ऐसे सजाएं बच्चों का कमरा

जिस तरह घर के बड़े सदस्य चाहते हैं कि दिनभर के कामकाज के बाद रात में उन का कमरा ऐसा हो जहां वे सुकून से सो सकें, उसी तरह बच्चे भी चाहते हैं कि उन के कमरे का लुक भी खुशनुमा हो ताकि स्कूल और होमवर्क के बाद वे भी अपने कमरे में चैन से आराम कर सकें. इस के लिए बच्चों के रूम को सजाने से पहले इन बातों पर ध्यान देने की जरूरत होती है:

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कमरा कैसा हो: पहले यह तय कर लें कि बच्चे के लिए एक ही रूम में सोने और पढ़ने की व्यवस्था करनी है या फिर बैडरूम और स्टडीरूम अलग होंगे. यदि 1 से ज्यादा बच्चे हों तब क्या आप उन के लिए अलगअलग रूम रखने की स्थिति में हैं या नहीं. इस के बाद आप आगे की प्लानिंग करें. शहरों में घर की बढ़ती कीमत के कारण आप शायद बच्चे के लिए स्टडीरूम और बैडरूम अलगअलग न रख सकें.

बजट: अपने बजट को ध्यान में रखते हुए बच्चे के रूम के सैटअप और सजावट का निर्णय लें.

बैड: बैड कितने चाहिए 1 या ज्यादा.

2 बच्चे हों तो बैड एक ही चाहिए या अलगअलग. बड़े साइज के बैड पर 2 बच्चे सो सकते हैं या फिर अगर रूम का साइज सही है तो 2 सिंगल बैड रख कर उन के बीच एक साइड टेबल या छोटी रैक रख सकती हैं अथवा एक परदा भी डाल सकती हैं. सोने या पढ़ते समय परदा खींचने से उन्हें 2 अलग कमरों का एहसास होगा.

ओपन स्पेस: बच्चे घर के अंदर उछलकूद करते रहते हैं, इसलिए उन्हें कुछ खुली जगह भी चाहिए. बैड को दीवार से सटा कर इस तरह रखा जा सकता है कि उस का सिरहाना किसी एक कोने में हो ताकि ओपन स्पेस ज्यादा मिले.

बंक बैड: यदि रूम छोटा है और आप 2 अलग बैड या बड़े साइज का बैड नहीं रख सकती हैं, तो बंक बैड लगा सकती हैं. बंक बैड भी अलगअलग तरह के उपलब्ध हैं.

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– एक बंक बैड जिस में स्लीपर कोच की तरह ऊपरनीचे बैड होते हैं और ऊपर जाने की सीढ़ी होती है.

– दूसरा जिस में एक मेन बैड ओर उस के नीचे एक पुलओवर बैड होता है, जिसे दराज की तरह खींच कर बाहर या भीतर कर सकते हैं. इसे टुंड्रेल बंक बैड भी कहते हैं.

– तीसरा इन दोनों का मिश्रण है, जिस में ऊपर भी बैड होता है और नीचे भी पुलओवर बैड होता है. इस में एक अतिरिक्त बैड आप के पास हमेशा उपलब्ध है जिसे घर में किसी तीसरे बच्चे के आ जाने पर उपयोग में ला सकती हैं.

दीवारों का रंग: चिल्ड्रेनरूम की दीवारों का रंग सफेद न ही हो तो अच्छा है. पीला, नीला, गुलाबी कोई भी रंग रख सकती हैं.

दीवारों पर तसवीर या स्टिकर्स: यह भी बच्चे के लिंग और पसंद पर तय किया जा सकता है. लड़के किसी क्रिकेट या फुटबौल खिलाड़ी का फोटो पसंद कर सकते हैं तो लड़कियों को सायना नेहवाल या किसी सिंगर की तसवीर पसंद हो सकती है.

वार्डरोब्स: यदि 2 बच्चे हों तो उन के लिए अलगअलग वार्डरोब्स रखें. इस के अलावा कुछ स्टोरेज बिंस या बास्केट भी उन के रूम में रखें जिन में वे अपनी पसंद के खिलौने आदि रख सकें.

टेबल: यदि एक ही रूम में उन के पढ़ने का इंतजाम हो तो उन की स्टडी टेबल ऐसी जगह रखें जहां उन्हें पर्याप्त रोशनी मिले.

खिलौने: बच्चों को खिलौने बहुत पसंद होते हैं. लड़कों की पसंद अलगअलग हो सकती है, जैसे लड़कों की पसंद रोबोट, रिमोट कार आदि तो लड़कियों की बार्बी डौल्स, पर दोनों को सौफ्ट टौएज खासकर टैडीबियर अच्छे लगते हैं.

लैट दैम ऐंजौय: सब से अहम बात यह है कि बच्चों के रूम का रंग, फोटो, सैटअप सब ऐसे हों कि वे उस में पढ़ाई करने के साथसाथ मौजमस्ती भी कर सकें.

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