Summer Special: एक्सपर्ट से जानें गर्मियों में कैसे करें स्किन की केयर

गर्मियां आते ही स्किन पर सारे इन्फेक्शन और प्रोब्लम होने का खतरा बढ़ता जाता है. इसलिए गर्मियों के दिनों में स्किन की सही देखभाल बहुत आवश्यक है. चिलचिलाती धूप, पल्युशन, ह्यूमिडिटी और धूल मिट्टी स्किन की नैचुरल ग्लो को खत्म कर देता है. इन सबसे बचने के लिए गर्मियों में हमे एक अच्छे स्किनकेयर टिप्स की आवश्यकता है और आसान से टिप्स बता रहे हैं, डर्मेटोलॉजिस्ट और एस्थेटिक फिजिशियन संस्थापक और निदेशक, आईएलएएमईडी के डॉ. अजय राणा.

1. स्किनकेयर के लिए सबसे जरूरी है अपने स्किन को एक्सफोलियट करना. हमारी बॉडी और स्किन हर दिन हजारों की तादाद में डेड स्किन सेल्स शेड करती है. जो स्किन को ड्राई और डल बनाती है. इन डेड सेल्स को गिरने से रोकने के लिए स्किन को एक्सफोलिएट करना बहुत जरूरी है. खासकर गर्मियों के दिनों में चेहरे को एक्सफोलिएट करना न भूले. एक्सफोलियेट करने के लिए एक्सफोलिएटर को सर्कुलर मोशन में मूव करें.

2. गर्मियों में सबसे जरूरी है एक अच्छे सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना. ऐसे सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें जिसकी एसपीएफ रेटिंग 30 या 70 हो. जो स्किन को सूरज की हानिकारक युवी किरणों से बचाता है. हर एक दो घंटे में सनस्क्रीन का दुबारा इस्तेमाल करें.

3. गर्मियों के दिनों में जितना कम हो उतना कम मेक अप यूज करें. क्योंकि मेकअप स्किन के पोर्स को बंद कर देता है. अगर आपको मेकअप यूज करना भी पड़े तो उससे पहले एक अच्छी एसपीएफ का फेस पाउडर का इस्तेमाल करें जिससे स्किन पर इचिंग नहीं होगी.

4. गर्मियों में बॉडी और स्किन को हाइड्रेट रखना आवश्यक है. इसके लिए हर रेगुलर इंटरवल पर पानी पीते रहे. स्किन को हाइड्रेट रखने से स्किन में मौजूद सभी हार्मफुल टॉक्सिन्स निकल जाते है.

5. गर्मियों के दिनों में हमेशा कॉटन और लाईट फैब्रिक के ही कपड़े पहने, जो स्किन को किसी भी प्रकार के इरीटेशन और पसीने के कारण होने वाले इन्फेक्शन से बचाता है. क्योंकि गर्मियों में पसीने के कारण रैशेज और अन्य प्रकार के स्किन कंडीशन के होने के चांसेज ज्यादा होते है.

6. गर्मियों के दिनों में ऐसे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें जो नैचुरल हो ताकि स्किन ब्रिद कर सकें. इसके लिए लाइटर लोशन्स और सीरम का प्रयोग करना चाहिए. ऐसे किसी भी स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें, को स्किन के पोर्स को बंद कर दें. वॉटर वाले मॉइश्चराइज सबसे बेस्ट होते है. उनका इस्तेमाल करें. ऑइली और एक्ने प्रॉन स्किन के लिए ऐसे मिनरल बेस्ड फेशियल स्प्रे का इस्तेमाल करें.

7. गर्मियों के दिनों में हमें स्पेशल स्किनकेयर रूटीन फॉलो करना चाहिए. ताकि स्किन हाइड्रेट और क्लीन रहे. गर्मियों के दिनों में बहुत सारे लोगों को ब्रेकआउट और एक्ने की समस्या होती है. इसलिए आवश्यक है कि अपनी स्किन को दिन में 3 से 4 बार धोए. सप्ताह में दो बार कम से कम स्क्रब का इस्तेमाल करें.

8. गर्मियों के दिनों में बेसिक स्किनकेयर रुटीन को अपनाए. जो है – क्लीनिंग, टोनिंग और मॉइचराइजिंग. इसका इस्तेमाल हर दिन सोने से पहले करें. पसीने के कारण स्किन के पोर्स खुल जाते है. इसके लिए टोनर का उपयोग करें, यह स्किन के पोर्स को बंद करने में मदद करता है. इन सबके इस्तेमाल से आप गर्मियों में होने वाले रिंकल्स और एजिंग से बच सकते है.

9. गर्मियों के दिनों में जितना हो सके विटामिन सी का प्रयोग करें. वैसे तो विटामिन सी का प्रयोग हर सीजन में अच्छा होता है. पर गर्मियों के दिनों में यह स्किन के लिए सबसे ज़रूरी होता है. विटामिन सी हमें हाइपरपिगमेंटेशन से बचाता है, स्किन पर होने वाले फाइन लाइन्स को कम करता है, और साथ ही साथ कोलेजन के प्रोडक्शन को भी बढ़ाता है.

10. अपनी डाइट में ऐसी चीज़े लें जिसमें विटामिन, न्यूट्रिएंट्स और एंटी ऑक्सीडेंट्स की मात्रा ज्यादा से ज्यादा हो. ज्यादा से ज्यादा फ्रूट्स और सब्जियां खाएं. यह इनफ्लैमेशन को कम करने के साथ साथ स्किन में कोलेजन के प्रोडक्शन को बढ़ाता है और स्किन को अन्य प्रकार के डैमेज से भी बचाता है.

Summer Special: सनस्क्रीन से स्किन को दें सुरक्षा कवच

सनस्क्रीन को सनब्लौक क्रीम, सनटैन लोशन, सनबर्न क्रीम, सनक्रीम भी कहते हैं. यह लोशन, स्प्रे या जैल रूप में हो सकता है. यह सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों को अवशोषित या परावर्तित कर के सनबर्न से सुरक्षा उपलब्ध कराता है. जो महिलाएं सनस्क्रीन का उपयोग नहीं करती हैं उन्हें त्वचा का कैंसर होने की आशंका अधिक होती है. नियमित रूप से सनस्क्रीन लगाने से झुर्रियां कम और देर से पड़ती हैं. जिन की त्वचा सूर्य के प्रकाश के प्रति संवेदनशील होती है उन्हें रोज सनस्क्रीन लगाना चाहिए.

क्या है एसपीएफ

एसपीएफ अल्ट्रावायलेट किरणों से सनस्क्रीन द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुरक्षा को मापता है. लेकिन एसपीएफ यह नहीं मापता है कि सनस्क्रीन कितने बेहतर तरीके से अल्ट्रावायलेट किरणों से सुरक्षा करेगा. त्वचारोग विशेषज्ञ एसपीएफ 15 या एसपीएफ 30 लगाने की सलाह देते हैं. ध्यान रखें, अधिक एसपीएफ अधिक सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराता है.

सनस्क्रीन न लगाने के नुकसान

सनस्क्रीन हर मौसम में लगाना चाहिए. समर में इसे लगाना बहुत ही जरूरी है. इस सीजन को त्वचा के रोगों का सीजन कहा जाता है. इस मौसम में समर रैशेज, फोटो डर्माइटिस, पसीना अधिक आना और फंगस व बैक्टीरिया के संक्रमण से अधिकतर महिलाएं परेशान रहती हैं. समर में थोड़ी देर भी धूप में रहने से सनटैन और सनबर्न की समस्या हो जाती है. टैनिंग इस मौसम में त्वचा की सब से सामान्य समस्या है. अत: घर से बाहर निकलने से पहले अच्छी गुणवत्ता वाला सनस्क्रीन जरूर इस्तेमाल करें.

जो महिलाएं सनस्क्रीन का उपयोग नहीं करती हैं उन की त्वचा समय से पहले बुढ़ा जाती है, उस पर झुर्रियां पड़ जाती हैं. यूवी किरणों का अत्यधिक ऐक्सपोजर त्वचा के कैंसर का कारण बन सकता है.

कैसे चुनें सनसक्रीन

सही सनस्क्रीन का चयन करना बहुत जरूरी है. अधिकतर महिलाओं के लिए एसपीएफ 15 वाला सनस्क्रीन बेहतर होता है. लेकिन जिन की त्वचा का रंग बहुत हलका हो, त्वचा के कैंसर का पारिवारिक इतिहास हो या फिर लुपुस जैसी बीमारी के कारण त्वचा सूर्य के प्रकाश के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो, उन्हें एसपीएफ 30 या उस से अधिक एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाना चाहिए. अगर आप सोचती हैं कि एसपीएफ 30 वाला सनस्क्रीन एसपीएफ 15 वाले सनस्क्रीन से दोगुना अच्छा है तो यह सही नहीं है. एसपीएफ 15-93% यूवीबी को फिल्टर करता है तो एसपीफ 30 इस से थोड़ा सा अधिक यानी 97% यूवीबी को फिल्टर करता है.

त्वचारोग विशेषज्ञों का मानना है कि कम से कम एसपीएफ 30 वाला सनस्क्रीन लगाएं. कई महिलाएं एसपीएफ 50 वाला सनस्क्रीन भी लगाती हैं, लेकिन बाजार में कोई ऐसा सनस्क्रीन उपलब्ध नहीं है, जो हानिकारक यूवी किरणों से 100% सुरक्षा उपलब्ध कराए. हमेशा अच्छे ब्रैंड के सनस्क्रीन का ही इस्तेमाल करें. जिन्हें पसीना अधिक आता हो, उन्हें वाटरपू्रफ या स्वैटपू्रफ सनस्क्रीन लगाना चाहिए.

सनस्क्रीन कैसे और कितना लगाएं

सही सनस्क्रीन से भी अधिक लाभ नहीं मिलेगा, अगर आप इस का रोज और सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करेंगी. पेश हैं, कुछ सुझाव:

– सनस्क्रीन धूप में निकलने से 15 से 30 मिनट पहले लगाएं.

– अगर आप मेकअप करना चाहती हैं तो इसे मेकअप करने से पहले लगाएं.

– सनस्क्रीन बहुत कम मात्रा में न लगाएं.

– चेहरे पर ही नहीं शरीर के बाकी खुले भागों पर भी लगाएं.

– हर 2 घंटे बाद सनस्क्रीन दोबारा लगाएं.

– ऐक्सपाइरी डेट वाला सनस्क्रीन न लगाएं, क्योंकि वह प्रभावी नहीं रहता है.

सनस्क्रीन: मिथ और तथ्य

मिथ: सनस्क्रीन लगाने से सनटैन नहीं

हो सकता.

तथ्य: अगर आप एसपीएफ 30 वाला सनस्क्रीन लगाती हैं तो आप सनबर्न से बच सकती हैं. अच्छा सनस्क्रीन आप को यूवीए और यूवीबी किरणों से भी बचा लेगा. लेकिन अगर आप लंबे समय तक धूप में रहेंगी तो आप को सनटैन की समस्या हो सकती है.

मिथ: पानी में सनबर्न नहीं होता है.

तथ्य: पानी झुलसा देने वाली गरमी में शरीर को ठंडा कर देता है, क्योंकि पानी में डूबा शरीर सूर्य की किरणों से सुरक्षित रहता है. लेकिन यह धारणा बिलकुल गलत है. पानी वास्तव में यूवी किरणों को परावर्तित करता है. इस प्रकार से हमें इन के प्रति अधिक ऐक्सपोज कर देता है.

मिथ: कार या बस की खिड़की से आप को सूर्य की यूवी किरणें नुकसान नहीं पहुंचा सकती हैं.

तथ्य: यह बिलकुल गलत धारणा है, क्योंकि हानिकारक यूवी किरणें ग्लास को पैनिट्रेट कर लेती हैं. अगर आप को विंडोसीट के पास बैठना पसंद है या अपने काम के सिलसिले में लंबी ड्राइव करनी पड़ती है, तो आप को उस से अधिक मात्रा में सनस्क्रीन लगाना चाहिए जितना आप सामान्यतौर पर लगाती हैं.

(डा. मनीष पौल, स्किन लैजर सैंटर)

कैसी हो सर्दियों की सनस्क्रीन

विंटर में धूप में बैठना सभी को अच्छा लगता है, लेकिन इस मीठीमीठी धूप के लालच में हम अपनी स्किन के साथ खिलवाड़ कर बैठते हैं, जिस की वजह से स्किन को सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट रेज का सामना करना पड़ता है और वह बेजान और रफ लगने लगती है. इसलिए जरूरत है विंटर में भी स्किन को यूवी किरणों से बचाने की. तो आइए जानते हैं कि इस दौरान कौनकौन से प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करें ताकि स्किन विंटर के मौसम का भी मजा ले सके और उसे कोई नुकसान भी न पहुंचे.

ग्रीनबेरी और्गैनिक्स सनस्क्रीन स्प्रे लोशन

इस लोशन में एसपीएफ होने के कारण यह स्किन को विंटर्स की सूर्य की तेज किरणों से बचाने का काम करता है. इसे नैचुरल ऐंटीऔक्सीडैंट्स व कीवी ऐक्सट्रैक्ट से बनाया  जाता है, जो फ्रीरैडिकल्स से स्किन को प्रोटैक्ट करने के साथसाथ स्किन सैल्स को नैचुरली हाइड्रेट करने का काम भी करते हैं. यह पैराबेन व सल्फेट फ्री भी है. यह लोशन खासतौर से ड्राई स्किन को ध्यान में रख कर बनाया जाता है.

न्यूट्रोजेना हाइड्रो बूस्ट सनस्क्रीन

यह सनस्क्रीन हाइड्रो बूस्ट फौर्मूला से लैस है, जिस में ह्यालूरोनिक ऐसिड और ग्लिसरीन जैसे पावरफुल इन्ग्रीडिएंट्स होते हैं. यह एक विंटर की शुष्क हवा से स्किन को प्रोटैक्ट करने का काम करता है. इस में हाइड्रो बूस्ट एसपीएफ फौर्मूला स्किन को यूवी प्रोटैक्शन देने का भी काम करता है. स्किन को विंटर्स में ऐक्स्ट्रा प्रोटैक्शन देने के लिए अगर आप हुमेक्टैंट्स युक्त सीरम के बाद इस सनस्क्रीन को अप्लाई करती हैं, तो यह आप की स्किन को प्रोटैक्ट करने के साथसाथ हैल्दी, सौफ्ट व स्मूद भी बनाने का काम करता है. इस सनस्क्रीन की खास बात यह है कि यह सभी स्किन टाइप पर सूट करेगा.

द बौडी शौप विटामिन ई

मौइस्चराइजिंग क्रीम: विंटर्स में यह विटामिन ई युक्त क्रीम स्किन को हाइड्रेट रखने का काम तो करती ही है, साथ ही यह स्किन को फुल प्रोटैक्शन भी देती है. असल में इस का ह्यालूरोनिक ऐसिड युक्त फौर्मूला स्किन को ऐक्स्ट्रा हाइड्रेशन देने के साथसाथ इस में ऐंटीऔक्सीडैंट रिच रैस्पबेरी ऐक्सट्रैक्ट स्किन को ऐक्सफौलिएट करने के साथसाथ सुपर स्मूद बनाने में भी मदद करता है. इस में विटामिन ई की खूबियां स्किन को यूवी प्रोटैक्शन से बचाने के साथ स्किन टैन, डार्क पैचैज और रिंकल्स से बचाने में मदद भी करती हैं.

बोटनिका विटामिन सी सनस्क्रीन

इस में विटामिन सी और एसपीएफ दोनों होने के कारण यह स्किन के लिए काफी मैजिक का काम करता है. इस का क्विक स्किन अब्सौर्बिंग फौर्मूला स्किन की लेयर्स में डीपली जा कर उसे स्मूद बनाने के साथसाथ उसे पूरे दिन सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने का भी काम करता है. इस में जिंक और टाइटेनियम औक्साइड होने के साथ यह स्किन के पीएच लैवल को बैलेंस में बनाने का काम करता है. चाहे आप को पूरा दिन बीच पर बैठ कर ऐंजौय करना हो या फिर विंटर्स में धूप का मजा लेना हो, यह परफैक्ट सनस्क्रीन है.

अल्ट्रा रिपेयर प्योर मिनरल

सनस्क्रीन मौइस्चराइजर: जहां विंटर का मौसम दिल को छू जाता है, वहीं अगर इस मौसम में स्किन की प्रौपर केयर नहीं की जाती है तो स्किन रैड, ड्राई, फ्लैकी होने के साथसाथ कई बार स्किन टैन की भी समस्या हो जाती है. ऐसे में इस सनस्क्रीन युक्त मौइस्चराइजर में ओटमील की खूबियां होने के कारण यह स्किन पर इचिंग व जलन से तो बचाने का काम करता ही है, साथ ही स्किन पर डैड स्किन सैल्स, औयल को भी रिमूव करने का काम करता है. इस का यूवी ब्लौकर फौर्मूला सन प्रोटैक्शन दे कर स्किन को मौइस्चराइज करने के साथसाथ ग्लोइंग बनाने का भी काम करता है.

केटाफिल 30 एसपीएफ मौइस्चराइजर

यह 30 एसपीएफ वाला फेशियल मौइस्चराइजर स्किन पर ग्लो देने के साथसाथ स्किन की हर लेयर को प्रोटैक्शन देने का भी काम करता है. इस की खास बात यह है कि इस में ओलियोसम टैक्नोलौजी का इस्तेमाल किया गया है, जिस में सनस्क्रीन फिल्टर्स का कम इस्तेमाल होने के कारण यह स्किन को बिना इरिटेट करे सुपर हाइड्रेट करने का काम करता है. यह सैंसिटिव स्किन के लिए एकदम परफैक्ट है.

सनस्क्रीन की चिपचिपाहट से परेशान हो गई हूं, क्या करुं?

सवाल-

मैं दिल्ली में सर्विस करती हूं. गरमियों में मेरा रंग बहुत ही काला हो जाता है. मुझे समझ नहीं आता कि मुझे कौन सा चाहिए और किस एसपीएफ की सनस्क्रीन लगाना? मैं जो भी सनस्क्रीन लगाती हूं मुझे पसीना आने लग जाता है और इसे मैं लगाना बंद कर देती हूं.

जवाब-

आप को दिल्ली में रहते हुए 35-40 एसपीएफ का सनस्क्रीन लगाना चाहिए. आप किसी भी अच्छी क्वालिटी का सनस्क्रीन खरीद सकती हैं बस लगाने का तरीका सही होना चाहिए. घर से निकलने से 10 मिनट पहले सनस्क्रीन लगा लें. हर सनस्क्रीन से पसीना आता ही है इसलिए पसीना आने दें. परेशान न हों. हैंकी या टिशू पेपर से फेस पर थपथपा दें और पसीने को सुखा लें. दोबारा पसीना नहीं आएगा. इस के बाद आप ऐसे भी बाहर जा सकती हैं. इस के ऊपर मेकअप करना चाहे तो मेकअप भी कर सकती हैं.

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सनस्क्रीन को सनब्लौक क्रीम, सनटैन लोशन, सनबर्न क्रीम, सनक्रीम भी कहते हैं. यह लोशन, स्प्रे या जैल रूप में हो सकता है. यह सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों को अवशोषित या परावर्तित कर के सनबर्न से सुरक्षा उपलब्ध कराता है. जो महिलाएं सनस्क्रीन का उपयोग नहीं करती हैं उन्हें त्वचा का कैंसर होने की आशंका अधिक होती है. नियमित रूप से सनस्क्रीन लगाने से झुर्रियां कम और देर से पड़ती हैं. जिन की त्वचा सूर्य के प्रकाश के प्रति संवेदनशील होती है उन्हें रोज सनस्क्रीन लगाना चाहिए.

क्या है एसपीएफ

एसपीएफ अल्ट्रावायलेट किरणों से सनस्क्रीन द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुरक्षा को मापता है. लेकिन एसपीएफ यह नहीं मापता है कि सनस्क्रीन कितने बेहतर तरीके से अल्ट्रावायलेट किरणों से सुरक्षा करेगा. त्वचारोग विशेषज्ञ एसपीएफ 15 या एसपीएफ 30 लगाने की सलाह देते हैं. ध्यान रखें, अधिक एसपीएफ अधिक सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराता है.

सनस्क्रीन न लगाने के नुकसान

सनस्क्रीन हर मौसम में लगाना चाहिए. समर में इसे लगाना बहुत ही जरूरी है. इस सीजन को त्वचा के रोगों का सीजन कहा जाता है. इस मौसम में समर रैशेज, फोटो डर्माइटिस, पसीना अधिक आना और फंगस व बैक्टीरिया के संक्रमण से अधिकतर महिलाएं परेशान रहती हैं. समर में थोड़ी देर भी धूप में रहने से सनटैन और सनबर्न की समस्या हो जाती है. टैनिंग इस मौसम में त्वचा की सब से सामान्य समस्या है. अत: घर से बाहर निकलने से पहले अच्छी गुणवत्ता वाला सनस्क्रीन जरूर इस्तेमाल करें.

जो महिलाएं सनस्क्रीन का उपयोग नहीं करती हैं उन की त्वचा समय से पहले बुढ़ा जाती है, उस पर झुर्रियां पड़ जाती हैं. यूवी किरणों का अत्यधिक ऐक्सपोजर त्वचा के कैंसर का कारण बन सकता है.

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सनस्क्रीन लगाने पर पसीना बहुत आ जाता है, क्या करूं?

सवाल-

मेरी उम्र 18 वर्ष है. मैं सनस्क्रीन लगा कर बाहर जाना चाहती हूं पर जब भी सनस्क्रीन लगाती हूं पसीना बहुत आ जाता है. क्या करूं?

जवाब-

सनस्क्रीन के अंदर जिंक रहता है जिसे स्किन पर लगाने से पसीना आता ही है. आप जब भी घर से बाहर जाना चाहती हों बाहर जाने से 10 मिनट पहले सनस्क्रीन लगा लें. जितना पसीना आना होगा वह आ जाएगा. रूमाल से फेस को धीरेधीरे टैप करें. इस से पसीना सूख जाएगा और उस के ऊपर हलका पाउडर लगाया जा सकता है या ऐसे भी बाहर जाया जा सकता है. अब पसीना दोबारा नहीं आएगा.

बस ध्यान रखना है कि आप जिस क्लीनिक में जाएं वहां पर किसी डाक्टर से या काउंसलर से बात करें. वह आप को चैक कर के बताएंगे कि आप की प्रौब्लम हारमोनल तो नहीं है. अगर हारमोनल असंतुलन है तो उस के लिए कुछ दवा भी जरूर देंगे.

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गर्मियों का मौसम आने तो है, ऐसे में जहां हमारे आउटफिट्स मौसम के अनुसार पूरी तरह से बदल जाएंगे, ठीक उसी तरह हमारे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में भी काफी बदलाव होगा. क्योंकि अब हमें अपनी स्किन को सूर्य की हार्श किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन को आवश्यक रूप से  अपने स्किनकेयर रूटीन में शामिल जो करना होगा. वैसे तो सनस्क्रीन हर मौसम में जरूरी होता है, लेकिन इसकी खास तौर पर जरूरत गर्मियों में महसूस होती है. वरना इसके अभाव में स्किन टेन होने से लेकर स्किन डेमेज तक हो सकती है. यहां तक की स्किन कैंसर का भी डर बना रहता है. लेकिन सवाल ये उठता है कि मार्केट में तो ढेरों सनस्क्रींस मिलते हैं , ऐसे में हम अपनी स्किन के लिए फिजिकल या केमिकल किस सनस्क्रीन का चुनाव करें. तो आइए जानते हैं इस संबंध में .

क्या है सनस्क्रीन 

जिस तरह से पानी हमारी बोडी को हाइड्रेट रखकर हमें सुरक्षा प्रदान करता है, ठीक उसी तरह सनस्क्रीन हमारी स्किन के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है. ये खतरनाक अल्ट्रावायलेट किरणों से स्किन को बचाता है, जिससे स्किन टेन होने से बचने के साथसाथ स्किन एलर्जी, स्किन रेडनेस जैसी समस्याओं से भी निजात मिलता है. क्योंकि सनस्क्रीन में एसपीएफ यानि सन प्रोटेक्शन फैक्टर जो होता है. जैसे अगर आपकी स्किन धूप में निकलते ही आपको टेनिंग या जलन जैसा फील होने लगे तो इसका मतलब आपकी स्किन धूप के संपर्क में आते ही जलने लगती है . इसलिए जरूरी है आपके लिए 25 या फिर 30 एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन का चयन करने की. क्योंकि ये आपको 5 – 6 घंटे सुरक्षा प्रदान करने का काम जो करेगा.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- फिजिकल vs केमिकल सनस्क्रीन 

सर्दियों में भी Skin के लिए जरूरी है Sunscreen, होते हैं ये 6 फायदे

लेखिका- दीप्ति गुप्ता

घर के बाहर निकलने से पहले गर्मियों में सनस्क्रीन लगाना बहुत मायने रखता है. आखिरकार गर्मी के महीनों में तेज धूप आपकी त्वचा को झुलसा जो देती है. ऐसे में सनस्क्रीन त्वचा को सनबर्न, टैनिंग और यूवी रेज से बचाता है. इसलिए गर्मियों में हमेशा 15 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाने की सलाह दी जाती है. हालांकि, सनस्क्रीन के बारे में कई तरह के भ्रम फैले हुए हैं कि घर के अंदर इनकी जरूरत नहीं होती या सर्दियों में इन्हें लगाना जरूरी नहीं होता. लेकिन ऐसा नहीं है. हर मौसम में त्वचा पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल बेहद जरूरी है. एक गाढ़ा और क्रीमी मॉइश्चराइजर के बाद सनस्क्रीन लगाना आपके विंटर स्किनकेयर रूटीन का हिस्सा होना चाहिए. विशेषज्ञों के अनुसार, यह न केवल त्वचा को कवर करता है, बल्कि इसे स्वस्थ और जवां भी बनाए रखता है. फिर भी आप सोच रहे हैं कि ऐसा क्यों हैं, तो यहां हम आपको बताएंगे कि सर्दियों में सनस्क्रीन लगाने के क्या फायदे होते हैं.

1. नमी का स्तर बनाए रखे-

सर्दियों के दौरान कम नमी और तेज हवाओं के चलते त्वचा रूखी हो जाती है. जिससे त्वचा में दरारें, झुर्रियां और संक्रमण बढ़ जाता है. ऐसे में सनस्क्रीन का प्रयोग त्वचा की नमी के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है.

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2. सर्दियों में ओजोन लेयर सबसे पतली होती है –

सर्दी के महीनों में ओजोन लेयर बहुत पतली हो जाती है. जिसका मतलब है कि यह कम अल्ट्रावायलेट रेज को अवशोषित करती है . मतलब यह कि भले ही सर्दियों में सूरज इतना गर्म महसूस न हो, लेकिन आप वास्तव में ज्यादा तीव्रता वाली यूवी रेज के संपर्क में रहते हैं .यह रेडिएशन त्वचा को नुकसान पहुंचाती है और समय से पहले चेहरे पर बुढ़ापा, झुर्रियां और पिगमेंटेशन का कारण बनती हैं. इसलिए हाई SPF वाला सनस्क्रीन सर्दियों के दौरान लगाना बहुत अच्छा विकल्प है.

3. कैंसर का रिस्क कम करे-

सर्दियों में दिनों में यूवी किरणों का एक्सपोजर बहुत ज्यादा होता है. जिससे सनबर्न और स्पॉट का खतरा बढ़ जाता है इसलिए स्किन कैंसर की संभावना भी बढ़ सकती है. बता दें कि यूवी एक्सपोजर मेलेनोमा से जुड़ा है, जो स्किन कैंसर का सबसे घातक रूप है. सनस्क्रीन की मोटी लेयर लगाने से इन जोखिमों को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

4. जलन दूर करे-

सर्दियों में त्वचा पर जलन और लाली की समस्या बहुत लोगों में देखी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इन दिनों में त्वचा पानी बनाए रखने की क्षमता खो देती है , जिससे ड्रायनेस बढ़ जाती है. ऐसे में अगर सनस्क्रीन का उपयोग न किया जाए, तो त्वचा पर जलन का अहसास होने लगता है.

5. गैजेट्स की नीली रोशनी से सुरक्षा दे-

न केवल घर के बाहर बल्कि हमारी त्वचा घर के अंदर भी हानिकारक गैजेट्स की ब्लृू लाइट के संपर्क में आती है. इसलिए चाहे धूप हो या न हो, त्वचा को ब्लू लाइट से बचाने के लिए स्किन पर सनस्क्रीन जरूर अप्लाई करना चाहिए.

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6. उम्र बढ़ने के संकेतों को रोके-

सूरज और नीली रोशनी के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण त्वचा को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान का सामना करना पड़ता है, जिस कारण चेहरे पर समय से पहले बुढ़ापा झलकने लगता है. ऐसे में सनस्क्रीन उम्र बढऩे के शुरूआती लक्षणों को कम करने में मदद करता है.

अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो सर्दियों में त्वचा पर सनस्क्रीन लगाना जरूरी नहीं समझते , तो यहां इसे लगाने के फायदे जरूर जान लीजिए और इसे अपने विंटर स्किनकेयर रूटीन का हिस्सा बना लीजिए.

Summer Special: जानें क्या हैं सनस्क्रीन लगाने के चार फायदे

सनस्क्रीन हमारी स्किन के लिए बनाई गई ऐसी क्रीम है जो सूरज की पराबैंगनी किरणों से हमारी स्किन पर होने वाले नुकसान से बचाती है. लोग ज्यादातर सनस्क्रीन का इस्तेमाल गर्मियों के मौसम में करते हैं. जबकि हमारी स्किन को सूरज से हर समय बचाव की जरूरत होती है. इसलिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल ना सिर्फ गर्मियों में बल्कि हर मौसम में करना चाहिए. सनस्क्रीन हमारी स्किन के लिए एक परत का काम करती है, जिससे की अल्ट्रा वायलेट किरणे हमारी स्किन को डैमेज नहीं कर पातीं. हमारी स्किन पर ऐसी परत का होना बहुत आवश्यक है. जब भी आप बाज़ार में सनस्क्रीन खरीदने जाएं, ध्यान रहे कि सनस्क्रीन में जितना ज़्यादा एसपीएफ यानी की सन प्रोटेक्टिंग फैक्टर होगा, आपकी सनस्क्रीन उतनी ही ज़्यादा प्रभावशाली होगी.

चलिए जानते हैं सनस्क्रीन लगाने के अन्य फायदों के बारे में –

1) टैनिंग से करे बचाव-

सूरज की खतरनाक किरणें से हमारी स्किन पर बहुत भारी नुकसान होता है. स्किन में टैनिंग होना भी अन्य नुकसानों में से एक है. टैनिंग की वजह से हमारे शरीर के कुछ हिस्से काले हो जाते हैं और कुछ अपने नेचरल कलर में ही रहते हैं जिसके कारण हमारा शरीर दो रंग का दिखने लगता है. टैनिंग का सबसे अच्छा इलाज है सनस्क्रीन. जब भी आप धूप में बाहर निकलें, तो शरीर के खुले हुए हिस्सों पर सनस्क्रीन लगा कर जाएं. इससे आप टैनिंग की समस्या से बचे रहेंगे.

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2) स्किन को दे हेल्थी ग्लो-

सनस्क्रीन में एसपीएफ होने के साथ साथ कई तरह के प्रोटीन पाए जाते हैं जैसे की कॉलेजिन, केराटिन और इलास्टिन, जो की हमारी स्किन को हानिकारक किरणों से बचाने के साथ साथ स्किन को एक हेल्थी ग्लो भी देते हैं. इसलिए सनस्क्रीन लगाने से स्किन भी ग्लो करने लगती है.

3) एजिंग से बचाए-

अगर स्किन को धूप से प्रोटेक्ट ना किया जाए तो स्किन रूखी और बेजान होकर डैमेज होने लगती है जिसके कारण चेहरे पर फाइन लाइंस और झुरियां दिखाई पढ़ने लगती हैं. इसलिए स्किन को किसी भी प्रकार से डैमेज से बचाने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना बहुत आवश्यक है. सनस्क्रीन स्किन के बाहर एक परत का काम करती है जिससे हमारी स्किन डैमेज नहीं होती और जवां नज़र आती है.

4) स्किन कैंसर से बचाए-

धूप में बिना प्रोटेक्शन के बाहर निकलने से स्किन डैमेज तो होती ही है लेकिन साथ ही स्किन कैंसर जैसे की मेलोनोमा होने की संभावना भी बढ़ जाती है. स्किन कैंसर से बचने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है. सनस्क्रीन स्किन के बाहरी हिस्से पर एक ऐसी परत बना लेती है जिससे हमारी स्किन पर धूप की हानिकारक किरणों का कोई असर नही हो पाता.

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Summer Tips: सनस्क्रीन लगाना क्यों है जरूरी

सनसक्रीन एक ऐसा स्किन केयर प्रौडक्ट है जिस का रोजाना इस्तेमाल करना हमारी स्किन के लिए बहुत जरूरी है. अधिकतर महिलाओं को लगता है सनस्क्रीन को सिर्फ गर्मियों में लगाया जाता है, लेकिन सनस्क्रीन को हर मौसम में इस्तेमाल करना चाहिए. सनस्क्रीन आप की स्किन को डैमेज होने से बचाता है.

गर्मियों में क्यों जरूरी है सनसक्रीन

गर्मियों में तेज धूप और सूरज की हानिकारक किरणों की वजह से स्किन पर टैनिंग, फ्रेक्ल्स, सनबर्न जैसी समस्या हो सकती है, जिस से आप की स्किन की खूबसूरती ढल सकती है. क्लीनिक डर्माटेक के डर्मेटोलौजिस्ट डाक्टर इंदु का कहना है, “यदि किसी को फ्रेक्ल्स, सनबर्न जैसी समस्या हो जाती है तो उसे सनस्क्रीन दिन में 3 बार जरूर लगाना चाहिए. फ्रेकलस बहुत आम समस्या है. चेहरे पर जब ब्राउन स्पौट हो जाते है, उन्हें फ्रेक्ल्स कहते हैं.

फ्रेक्ल्स को रोकने के लिए सनस्क्रीन लगाना बहुत जरूरी है. हालांकि इस का co2 लेज़र ट्रीटमेंट भी है. कई लोग घर में रहते हैं तो अपनी स्किन की देखभाल करने में आलस दिखाते हैं. अगर आप घर में किचन में ज्यादा समय बिताती हैं तो भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें. सनस्क्रीन खरीदते समय एसपीएफ पर जरूर ध्यान दें.

सनसक्रीन और एसपीएफ

बढ़ती उम्र के साथ स्किन पर पडऩे वाली झुर्रियां, फाइन लाइंस, स्किन का फटना, रंगत पर प्रभाव, झांइयां इन सब का सब से बड़ा कारण अल्ट्रावायलेट किरणें हैं. जब हम ज्यादा समय धूप में बिताते हैं, तो स्किन की रंगत काली होने लगती है और स्किन से जुड़ी कुछ गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं. इसलिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूरी है.

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सनस्क्रीन खरीदते समय उस में मौजूद सन प्रोटेक्शन फैक्टर यानी एसपीएफ की मात्रा की सही जानकारी होना बहुत जरूरी है. वैसे तो एसपीएफ 15 की मात्रा वाली सनस्क्रीन लगाना बेहतर रहता है. लेकिन बढ़ती गर्मी और प्रदूषण के दौरान एसपीएफ 15 से ले कर एसपीएफ 30 वाले सनस्क्रीन लोशन ज्यादा प्रभावी माने जाते हैं. अगर आप बिना सनस्क्रीन के घर से बाहर निकलती हैं तो आप की स्किन धूप में झुलस सकती है.

सनसक्रीन में एसपीएफ बहुत अहम है. एसपीएफ की मात्रा जितनी ज्यादा होती है हमारी स्किन को प्रोटेक्शन भी उतना ज्यादा मिलता है. अगर आप की सनस्क्रीन में 30 एसपीएफ है तो आप की स्किन पर प्रोटेक्शन 30 गुना ज्यादा बढ़ जाता है.

स्किन के अनुसार चुनें सनसक्रीन

  • अधिकतर महिलाओं की शिकायत होती है कि सनस्क्रीन लगाने के बाद स्किन चिपचिपी और काली दिखने लगती है. अगर आप की स्किन ज्यादा चिपचिपी दिख रही है, तो आपने गलत सनस्क्रीन को चुना है. सनस्क्रीन हमेशा अपनी स्किन के अनुसार चुनें.
  • अगर आप की स्किन नौर्मल है तो क्रीम बेस्ड सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें.
  • अगर आप की स्किन पर पिंपल्स, मुहांसे की समस्या ज्यादा है तो आप औयल फ्री सनस्क्रीन लगाएं और आप की स्किन औयली है तो जैल बेस्ड सनस्क्रीन का चुनाव करें.
  • ड्राई स्किन वालों को मौइश्चराइजर बेस्ड सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए.

कब कितना एसपीएफ है जरूरी

स्किन को डैमेज होने से बचाने के लिए 30 एसपीएफ काफी होता है. लेकिन आप बहुत देर तक बाहर हैं, धूप में ज्यादा समय बिता रही हैं और बारबार सनस्क्रीन नहीं लगा सकतीं तो आप एसपीएफ 50 वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें.

रोजाना दिनों के लिए आप एसपीएफ 30 का इस्तेमाल कर सकती हैं. घर में भी सनस्क्रीन लगाना बहुत जरूरी है. दरअसल, घर में मौजूद आर्टिफिशियल लाइट भी स्किन पर असर डालती है. इसलिए घर में आप एसपीएफ 15 वाली सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें.

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हेयर रिमूवल टिप्स: गरमी में इन 4 घरेलू तरीकों से हटाए अनचाहे बाल

मौसम का मिजाज बदल गया है और गरमियों का आगमन हो गया है. गरमियों में खुद को कूल रखने के लिए युवतियों की पहली पसंद शौर्ट्स, स्कर्ट, कैप हैं. आजकल कामकाजी महिलाएं भी वैस्टर्न लुक को अहमियत दे रही हैं और औफिस में शौर्ट ड्रैसेज में आना पसंद करती हैं. लेकिन जब आप ये सब ड्रैसेज कैरी करती हैं तो आप के हाथों के बाल आप के स्टाइल और फैशन को फीका कर देते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए फेम फेयरनेस नेचुरल फेयर ऐंड सौफ्ट हेयर रिमूवल क्रीम बेहतर औप्शन है.

लंबे समय तक कोमलता का एहसास…

जब आप सूरज की रोशनी में बाहर निकलती हैं, तो आप ट्रैनिंग का शिकार हो जाती हैं और आप की त्वचा एकदम ड्राई हो जाती है. लेकिन यह फेम फेयरनेस नेचुरल फेयर ऐंड सौफ्ट हेयर रिमूवल क्रीम न केवल आप को अनचाहे बालों से छुटकारा दिलाती है, बल्कि आप की त्वचा को भी कोमल बनाती है.

हेयर रिमूवल क्रीम

3 मिनटों में काम करने वाली हेयर रिमूवल क्रीम हर उम्र की महिलाओं के लिए बेहतरीन ब्यूटी टूल है, क्योंकि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में समय का अभाव हर किसी के पास है और पार्लर जाने के लिए भी समय नहीं निकल पाता. आप को पार्टी में जाना हो या औफिस में कोई स्पैशल डे हो या फिर डेट पर जाना हो, हेयर रिमूवल क्रीम आप की समस्या का तुरंत समाधान है. इसी के साथ यदि आप को वैक्स या शेव करना पसंद नहीं है, तो आप के लिए यह एक अच्छा विकल्प है.

हेयर रिमूवल के हर्बल उपाय

खूबसूरत दिखना भला कौन महिला नहीं चाहती. लेकिन अनचाहे बाल इस खूबसूरती पर दाग का काम करते हैं. जानिए, अनचाहे बालों को कैसे हटाएं ताकि खूबसूरती बरकरार रहे:

1 कच्चा पपीता: अनचाहे बालों से छुटकारा दिलाने में कच्चा पपीता बेहद मददगार है. कच्चे पपीते में पपाइन नाम का ऐंजाइम होता है और इस पपाइन में बालों को नष्ट करने की क्षमता होती है. यह बालों को बढ़ने से रोकता है. हेयर रिमूवल के लिए कच्चा पपीता सब से कारगर है.

2 अंडा: हैल्थ की दृष्टि से अंडा जितना खाने में फायदेमंद है, उतना ही यह खूबसूरती बढ़ाने में भी कारगर है. अंडे की सफेदी का प्रयोग करने से अनचाहे बालों से मुक्ति मिलती है.

3 चीनी और सिरका: चीनी और सिरका घरेलू वैक्स की तरह काम करते हैं. चीनी, नीबू और शहद के घोल की तरह यह भी वैक्सिंग का काम करती है.

4 बेसन: बेसन के प्रयोग से त्वचा मुलायम होती है और इस से अनचाहे बालों से छुटकारा भी मिलता है. बस आप को बेसन, हलदी और सरसों के तेल को मिला कर पेस्ट बनाना है. पेस्ट बनाने के बाद इसे चेहरे पर लगा कर सूखने दीजिए, फिर हलके हाथों से रगड़ कर उतार दीजिए.

घरेलू उपायों के अलावा एक और विकल्प है फेम फेयरनेस नेचुरल फेयर ऐंड सौफ्ट हेयर रिमूवल क्रीम अपनाएं क्योंकि यह क्रीम केवल आप के अनचाहे बालों को ही नहीं हटाती बल्कि त्वचा में निखार भी लाती है और एवोकाडो औयल लाइकोराइस ऐक्सट्रैक्ट युक्त इस का फार्मूला अनचाहे बालों को हटाने के बाद स्किनटोन को भी निखरा बनाए रखने में मदद करता है.

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