अबौर्शन के कारण मेरी मैरिड लाइफ में प्रौब्लम चल रही हैं, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैं 35 वर्षीय विवाहिता हूं. मेरी 13 साल की बेटी है. 2 बार गर्भपात से भी गुजर चुकी हूं. मेरी वैजाइना बिलकुल ढीली हो गई है. इस वजह से मेरे पति और मुझे सैक्स के समय संतुष्टि नहीं मिलती. कोई ऐसा इलाज बताएं जिस से कि यह पहले जैसी टाइट हो जाए. इंटरनैट पर मैं ने कुछ जैल क्रीम के बारे में पढ़ा था. क्या जैल क्रीम असरदायक होती है? पति औपरेशन के लिए राजी नहीं हैं. बताएं, क्या करूं? 

जवाब-

आप का इशारा शायद ऐस्ट्रोजन युक्त क्रीम और जैली की ओर है. इस की उपयोगिता उन महिलाओं के लिए होती हैं, जो मेनोपौज से गुजर चुकी होती हैं, जिन के शरीर में प्राकृतिक रूप से ऐस्ट्रोजन बनना बंद हो चुका होता है उन की योनि की प्राकृतिक नमी भी खत्म हो चुकी होती है. यह स्थिति 45 से 50 साल की उम्र के बाद ही कुछ महिलाओं में देखने को मिलती है. उस शुष्क हुई योनि की अंदरूनी सतह में कोशिकीय भरणपोषण और तरलता लौटाने में ऐस्ट्रोजन युक्त क्रीम उपयोगी सिद्ध होती है. आप के मामले में जरूरत योनि की ढीली हुई पेशियों में फिर से पहले जैसी चुस्ती लौटाने की है. इस के लिए नियम से श्रोणि पेशियों का व्यायाम करें. यह व्यायाम बिलकुल सरल है. आप इसे लेटे हुए, बैठे हुए या खड़े हुए किसी भी मुद्रा में कर सकती हैं. बस, श्रोणि पेशियों को इस प्रकार सिकोड़ें और भींच कर रखें मानो मूत्रत्याग की क्रिया पर रोक लगा रही हैं. 10 की गिनती तक श्रोणि पेशियों को भींचे रखें और फिर उन्हें ढीला छोड़ दें. अगले 10 सैकंड तक श्रोणि पेशियों को आराम दें. इस के लिए 10 तक गिनती गिनें. यह व्यायाम पहले दिन 10-12 बार दोहराएं. फिर धीरेधीरे बढ़ाते हुए सुबहशाम 20-25 बार करने का नियम बना लें. 2-3 महीनों के भीतर ही आप योनि की पेशियों को फिर से कसा हुआ पाएंगी.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

न्यूली मैरिड कपल के लिए हेल्थ से जुड़ी परेशानियों के बारे में बताएं?

सवाल

मैं 24 वर्षीय नवविवाहित युवती हूं. जब भी पति सहवास करते हैं, मुझे भीतर बहुत जलन और खुजली महसूस होती है. क्या यह किसी गंभीर समस्या के लक्षण हैं? मुझे इस के लिए क्या करना चाहिए?

जवाब-

आप ने जिस प्रकार के लक्षण बताए हैं, उस से लगता है कि आप की योनि में संक्रमण हो सकता है. अच्छा होगा कि आप समय गंवाए बिना किसी अस्पताल में जा कर किसी योग्य गाइनोकोलौजिस्ट से मिलें. वे अंदरूनी जांच करने के साथसाथ योनि से आने वाले स्राव की भी जांच करवा कर यह बता सकेंगी कि यह संक्रमण किस किस्म का है. फिर उस के अनुसार ही दवा लेने से यह रोग जाता रहेगा. इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप अपने साथसाथ अपने पति को भी जांच के लिए ले जाएं. किसी भी यौन रोग से छुटकारा पाने के लिए यह बेहद जरूरी है कि पतिपत्नी दोनों साथसाथ इलाज करवाएं वरना रोग दोबारा हो जाता है.

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ये बात तो आप जानती ही हैं कि अत्यधिक गर्मी की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और इस वजह से लोगों को और खास तौर से स्त्रियों को यूटीआई यानि कि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या हो जाती है.

कहीं आप भी तो अंजान नहीं है इस बीमारी से? आपको ऐसी कोई समस्या न हों इसलिए तेज गर्मी के मौसम में आपको सावधान रहना चाहिए. आइये हम आपको बताते हैं इसके लक्षणों के बारे में.

लक्षण :

  • यूरिन में जलन
  • प्राइवेट पा‌र्ट्स में खुजली या दर्द
  • थोड़ा-थोड़ा यूरिन डिस्चार्ज होना
  • ज्यादा दुर्गध के साथ, यूरिन का रंग अधिक पीला होना
  • कंपकपाहट के साथ बुखार आना
  • भूख न लगना
  • कमजोरी और थकान होना.

अगर आप भी ऊपर दी गईं किन्हीं भी समस्याओं से गुजर रहीं हैं तो आपको तुरंत इसका इलाज करना होगा.

हम यहां आपको इससे निपटने के लिए कुछ उपाय बताने जा रहे हैं…

बचाव :

1. बाहर खुले में बिकने वाली चीजें न खाएं. क्योंकि खून में होने वाला इन्फेक्शन यूरिन तक पहुंचकर ‘यूटीआई’ का कारण बन जाता है.

2. टॉयलेट और इनरवेयर की सफाई का पूरा ध्यान रखें. खास तौर से पब्लिक टॉयलेट के इस्तेमाल से पहले और बाद में फ्लश का इस्तेमाल जरूर करें.

3. ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थो का सेवन करें.

4. इस मौसम में पसीने की वजह से स्त्रियों में वजाइनल इन्फेक्शन की भी समस्या हो जाती है. आमतौर पर इस तरह के संक्रमण में वजाइना से सफेद रंग के तरल पदार्थ का डिस्चार्ज होता है.

5. इस मौसम में स्विमिंग पूल के क्लोरीन युक्त पानी की वजह से भी कभी-कभी यह संक्रमण हो जाता है. इस समस्या से बचने के लिए स्विमिंग के बाद व्यक्तिगत सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें और हमेशा कॉटन के इनरवेयर का इस्तेमाल करें.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- गर्मियों में खुद को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचाएं

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जानें किन वजहों से होती है वेजाइना में इचिंग

लड़कियां हों या महिलाएं, वैजाइना के बाहरी या अंदरूनी हिस्से में अक्सर इचिंग यानी कि खुजली होने लगती है जो काफी बेचैन करने वाली होती है. यह खुजली जब तक खत्म नहीं होती, परेशान करती रहती है. लड़कियों को इसके बारे में किसी से बात करने में भी संकोच होता है और सबके सामने खुजाना खराब लगता है और न खुजाओ तो यह और परेशान करती है. ऐसे में क्या यह ईस्ट इंफेक्शन है, यह कैसे हुआ, इसे कैसे ठीक करें जैसे सवाल सभी के मन में आने लाजिमी ही हैं, लेकिन सभी महिलाओं को पता होना चाहिए कि वैजाइना में होने वाली खुजली हमेशा ईस्ट इंफेक्शन से ही नहीं होती. इसकी दूसरी भी कई वजहें होती हैं. आपका यह जानना बेहद जरूरी है कि इस खुजली की असल वजह क्या है. वैजाइना में होने वाली यह खुजली एक रेजर से होने वाले इरिटेशन जैसी हार्मलेस भी हो सकती है जबकि एसटीडी (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिज़ीज़) जैसी खतरनाक भी हो सकती है. इसलिए इसके पीछे की असली वजह जानकर उसका इलाज कराना बेहद जरूरी है.

1. लाइफस्टाइल की वजह से खुजली

अगर आपको वैजाइना के बाहरी हिस्से में खुजली और लाली महसूस हो रही है तो यह एक किस्म का स्किन इंफेक्शन हो सकता है और इसकी वजह रेजर, कसी हुई पेंटी या आपको आनेवाला पसीना भी हो सकता है. हालांकि यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह कोई खतरनाक इंफेक्शन तो नहीं है, आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है. उनके बताए टेस्ट निगेटिव आएं, तभी यह कहा जा सकता है कि यह स्किन इंफेक्शन की वजह से है. इससे बचने के लिए आपको हर पांच इस्तेमाल के बाद अपना रेजर बदल देना चाहिए. रात को सोते वक्त कसी पेंटी की जगह कुछ ढीला- ढाला कपड़ा पहनना चाहिए और पसीने से तरबतर होने के बाद नहाकर तुरंत अपने कपड़े बदल लेने चाहिए. इसके अलावा अपने वैजाइना क्षेत्र को गीला नहीं, बल्कि सूखा रखना चाहिए. अगर फिर भी खुजली बरकरार रहे तो इस पर वैसलीन या फिर नारियल का तेल रोजाना लगाया जाना चाहिए, जरूर आराम मिलेगा.

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2. सेक्स से होने वाली खुजली

अगर आपने पिछली बार सेक्स करते वक्त कोई नया लुब्रिकेंट इस्तेमाल किया है, तो यह भी आपकी खुजली की वजह हो सकता है. डौक्टरों का कहना है कि कई लुब्रिकेंट्स में मौजूद एल्कोहल या लेटेक्स अक्सर वैजाइना में परेशानी और एलर्जी का सबब बन जाता है. इसके अलावा कई बार अगर आप बिना लुब्रिकेशन के सेक्स करते हैं तो भी बार- बार की रगड़ की वजह से आपको इरिटेशन या खुजली महसूस हो सकती है. इस बारे में डॉक्टर का सुझाव है कि आर्टिफिशियल लुब्रिकेंट की जगह आप नारियल का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन नारियल का तेल तब इस्तेमाल न करे, जब आप कंडोम का इस्तेमाल कर रहे हों, क्योंकि नारियल तेल की वजह से कंडोम ब्रेक भी हो सकता है. ऐसे में आप बिना खुशबू वाला वौटर बेस्ड कंडोम का ही चुनाव करें.

3. मेनोपौज के दौरान होने वाली खुजली

ऐसा समय जब आपका एस्ट्रोजेन स्तर काफी कम हो जाता है, यानी कि आपका मेनोपौज का समय, तब आपकी वैजाइना का पीएच बैलेंस भी बदल जाता है. ऐसे में वैजाइना की दीवारें पतली और ड्राई हो जाती हैं जो आमतौर पर खुजली का भी कारण बन जाता है. इसे वैजाइनल एट्रौफी कहा जाता है. इसके प्रमुख लक्षणों में खुजली, इरिटेशन और सेक्स में दर्द होते हैं. इसके इलाज के लिए आपको अपने डौक्टर की सलाह लेना जरूरी होता है. उनकी सुझाई हुई दवाओं से ही आपको आराम मिलेगा.

4. साबुन से होने वाली खुजली

शायद आपको पता नहीं होगा कि वैजाइना में सफाई के लिए साबुन का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करना चाहिए. इससे वैजाइना का नेचुरल बैक्टीरियल बैलेंस बिगड़ सकता है. और कई बार डूश (सफाई के लिए पानी के जेट का इस्तेमाल) से भी वैजाइना की खुजली हो सकती है. इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि वैजाइना एरिया में इस्तेमाल किये जाने वाले सभी प्रोडक्ट्स ऐसे होने चाहिए, जिनमें कोई खुशबू न हो. इन प्रोडक्ट्स से वैजाइना का बैक्टीरिया बैलेंस गड़बड़ा जाता है. इसके अलावा वैजाइना को अंदर से सफाई की जरूरत नहीं होती, क्योंकि यह खुद ही अपनी सफाई करती है. वैजाइना की अपनी एक खुशबू होती है, अगर उसकी जगह आपको कोई और गंध आने लगे तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

5. बैक्टीरियल वैजिनोसिस से खुजली

बैक्टीरियल वैजिनोसिस वैजाइना का काफी कौमन इंफेक्शन होता है और बैक्टीरिया के इनफ्लेमेशन से होता है. यह किसी भी उम्र वाली महिला को हो सकता है, लेकिन रिप्रोडक्टिव एज यानि कि 25 से 35 साल की महिलाओं को ज्यादा होता है. ऐसे में डूश या बिना प्रोकेक्शन के किया जाने वाला सेक्स इसे बढ़ा सकते हैं. इसमें खुजली के साथ- साथ ग्रे कलर का डिस्चार्ज भी आता है, जिसमें मछली जैसी गंध हो. अगर आपको भी कुछ ऐसे ही लक्षण प्रतीत हों तो तुरंत अपने डौक्टर की सलाह लें. बैक्टीरियल वैजिनोसिस का इंफेक्शन एंटीबायोटिक या प्रोबायोटिक दवाओं से ही खत्म होता है.

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6. अगर ईस्ट इंफेक्शन ही हो तो…?

अगर आपको पहली बार ईस्ट इंफेक्शन होने जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो आपको अपने डौक्टर से मिलना चाहिए, ताकि किसी खतरनाक इंफेक्शन होने की आशंका न रहे. ईस्ट इंफेक्शन का पता लगने के बाद डौक्टर आपको दवाएं देंगे. ईस्ट इंफेक्शन के लक्षणों में वैजाइना की जलन और खुजली (सेक्स और पेशाब करने के दौरान), वैजाइना के रैश और बिना गंध वाला पनीर जैसा डिस्चार्ज या फिर पानी जैसा डिस्चार्ज शामिल है.

चेतावनी – वैजाइना में किसी भी तरतह की खुजली होने पर सबसे पहले अपने डौक्टर से मिलकर इंफेक्शन का पता जरूर लगा लें. जब आपका डौक्टर इस खुजली के कारणों के बारे में बता दे, तब उसकी सलाह से ही अपना घरेलू इलाज करें.

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