#coronavirus: अनलॉक के दौरान क्या करें या न करें

अब जब सब तरफ लाकडाउन बंदिशें खत्म हो चुकी हैं. तो  ऐसे में ज़रूरी है कि बीमारी के फैलने की संभावना को कम करने के लिए हम सब पूरी सावधानी बरतें. हमें यह भूलना नहीं चाहिए कि जानलेवा कोरोनावायरस अभी देश से गया नहीं है और वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया जारी है. भारत में अब तक 3.50 लाख कोरोना पाज़िटिव और 10 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी है.  हम जानते हैं कि अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के प्रयास में शहर और राज्य खोले जा चुके हैं.ऐसे में कोरोनावायरस इन्फेक्शन फैलने का खतरा भी बढ़ गया है.

डॉक्टर का कहना है कि हमें अपने दोस्त को गले लगाए, पार्टी किए, स्टेडियम गए और हवाई यात्रा किए भले ही कई दिन बीत गए हों, लेकिन हमें याद रखना है कि कई तरह के प्रतिबंध हटाए जाने के बाद, आज भी हम कोरोनावायरस के बारे में बहुत कुछ नहीं जानते हैं.

इस अनलॉक के समय हमें कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए जो कि इस प्रकार है

1. फेस मास्क पहनना न भूलें

शॉपिंग मॉल और गैर-ज़रूरी सामान की दुकानें खुलने लगी हैं, ऐसे में ज़्यादा सावधानी बरतने की ज़रूरत है. उपभोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जारी रखना चाहिए और अनिवार्य रूप से फेस मास्क का उपयोग करना चाहिए. आप कहां रहते हैं, क्या कर रहे हैं, इसके आधार पर कई और नियम भी हो सकते हैं. साथ ही आपको हैण्ड सैनिटाइज़र और दस्तानों का उपयोग भी करना चाहिए. याद रखें कि शॉपिंग और सामाजिक जीवन का अनुभव अभी कुछ समय के लिए पहले की तरह नहीं होने वाला है.

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2. पार्टी करने से बचें और बार में न जाएं

कोरोनावायरस के इन्फेक्शन से बचने के लिए ज़रूरी है कि आप बेवजह लोगों के संपर्क में न आएं. घर पर पार्टी करने या बार में जाने से आप ज़्यादा भीड़ के संपर्क में आते हैं, इससे इन्फेक्शन फैलने का खतरा बढ़ सकता है. हो सकता है कि पार्टी में ऐसे लोग हों जिनमें इन्फेक्शन के लक्षण न हों, जो आपको इन्फेक्शन दे सकते हैं. इसलिए यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है कि आप कितनी सूझ बूझ से अपने स्वास्थ्य की देखभाल करते हैं.

3. बार-बार हाथ धोएं        

हाइजीन को बिल्कुल न भूलें, याद रखें कि लॉकडाउन में छूट का यह मतलब बिल्कुल नहीं कि कोरोनावायरस फैलना रूक गया है. स्कूल और बिज़नेस को खोलने के आर्थिक कारण हो सकते हैं, लेकिन वायरस फैलता रहेगा. हालांकि हो सकता है कि इसके फैलने की दर कम हो जाए. बार-बार अच्छी तरह हाथ धोने से आप इस इन्फेक्शन से बच सकते हैं. जब भी आप किसी के संपर्क में आएं या किसी सतह को छूएं तो इसक बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धो लें.

4. छुट्टी की योजना न बनाएं

हममें से ज़्यादातर लोग तीन-चार महीने से घर में रहने के बाद छुट्टी पर जाना चाहते हैं. हो सकता है कि होटल और हवाई यात्रा का किराया बहुत कम हो जाए. लेकिन इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं कि आप यह सोचकर छुट्टी पर जाने की योजना बना लें कि आपकी इम्युनिटी मजबूत है और आपको कुछ नहीं होगा. हो सकता है कि हवाई यात्रा अब पहले की तरह रोचक न हो. आपको उड़ान के दौरान मास्क पहनना होगा, आप सीमित मात्रा में खाने-पीने का आनंद ले कसेंगे, एयरपोर्ट टर्मिनल्स पर ज़्यादातर बिज़नेस बंद रहेंगे.

5. कोई भी फैसला सोच-समझ कर लें

भविष्य में क्या होने वाला है, हम इसके बारे में कुछ नहीं कह सकते. हो सकता है कि कोरोनावायरस के मामले अचानक बढ़ जाएं जैसा सिंगापुर और होंग-कोंग में हुआ, वायरस के ज़्यादा खतरनाक स्ट्रेन भी आ सकते हैं. इसलिए कोई भी फैसला सोच-समझ कर लें, लेकिन निराश न हों.

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6. स्ट्रीट फूड खाने से पहले सावधानी बरतें, हाइजीन पर खास ध्यान दें

जैसे ही आप घर से बाहर जाते हैं, गोलगप्पे, मोमो, टिक्की, राम लड्डू और चाट आपको लुभाने लगते हैं लेकिन स्ट्रीट फूड की किसी भी स्टॉल पर जाने से पहले सुनिश्चित कर लें कि वहां हाइजीन का पूरा ध्यान रखा जा रहा है. चाट परोसने वाले व्यक्ति ने दस्ताने पहनें हैं और वह नियमित रूप से अपने हाथों को सैनिटाइज़ कर रहा है. पेपर प्लेट और कटलरी साफ है, इन पर धूल-मिट्टी नहीं है.

डॉ. पी वेंकटा कृष्णन, इंटरनल मेडिसिन, पारस हॉस्पिटल

Unlock 1.0: रेल-बस-निजी गाड़ियों से यात्रा करना हुआ आसान, जानें क्या हैं नए नियम

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने अनलॉक एक की शुरूआत 1 जून से कर दी है. ऐसे में देश में कईं छूट के साथ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की तैयारियां भी शुरू कर दी है. जहां अनलॉक 1 के तहत सार्वजनिक वाहन की चलाने की मंजूरी मिल गई है तो वहीं इसके साथ कुछ कड़े नियम भी लगा दिए गए हैं. आइए आपको बताते हैं कौनसे नए नियम और सुविधाएं…

1. 200 नॉन एसी ट्रेनों की हुई शुरूआत

देश में अभी श्रमिक ट्रेनों, स्पेशल ट्रेनों के अलावा आज से 200 नॉन एसी ट्रेनें चलेंगी. इनके लिए काउंटर, ऑनलाइन टिकट मिल पाएंगे. इसी के साथ कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के वक्त से कुछ देर पहले आना होगा. वहीं यात्रा के दौरान मास्क पहनना जरूरी होगा और स्टेशन पर पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.

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2. सार्वजनिक बसों की हुई शुरूआत

देश में 1 जून से सार्वजनिक बसों की शुरुआत हो गई है, यानी राज्य परिवहन की बसें चल गई. इसके लिए पूरे राज्य में घूमना, या एक राज्य से दूसरे राज्य में जाना आसान होगा. उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों ने प्रदेश परिवहन को मंजूरी दी है. बसों में मास्क पहनना जरूरी होगा, बसों को बार-बार सैनिटाइज़ किया जाएगा. बस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना ड्राइवर और कंडक्टर की जिम्मेदारी होगी. उत्तर प्रदेश में सोमवार सुबह आठ बजे से एक जिले से दूसरे जिले, जिले के अंदर की बस सेवा को शुरू किया गया है. दिल्ली में पहले से ही डीटीसी की बसें चालू हैं और सिर्फ 20 लोगों को बैठने की इजाजत है.

3. निजी वाहनों को भी मिली इजाजत

निजी वाहनों को लेकर अब पूरी तरह से इजाजत मिल गई है. दो पहिया वाहन पर हेल्मेट, मास्क लगाना जरूरी है. अलग-अलग राज्यों ने अभी टू व्हीलर पर एक, महिला समेत दो लोगों को बैठने की इजाजत दी है. वहीं चार पहिया वाहन में 1+2 के नियम से इजाजत दी है. यानी ड्राइवर के अलावा गाड़ी में दो लोग बैठ पाएंगे, हालांकि अगर बच्चे हैं तो उन्हें छूट मिल पाएगी. साथ ही ओला, उबर जैसी कैब और टैक्सी सर्विस में भी ये नियम लागू होगा. जबकि ड्राइवर-यात्री को मास्क पहनना जरूरी होगा और गाड़ी बार बार सैनिटाइज़ करनी होगी.

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4. ये बौर्डर रहेंगे सील

केंद्र सरकार ने बिना किसी पास या इजाजत के किसी भी राज्य में जाने की अनुमति दे दी है, लेकिन अभी भी दिल्ली-नोएडा और दिल्ली-गाजियाबाद का बॉर्डर नहीं खुला है. यहां बढ़ते मामलों को लेकर ये फैसला लिया गया है. वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक हफ्ते के लिए दिल्ली के सभी बौर्डर सील करने का फैसला लिया है.

#coronavirus: लौकआउट की ओर नौरमल नहीं, कहिए न्यूनौरमल लाइफ

दुनिया ने मान लिया है कि कोरोना फिलहाल तो रहेगा. इस के ख़त्म होने का इंतजार अब कोई नहीं कर रहा. सो, तक़रीबन हर देश लौकडाउन से लौकआउट की ओर बढ़ चला है. भारत ने भी कदम बढ़ा दिया है. लौकडाउन में रहते हुए ढील पर ढील दी जा रही है.

लेकिन, हर भारतवासी के दिमाग में सवाल यह है कि क्या वह अपनी पुरानी ज़िंदगी फिर से जी पाएगा? इस का कड़वा जवाब यह है कि फिलहाल तो कोरोना के साथ जीने की आदत डाल लीजिए. न सिर्फ आदत डाल लीजिए बल्कि रोजमर्रा की ज़िंदगी में बहुत सी जरूरी चीजें जो पूरे लौकआउट के बाद बदलने जा रही हैं, उन्हें अपनाना भी अभी से सीख लीजिए क्योंकि कोरोना हम सब के साथसाथ चलेफिरेगा. कोरोना से पहले की ज़िंदगी जीने का तरीका बदलना होगा. हाथ मिलाना और गले लगना अब शायद तसवीरों में ही देखने को मिले. अभी तक कोरोना ने पैनडेमिक बन कर तबाही मचाई. अब कहा जा रहा है कि यही कोरोना एनडेमिक भी बन सकता है.

पैनडेमिक के बाद यह एनडेमिक क्या बला है, आप यह सोच रहे होंगे. दरअसल, पैनडेमिक महामारी को कहते हैं, जबकि एनडेमिक उस हालत को कहते हैं जिस में एक वायरस इंसानों के साथ घूमता रहता है. इस दौरान वह उन पर असर डालता है जिन के शरीर ने या तो उस से लड़ने की क्षमता पैदा नहीं की है या फिर उन्हें इसकी वैक्सीन नहीं लगी है. ज़ाहिर है कोरोना वायरस की वैक्सीन तो फिलहाल बनी नहीं है. ऐसे में यह इंसानों के साथ ही घूमता रहेगा.

वर्ल्ड हेल्थ और्गेनाइज़ेशन यानी डब्लूएचओ के इमरजेंसी एक्सपर्ट माइक रायन के मुताबिक, एक तो कोरोना जल्दी खत्म नहीं होगा और दूसरा यह कि वह एनडेमिक वायरस बन कर हमेशा हमारे साथ ही रहने वाला है. हो यह भी सकता है कि यह कोरोना वायरस हमारे बीच से कभी जाए ही नहीं ठीक वैसे ही जैसे एचआईवी और डेंगू जैसे वायरस आज भी हमारे बीच मौजूद हैं, जिन की वैक्सीन अभी तक नहीं बन पाई है और जिन के साथ अब हम ने जीना सीख लिया है. इसी तरह हमें कोरोना वायरस के साथ भी रहना सीखना होगा.

लौकडाउन से लौकआउट में आने पर पुरानी नौरमल लाइफ नहीं बल्कि न्यूनौरमल लाइफ होगी. पुरानी नौरमल लाइफ को तो भूल ही जाइए. यहां एक नज़र डालते हैं न्यूनौरमल लाइफ पर :

सामाजिक दूरी

तालाबंदी हटाए जाने के बाद भी 2 गज यानी 6 फुट की सामाजिक दूरी बनाए रखने का पालन करते रहना होगा. देश में लगने वाली लंबीलंबी कतारें, भीड़भरे बाज़ारों, दुकानों, मार्केट, रेस्तरां, सिनेमाहौल, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा, शादीघर और यहां तक कि श्मशान और क़ब्रिस्तान तक में इंसान को इंसानों से दूर ही रहना पड़ेगा.

नाकमुंह ढकना और सैनिटाइज़र

मोबाइल की तरह मास्क और सैनिटाइज़र रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा होंगे. पूर्वी एशियाई देशों यानी चीन, जापान और हौंगकौंग में तो सर्दी के मौसम में इंफैक्शन फैलते ही लोग पहले से मास्क और ग्लव्ज़ का इस्तेमाल करते रहे हैं. मास्क और सैनिटाइज़र भारत में, आमतौर पर, इस्तेमाल करना आसान नहीं है. इतना ही नहीं, यह आदत अपनाना भारतीयों के लिए महंगा सौदा भी है.

डिजिटल भुगतान

वायरस के साथ रहने की वजह से ज़्यादातर खरीदफरोख्त डिजिटल ट्रांज़ैक्शन के ज़रिए ही होंगी. लोग बैंक जाने से और नकदी इस्तेमाल करने से बचेंगे क्योंकि इससे बारबार संक्रमित होने का खतरा कायम रहेगा.

घर से काम यानी वर्क फ्रौम होम

कार्यालय, कंपनियां, संस्थानों के प्रबंधन जितना मुमकिन हो सकेगा अपने कर्मचारियों से घर से ही काम करवाएंगे. आईटी कंपनियों के ज़्यादातर काम तो कर्मचारी अपनेअपने घरों से ही करेंगे. वहीं, स्टैंडफोर्ड की स्टडी बताती है कि घर से काम करने वाले कर्मचारी दफ्तर में काम करने वालों से ज़्यादा प्रोडक्टिव और क्रिएटिव होते हैं. ज़ाहिर है कंपनियों को इस नए चलन को अपनाने में ज़रा भी तकलीफ नहीं होगी.

औफिस में चेंज

हर औफिस के सभी कर्मचारी घर से काम यानी वर्क फ्रौम होम नहीं करेंगे. कुछ कर्मचारी औफिस में जा कर काम करेंगे. ऐसे कर्मचारियों की औफिस के गेट परकी थर्मल स्क्रीनिंग होगी. औफिस में हाथ धोने और आनेजाने वाले द्वार पर हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी. कार्यस्थलों में नियमित तौर पर सैनिटाइजेशन किया जाता रहेगा. शिफ्ट बदलने के दौरान भी रखें सफाई का खास ध्यान रखना होगा.

शिक्षा संस्थानों में बदलाव

स्कूल में पढ़ाई का तरीका काफी हद तक बदला जाएगा. बच्चे एकदूसरे को छूने या हाथ मिलाने से बचेंगे. एकदूसरे के साथ खेल नहीं सकेंगे. साथ ही, बच्चों के बैठने की व्यवस्था भी सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से की जाएगी और बहुत ज़्यादा मुमकिन है कि डिजिटल एजूकेशन यानी कंप्यूटर के ज़रिए पढ़ाई इतनी सामान्य और चलन में आ जाए कि बच्चे स्कूल जाना ही बंद कर दें.

आवाजाही में परिवर्तन

यातायात के तरीकों में तो बहुत सारे बदलाव अभी से देखने को मिलने लगे हैं. हाल ही में भारत सरकार ने एयर ट्रांसपोर्ट के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. मसलन, आरोग्य सेतु ऐप मोबाइल पर इंस्टौल करना ज़रूरी है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा, मास्क पहनना होगा और थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. इस तरह के कई और नियम कानून बनाए गए हैं जो रोडवेज़, मैट्रो और रेलवे के लिए भी अपनाए जाएंगे. निजी वाहनों के लिए भी नए नियम होंगे, मसलन टूव्हीलर पर एक और फोरव्हीलर पर दो ही लोगों के बैठने की अनुमति आदि.

बदल जाएगी इंडस्ट्री

कोरोना के काल के बाद इंडस्ट्री और उस के काम करने का तरीका भी पूरी तरह से बदल जाएगा. लेबर कम हो जाएंगे. और जो होंगे भी उन्हें सोशल डिस्टेंसिग का पालन करना होगा. हर सैक्टर में कंपनियों को अपने कर्मचारियों का हेल्थ इंश्योरैंस कराना होगा. और कंपनियों में औटोमेशन बढ़ जाएगा यानी, काम इंसानों से कम कराया जाएगा जबकि मशीनों से ज़्यादा किया जाएगा.

अमेरिकी अखबार ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक महामारी कोविड-19 की वैक्सीन विकसित करने और फिर बाजार में लाए जाने के बाद भी कोरोना वायरस सालों तक यहीं रहने वाला है. यह महामारी एचआइवी, चेचक जैसे ही हमेशा रहने वाली है. वैश्विक महामारी के विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के लंबे समय तक रहने के आसार हैं.

सो, कोरोनामय हालात में लौकडाउन के सरकारी तौर पर पूरी तरह से खत्म कर दिए जाने यानी लौकआउट होने के बाद सभी देशवासियों को छुआछूती वायरस से बचे रहने के लिए खुद को खुद के लौकडाउन में रहना होगा, ताकि सभी सुरक्षित रहें और स्वस्थ रहें.

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