‘मैं एक फिल्म स्टार नहीं, टेनिस प्लेयर हूं’, जानें क्या कहना चाह रहे हैं महेश भूपति

डबल्स वर्ल्ड नंबर वन टेनिस खिलाडी महेश भूपति से कोई अपरिचित नहीं. उन्होंने टेनिस खिलाडी लिएंडर पेस के साथ मिलकर साल 1997 में पहली बार भारत के लिए अमेरिकी ओपन डबल्स का ख़िताब जीता. उन दोनों की जोड़ी साल 1991 में पहली बार, वर्ष 1952 के बाद जीतने वाली जोड़ी बनी. इसके बाद उन दोनों ने मिलकर तीन डबल्स ख़िताब जीते.उन दोनों की जोड़ी को विश्व रेंकिंग में पहली भारतीय टीम बनने का गौरव हासिल हुआ, लेकिन कुछ वजहों से दोनों के बीच मनमुटाव होने से साथ खेलना बंद कर दिया. पुन: साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक के बाद से उन दोनों ने फिर से साथ खेलना शुरू कर दिया. साल 2001 में महेश को पद्मश्री से भी नवाज़ा गया है.

महेश भूपति का खेल जीवन जितना कामयाब था. उतना उनका निजी जीवन नहीं था.उन्हें फ़िल्मी सितारों के करीब रहने के लिए भी जाना जाता है. उनकी पहली पत्नी श्वेता जयशंकर एक मॉडल, उद्यमी, ऑथर और ब्यूटी पेजेंट टाइटल विनर थी, जिससे साल 2002 में महेश ने शादी की, पर ये विवाह अधिक दिनों तक न टिकने की वजह महेश का अभिनेत्री लारा दत्ता से नजदीकियों के बढ़ने से है, जिसे श्वेता ने स्पष्ट एक इंटरव्यू में कहा है. साल 2009 में महेश ने श्वेता से तलाक लिया और वर्ष 2011 को उन्होंने अभिनेत्री लारा दत्ता से शादी की और एक बेटी की पिता बने.

महेश भूपति और लिएंडर पेस की जोड़ी वेब सीरीज ‘ब्रेक पॉइंट’ की 7 एपिसोड कोलाने के लिए निर्माता निर्देशक अश्विनी अय्यर तिवारी और नितेश तिवारी ने कई साल मेहनत किये. हालाँकि बहुत लोगों ने उन्हें इस डोक्यु- ड्रामा करने से मना किया, क्योंकि इंडिया में इसके लिए दर्शक नहीं है, पर लिएंडर पेस और मैं ट्रेंड सैटर बनना चाहता था, फोलोवर्स नहीं.  महेश भूपति अपनी इस उपलब्धि से बहुत खुश है और ज़ूम कॉल पर बात की. पेश है कुछ खास अंश.

सवाल-लिएंडर पेस के खेल की किस खूबी को आप अच्छा मानते है?

मैंने उसकी खेल में हमेशा खेल को आगे ले जाने और देश के लिए एक अच्छा स्कोर करने का रहा है. ये खूबी किसी भी प्लेयर को आगे ले जाने से कोई रोक नहीं सकता.

सवाल-हर व्यक्ति सफलता और असफलता से जीवन में कुछ न कुछ सीखते है, आपने क्या सीखा ?

मैं अपने खेल जीवन से बहुत गर्व महसूस करता हूं, जब मैं टेनिस प्लेयर बना, तो पता नहीं था कि ग्रैंड स्लैम के साथ मेरा नाम जुड़ेगा, जो मेरा सपना था. जब मुझे सफलता सिंगल्स और डबल्स में मिला, तो मुझे अच्छा महसूस हुआ.

ये भी पढ़ें- सैनिक जोड़े और विवाद

सवाल-यंग प्लेयर्स को आगे बढ़ने के लिए क्या सुझावदेना चाहते है?

हर खिलाडी के खेलने का एक अलग स्टाइल होता है, उसके हिसाब से उन्हें सुझाव देना पड़ता है. खिलाडी अक्सर मुझे खेल के बारें में पूछते रहते है. तब मैं उन्हें सलाह देता हूं.

सवाल-फील्ड में आपको लोगों की उम्मीदों की एक प्रेशर के साथ खेलना पड़ता है, जबकि फिल्म में किसी प्रकार का प्रेशर नहीं होता, अगर कही कुछ गलती होती है, तो रिटेक ले सकते है, आपने दोनों में अंतर क्या महसूस किया है?

मैं एक टेनिस प्लेयर हूं, फिल्म स्टार नहीं और मेरा पूरा कैरियर खेल में बीता है. ये डॉक्यूमेंट्री ड्रामा मैंने काफी दिनों की बातचीत के बाद किया है. दोनों में कोई तुलना नहीं कर सकते, क्योंकि दोनों एक दूसरे से बहुत अलग होता है.

सवाल-क्या ये वेब सीरीज आपके जीवन से जुडी ब्रेक अप को दिखाएगी?

हर किसी के जीवन में कुछ न कुछ निगेटिव चीजे घटती है और उससे निकल कर आगे बढ़ना पड़ता है. मुझे बहुत अच्छा लगेगा, जब मुझे हजारों लोग फिल्म में देखेंगे और उसका एहसास मेरे लिए बहुत अच्छा होगा.

सवाल-क्या लारा दत्ता ने इस फिल्म को देखा है? उनका रिएक्शन क्या रहा?

लारा दत्ता ने इस फिल्म को देखा है और बहुत खुश है, क्योंकि वह इस प्रोजेक्ट की पहले दिन से जुडी है. रिलीज होने का इंतजार कर रही है.

सवाल-पहली बार ग्रैंड स्लैम के जीतने पर परिवार और आपके रिएक्शन क्या थे?

ये वेब सीरीज 7 एपिसोड में सबको दिखाई जाएगी, इसलिए बहुत सारे तथ्य इसमें दिखाए जायेंगे, जिसमें परिवार और मेरी रिएक्शन को भी दिखाया जाएगा. मेरी टेनिस की जर्नी से लेकर वर्ष 2006 की सारी घटनाओं को लिया गया है, जो दर्शकों को भी पसंद आयेगा.

सवाल-बचपन में कब आपको लगा कि आपको टेनिस प्लेयर बनना है ?

मैंने 3 साल की उम्र में टेनिस खेलना शुरू कर दिया था, लेकिन मैं हाई लेवल गेम विमिल्डन में भी खेलूँगा, ये पता नहीं था. विमिल्डन में हम दोनों का खेलना और जीत हासिल करना, ये आज की यूथ के लिए एक प्रेरणा है. इसके अलावा हमारी स्टोरी एक एपिसोड में कहना मुश्किल था, इसलिए 7 एपिसोड का बनाना पड़ा, ताकि कहानी पूरी कही जाय.

सवाल-देश के लिए एक बड़ी ख़िताब लाना, एक खिलाडी के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है? आपके अनुभव क्या थे?

इस अनुभव को शब्दों में बयान करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि जब कोई खिलाडी खेल के मैदान में जीत हासिल करता है और वहां मेडल सेरेमनी में जब देश का राष्ट्रगान बजता है, तो मन में एक अलग ख़ुशी रहती है और ये हर खिलाडी के साथ होता है. हर खिलाडी के रोंगटें खड़े हो जाते है. इसके अनुभव को किसी भी भाषा में बताया जाना संभव नहीं.

सवाल-पहले की खेल और आज की खेल में काफी परिवर्तन हो चुका है, आज खेल की तकनीक बदल चुकी है, क्या आपने कभी इसे महसूस किया ?

20 साल बाद खेल में परिवर्तन होना लाजमी है, क्योंकि अभी सभी खेलों की तकनीक काफी बदल चुकी है. न्यूट्रिशन से लेकर टेक्नोलॉजी, मिडिया, रिकवरी आदि सब होने से खेल में भी परिवर्तन आया है. आज लोग समय के साथ चल सकते है.

ये भी पढ़ें- खेद है लोकतंत्र नहीं रहा

सवाल-इस वेब में अभिनय करते वक्त आपके बेस्ट मोमेंट क्या थे?

बेस्ट मोमेंट पूरी वेब सीरीज को करते हुए ही था, क्योंकि मैने फिर उस पल को जिया है, जो मैंने आज से सालों पहले प्राप्त किया था.

सवाल-पिछले डेढ़ साल से पेंड़ेमिक चल रहा है, ऐसे में आपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर क्या-क्या देखा है?

हर दिन मैं ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नहीं गया, पर बीच-बीच में मैंने कुछ वेब सीरीज देखा है, जिसमें मुंबई डायरी, बेलबॉटम जैसी कई फिल्में है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें