने थुलथुल बदन पर क्या शर्म महसूस नहीं होगी?

ऐसी कई लड़कियां होंगी, जो लड़का देखने आने तक से शादी तक स्लिम होना चाहती हैं. शादी के 1-2 साल बाद या कहें मां बन जाने के बाद इन सारे फौर्मूलों को बायबाय कह देती हैं.

  1. आफतें कैसीकैसी

रील लाइफ: शरत कटारिया द्वारा निर्देशित फिल्म ‘दम लगा कर हईशा’ में फिल्म की बेमेल जोड़ी की चर्चा है. ऐक्टर आयुष्मान खुराना उर्फ प्रेम निखट्टू की बीवी विशाल शरीर वाली इंटैलीजैंट दिखाई गई है. पति 10वीं फेल है पर पत्नी के मोटापे को ले कर बेहद शर्मिंदा रहता है. उसे फिक्र रहती है कि उस के दोस्त व बाकी लोग उस की मोटी बीवी के बारे में पता नहीं क्या सोचते होंगे. खैर, फिल्म के बीच में विवाद होने के बाद हैप्पी ऐंडिंग हो जाती है.

रीयल लाइफ: रोहन एक मल्टीनैशनल कंपनी में कार्यरत था. आए दिन कंपनी की गैटटूगैदर पार्टियां होती रहती थीं. ऐसे में जब रोहन औफिस की गैटटूगैदर में अपनी पत्नी मालिनी को ले जाता तो सामने व पीठ पीछे उस पर लोग मंदमंद मुसकराते. कारण था, बीवी का प्रैगनैंसी के बाद मोटा हो जाना. ‘जिस की बीवी मोटी उस का भी बड़ा नाम है.’ रोहन को इस तरह के न जाने कितने जुमले सुनने को मिलते. रोहन को पहले इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता था, पर बाद में उसे भी मालिनी के साथ पार्टी में जाने पर शर्मिंदगी महसूस होने लगी. फिर उस ने अकेले पार्टियों में जाने का फैसला लिया.

सैक्स और वजन: मोटे पेट वाली महिलाएं और पुरुष दोनों ही घर से बाहर भी और भीतर भी शर्मिंदगी का कारण बनते हैं. एक अध्ययन से पता चला है कि बाहर निकले पेट का संकोच सिर्फ बैडरूम में ही नहीं, बल्कि बाहर भी रहता है. प्यार की बात पर शरीर का जो पहला हिस्सा झिझक व अनफिट दिखता है, वह है बड़ा पेट. यह बड़ा पेट आप के प्यार के पलों का मजा कम कर देता है. ऐसे में आप जल्दी थक जाते हैं या आप की सांसें फूलने लगती हैं, प्यार करने की इच्छा नहीं होती और बाहर मन डोलने लगता है. इतना ही नहीं साथी को खुश न कर पाना तनाव को भी जन्म देता है.

मनचाही ड्रैस न दे पाना: शादी के बाद या फिर बच्चा हो जाने के बाद यह तो नहीं कि रोमांस खत्म हो जाए पर अगर बीवी मोटी हो तो पति की कई इच्छाएं मर जाती हैं जैसे अगर वह आप को कोई मनचाही ड्रैस देना भी चाहे तो या तो आप का साइज नहीं मिलेगा या फिर आप पर वह फबेगी नहीं. इस चक्कर में पति चाह कर भी पत्नी को अपनी मनचाही ड्रैस का सरप्राइज नहीं दे पाता.

कौंप्लैक्स का भाव: अगर आप की फिगर 36-24-36 से डबल हो जाए तो आप उम्र से भी बड़ी दिखने लगेंगी. ऐसे में आप के पति की उम्र भले ही आप से ज्यादा हो पर वह जवां दिखेगा. तब आप को कौंप्लैक्स फील होगा कि आप अपनी उम्र से बड़ी दिख रही हैं. इसलिए वेट लौस कर बन जाएं स्लिम ऐंड ट्रिम, पति की तरह एकदम फिट. ऐसा नहीं है कि औरत को मोटा होना अच्छा लगता है पर शादी हो जाने के बाद वह मान लेती है कि मोटी हो भी जाए तो क्या पति का प्यार कम थोड़े होगा. यह सोच गलत है.

2. लाइफस्टाइल है पेट पर भारी

यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रैट्स के अनुसार, सारी बीमारियां पेट से ही शुरू होती हैं. 2 दशक पहले हुए शोध के अनुसार पूरी तरह से फिट व हैल्दी रहने के लिए आंतों का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है. हमारे लाइफस्टाइल की वजह से हमारी आंतें प्रभावित होती हैं, क्योंकि हम हाई कैलोरी फूड और जंक फूड का सेवन बहुत ज्यादा करने लगे हैं. ऐसे में आंतों को स्वस्थ बनाए रखना बहुत आवश्यक है. मोटापा, लिवर में फैट जमना, सूजन होना, इरिटेबल बौवेल सिंड्रोम, अल्सर जैसी बीमारियां लाइफस्टाइल से जुड़ी होती हैं.

3. क्यों बढ़ता है मोटापा

नोवा स्पैश्यलिटी हौस्पिटल बैंगलुरु की डाइट ऐंड न्यूट्रीशियन कंसलटैंट डा. शीला कृष्णनन स्वामी ने बताया कि तनाव के कारण हमारी बौडी में एड्रीनेलिन और कार्टिसोल हारमोंस का स्तर बढ़ जाता है. इस से शरीर की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है और पाचनतंत्र बिगड़ जाता है. प्रैगनैंसी के दौरान, हारमोंस असंतुलन आदि के कारण भी डिप्रैशन, नींद न आना या गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन और मेनोपौज के कारण महिलाओं में हारमोंस के स्तर में तेजी से बदलाव आता है, जिस कारण पेट के आसपास चरबी बढ़ जाती है. इस के अलावा आजकल महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं, स्टेराइड हारमोन, डायबिटीज, अवसाद और ब्लडप्रैशर को कंट्रोल करने वाली दवाओं के कारण भी वजन बढ़ जाता है. नींद की कमी भी मोटापे का कारण हो सकती है. आजकल गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल, शारीरिक सक्रियता में कमी, लिफ्ट का इस्तेमाल, बाहर खेलने के बजाय लैपटौप या टीवी से चिपके रहने से भी मोटापे का शिकार हो सकते हैं. आनुवंशिकता भी मोटापे की एक बड़ी वजह है.

4. मोटापे से होने वाली बीमारियां

यूनिवर्सिटी औफ मौंट्रियल के शोधकर्ताओं के अनुसार मोटे लोगों को वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों का ज्यादा खतरा रहता है, क्योंकि ऐसे लोगों को सांस लेने के लिए ज्यादा हवा की जरूरत होती है. जिन लोगों का बीएमआई यानी बौडी मास इंडैक्स 18.5 से 25 तक हो उन्हें रोजाना 16.4 क्यूबिक मीटर हवा की जरूरत पड़ती है जबकि 35 से 40 बीएमआई वालों को 24.6 क्यूबिक मीटर हवा की. ऐसे में ज्यादा बीएमआई वालों को वायु प्रदूषण का ज्यादा प्रभाव पड़ता है. यह अध्ययन 2000 लोगों पर किया गया था. इस के अलावा मोटापे से शरीर पर वसा की ज्यादा परतें जम जाती हैं. आज दुनिया की 20 फीसदी आबादी मोटापे से ग्रस्त है. मोटापे से होने वाली बीमारियों में डायबिटीज, जोड़ों में दर्द, बांझपन, हार्ट फेल्योर, अस्थमा, कोलैस्ट्रौल, ज्यादा पसीना आना, हाइपरटैंशन आदि का खतरा बढ़ जाता है. खानपान की गलत आदतें या फिर लाइफस्टाइल में आए बदलाव और शारीरिक सक्रियता में कमी के चलते भी यह परेशानी हो रही है.

5. मोटापे के फायदे

  • हम कुछ मोटापे के फायदे बता रहे हैं. लेकिन हम यहां बिलकुल भी फबतियां नहीं कस रहे हैं: 
  • पति हमेशा पत्नी के बौडीगार्ड का काम करता है पर आप की मोटी बीवी तो खुद आप की बौडीगार्ड होगी.
  • मोटी बीवी कपड़ों को ले कर न ज्यादा वक्त लगाती है और न सिलैक्टिव होती है. ऐसे में न आप का टाइम ज्यादा वेस्ट होगा न डिजाइनर कपड़ों को ले कर आप को ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे.
  • अगर पति खाने का शौकीन है तो मोटी बीवी उसे ज्याद टोकेगी नहीं, बल्कि उलटा फौरन साथ देने लगेगी.
  • पत्नी मोटी हो तो उसे जल्दी सीट मिल जाती है पर स्लिम पत्नी के लिए उस के पति को ही किसी से सीट मांगनी होगी.
  • कुछ लोगों को मोटी या कहें हृष्टपुष्ट बदन वाली लड़की ही पसंद होती है.
  • छरहरी बदन वाली पत्नी जहां ज्यादातर अपनी काया की देखरेख में लगी रहेगी वहीं मोटी बीवी पति का पूरापूरा ध्यान रखेगी.

6. कैसे घटाएं वजन

  • भूखे रह कर नहीं खा कर घटाएं वजन.
  • भोजन में फाइबर की मात्रा ज्यादा लें.
  • रोजाना व्यायाम करें.
  • स्टार्च का सेवन कम कर दें. हो सके तो इस का इस्तेमाल ही न करें.
  • ग्रीन टी का सेवन करें. चाय और कौफी बंद कर दें.
  • खाली पेट कतई न रहें. बीचबीच में यानी 3 घंटे के अंतराल पर कुछ पौष्टिक खा लें. ओट्स, बाजरा, गेहूं आदि का सेवन ज्यादा करें.
  • हरी सब्जियां ज्यादा से ज्यादा खाएं जैसे पालक, मेथी, सरसों आदि.

7. सर्जरी

पुष्पांजलि क्रासले हौस्पिटल दिल्ली, के सर्जन डा. दीपक कुमार के अनुसार बेहद मोटे यानी जिन्हें अपना वजन कम से कम 35 से 40 किलोग्राम तक घटाना है तो वे बैरिएट्रिक सर्जरी करा सकते हैं. लेकिन जिन्हें मधुमेह या फिर ब्लडप्रैशर हो उन्हें 32.5 या उस से ज्यादा बीएमआई होने पर सर्जरी की सलाह दी जाती है. अगर कोई बीमारी नहीं है तो 37.5 या उस से ऊपर के बीएमआई वालों की सर्जरी की जा सकती है. बैरिएट्रिक सर्जरी के 2 प्रकार हैं- पहली गैस्टिक स्लीव, इस में पेट के साइज को स्टैप्पल कर के कम दिखाया जाता है. इस सर्जरी से 80 फीसदी मोटापा कम कर दिया जाता है. इस सर्जरी के कराने के बाद पेट भराभरा सा लगेगा. यह परमानैंट सर्जरी है. दूसरा प्रकार है गैस्टिक बाईपास. इस में पेट के छोटेछोटे पाउच बना कर उन्हें सीधे इंटेस्टाइन से जोड़ा जाता है. यह सर्जरी कराने पर कम खाने से पेट भर जाता है. पेट का इस में कोई पार्ट रिमूव नहीं होता. चाहें तो बाद में पाउच की हटवा भी सकते हैं. एक अच्छी बात यह भी है कि इस सर्जरी को कराने के बाद मधुमेह के रोगियों को मधुमेह से छुटकारा पाने के चांसेज बढ़ जाते हैं.

पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए ये 5 सुपर फूड डाइट में करें शामिल

आमतौर पर लोग एसिडिटी, गैस, बदहजमी जैसी पेट से जुड़ी तमाम दिक्कतों से परेशान रहते हैं. इन समस्याओं को दूर करने के लिए संतुलित आहार की सलाह दी जाती है. कुछ खास फूड्स एसिडिटी और गैस की समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार हो सकते हैं. ऐंटीऔक्सीडेंट्स से भरपूर फूडस गैस की समस्या को दूर तो करते ही हैं साथ ही शरीर के लिए जरूरी पोषण भी प्रदान करते हैं. तो आइए जानते हैं इन सुपरफूडस के बारे में विस्तार से.

1. तरबूज का सेवन

तरबूज में लाइकोपिन नामक तत्व पाया जाता है, जो त्वचा की चमक को बरकरार रखने में मदद करता है. तरबूज के सेवन से कब्ज की समस्या भी दूर होती है. तरबूज में 90 प्रतिशत पानी होता है, जो गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचाता है. तरबूज का लेप बना कर लगाने से सिरदर्द भी दूर होता है.

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2. ठंडा दूध

अगर आप एसिडिटी की समस्या से परेशान हैं तो ठंडे दूध का सेवन करें. ठंडा दूध पेट में होने वाली जलन को दूर करता है. दूध में पाए जाने वाला लेक्टिक एसिड एसिडिटी की समस्याओं में राहत पहुंचाता है.

3. केला का सेवन

अपच और गैस की समस्या से नजात पाने के लिए केला एक रामबाण औषधि की तरह इस्तेमाल में लाया जाता है. केले में पाए जाने वाला ऐंटीऔक्सीडेंट्स और पोटेशियम गैस की समस्या को दूर करते हैं. वहीं केले में मौजूद ट्राइप्टोफान एमिनो एसिड तनाव को कम करता है. केले के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या नहीं होती है.

4. नारियल पानी

एसिडिटी की समस्या को दूर करने में नारियल पानी काफी कारगर साबित होता है. नारियल पानी पीने के तुरंत बाद ही इस समस्या में राहत मिलने लगती है। वहीं नारियल पानी में फाइबर की अधिक मात्रा होने से पाचनक्रिया भी दुरुस्त रहती है.

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5. खीरे का सेवन

एसिडिटी और पेट से संबंधित बीमारियों में खीरा भी रामबाण की तरह काम करता है. खीरा जहां एक ओर आप को डिहाइड्रेशन से बचाता है, वहीं खाना पचाने में भी मदद करता है. खीरे के सेवन से एसिड बनना कम होता है.

अब पेट भी रहेगा फिट

रिया एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत युवा, उत्साही सौफ्टवेयर इंजीनियर है. अभी हाल तक सब कुछ ठीक-ठाक था. फिर एक दिन उसे सीने में जलन होने लगी. लंच के बाद पेट जैसे फूलने लगा. उस के बार-बार टौयलेट के चक्कर लगने लगे. इस सब से परेशान रिया के जहन में बस एक ही बात आ रही थी कि मैं ने ऐसा क्या खाया है.

यह सच है कि हमारे पेट में जब भी कोई प्रौब्लम होती है हम उसे अपने खानपान से जोड़ कर देखते हैं, जबकि पेट की हर बीमारी सिर्फ खाने की वजह से हो ऐसा बिल्कुल नहीं है. बल्कि इस के लिए बैक्टीरिया कारण हो सकता है. आस्ट्रेलियाई डाक्टर बैरी जे. मार्शल ने यह पाया कि पेट में जितने भी विकार होते हैं उस का कारण एक बैक्टीरिया है, जिसे हेलिकोबैक्टर पायलोरी कहते हैं. यह सच है कि पूरी दुनिया की आबादी के 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग हेलिकोबैक्टर पायलोरी से संक्रमित हैं और पेट से जुड़ी जितनी भी बीमारियों होती हैं उन सब के लिए यह अकेला ही जिम्मेदार है. अगर इस बैक्टीरिया का सफाया हो जाए, तो आप पेट की किसी भी बीमारी से पीडि़त नहीं होंगे.

1. नौर्मल प्रौब्लम है पेट में एसिड

हमारे पेट में एसिड भोजन को पचाने का काम करता है, लेकिन कई बार पेट में एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगता है. अब पेट में भोजन कम और एसिड ज्यादा हो जाता है, जिस से एसिडिटी की प्रौब्लम हो जाती है. मसालेदार और वसायुक्त भोजन करने से एसिडिटी होने लगती है. इसके अलावा समय पर भोजन न करने से भी एसिडिटी हो जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि एसिडिटी का एक कारण तनाव लेना भी है.

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ऐसे करें इलाज

एसिडिटी की प्रौब्लम से परेशान लोग सुबह उठने के बाद पानी पीएं. इस के अलावा रोज खाने के साथ केला, तरबूज, पपीता और खीरा खाएं. एसिडिटी के उपचार में तरबूज का रस फायदा करता है. नारियल पानी पीने से भी एसिडिटी से निजात मिलती है.

2. गैस की प्रौब्लम को करें दूर

अधिक समय तक खाना न मिलने से पेट में गैस की प्रौब्लम हो जाती है. पेट में आवश्यकता से अधिक गैस बनने से वह शरीर के बाकी अंगों के लिए खतरनाक होने लगती है. इसलिए गैस की प्रौब्लम होते ही इस पर ध्यान देना चाहिए.

ऐसे करें इलाज

गैस की शिकायत होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. वहीं गैस को ठीक करने के लिए एक नीबू के रस में दो चम्मच पानी और स्वादानुसार काला नमक मिलाकर चुटकीभर खाने का सोडा मिलाकर पीएं. इस के अलावा गैस से राहत पाने के लिए पवन मुक्त आसन करना बहुत लाभदायक है.

3. पानी कम पीने से भी होता है कब्ज

कब्ज पानी कम पीने से भी होती है. कब्ज की प्रौब्लम होने पर भूख नहीं लगती और शौच में प्रौब्लम होती है.

ऐसे करें इलाज

कब्ज की प्रौब्लम से छुटकारा पाने के लिए हरी सब्जियां खाएं क्योंकि इन में रेशे की मात्रा अधिक होती है. इसके अलावा आप फल और चोकर युक्त आटा खा सकते हैं.

4. पेट की प्रौब्लम में से एक है उल्टी होना

बार-बार उल्टी आना और जी मिचलाना पेट में रोग का कारण हो सकता है. ऐसा होने पर रोग का पता लगाना और इलाज करना जरूरी हो जाता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ताकि आगे चल कर कोई बड़ा रोग न हो जाए.

ऐसे करें इलाज

उल्टी आने या जी मिचलाने पर हल्का भोजन करना चाहिए. कोशिश करनी चाहिए इस दौरान अधिक से अधिक दही का सेवन किया जाए. पुदीने का शरबत भी काफी असरदार हो सकता है.

5. मौसम बदलने पर लूज मोशन है नौर्मल

अकसर देखा जाता है कि मौसम बदलने पर लूज मोशन की शिकायत हो जाती है. इस के अलावा खराब भोजन खाने पर भी कई बार लूज मोशन का शिकार हो जाते हैं. इस के बाद शारीरिक कमजोरी होने लगती है.

 ऐसे करें इलाज

लूज मोशन की शिकायत होने पर मूंग दाल की खिचड़ी और दलिया ही खाना चाहिए. इस के साथ आप दही का सेवन भी कर सकते हैं. वहीं केला और कब्ज वाली भूसी खाने से भी लूज मोशन ठीक करने में सहायता मिलती है.

6. बेहतरीन सेहत के लिए अपनाएं ये मंत्र

– दही, तरबूज, खरबूज, पालक, गाजर, सेब समेत अन्य फाइबरयुक्त खानपान लें. इस से आंतों की गति संतुलित रहती है.

– मानसिक तनाव से भी अपच, गैस व दस्त हो सकते हैं. योग व साधना करें.

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– बेवजह दवाएं न खाएं. इस से ड्रग इंड्यूज्ड डायरिया होने का रिस्क रहता है.

घरेलू उपचार के अलावा एक और विकल्प है

दशकों से विश्वसनीय एवं विश्वस्तरीय स्टोमाफिट अपनाएं और पेट की बीमारियों को कहें बाय-बाय. यह दवा आप के स्टमक को एकदम फिट रखती है. साथ ही गैस्ट्राइटिस के लिए यह किसी अमृत से कम नहीं है. एसिडिटी, पेट फूलना, गैस, बदहजमी, पेट दर्द, डायरिया, कब्ज़, उल्टी, आंव यह एक दवा आपको इतनी सारी बीमारियों से मुक्ति दिलाती है और पहली ही खुराक में फायदा करती है. इस दवा की एक खास बात यह है कि मधुमेह से पीडि़त लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं, क्योंकि यह दवा शुगर फ्री है.

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