Summer Special: इम्यूनिटी के साथ ऐसे बढ़ाएं ब्यूटी

खू बसूरती का सीधा संबंध बेदाग, दमकती त्वचा और प्राकृतिक निखार से है. मौसम भले आग बरसाती गरमी का ही क्यों न हो, खूबसूरती के साथ सम झौता नहीं किया जा सकता. अत: गरमियों में भी खूबसूरत बने रहने के लिए अपनाएं सही डाइट.

रोज लें हैल्दी डाइट

हर मौसम में हैल्दी डाइट लेने की आदत डालें. सर्दियों में तो लोग इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हैल्दी चीजें खाते हैं, मगर गरमी का मौसम आते ही लापरवाह होने लगते हैं. यदि आप के साथ भी ऐसा है तो सावधान हो जाएं, क्योंकि यदि आप की डाइट डिस्टर्ब रहेगी तो स्किन अनहैल्दी टिशूज प्रोड्यूस करेगी यानी त्वचा की जो नई कोशिकाएं बनती हैं वे अस्वस्थ होंगी.

जाहिर है ऐसे में आप की त्वचा पर वह रौनक नजर नहीं आएगी जो हैल्दी खानपान से आती है. इसलिए खूबसूरती बरकरार रखने के लिए खानपान पर ध्यान देना सब से ज्यादा जरूरी है.

खूबसूरत त्वचा के लिए अपनी डाइट में शामिल करें  ये चीजें:

हरे पत्तों से दोस्ती

खूबसूरत स्किन के लिए सब से पहले अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें. गरमियों में स्किन प्रदूषण और धूप के कारण ज्यादा खराब होती है. कैमिकल्स और जंक फूड्स भी नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए नियम बना लें कि तीनों मील में कोई एक हरी सब्जी जरूर खाएंगी.

डार्क चौकलेट से बढ़ाएं खूबसूरती

चौकलेट सिर्फ फैट और वेट बढ़ाने का काम ही नहीं करती है. अगर आप डार्क चौकलेट सही तरीके से और संतुलित मात्रा में खाएंगी तो यह स्किन को खूबसूरत बनाने का काम भी करती है. डार्क चौकलेट ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होती है, इसलिए यह गरमियों में सूर्य की किरणों के कारण हुए एजिंग इफैक्ट्स को स्किन पर नहीं आने देती.

खट्टे फलों का फायदा

मौसमी, संतरा, नीबू, कीवी, आलूबुखारा, आम, आंवला, बेरीज जैसे खट्टे फल स्किन को फ्लालैस ग्लो देने का काम करते हैं. अगर आप प्राकृतिक रूप से बेदाग और निखरी त्वचा चाहती हैं तो रोज इन में से किसी एक फ्रूट का सेवन जरूर करें. गरमियों में ये फल आसानी से मिल जाते हैं. इन्हें नियमित रूप से खाने से स्किन अंदर से खूबसूरत बनी रहेगी.

ओमेगा-3 और विटामिन डी

अखरोट जैसे सूखे मेवों, अलसी, सूरजमुखी, सरसों के बीज, सोयाबीन, स्प्राउट्स, गोभी, ब्रोकली, शलगम, हरी पत्तेदार सब्जियों और स्ट्राबेरी जैसे कई फलों में ओमेगा-3 उच्च मात्रा में पाया जाता है. विटामिन डी के मुख्य स्रोतों में अंडे का पीला भाग, मछली का तेल, विटामिन डी युक्त दूध, मक्खन आदि होते हैं. ओमेगा-3 फैटी ऐसिड, विटामिन डी और प्रोटीन ये तीनों बेहद जरूरी हैं, जो स्किन को खूबसूरत बनाए रखते हैं.

ड्राईफ्रूट्स लाएं अंदर से निखार

ड्राईफ्रूट्स में खासतौर पर अखरोट और बादाम स्किन को खूबसूरत बनाने का काम करते हैं. अखरोट ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी ऐसिड से भरपूर होता है तो बादाम विटामिन ई का अच्छा स्रोत है. ग्लोइंग स्किन के लिए इन्हें डेली डाइट में शामिल करें.

गरमियों में इम्यूनिटी बूस्टर डाइट

इस गरमी के मौसम में आप डाइट में बदलाव कर रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ा सकती हैं. कोरोना नए स्ट्रेन और नई तीव्रता के साथ एक बार फिर फैल रहा है. हम कोरोना के साथ दूसरी बीमारियों से भी लड़ सकें इस के लिए अच्छी इम्यूनिटी जरूरी है और इम्यूनिटी के लिए एक अच्छी डाइट की आवश्यकता पड़ती है. आइए जानते हैं गरमियों के इस मौसम में आप की डाइट कैसी हो ताकि आप तंदुरुस्त भी रहें और बीमारियों से भी लड़ सकें:

दही

दही ऐसा खाद्यपदार्थ है, जो सभी के लिए फायदेमंद होता है. गरमी के मौसम में दही, छाछ या मट्ठे आदि का खूब प्रयोग करना चाहिए. दही स्वाद भी बढ़ाता है और इस के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

सीड्स

1 बड़ा चम्मच मिक्स सीड्स लें. इन में सूर्यमुखी, अलसी, चिया सीड्स आदि मिक्स करें. अलसी में ओमेगा -3 और फैटी ऐसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. शाकाहार करने वालों के लिए सीड्स ओमेगा-3 और फैटी ऐसिड का सब से अच्छा स्रोत है. इस के प्रयोग से बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है.

विटामिन सी

संक्रामक रोगों से सुरक्षा के लिए विटामिन सी को सब से अच्छा औप्शन माना जाता है. यह एक स्ट्रौंग ऐंटीऔक्सीडैंट है. रोजाना 40 से 60 मिलिग्राम तक इसे अपनी डाइट में लें. नीबू, आंवला, अमरूद, संतरे के अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे धनियापत्ती, पुदीनापत्ती आदि खाने में किसी न किसी रूप में शामिल करें. ये दोनों रोग प्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त रखने में मददगार होती हैं.

गाजर

गाजर का काम शरीर में खून बढ़ाने के साथ कई हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने का भी होता है. यह विटामिन ए, कैरोटेनौइड और ऐंटीऔक्सीडैंट का स्रोत है.

ग्रीन टी और ब्लैक टी 

ग्रीन टी और ब्लैक टी दोनों ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी मदद करती हैं. लेकिन गरमियों में एक दिन में इन के 1-2 कप ही पीएं. इन का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

कच्चा लहसुन

कच्चा लहसुन भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी फायदेमंद होता है. इस में काफी मात्रा में ऐलिसिन, जिंक, सल्फर और विटामिन ए व ई पाए जाते हैं. गरमी के मौसम में भी सब्जियों में इस का प्रयोग जरूर करें.

भरपूर पानी

गरमियों में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए रोजाना 10 से 12 गिलास पानी जरूर पीएं. छाछ, नारियल पानी, नीबू पानी, आम का पना आदि भी ले सकती हैं.

हलदी वाला दूध

गरमी का मौसम हो या जाड़े का, रोज रात में सोने से पहले हलदी मिला 1 गिलास दूध लें. हलदी में करक्यूमिन होता है, जो रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है.

प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा

शरीर की मांसपेशियों और कोशिकाओं की मरम्मत और मैटाबोलिज्म को बेहतर करने के लिए प्रोटीन जरूर लें. रोज 1-2 कटोरी दाल या अंकुरित दालें, दूध, दही, पनीर या उबला अंडा ले सकती हैं. इन से अमीनो ऐसिड्स मिलते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं.

#coronavirus: संतुलित आहार से बढ़ाएं इम्युनिटी 

14 साल की समीक्षा का हाथ जल गया था, उसने कई जगह इलाज करवाई पर ठीक न हो सकी. एक डॉक्टर ने उसकी जांच कर बताया कि उसकी इम्युनिटी कम है उसका प्रोटीन लॉस हो रहा था, क्योंकि उसे मोटापा था, इसलिए उसके हाथ के घाव भर नहीं रहे है, ऐसे में समीक्षा न्यूट्रिशनिस्ट के पास गयी. दवा और डाइट को फोलो करने के बाद उसकी इम्म्युनिटी बढ़ाई गयी और घांव ठीक हो गया.

ये सही है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने से व्यक्ति कम बीमार पड़ता है या बीमार होने पर जल्दी ठीक भी हो जाता है. वर्ल्ड इम्युनिटी वीक पर मुंबई की अपोलो हॉस्पिटल की क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिंशियन जिनल पटेल कहती है कि आज हर उम्र के व्यक्ति की इम्युनिटी कम हो चुकी है, इसकी वजह समय से भोजन न करना, जंक फ़ूड का अधिक सेवन करना और तनाव युक्त जीवन बिताने से है.

हालाँकि हमारे यहां खाने की पारंपरिक पद्यति बहुत अच्छी है, जिसमें हर प्रकार के मसाले और हर्ब्स प्रयोग होते है. जिससे रोगप्रतिरोधक क्षमता व्यक्ति में बढती है, लेकिन आज की जीवन शैली में बदलाव की वजह से इसमें कमी आने लगी है. ये क्षमता हर इंसान में अलग-अलग होती है, जिसमें जलवायु में परिवर्तन और मोटापा सबसे अधिक जिम्मेदार है. मोटापे से शरीर की इम्युनिटी कम हो जाती है, जिसे कंट्रोल करने की जरुरत है.

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आज कोरोना वायरस भी उन्ही लोगों पर अधिक हावी हो रही है, जिनकी इम्युनिटी कम है. इसलिए ये कम न हो, इसका ख्याल सबको रखने की आवश्यकता है. इसके अलावा मौसम के बदलाव की वजह से कफ कोल्ड अधिक होता है, जो व्यक्ति की इम्युनिटी को कम करती है. खासकर मानसून में रोगप्रतिरोधक क्षमता व्यक्ति में कम हो जाती है, जबकि ठण्ड में ये बढ़ जाया करती है. कुछ सुझाव निम्न है, जिसके द्वारा इम्युनिटी को बढाया जा सकता है,

  • खान-पान में विटामिन को जोड़ते जाय, जैसे विटामिन ए, सी ,बी 12, जिंक, आयरन, कॉपर आदि है. खाने में वैरायटी का होना बहुत अधिक जरुरी है. लोग वैरायटी के लिए अधिकतर बाहर जाते थे, लेकिन घरपर भी इसे बनाया रखा जा सकता है,
  • हमेशा कलरफुल फ़ूड से अपने प्लेट को सजायें,  नट्स, स्प्राउट्स को भी इसमें शामिल करें, इससे इम्युनिटी बढती है,
  • हर तरह के मौसमी फल जिसमें पपीता, किवी, सेव, अनार,संतरा, आम आदि जो मिले उसे हमेशा लेने की कोशिश करें,
  • सब्जियों में गाजर, मूली, गोबी, ब्रोकोली, चुकंदर आदि सभी को अलग-अलग रूप में शामिल करें,
  • खाने में संतुलित आहार हमेशा लेनी चाहिए, जिसमें दाल, चावल, सब्जी, चपाती खास होती है,
  • एंटीऑक्सीडेंट और एंटी बेक्टेरियल वाले पदार्थ जिसमें अदरक, लहसुन और हल्दी को अपने खाने में रोज प्रयोग करें, ये बहुत सारे रोगों से व्यक्ति को सुरक्षित रखता है.

बहुत सारे माता-पिता बच्चों को खाने पीने से परहेज करते है, जो ठीक नहीं उन्हें बचपन से ही हर तरह के भोजन, चोकलेट, आइसक्रीम सब खिलाएं, इससे उन्हें उस चीज को खाने की आदत पड़ती है. बाहर का खाना भी कभी-कभी देना उचित होता है. कुछ बच्चों में इम्युनिटी बचपन से ही कम होती है इसकी वजह उनका सही डाइट न लेना या माँ की इम्युनिटी का कम होना भी हो सकता है, पर सही डाइट और दवा से इसे बढाया भी जा सकता है. इन्युनिटी कम होने के खास लक्षण बच्चों और यूथ में इस प्रकार है,

  • बच्चे में चिढचिढापन का होना,
  • बार-बार बीमार पड़ना,
  • ठीक से नींद न लेना,
  • किसी चीज से बार-बार एलर्जी का होना,
  • अधिक थकान महसूस करना,
  • यूथ में ग्रे हेयर का जल्दी होना आदि है.

जरुरत होने पर सप्लीमेंट भी लेना पड़े तो गलत नहीं, पर उसे डॉक्टर की सलाह से ही लें. शाकाहारी को पोषण हमेशा कम ही मिल पाता है, जबकि नॉनवेज खाने वालों का पोषण अच्छा रहता है.

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5 जरुरी टिप्स, जिससे कोरोना समय में अच्छी इम्युनिटी बनी रहे,

  • हमेशा पॉजिटिव रहे, मानसिक तनाव न लें,
  • स्ट्रेस को मेनेज करने के लिए योगा करें, नियमित वर्कआउट करना,
  • सही समय पर संतुलित आहार लेना,
  • 7 से 8 घंटे नींद पूरी करना,
  • इस लॉक डाउन में हमारे पास समय है, इसलिए सारे रिश्तों को फिर से रिफ्रेश करना.

 इम्यूनिटी बढ़ाने के 7 टिप्स

2020 हम सब के लिए काफी अलग रहा. घूमनेफिरने पर रोक, लोगों से मिलनेजुलने की मनाही यानी लाइफस्टाइल पूरी तरह से बदल गई थी. लेकिन अब जब हम 2021 में नई उम्मीदों के साथ कदम रख चुके हैं तो हमें अपने अंदर पौजिटिविटी लाने के साथसाथ न सिर्फ अपनी मैंटल, बल्कि फिजिकल हैल्थ पर भी काफी ध्यान देना होगा ताकि खुद को फिट रख कर हर बीमारी से लड़ सकें.

तो आइए जानते हैं उन 7 चीजों के बारे में, जिन्हें आप अपने लाइफस्टाइल में ला कर अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं.

खानपान का रखें खास खयाल

जब भी हमारा ब्रेन थक जाता है तो वह सिगनल जरूर देता है जैसे आप काम में मन नहीं लगा पाते, अच्छी तरह नहीं सोच पाते. ऐसा अकसर तब होता है जब आप भरपूर नींद नहीं लेते हैं या फिर सोने के समय को टीवी या फिर मोबाइल देखने में लगा देते हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप का ऐसा करना आप की इम्यूनिटी को भी कमजोर बनाने का कारण बन सकता है? एक रिसर्च में यह साबित हुआ है कि नींद और हमारी इम्यूनिटी सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं, क्योंकि जब हम सोते हैं तो हमारा इम्यून सिस्टम कुछ खास तरह के कीटौकिंस रिलीज करता है, जो इन्फैक्शन, जलन, सूजन और तनाव को कम करने में सहायक होता है.

लेकिन जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो ये सुरक्षा प्रदान करने वाले टौक्सिंस और संक्रमण से लड़ने वाली ऐंटीबौडीज बननी कम हो जाती हैं, जो हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाने का काम करती हैं. इसलिए जरूरी है कि रोज 6-7 घंटे की नींद जरूर लें खासकर रात की नींद से बिलकुल सम?ौता न करें.

दिमाग को दें आराम

कोरोना महामारी के कारण पिछले कुछ महीनों से घर में रहने के कारण हमारा लाइफस्टाइल काफी खराब हो गया है. ज्यादा खाने की हैबिट व ऐसे स्नैक्स को पसंद करने लगे हैं, जिन में न्यूट्रिऐंट्स बहुत कम होते हैं और फैट्स, शुगर व साल्ट की मात्रा काफी होती है, जो शरीर को अंदर से खोखला बनाने के साथसाथ आप को बीमारियों की गिरफ्त में भी ला देती है.

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रिसर्च में यह साबित हुआ है कि प्लांट बेस्ड फूड्स, सब्जियां, फल ऐंटीऔक्सीडैंट्स में रिच होने के साथसाथ बीटा कैरोटिन, विटामिन सी, डी और ई जैसे न्यूट्रिऐंट्स प्रदान करते हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने के साथसाथ औक्सिडेटिव स्ट्रैस को भी कम करने में मदद करते हैं.

बीटा कैरोटिन में ऐंटीऔक्सीडैंट्स होने के कारण ये शरीर में बीमारियों से लड़ने वाले सैल्स को बढ़ा कर जलन व सूजन को कम करने तथा इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का काम करते हैं. इस के लिए आप अपनी डाइट में गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियों को जरूर शामिल करें.

विटामिन ए और सी शरीर में फ्री रैडिकल्स को खत्म कर के इम्यून सिस्टम को सुचारु रूप से काम करने में मदद करते हैं. इस के लिए आप अपनी डाइट में संतरा, ब्रोकली, नट्स, पालक, नीबू, स्ट्राबेरी तथा फलों व सब्जियों को शामिल करें. आप विटामिन डी के लिए सुबह की धूप लेने के साथसाथ सप्लिमैंट्स भी लें, जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं.

इस से आप की बौडी इन्फैक्शन से लड़ने में सक्षम बन जाती है. अत: आप बीमारियों से बचना है तो अपने खानपान में हैल्दी चीजों को जरूर शामिल करें.

से नो टु अलकोहल

शराब का एक जाम आप की रात को सुहावना बना देता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप की रोजाना शराब पीने की आदत आप की इम्यूनिटी को भी प्रभावित करने का काम करती है? एक अध्ययन के अनुसार, अलकोहल के ज्यादा सेवन करने से फेफड़ों व ऊपरी स्वशन तंत्र में इम्यून सैल्स को काफी नुकसान पहुंचता है. इसलिए नए साल से अलकोहल को अपनी जिंदगी से करें आउट.

हो सकता है शुरुआत में आप को इसे छोड़ने में दिक्कत हो, लेकिन आप की विल पावर इसे छोड़ने में आप की मदद करेगी. जब भी आप का मन शराब पीने का करे तो नीबू पानी, सूप, जूस लें, क्योंकि ये शरीर को डीटौक्स करने के साथसाथ आप को अलकोहल से दूर करने में भी आप की मदद करेंगे.

बूस्ट योर इम्यूनिटी

कुछ शोधों में साबित हुआ है कि ऐक्सरसाइज से इम्यूनिटी बूस्ट होती है. लेकिन आजकल लोगों का रूटीन इतना बिजी हो गया है कि वे खुद के लिए समय ही नहीं निकाल पाते हैं. ऐसे में अगर आप के पास मौडरेट ऐक्सरसाइज करने के लिए समय नहीं है तो आप रोज 15 मिनट ऐक्सरसाइज जरूर करें. इस में आप ब्रिस्क वाक, जौगिंग, साइक्लिंग को शामिल कर सकते हैं.

अगर आप को स्विमिंग का शौक है तो यह आप के लिए काफी अच्छी ऐक्सरसाइज साबित होगी. रिसर्च में यह भी साबित हुआ है कि अगर आप हफ्ते में 150 मिनट मौडरेट ऐक्सरसाइज करते हैं तो यह आप के इम्यून सैल्स के पुनर्निर्माण में मदद करती है.

पानी से रखें खुद का खयाल

क्या आप जानते हैं कि 60% तक वयस्क शरीर पानी से बना होता है, जिस में फेफड़ों में 83% पानी और हार्ट और ब्रेन में 73% पानी होता है? आप के शरीर के हर सिस्टम को ठीक से काम करने के लिए पानी की जरूरत होती है. लेकिन जब हम खाना खाते हैं, सांस लेते हैं या फिर जब शरीर से पसीना निकलता है तो हमारे शरीर से पानी कम होता है, जिस की पूर्ति हम जो पानी या फिर फ्लूड लेते हैं उस से पूरी होती है.

इसलिए जरूरी है कि दिन में 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं. पानी के जरीए औक्सीजन और न्यूट्रिऐंट्स पूरी बौडी में पहुंच कर विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल कर आप को बीमारियों से बचाते हैं. इसलिए खूब पानी, नीबू पानी, कुनकुना पानी पीएं. क्योंकि ये ब्लड सर्कुलेशन को इंप्रूव करने, बौडी को डीटौक्स कर के आप की इम्यूनिटी को मजबूत बनाने का काम करते हैं.

मैंटेन करें हैल्दी वेट

इम्यून सिस्टम विभिन्न तरह के सैल्स से बनता है, जो शरीर को बैक्टीरिया, वायरस से बचाने का काम करता है. इन सब को शरीर में एकसाथ संतुलन के साथ रहना होता है ताकि शरीर फिट रहे. लेकिन शरीर में जब फैट की मात्रा अधिक हो जाती है तो यह इम्यून सैल्स को कमजोर बनाने का काम करता है, जिस से शरीर बीमारियों से अच्छी तरह लड़ नहीं पाता और कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है.

इसलिए इम्यून सिस्टम को ठीक से कार्य करने के लिए अपने वेट को मैंटेन रखें.

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स्ट्रैस को कहें बायबाय

हमारी लाइफ में कब कैसी स्थिति आ जाए, कहा नहीं जा सकता. ऐसे में न चाहते हुए भी हम स्ट्रैस की गिरफ्त में आ जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस के कारण शरीर में जलन व सूजन होने से हमारी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, क्योंकि जब हम तनाव में रहते हैं तो हमारे इम्यून सिस्टम की एंटीजन्स से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है, जिस से हमें इन्फैक्शन होने का डर काफी बढ़ जाता है.

इसलिए स्ट्रैस में न रहें. स्ट्रैस को कम करने के लिए चाहे जैसी भी परिस्थिति हो पौजिटिव सोचें, ब्रेन को आराम दें, नियमित ऐक्सरसाइज करें, हैल्दी ईटिंग हैबिट्स फौलो करें. इस तरह अपने लाइफस्टाइल में बदलाव ला कर अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं.

 इम्यूनिटी बढ़ाने वाले 7 ब्रेकफास्ट

आए दिन नाश्ता स्किप करना आप की आदत बन चुका है तो संभल जाएं, क्योंकि रात के लंबे ब्रेक के बाद सुबह शरीर को फ्यूल की जरूरत होती है, क्योंकि जब हम सोते हैं तब हमारे शरीर की कोशिकाएं मरम्मत का काम करती हैं, हमारा शरीर व दिमाग कार्य करता रहता है. इस काम में खर्च हुई ऐनर्जी की पूर्ति सुबह के ब्रेकफास्ट से ही हो सकती है. लेकिन कभी जल्दबाजी के कारण तो कभी यह सोच कर कि लंच जल्दी कर लूंगी, महिलाएं नाश्ते के साथ समझौता कर लेती हैं और फिर धीरेधीरे इस का सेहत पर बुरा असर पड़ने लगता है.

जैसे अगर आप के दिन की शुरुआत अच्छी होती है तो पूरा दिन अच्छा बितता है ठीक यही बात ब्रेकफास्ट पर भी लागू होती है. अगर ब्रेकफास्ट हैवी और न्यूट्रिशन से भरपूर होगा तो आप पूरा दिन तरोताजा और स्फूर्ति से भरपूर महसूस करेंगी.

अमेरिका की वांडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर आप समय पर व न्यूट्रिशन से भरपूर ब्रेकफास्ट नहीं लेते तो इस से मैटाबोलिज्म स्लो हो जाता है जो मोटापा बढ़ा सकता है. इसलिए अपने ब्रेकफास्ट को कभी स्किप न करें और उसे हैल्दी बनाने की कोशिश करें. आप के ब्रेकफास्ट में प्रोटीन, कैल्सियम, ऐनर्जी, कार्ब्स, विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर, फैट्स सभी शामिल होने चाहिए.

कैसा हो आप का ब्रेकफास्ट, इस संबंध

में बता रही हैं फरीदाबाद के एशियन इंस्टिट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज की डाइटीशियन

डा. विभा.

1. स्टफ्ड ब्रैड

परांठा खाना हर किसी को पसंद होता है, लेकिन सेहत के चक्कर में सब से पहले हम अपनी डाइट से परांठे को ही आउट कर देते हैं. जबकि इसे बनाने के हैल्दी तरीके अपना कर हम इसे अपने नाश्ते में ऐड कर सकती हैं. परांठे को पोषणयुक्त बनाने के लिए गेहूं के आटे में बेसन या अपनी पसंद का कोई और आटा मिला लें. मिक्स आटे से कैल्सियम, मैग्नीशियम, फाइबर और फौलेट की उचित मात्रा भी मिल जाती है. परांठे को भरावन के तौर पर गोभी, आलू, पनीर, मटर, प्याज, अदरक इत्यादि का इस्तेमाल करें या फिर मौसमी हरी सब्जियों का इस्तेमाल या मेथी की पत्तियों का पेस्ट मिला साधारण परांठे को पोषणयुक्त परांठा बना लें. इस तरह स्वाद भी बढ़ जाएगा और अलगअलग सब्जियों के पोषक तत्त्व भी नाश्ते में मिल जाएंगे.

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गोभी में बोन बूस्टिंग विटामिन के और इम्यूनिटी बूस्टर विटामिन सी मौजूद होता है, साथ ही इसे ऐंटीऔक्सीडैंट का भी अच्छा स्रोत माना जाता है. अगर आप गोभी का 1 परांठा खाती हैं, तो आप को इस से 200 कैलोरी मिलती है. वहीं गाजर में विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर होते हैं. इन का परांठा खाने से आप को 130 कैलोरी मिलेगी. पालक न्यूट्रिऐंट्स और ऐंटीऔक्सीडैंट्स से भरपूर होता है, इस के एक परांठे से आप को 140 कैलोरी मिलती है.

2. स्टीम्ड पोहा

स्टीम्ड पोहा से आप को कैलोरीज, फैट, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल, फाइबर, सोडियम सब मिलता है, जो रोज ब्रेकफास्ट की डिमांड होती है. यह हाई फाइबर रिच फूड होने के कारण इसे खाने से आप को लंबे समय तक भूख नहीं लगती, साथ ही यह शरीर में आयरन की कमी को भी दूर करता है. इस से इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है.

यहां तक कि प्रैगनैंट व ब्रैस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को रोजाना ब्रेकफास्ट में पोहा खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि बच्चे की सारी जरूरतें मां के शरीर से पूरी होती हैं. ऐसे में शरीर में आयरन की कमी से गैस्टेशनल ऐनीमिया का खतरा बढ़ जाता है, जबकि पोहा बनने की प्रक्रिया में चावल को आयरन रोलर्स से हो कर गुजरना होता है. ऐसे में उस में आयरन की मात्रा भी मिल जाती है. इसलिए ही उसे आयरन रिच फूड में गिना जाता है. आप चाहें तो अपने पोहा बाउल में नीबू भी ऐड कर सकती हैं, क्योंकि यह आयरन को आप के शरीर में बेहतर ढंग से अवशोषित करने का काम करता है.

पोहा के एक बाउल में लगभग 173 कैलोरी और 4.8 ग्राम प्रोटीन होता है.

3. स्टफ्ड डंपलिंग

अगर आप एकजैसे ब्रेकफास्ट से बोर हो गए हैं तो स्टफ्ड डंपलिंग, जिसे दाल के फरे भी कहते हैं को अपने ब्रेकफास्ट में शामिल करें. यह काफी हैल्दी व टेस्टी ब्रेकफास्ट माना जाता है. इस की स्टफिंग चने, उरद की दाल, चावल का आटा, जीरा, लहसुन, नमक डाल कर तैयार की जाती है और डो आटे से तैयार किया जाता है. उरद की दाल में प्रोटीन और आयरन की मात्रा अधिक होती है, चने की दाल में वसा बहुत कम होती है, जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होती है. इसे स्टीम करने के कारण इस की न्यूट्रिशन वैल्यू कम नहीं होती.

इस के 2 पीस में लगभग 186 कैलोरी और 7.9 ग्राम प्रोटीन होता है.

4. क्विनोआ पोहा विद हरे मटर

क्विनोआ पोहा हाई प्रोटीन रिच ब्रेकफास्ट है. इस में कैलोरीज बहुत कम होती हैं. यह ग्लूटेनफ्री होता है. इस में न्यूट्रिऐंट्स, ओमेगा 3 फैटी ऐसिड्स, मोनो अनसैचुरेटेड फैट्स होने के कारण यह पचने में आसान होता है, साथ ही इस में फाइबर होने के कारण यह लंबे समय तक आप को तृप्त रखता है और जब हम इस में मटर, प्याज व अन्य सब्जियां ऐड करते हैं तो इस की न्यूट्रिशन वैल्यू कहीं अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि मटर में विटामिंस, ऐंटीऔक्सीडैंट्स जैसे विटामिन सी, के और फौलेट होते हैं, साथ ही ये मैग्नीशियम और फाइबर में भी रिच होने के कारण काफी हैल्दी ब्रैकफास्ट माना जाता है.

इसे बनाना भी काफी आसान है. पहले क्विनोआ को भूनें, फिर इस में पानी डाल कर अच्छी तरह से उबालें. इस के बाद इसे सब्जियों के तड़के में डालें. क्विनोआ पोहा तैयार है. आखिर में ऊपर से नीबू ऐड करें. यह जहां

टेस्ट को बढ़ाने का काम करता है वहीं इस में मौजूद विटामिन सी आयरन के अवशोषण में

मदद करेगा.

इस में एक बाउल में लगभग 182 कैलोरी और 6.9 ग्राम प्रोटीन होता है.

5. ओट्स की इडली

सूजी व चावल की इडली तो आप ने खाई होगी, लेकिन क्या कभी ओट्स की इडली ट्राई की है? यह न सिर्फ खाने में स्वादिष्ठ होती है, बल्कि यह प्रोटीन, फाइबर, ऐंटीऔक्सीडैंट्स, विटामिन बी व मिनरल्स से भरपूर होने के कारण आप के दिल की सेहत का भी खास खयाल रखती है. इसे आप पीनट की चटनी के साथ भी खा कर इस के स्वाद को और बढ़ा सकती हैं.

इस के 2 पीस में लगभग 147 कैलोरी और 5.3 ग्राम प्रोटीन होता है.

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6. अंकुरित अनाज

अंकुरित अनाज हमारी सेहत के लिए कई मानों में फायदेमंद माना जाता है. यह न सिर्फ हमें तंदुरुस्त रखने का काम करता है, बल्कि हमें कई बीमारियों से भी बचाने का काम करता है. एक बाउल मूंग दाल स्प्राउट्स में सिर्फ 50 कैलोरी होती है, साथ ही ये विटामिन बी, ई, सी, फाइबर, प्रोटीन, आयरन का अच्छा स्रोत होने के साथसाथ आप की बौडी को डीटौक्स करने का भी काम करते हैं.

स्प्राउट्स में प्रचुर मात्रा में विटामिन ए और सी होता है. स्प्राउट के अंकुरित होने की 1 हफ्ते की प्रक्रिया में उस में विटामिन ए की मात्रा 10 गुना तक बढ़ जाती है. उच्च मात्रा में विटामिन ए का मतलब शरीर में व्हाइट ब्लड सैल्स के उत्पादन में वृद्धि है जिस से आप को इन्फैक्शन, फ्लू, कोल्ड होने की संभावना कम होती है.

7. टोफू कटलेट

टोफू में लो कैलारी प्रोटीन होने के साथ यह विटामिन बी, कैल्सियम और अल्फा लीनोलिक, जो शरीर में जा कर ओमेगा 3 फैटी ऐसिड में बदल जाता है, इसलिए आप इस का कटलेट बना कर अपने ब्रेकफास्ट को न्यूट्री रिच बना सकती हैं.

इस के 2 पीस में लगभग 131 कैलोरी और 5.8 ग्राम प्रोटीन होता है.

तो नाश्ते के इन 7 विकल्पों को अपना कर सेहतमंद रहने के साथसाथ अपनी इम्यूनिटी को भी बूस्ट करें.

मशरूम खाएं इम्यूनिटी बढ़ाएं

 इम्यूनिटी को हिंदी में प्रतिरोधक क्षमता या प्रतिरक्षा कहा जाता है. यह किसी भी तरह के सूक्ष्म जीवों जैसे रोग पैदा करने वाले जीवाणुओं, विषाणुओं आदि से शरीर को लड़ने की क्षमता देती है.

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में खाद्य पदार्थ अहम भूमिका निभाते हैं. मशरूम एक तरह की फफूंदी हैं, जो हमारे आहार का अंग बन गई है.

यह एक शाकाहारी आहार है. इस से विभिन्न व्यंजन जैसे सब्जी, सूप, अचार, पकोड़े, मुरब्बा, बिरयानी, बिसकुट, नूडल्स बनाए जाते हैं.

मशरूम में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, खाद्य रेशा, वसा, खनिज लवण, विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. यह एक कम ऊर्जा वाला आहार है. इस में कोलेस्ट्रौल नहीं पाया जाता है, जबकि आर्गेस्टेराल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो खाने के बाद मानव शरीर में विटामिन डी में बदल जाता है.

कई रिसर्च से पता चला है कि विटामिन डी वायरल संक्रमण व स्वास्थ्य संबंधी संक्रमण को रोकने में लाभदायक साबित होता है, इसलिए कई बीमारियों में मशरूम का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है.

मशरूम में कई खास खनिज और विटामिन पाए जाते हैं. इन में विटामिन बी, डी, पोटैशियम, कौपर, आयरन, सैलेनियम की पर्याप्त मात्रा होती है. मशरूम में कोलीन नाम का एक खास पोषक तत्त्व पाया जाता है, जो मांसपेशियों की सक्रियता और याददाश्त बरकरार रखने में बेहद फायदेमंद रहता है.

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मशरूम के फायदे

* मशरूम में एंटीऔक्सीडैंट भरपूर मात्रा होते हैं. इन में से खास है अरगोजियोनीन, जो बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने और वजन घटाने में सहायक होता है. एंटीऔक्सीडैंट सूजन रोकने, फ्रीरैडिकल के कारण शरीर में होने वाले नुकसान और संक्रमण से बचाते हैं व शरीर में रोगों से लड़ने वाली कोशिकाओं को भी बढ़ाते हैं.

* मशरूम में मौजूद तत्त्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं. इस से सर्दीजुकाम जैसी बीमारियां जल्दीजल्दी नहीं होती हैं. मशरूम में मौजूद सैलेनियम इम्यून सिस्टम के रिस्पौंस को बेहतर बनाता है.

* मशरूम विटामिन डी का भी अच्छा स्रोत है. विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाता है.

* इस में बहुत कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है, जिस से वजन और शुगर का लैवल नहीं बढ़ता है.

* मशरूम में वसा बहुत कम होती है व कोलेस्ट्रौल नहीं होता है. इस के अलावा मशरूम त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद है.

ताजा मशरूम में 80 से 90 फीसदी पानी पाया जाता है. मशरूम के शुष्क भार का 46 से 82 फीसदी कार्बोहाइड्रेट, 12 से 35 फीसदी प्रोटीन, 8 से 10 फीसदी फाइबर, एक से 4 फीसदी वसा और विटामिन व खनिजलवण होता है.

मशरूम में इम्यूनिटी

मशरूम की कोशिका भित्ति पोलीसैकेराइड (बीटा ग्लूकांस) की बनी होती है जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है. इस के अलावा मशरूम में मिलने वाले गैनोडरमीक एसिड, एरगोथियोनीन व कार्डीसेवीन भी प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाते हैं.

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मशरूम में कैंसर रोधी क्षमता

बटन मशरूम और ओयस्टर मशरूम में प्रोस्टेट व ब्रैस्ट कैंसर रोधी क्षमता पाई जाती है. 5 अल्फा रिडक्टेज और एरोमाटेज एंजाइम, जो कैंसरकारी ट्यूमर वृद्धि के लिए उत्तरदायी है, इसे रोकने के गुण ताजा मशरूम में पाए जाते हैं. कैंसर के उपचार में प्रयोग होने वाली प्रमुख दवा पौलिसैकेराइड-के (क्रेसीन) मशरूम से ही बनाई जाती है.

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