कोरोनावायरस डर के बीच सेट पर पहुंची ‘प्यार की लुका छुपी’ एक्ट्रेस, कही ये बात

मायथोलोजिकल सीरियल ‘महाभारत’ से अभिनय कैरियर की शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस अपर्णा दीक्षित  3 महीने की लॉक डाउन के बाद दंगल टीवी के लिए सीरियल ‘प्यार की लुका छुपी’ के लिए सेट पर लौट चुकी हैं. इतने दिनों घर बैठने के बाद अपर्णा दीक्षित काम करना बहुत अच्छा लग रहा है. अभिनय को डेस्टिनी मानने वाली अपर्णा के परिवार वालों ने उन्हें इस काम के लिए बहुत सहयोग दिया है, जिसके परिणामस्वरुप वह यहां तक पहुंच पायी है. शूटिंग के बीच अपर्णा से बात करना रोचक था, पेश है कुछ खास अंश.

सवाल-इतने दिनों बाद सेट पर आने का  एहसास कैसा रहा ?

ये सही है कि काफी दिनों तक ब्रेक था, कब तक ये चलेगा किसी को पता नहीं था. सब लोगों की तरह मैं भी काम की राह देख रही थी.अच्छा लगा, एक उत्साह था. लेकिन इस बात की चिंता थी कि काम कैसे शुरू होगा. जहा से ख़त्म किया था, वहां से शुरू होने की जरुरत थी, तो ये कैसे होगा समझ में नहीं आ रहा था, साथ ही सारी सावधानियां जो शूटिंग के दौरान करने की जरुरत थी. वह कैसे किया जायेगा, उसकी सोच थी, लेकिन यहाँ सब ठीक था.  धीरे-धीरे अब लोग मास्क, ग्लव्स पहनना और फेस शील्ड के साथ अभ्यस्त भी हो रहे है. वे खुद को बार-बार सेनीटाइज भी कर रहे है. इस तरह सेट का माहौल पूरा अलग है, पर मैं खुश हूं कि मैं शूट कर रही हूं.

सवाल-सेट पर किस तरह की तैयारियां है?

मेरी प्रोडक्शन हाउस में एम्बुलेंस है, जिसमें  एक डॉक्टर मौजूद है. सुबह आने के बाद सबकी टेम्परेचर टेस्ट की जाती है. मास्क, ग्लव्स, फेस शील्ड दी गयी है. साफ़ सफाई पर पूरा ध्यान  दिया जा रहा है.  

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सवाल-क्या आपको शूटिंग के दौरान कुछ असहजता लगी? 

एक कलाकार अलग-अलग किरदार, अलग-अलग माहौल में करता है. ये जॉब कोई आरामदायक नहीं होता. कई बार कुछ ऐसे दृश्य भी होते है, जब मास्क पहनकर पूरा दिन रहना पड़ता है. हैवी मेकअप, हैवी ज्वेलरी पहनकर बाहर शूट करना पड़ता है. कीचड़ में भी कई बार एक्टर्स शूट करते है. एक्टिंग प्रोफेशन में जब आप आते है, तो इन सब चीजों के लिए कलाकार को तैयार रहना पड़ता है. इसलिए मुझे किसी प्रकार की असहजता नहीं हुई, क्योंकि मानसिक रूप से मैं तैयार थी. मुझे ये  अच्छा लग रहा है कि बाकी लोग भी बहुत ही अच्छी तरीके से नियमों का पालन कर रहे है. शूट के समय मुझे मास्क उतारना पड़ता है, पर  बाद में मैं तुरंत दृश्य के बाद मास्क पहन लेती हूं. एक दिन मुझे मास्क और ग्लव्स के साथ पूरा दिन बाहर शूट करना पड़ा. अभी कोशिश ये हो रही है कि जल्दी से जल्दी शूट ख़त्म कर दिया जाय, ताकि लोग घर चले जाय. 

सवाल-अभी शूटिंग का समय कितना होता है?

अभी प्रोडक्शन हाउस ने ये भी निश्चय किया है कि कलाकार को कम से कम सेट पर बुलाया जाय. जितना दृश्य शूट करने होते है, उसे करने के बाद घर चले जाने के लिए कहा जाता है. 

 

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Some #bts of our scenes together! Srishti- sarthak @rahulsharma777 @dangal_tv_channel @rstfofficial

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सवाल-शूटिंग के दौरान आप किस तरह की एहतियात बरतती है?

मेरे पिताजी घर के नुस्खे बहुत देते है. उनके हिसाब से गिलोय पीना, लौंग, तुलसी का सेवन अच्छा होता है. इसलिए मैं सुबह आकर लौंग, तुलसी, अदरक, काली मिर्च आदि डालकर एक काढ़ा बना लेती हूं, जिसे मैं पूरा दिन थोडा-थोडा सिप लेती हूं. नारियल पानी गिलास में पीती हूं. इसके अलावा फ्रूट्स खाती हूं, नीबू पानी पीती हूं. विटामिन सी की टेबलेट ले रही हूं. अभी नार्मल दिनों से अधिक मैं अपना ख्याल रख रही हूं. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग की भी पूरी ध्यान रख रही हूं. अंदर से स्ट्रोंग होने पर इन्फेक्शन के चांसेस आधे हो जाते है. इसके अलावा मैं अपने मेकअप का सारा सामान प्रयोग कर रही हूं. सेट पर बिल्कुल भी टच अप नहीं कर रही हूं. मैं लिपस्टिक्स नहीं लगा रही हूं. सबसे अधिक नाक और मुंह को ढकने की जरुरत होती है, इसलिए जब भी मैं मास्क हटाती हूं, तो नाक और मुंह को हाथ नहीं लगाती.  

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सवाल-क्या अभिनय में आना एक इत्तफाक था या बचपन से ही सोचा था?परिवार का सहयोग कितना रहा?

इस फील्ड में आना मेरी डेस्टिनी थी. मेरी पर्सनालिटी फ़िल्मी है. मुझे हमेशा से डांस और एक्टिंग पसंद था. कॉलेज के दौरान एक ऑडिशन में मुझे चुना गया और इससे मुझे आगे बढ़ने के मौके मिलते गए. ये सब मुझे दिल्ली में पढाई के दौरान मिला. मैंने कभी एक्टिंग के बारें में सोचा नहीं था, पर आज मैं एक्टिंग के अलावा कुछ और सोच नहीं सकती. परिवार ने ही मुझे इस क्षेत्र में जाने की सलाह दी. मैंने माँ से ही सबसे पहले इस बारें में चर्चा की और वह मेरे साथ मुंबई भी आई थी. पिता ने ही उन्हें मेरे साथ भेजा था.  मेरे परिवार ने मुझे हर काम की आज़ादी दी है. आज तक मुझे जितनी भी सफलता मिली है. मुझसे कई गुना मेरे माता-पिता खुश होते है. उन्होंने मेरे किसी भी शो या किसी भी इवेंट को आजतक मिस नहीं किया. हर उपलब्धि पर वे मेरे साथ रहे. अभी मेरा भाई मेरे साथ मुंबई में है. माता-पिता हर दो, तीन महीने में मेरे पास आगरा से आ जाते है. 

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सवाल-अन लॉक होने की इस प्रक्रिया में क्या मेसेज देना चाहती है?

अभी धीरे-धीरे काम शुरू हो रहा है, लेकिन बहुत सारे काम ‘वर्क फ्रॉम होम’ के रूप में चल रहा है. घर से काम करने की अगर सुविधा है तो जितना हो सके घर पर रहकर ही काम करें. हालाँकि सब घर पर रहकर थक चुके है, पर ये एक दौर है, जो धीरे-धीरे गुजर जायेगा. तब आराम से आप बहर निकल सकते है. इस समय खुद के साथ-साथ परिवार के बुजुर्गों और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए  आप घर से न निकलें. आम दिनों की अपेक्षा अभी सबका ख्याल अधिक रखने की जरुरत है. मानसिक रूप से कोई कमजोर न हो इसका ध्यान रखें, क्योंकि मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति अधिक बीमारी का शिकार होने लगता है. अगर आपको कोरोना का संक्रमण हुआ भी है, तो घबराये नहीं इलाज करवाएं और डॉक्टर्स पर विश्वास रखें. आप ठीक हो जायेंगे. 

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महाराष्ट्र सरकार से 31 मई को ही फिल्म,टीवी सीरयल और वेब सीरीज की शूटिंग शुरू करने को लेकर दिशा निर्देश आ गए थे, मगर बाॅलीवुड में कार्यरत एसोसिएशनो के बीच कई मुद्दों पर आम सहमति न बन पाने की वजह से मामला अटका हुआ था और शूटिंग शुरू नही हो पा रही थीं.टीवी सीरियल के निर्माता और उनके संगठन अपनी अकड़ बनाए रखना चाहते थे.जिसके चलते 20 और 22 जून से टीवी सीरियल शुरू करने की कुछ निर्माताओं द्वारा घोषणा किए जाने के बावजूद शूटिंग शुरू नहीं हो पायी थी. सूत्रों के अनुसार ब्राडकास्टर के दबाव में सीरियल के निर्माता व उनके संगठन  कलाकारों, तकनीशियन व वर्कर के साथ अव्यावहारिक रवैया अपनाने पर ही अड़े हुए थे.

सीरियल निर्माताओं के अपने तर्क थे.वह कह रहे थे कि ‘‘हर स्टेक होल्डर (कलाकार, निर्देशक, लेखक, निर्माता, तकनीशियन, वर्कर आदि) को इस संबंध में अपने अपने हिसाब से सोचना पड़ेगा कि यदि ब्राडकास्टर बजट में पंद्रह से पैंतिस प्रतिशत कटौती कर रहा है, तो उन्हें भी कुछ कटौती करके लेना पड़ेगा. यदि कोई स्टेक होल्डर यह समझता है कि हम तो कुछ करेंगे नहीं, हम कोई कटौती नहीं करेंगे,सारा बोझ निर्माता ही वहन करे और सेट पर डाक्टर भी आ जाए, एंबुलेंस भी आ जाए,इंषुरेंस भी हो जाए तथा शूटिंग शुरू हो जाए,तो मैं समझता हूं कि बहुत मुश्किल है.’’पर यह निर्माता इस बात को नजरंदाज कर रहे थे कि कलाकारों व तकनीशिन की जिन शर्तों पर सहमति बनाकर कलकत्ता यानी कि बंगला फिल्म व टीवी इंडस्ट्री में शूटिंग शुरू  हुई है,उन पर बाॅलीवुड में सहमति क्यों नहीं हो सकती.

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बहरहाल, बुधवार को महाराष्ट्र सरकार ने 31 मई के दिशा निर्देश में कुछ बदलाव करने का नया आदेश जारी कर दिया,तो वहीं बुधवार को ही देर रात तक आईएफटीपीसी,सिंटा और एफ डब्लूआई सी ई के बीच वच्र्युअल बैठकों का लंबा दौर चला,जिसके बाद उन सभी मुद्दों को हल कर लिया गया,जिससे फिर से शूटिंग शुरू करने का मार्ग प्रशस्त हो गया.फिलहाल यह आम सहमति तीन माह तक के लिए बनी है.इस बीच हर पंद्रह दिन में एक कमेटी हालात का जायजा लिया करेगी और शूटिंग के दौरान जो व्यावहारिक दिक्कतें आएंगी,उन पर बात की जाएगी.

‘आईएफटीपीसी’, ‘सिंटा’और ‘एफ डब्लूआई सी ई’के साथ ब्राडकास्टर ने जिस तरह से फैसला लिया,उसके चलते आज से ही रश्मि शर्मा निर्मित दो सीरियलों ‘शक्ति’ और ‘प्यार की लुका छिपी’की शूटिंग शुरू हो गयी है.वास्तव में इनका मुंबई से सटे सुरक्षित जोन वाले इलाके नायगांव में अपना स्टूडियो है.इन्होने अपने स्टूडियो व सभी उपकरण पहले से ही सेेनेटाइज करा लिए थे.इतना ही नहीं पिछले एक सप्ताह से इनके लाइट मैन व स्पाॅट ब्वाॅय तो इस स्टूडियो में ही रह रहे थे.जबकि शनिवार से राजन साही अपने तीन सीरियलों ‘‘अनुपमा’’, ‘‘यह रिश्ता क्या कहलाता है’’और ‘‘यह रिश्ते प्यार के’’की शूटिंग शुरू करेंगे.

अब तक सीरियल निर्माता और सीरियल निर्माता संगठन ‘आईएफटीपीसी’ कोरोना सुरक्षा के लिए बीमा के मसले पर ही तांग अड़ाए हुए थे,मगर इस बैठक में बीमा कवरेज के दो सेट प्रदान करने पर सहमति व्यक्त बन गयी.यानी कि ‘कोविड -19’के कारण 25 लाख रुपए का मृत्यु बीमा और दो लाख रूपए का अस्पताल में इलाज का बीमा हर क्रू मेंबर को देने पर सहमति बन गयी. इसी के साथ ‘आईएफटीपीसी’ने आष्वस्त किया कि   सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार हर सावधानी को पूरे कलाकारों ,तकनीषियन,वर्कर आदि की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेट पर उपाय किए जाएंगे.

अब तक पुनः शूटिंग शुरू करने के लिए‘‘सिंटा’’व ‘‘एफ डब्लूआई सी ई’’की सबसे बड़ी माॅंग पारिश्रमिक राषि के भुगतान को लेकर थी, इस पर भी आम सहमति बन गयी.अब‘आईएफटीपीसी’ने मान लिया है कि पारिश्रमिक राशि के भुगतान की अब तक जो नब्बे दिन की प्रथा चली आ रही थी, उसे खत्म कर तीस दिन में पारिश्रमिक राशि का भुगतान किया जाएगा. तीन माह बाद पुनः हर स्थिति को लेकर बैठक होगी.

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इस बैठक में कोरोना के दौरान कलाकारों और वर्करों के लिए ‘‘सिंटा’’व ‘‘एफ डब्लूआई सी ई’’द्वारा उठाए गए कदमों को भी किए गए ‘आईएफटीपीसी’ने स्वीकार किया. ‘आईएफटीपीसी’ने माना कि कोरोना व लाॅक डाउन के आपत्तिकाल में राष्ट्रीय हित के मद्देनजर श्रमिकों ने अनुकरणीय समझ और परिपक्वता दिखायी.

‘आईएफटीपीसी’के अध्यक्ष साजिद नाडियाडवाला ने ‘‘सिंटा’’,‘‘एफ डब्लूआई सी ई’’,ब्राॅडकास्टर,महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री  उद्धव ठाकरे,संस्कृति मंत्री अमित देषमुख, सांस्कृतिक सचिव डॉ संजय मुखर्जी, और श्री आदेश बांदेकर के के अनुकरणीय सहयोग के लिए आभार माना.

इस बैठक में आईएफटीपीसी  की टीवी और वेब शाखा के अध्यक्ष जे डी मजीठिया के साथ श्यामाशीश भट्टाचार्य व नितिन वैद्य,‘‘एफ डब्लूआई सी ई’’के अध्यक्ष बीएन तिवारी के साथ अशोक दुबे व गंगेश्वर श्रीवास्तव  तथा ‘सिंटा’की तरफ से अध्यक्ष मनोज जोशी के साथ उपाध्यक्ष  दर्शन जरीवाला,वरिष्ठ संयुक्त सचिव अमित बहल,कार्यकारिणी सदस्य संजय भाटिया ने हिस्सा लिया.

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बौलीवुड मे 17 मार्च से सब कुछ ठप्प पड़ा हुआ है.‘इंडियन फिल्म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स कौसिंल’’(आईएफटीपीसी )और ब्राडकास्टर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री संग चार पांच बैठक कर 31 मई को सरकार की तरफ से गाइडलाइंस के साथ शूटिंग शुरू करने की इजाजत का आदेश जारी करवाने में सफल भी हो गए थे.इतना ही नहीं इन निर्माताओं ने ‘सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएषन’(‘‘सिंटा’’) तथा ‘फेडरेषन आफ वेस्टर्न सिने इम्पलाइज’ (‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’)की अवहेलना करते हुए 23 जून से शूटिंग शुरू करने का ऐलान करते हुए निम्न सीरियलों से जुड़े कलाकारो को फोन भी कर दिया था,मगर 23 जून की सुबह शूटिंग शुरू नही हो पायी.

जी हां! ‘‘कुमकुम भाग्य’’, ‘‘कुंडली भाग्य’’,‘‘तुझसे है राब्ता’’,‘‘कुर्बान है’,‘सारेगामापा लिटिल चैम्प्स’,‘‘सारेगामापा पंजाबी’’जैसे टीवी सीरियल व रियालिटी शो की शूटिंग आज शुरू होनी थी,मगर ऐसा संभव नहीं हो पाया. इसकी मूल वजह यह रही कि इन निर्माताओ ने कलाकारों,तकनीशियन व श्रमिकों की ‘कोविड 19’के चलते सुरक्षा मानको व उनकी पारिश्रमिक राषि के मुद्दे की अवहेलना करते हुए तीन माह से आर्थिक संकट झेल रहे कलाकारों के पास एक ‘डिक्लरेशन फार्म’भेजा कि वह इस फार्म को भर कर जमा करे और शूटिंग के लिए सेट पर पहुॅचे.मगर ‘सिंटा’ने अपने सदस्य कलाकारों से साफ साफ कह दिया कि वह इस ‘डिक्लरेशन फार्म’पर हस्ताक्षर कर अपने स्वास्थ्य व खुद  की सुरक्षा पर कुल्हाड़ी न चलाए.परिणामतः किसी ने भी यह फार्म नहीं भर कर दिया.इस संदर्भ में ‘‘सिंटा’’के वरिष्ठ संयुक्त सचिव अमित बहल कहते हैं-‘‘जब मैं खुद  इन हालातों में शूटिंग करने नहीं जा रहा हूं,तो मैं अपनी एसोसिएशन के सदस्यों से कैसे कह दूं कि वह शूटिंग करने जाएं. देखिए, जितनी मुझे अपनी सुरक्षा की चिंता है, उतनी ही हमें अपने सदस्यों की सुरक्षा की भी चिंता है.’’

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वास्तव में निर्माताओं के संगठन ‘आईएफटीपीसी’ के साथ ‘सिंटा’व ‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’ने पिछले सप्ताह लगातार चार बार बैठक की,फिर उन्हे ईमेल भेजे, मगर ‘आईएफटीपीसी’हर मामले में चुप्पी साधे रही.‘सिटा’ की तरफ से ‘आईएफटीपीसी’ से पूछा गया कि वह लोगों की पारिश्रमिक राशि में कितनी किस हिसाब से कटौती करेंगे, ‘कोविड 19’की सुरक्षा और पिछली बकाया राशि कब मिलेगी,मगर वह चुप हैं. सूत्रों के अनुसार केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के आदेश के बावजूद अभी तक ‘‘सिंटा’’और‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’के लगभग हजार सदस्यों की बकाया राशि का भुगतान निर्माताओं ने नहीं किया है. मजेदार बात यह है कि यह रकम पिछले एक साल से बकाया है.

तो वही 65 साल की उम्र के कलाकारों,निर्देशक,कैमरामैन और तकनीशियन के काम करने का मामला भी उलझा हुआ है.राजश्री प्रोडक्शन को मोहन जोशी और भारती आचरेकर के साथ सोनी के लिए सीरियल की शूटिंग करनी है.पर इनकी उम्र 65 साल हो चुकी है.तो वहीं कंवलजीत के साथ भी एक सीरियल की शूटिंग रूकी है. पर इस मसले पर कोई साफ साफ बात नही कर रहा है.

हालात पूरे देश की फिल्म इंडस्ट्री में कमोबेश यही है.केरला व चेन्नई में निर्माताओं ने सरकार के साथ बातकर शूटिंग शुरू कर दी, पर ‘कोविड 19’व अन्य मुद्दे पहले नहीं सुलझाए,परणिमातः अब वहां पुनः शूटिंग रूक गयी है. जबकि कलकत्ता में तीन दिन तक शूटिंग रूकी रही. फिर जब सेट व स्टूडियो व उपकरण सेनेटाइज किए गए तथा सभी कलाकारों व क्रू मेंबर को पच्चीस लाख रूपए का बीमा दिया गया,तब शूटिंग शुरू हुई. बौलीवुड के निर्माता भी इसी तरह की जल्दबाजी कर गलती कदम उठा रहे थे,इससे चेन्नई व केरला की तरह यहां भी दो चार दिन में श्ूाटिंग बंद हो सकती है.इसीलिए ‘सिंटा’और ‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’ अपनी तरफ से पूरी सावधानी बरत रहे हैं.वह नहीं चाहते कि शूटिंग शुरू हो और दो दिन बाद बंद करने की नौबत आए या किसी की जान जोखिम में जाए.

सिंटा के वरिष्ठ संयुक्त सचिव अमित बहल कहते हैं- ‘‘हमें ब्राडकास्टर और निर्माताओ की आमदनी की भी चिंता है, पर साथ में हमें कलाकारों, तकनीशियन व वर्करों के स्वास्थ्य व उनकी जान की भी चिंता है. हम चाहते हैं कि एक सही राह बने और काम शुरू हो सके. सबसे पहले निर्माताओ को चाहिए कि ‘फिल्मसिटी’स्टूडियो के एक फ्लोर को पूरी तरह से सेनेटाइज कर वहां पर कोविड सेंटर बना दिया जाए.देखिए,कोरोना सिर्फ कलाकार या तकनीशियन ही नही निर्माता को भी हो सकता है.तो हम सभी की चिंता कर रहे हैं.’’

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तो उधर कई कलाकार अपना नाम उजागर न करते हुए निर्माताओं पर आरोप लगा रहे हैं कि निर्माता और उनके प्रोडक्शन के लोग उन्हे फोन पर धमका रहे हैं कि ‘सिंटा’या ‘‘एफडब्लू वाय सी ई’’उन्हे काम नही देगा. काम तो वही देंगें. इसलिए उन्हे तुंरत ‘डिक्लरेशन फार्म पर हस्ताक्षर कर शूटिंग पर आना चाहिए. मगर इन डिक्लेरशन फार्म (डिक्लरेशन फार्म की काॅपी हमारे पास है) पर हस्ताक्षर करने का अर्थ होता है कि कलाकार व तकनीशिन या श्रमिक की ही सारी जिम्मेदारी हो जाती है,निर्माता की कोई जिम्मेदारी नही होगी.ऐसे में भला कलाकार या तकनीशियन या श्रमिक कैसे अपनी जान जोखिम में डालकर काम करना शुरू करता…परिणामतः निर्माताओं की चाल असफल हो गयी और शूटिंग शुरू नहीं हो पायी.

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