शादी की ड्रेस को ऐसे बनाए रखें नया

शादी से पहले वेडिंग ड्रेस को सेलेक्ट करते समय हम जितना समय खर्च करते हैं, शायद ही शादी होने के बाद कोई अपने इस खास दिन की यादगार निशानी को संभाल के रख पाता है. अगर आपको अपनी वेडिंग ड्रेस से बहुत लगाव है और उसे हमेशा के लिए सहेज के रखना चाहती हैं तो फैशन एक्सपर्ट के इन सुझावों पर डालें एक नजर…

– अपने शादी के जोड़े को ऐसी जगह कभी न रखें जहां नमी रहती हो.

– इसे रोशनी से बचाने के लिए मलमल के कपड़े में लपेट कर रखें.

– ड्रेस को हैंगर में डालकर अच्छी तरह से अलमारी के अंदर रखें. इस तरह आप कपड़े के लुक को खराब होने से बचा सकते हैं.

– किसी फंक्शन में पहनने के तुरंत बाद इसे ड्राई क्लीनिंग के लिए दे दें ताकि उस पर दाग-धब्बे न पड़े और उसकी रंगत खराब न हो.

– सफर के दौरान अपने ड्रेस के डिजाइनर हिस्सों को एसिड-फ्री व रंग न छोड़ने वाले टिश्यू से कवर करें.

Wedding Special: अगर दुल्हन बनने जा रही हैं तो इन ब्यूटी हैक का प्रयोग जरूर करें

शादी हर लड़की के जीवन का सबसे बड़ा दिन होता है. अगर आप की भी शादी नजदीक आ रही है तो इस समय तैयारियां जोरों शोरों से चल रही होंगी. लेकिन आपको अपनी स्किन का ध्यान रखना कुछ महीनों पहले ही शुरू कर देना चाहिए ताकि मुख्य दिन पर आपकी स्किन पर पिंपल्स या फिर किसी भी तरीके की परेशानी न आए. कुछ प्री ब्राइडल हैक्स का प्रयोग आपको महीनों पहले करना शुरू कर देना चाहिए. बहुत सी लड़कियां यही गलती करती हैं की अक्सर शादी के कुछ दिन पहले ही वह केमिकल ट्रीटमेंट या स्किन सुधारने की टिप्स का प्रयोग करना शुरू करती हैं. आइए जानते हैं कुछ प्री ब्राइडल हैक्स के बारे में..

जल्दी शुरुआत करें : आपको अपनी स्किन को सूट करने वाला एक स्किन केयर रूटीन बना लेना चाहिए जिसमें क्लींजिंग, एक्सफोलियटिंग, मॉइश्चराइजिंग, हाइड्रेशन आदि शामिल हो. अगर आप जल्दी शुरू कर देती हैं तो रिजल्ट देखने में जो समय लगता है वह समय आपको मिल जायेगा और अन्य तरह के ट्रीटमेंट भी आपकी स्किन पर बढ़िया काम करेंगे. इससे आप को और अच्छे नतीजे दिखेंगे.

अंदर से नरिश करना शुरू करें : अगर आप चाहती हैं की आपकी स्किन प्राकृतिक रूप से बेहतर हो और आप को ज्यादा मेहनत न करनी पड़े तो इसके लिए आप को अपना लाइफस्टाइल और डाइट सुधारने होंगे. अगर आप हेल्दी रहती हैं तो आप को स्किन केयर में भी ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आपकी डाइट पौष्टिक और अच्छी होनी चाहिए ताकि आपका चेहरा प्राकृतिक रूप से निखार ला पाए. खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी पीते रहें.

स्किन  केयर रूटीन : अगर आप अपना पर्सनलाइज स्किन केयर रूटीन बनाना चाहती हैं तो अपने पास के किसी स्किन के डॉक्टर से इस बारे में राय ले सकती हैं. अगर स्किन में कोई समस्या है तो मेडिकेटेड स्किन केयर प्रोडक्ट्स का प्रयोग करना आपके लिए बेहतर होगा. फेशियल, केमिकल पील्स आदि का प्रयोग करके स्किन को बेहतर बना सकती हैं.

हेयर केयर रूटीन  बालों की केयर करनी भी बेहद जरूरी होती है. अगर आप चाहती हैं की शादी वाले दिन या बाद में आपके बाल आसानी से मैनेज हो सकें तो आपको तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए. आप को नियमित समय पर हेयर ऑयल मसाज लेनी चाहिए, डीप कंडीशनिंग ट्रीटमेंट और स्प्लिट एंड्स की ट्रिमिंग करवाना आपके लिए एक अच्छा फैसला हो सकता है. अपने हेयर स्टाइलिस्ट से ज्यादा जानकारी ले सकती हैं.

टीथ व्हाइटनिंग: दांतों पर बहुत सी लड़कियां ध्यान नहीं देती हैं लेकिन जब आप स्माइल करेंगी तो आपके दांत ही दिखेंगे इसलिए इनका सफेद होना और साफ होना बहुत जरूरी है. अपने ओरल हाइजीन को बनाए रखने के लिए डेली दो बार ब्रश जरूर करें. अगर संभव हो तो अपने डेंटिस्ट के पास जा कर टीथ व्हाइटनिंग सेशन भी बुक करवा सकती हैं। इसके कई बार सेशन ले सकती हैं. इसके अलावा कुछ भी ऐसा न खाएं जिससे आपके दांतों को नुकसान पहुंच सकता है और दांत खराब हो सकते हैं.

अगर आप इन सभी टिप्स का प्रयोग अपनी शादी के कुछ महीनों पहले करना शुरू कर देती हैं तो आप को शादी के दिन काफी ज्यादा मदद मिल सकती है. इसके अलावा भी मानसिक रूप से खुश रहने की कोशिश करें ताकि आप प्राकृतिक रूप से ग्लो कर सकें.

5 ब्राइडल मेकअप ट्रैंड

समय के साथ मेकअप ट्रैंड में काफी तरह के बदलाव हुए हैं, फिर चाहे वह साधारण मेकअप हो, रैंप मेकअप या फिर ब्राइडल मेकअप. आजकल ब्राइडल मेकअप का जो ट्रैंड है उस में रंग को निखारने से ज्यादा नैननक्श को हाईलाइट किया जा रहा है.

मेकअप ट्रैंड

मेकअप में भी कई तरह के मेकअप होते हैं, लेकिन ब्राइडल मेकअप में सिमर वाला या ग्लौसी मेकअप ज्यादा फबता है. इस बारे में ब्यूटी ऐक्सपर्ट डा. वीना का कहना है, ‘‘किसी भी मेकअप का अच्छा परिणाम मेकअप करने के तरीके पर निर्भर करता है. अधिकतर ब्राइडल मेकअप की शुरुआत बेस से करती हैं, लेकिन यदि आई मेकअप से इस की शुरुआत की जाए तो अच्छी फिनिशिंग आती है.

ब्राइडल आई मेकअप में आजकल कैंची आई मेकअप का काफी ट्रैंड है. आंखों के मेकअप की शुरुआत आईबेस से करनी चाहिए ताकि मेकअप करने के बाद आंखों पर रेखाएं न पड़ें. आईबेस बाजार में कुछ ही ब्रैंडों में मौजूद है.

‘‘आईबेस के बाद आइब्रो के नीचे वाले हिस्से को लाइट कलर के आईशैडो से हाईलाइट करना चाहिए. कलर का चुनाव ड्रैस में मौजूद रंगों के हिसाब से करें. इस के बाद आईलिड पर डार्क कलर का आईशैडो और कलर पैसिंल से आईलाइनर लगाएं. फिर हाईलाइटिंग के लिए इस्तेमाल किए गए कलर को लाइनर के ऊपर भी लगाएं, थोड़ा सा आईलिड के बीच वाले हिस्से में नैचुरल कलर का आईशैडो लगा कर उसे भी मर्ज करें. फिर लाइनर के ऊपर ब्लैक आईलाइनर लगा कर उसे डार्क करें. आंखों के नीचे के हिस्से में काजल लगाने के बाद उस के ऊपर कलरफुल पैंसिल भी चलाएं और अंत में मसकारा लगाएं.

‘‘आई मेकअप के बाद आंखों को छोड़ कर बाकी पूरे चेहरे को क्लींजिंग मिल्क से साफ करें. फिर टोनर और मौइस्चराइजर लगाने के बाद बेस लगाएं. बेस को ब्रश की सहायता से लगाना चाहिए. इस से रेखाएं नहीं पड़ती हैं. चेहरे और गरदन के रंग में फर्क होने पर स्किन टोन के हिसाब से अलगअलग बेस कलर का इस्तेमाल करना चाहिए.

उस के बाद आवश्यक जगहों में कंसीलर लगाना चाहिए. नैननक्श को शेप देने के लिए भी कंसीलर का इस्तेमाल करना चाहिए. उस के बाद आवश्यक जगहों में कंसीलर लगाना चाहिए. इस के बाद कौंपैक्ट लगाएं. उसे गीला कर के भी लगाया जा सकता है.

‘‘ब्राइड्स को मैट लिपिस्टक लगाने की जगह शाइनिंग वाली लिपस्टिक लगाएं. केक को रूई के माध्यम से चेहरे पर लगाएं. अब स्पंज से उसे पूरे चेहरे पर अच्छे से मिलाएं. लिप मेकअप के लिए लिप लाइनर से होंठों के ऊपर आउटलाइन बनाएं और अंदर शाइनिंग वाली लिपस्टिक लगाएं. लिपस्टिक के बाद गालों पर ब्लश लगा कर फाइनल टच दें.

‘‘बिंदियों में आजकल स्टर्ड और गोल डिजाइनर बिंदियां ज्यादा फैशन में हैं और ये अच्छी भी लगती हैं. चेहरा चौड़ा है तो आप गोल की जगह लंबी डिजाइनर बिंदी लगाएं. आईब्रो के ऊपर बिंदी न लगाएं. आजकल यह फैशन में नहीं है.

हेयरस्टाइल: ब्राइडल मेकअप तभी पूरा होता है जब उस के साथ सही हेयरस्टाइल हो. दुलहन के ऊपर हाई बन ज्यादा अच्छा लगता है. लेकिन अगर समय की कमी या बाल छोटे हैं तो आप राउंड फ्लौवर बन भी बना सकती हैं. इस के लिए आगे के बालों में पफ बनाया जाता है. पीछे के बालों में पोनी बना लें और उस के ऊपर नकली बाल लगा कर बैंड के साथ बांध दें.

फिर बालों को 2 भागों में बांट कर ढीलीढीली चोटी बना लें, नीचे 2 इंच बाल छोड़ दें. इस के बाद बालों के एक सिरे को पकड़ कर दूसरे सिरे को ऊपर की ओर ले जाएं. उस से एक बंच तैयार हो जाएगा. उसे राउंड शेप में फोल्ड कर के चारों और अच्छे से पिनअप कर दें. बचे हुए बालों को बीच में एस शेप में फोल्ड करते हुए पिनअप करें.

मेकअप और हेयरस्टाइल कंप्लीट होने के बाद ज्वैलरी पहनें. अच्छा रहेगा यदि पल्लू को जूड़े के ऊपर पिनअप करें.

ग्लौसी पाउट: आजकल ब्राइड्स लिप्स को नैचुरल ग्लौसी लुक देना ज्यादा पसंदकर रही हैं. पीच, पिंक और रैड कलर ग्लौसी लुक के लिए पहली पसंद बने हुए हैं. मेकअप आर्टिस्ट ग्लौसी पाउट लुक इसलिए भी दे रही हैं ताकि होंठों की नमी लंबे समय तक बरकरार रहे.

स्किन बेस मेकअप: शाइन फ्री और पाउडरी मेकअप अब उतना पसंद नहीं किया जाता. इन की जगह अब ग्लोई, क्रीमी मेकअप ने ले ली. ऐसा मेकअप पसंद किया जा रहा है जो स्किन टोन से मैच करता हो. इस में खास बात यह है कि फाउंडेशन मौइस्चराइजिंग होना चाहिए.

मिनिमलिस्टिक लुक: कुछ ब्राइड्स को मिनिमलिस्टिक लुक पसंद आ रहा है. इस में हैवी मेकअप, भारी ज्वैलरी आदि से ब्राइड्स बचती हैं.

सौ बातों की एक बात यह है कि लुक चाहे जो अपना लें लेकिन यदि आप ने अपनी फिटनैस पर काम नहीं किया है तो इन लुक्स का पूरा फायदा नहीं मिल पाएगा.

Wedding Special: सुंदरता और विरासत बढ़ाते गहने

विरासत एक ऐसी चीज है जो पिछली पीढ़ी से अगली पीढ़ी तक एक हाथ से दूसरे हाथ को जाती है. पारंपरिक गहने इस विरासत का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं. इसीलिए अपनी जिंदगी के सब से बड़े दिनों में से एक शादी पर इन में से कोई एक पहनने से ब्राइड खुद को अपनी जड़ों से जुड़ने का एहसास कर पाती है.

यही मिस्टर इंडिया के नाम से फेमस ऐक्टर अनिल कपूर की बेटी रिया कपूर ने अपनी शादी में महंगे और ट्रैंडी गहनों के बजाय अपनी मां के गहने पहने थे. ऐसा कर के उन्होंने न सिर्फ अपनी मां को सम्मान दिया बल्कि अपने पारंपरिक मूल्यों का भी मान बढ़ाया.

इसी तरह पटौदी खानदान की सब से छोटी बेटी सोहा अली खान ने जब कुणाल खेमू से शादी की तो उन्होंने अपनी शादी में अपने जमाने की खूबसूरत अदाकारा शर्मीला टैगोर जो उन की मां भी हैं का अपनी शादी में रत्नों से जडि़त सब्यसाची लहंगा और रानी हार पहना था, जिस में हरे पन्ने और ट्रेडमार्क पासा था. इस के अलावा उन्होंने हाथीदांत, सोने के आभूषण भी पहने थे.

आम लोगों में भी प्रचलित

यह चलन सैलिब्रिटी से शुरू हो कर अब आम नागरिकों के बीच भी प्रचलित हो गया है. तभी तो शहरों में रहने वाली लड़कियां भी विटेंज ज्वैलरी को अपना रही हैं.

ऐसी ही कहानी नमिता मुखर्जी की है. वे 30 साल की हैं और वह उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं तथा अपने लौंग टर्म बौयफ्रैंड विनय मेहता से शादी की है. वे कहती हैं, ‘‘एक लड़की की जब शादी हो रही होती है तो वह बहुत भावुक होती है. शादी के टाइम पीरियड के दौरान वह बस यह सोच रही होती है कि वह किसी तरह अपने परिवार और उन की मान्यताओं से जुड़ी रहे. इस के लिए वह अपने खानदान के पुश्तैनी जेवर पहनने से भी नहीं हिचकाती बल्कि उन्हें पहन कर खुद को उन से जुड़ा पाती है.

‘‘मैं ने अपनी शादी के लिए दुलहन का कलर कहे जाने वाले रैड कलर को चुना. मैं समझ नहीं पा रही थी मैं  ज्वैलरी कौन सी पहनूं. तभी मैं ने सैलिब्रिटीज की शादियों के बारे में पढ़ा. तब मुझे पता चला कि पारंपरिक आभूषणों को पहनना ट्रैंड बना हुआ है. मुझे ऐसा लगा जैसे मुझे भी इस ट्रैंड को फौलो करना चाहिए. अत: मैं ने यही किया. मैं ने भी अपनी नानी की शादी के समय का माथटीका अपनी शादी में पहना. हां अगर बात करूं फैशन की तो इस के मामले में हम लड़कियां कोई समझौता नहीं करना चाहती हैं. इसलिए मैं ने अपनी नानी के माथटीके में 2 अतिरिक्त डबल चैन जोड़ कर उसे माथापट्टी बना दिया था. अब मैं ने अपने खानदान के पुश्तैनी आभूषणों और उन के एहसासों को भी जी लिया, साथ ही फैशन के साथ अप टू डेट भी रही.’’

इसी तरह गुरुग्राम में कटैंट राइटिंग की जौब करने वाली 28 वर्षीय मोनिका रवीश शेख कहती हैं, ‘‘मैं ने अपनी रिसैप्शन के लिए रोज गोल्ड कलर का लहंगा लिया है, जिसे मैं अपनी मां के सोने के कुंदन के गहनों के साथ पहनूंगी. मैं रिसैप्शन में कुंदन के झुमके, नैकपीस और मांगटीका पहनूंगी. वहीं शादी के लिए मैं ने मुगलकाल के शुद्ध सोने से बने पारंपरिक हैदराबाद के निजामी गहनों को चुना जो मीनाकारी काम के साथ हमारे परिवार में पीढि़यों से चले आ रहे हैं. अपने खास दिन के लिए मैं ने इन्हें चुना है. इन्हें पहनने के बाद यकीनन मैं खूबसूरत तो लगूंगी ही साथ ही बहुत भावुक भी हो जाऊंगी.’’

शादी का अहम हिस्सा

असल में गहने हमारी भारतीय शादी का सब से अहम हिस्सा हैं. ये सिर्फ खूबसूरती के लिए नहीं होते बल्कि कीमती विरासत भी हैं जो पारिवारिक परंपराओं और विरासतों का भार उठाते हैं. पारंपरिक गहने अतीत को जोड़ने वाली एक ठोस कड़ी के रूप में काम करते आए हैं.

होने वाली ब्राइड आखिर पारंपरिक आभूषणों को क्यों चुन रही हैं? इस बारे में ज्वैलर्स बताते हैं कि होने वाली लगभग 90त्न ब्राइड पारंपरिक गहनों को चुन रही हैं, जिन में चोकर और लंबी गरदन के गहनों से ले कर मांगटीका, माथापट्टी, सतलदास, जड़ाऊ और पोल्का व कुंदन में हाथफूल तक शामिल हैं. ज्वैलर्स का मानना है कि 2017 में अनुष्काविराट की शादी के साथसाथ उस के बाद की सैलिब्रिटी शादियों ने भी इस रिवाज को आगे बढ़ाया है.

नई दिल्ली के उत्तम नगर इलाके के अग्रवाल ज्वैलर्स के सोनी अग्रवाल कहते हैं, ‘‘पिछले एक साल में हुई सभी सैलिब्रिटी शादियों के बाद पारंपरिक गहनों के चलन में भारी तेजी आई है. जिन की शादी होने वाली है वे दुलहनें विरासत में मिले गहने पहनने की इच्छुक हैं. उन की शादी के लिए और सासससुर पारिवारिक परंपराओं को जीवित रखने के लिए अपनी बहुओं को उपहार देने के लिए अपने पुराने गहनों में कुछ बदलाव करवाने के लिए हमारे पास आ रहे हैं.

‘‘दुल्हनें जड़ाऊ, पोल्की और कुंदन में पारंपरिक गहने चुन रही हैं क्योंकि ट्रैंड यह है कि मूल पैटर्न और डिजाइन को बरकरार रखते हुए इन्हें एक नया रूप दिया जाए. ‘‘वैडिंग सीजन में सतलाडा के विरासती गहने भी मांग में हैं. वहीं भारी और चौड़े मंगलसूत्र के उलट चिकने मंगलसूत्र ट्रैंड में छाए हुए हैं.’’

डिजाइन की मौलिकता

हैदराबाद के बड़ा बाजार के ज्वैलरी डिजाइनर नितिन अग्रवाल कहते हैं, ‘‘दुलहनें अपने पुराने पारंपरिक आभूषणों को इस तरह से संशोधित करवा रही हैं कि डिजाइन की मौलिकता खत्म न हो. दुलहनें अपने पुश्तैनी आभूषणों को नया रूप देने के साथसाथ मैचिंग माथापट्टी, मांगटीका और नाक की अंगूठी के साथ पत्थर, मोती और रंगीन पत्थरों को जोड़ कर विरासत के इन गहनों को फिर से बनाने की काफी इच्छुक हैं.’’

उत्तराखंड की निवासी रति रावत कहती हैं, ‘‘हमारे पारंपरिक आभूषणों में नथ का बहुत महत्त्व है. यही कारण है कि मैं ने भी अपनी शादी में अपनी परदादी की पुश्तैनी नथ पहनी थी. यह नथ उन्होंने मेरी दादी को दी थी और फिर मेरी दादी ने मेरी मां को. फिर मेरी मां ने मु?ो दी. हमारे पारंपरिक आभूषण पहनने का कारण हमारा अपने कल्चर के प्रति सम्मान और जुड़ाव है जिसे हम खोना नहीं चाहते.

‘‘जल्द ही दुलहन बनने वाली लड़कियां क्यों ट्रैडिंग और लेटस डिजाइन के महंगे गहनों को छोड़ कर अपने पुश्तैनी या कहें पारंपरिक आभूषणों को अपनी शादी में पहन रही हैं? इस बारे में मेरी अपनी राय है कि हर घर में ऐसा कोई न कोई आभूषण जरूर होता है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आता है. फिर आगे इन्हीं आभूषणों को अपने बच्चों को सौंप दिया जाता है ताकि वे अपने बच्चों को विरासत में इन्हें दे सकें.

‘‘मेरी मम्मी के पास भी कुछ पारंपरिक आभूषण हैं जैसे तगड़ी, बाजूबंद और खंड़ाऊ. इन्हें उन्होंने संभाल कर रखा है. इन में से बाजूबंद उन्होंने मेरी बड़ी बहन को उस की शादी में दे दिया. खंड़ाऊ उन्होंने मेरे लिए रखी है. वही तगड़ी उन्होंने अपनी होने वाली बहू के लिए रखी है. ये उन के पारंपरिक आभूषण हैं जो उन्हें उन की मम्मी से मिले थे और अब हम बहनों को मिल रहे हैं.’’

पारंपरिक गहने

असल में ये गहने सिर्फ सजावट का सामान नहीं हैं बल्कि विरासत का एक हिस्सा हैं जिन्हें महिलाएं संजो कर रखती हैं ताकि ये पीढ़ी दर पीढ़ी इन्हें अपने बच्चों को सौंप सकें और अपनी विरासत के एक भाग से अपने पोतेपोतियों, नातिनातिनों से मिला सकें.

अगर दुलहन अपनी शादी में अपने परिवार या अपने होने वाले परिवार के पारंपरिक गहने पहनती है तो वह 2 परिवारों को आपस में जोड़ने का काम करती है, साथ ही वह अपने पूर्वजों को भी जान लेती है. वह यह भी जान लेती है कि वे किस घराने के रहने वाले हैं. इस के अलावा पारंपरिक आभूषणों में एक जुड़ाव होता है जो परिवारों के बीच समन्वय स्थापित करता है.

अगर आप के पास भी अपने खानदान की विरासत के रूप में कुछ गहने हैं तो आप अपने खास दिन में पहन कर उस के एहसासों को जीवंत कर सकती हैं, साथ ही उन में छोटेमोटे बदलाव कर के आप ट्रैंड में भी रह सकती हैं जिस से चारों तरफ आप की वाहवाही होगी.

Wedding Special: कम खर्च में यादगार शादी

शादी किसी की भी जिंदगी का सब से खूबसूरत समय होता है जब इंसान अपने सपनों को सच होता देखता है. वह अपनी शादी में वह सब करना चाहता है जिस की कल्पना उस ने लंबे समय से की होती है. शादी सिर्फ 2 व्यक्तियों का ही नहीं अपितु 2 परिवारों का भी मिलन होता है. दूल्हा और दुलहन दोनों के ही घर वाले इस शादी को यादगार और शानदार बनाना चाहते हैं. वे इन लमहों बारबार याद कर खुश होना चाहते हैं. इस बात से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि आप बहुत रईस हों या फिर एक सामान्य परिवार से संबंध रखते हों. जरूरी है तो दिल का उत्साह और सही अरेंजमैंट. कुछ यूनीक आइडियाज और कूल एवं क्रिएटिव माइंड ताकि शादी का हर पल यादगार हो.

आइए, जानते हैं अपने घर में होने वाली शादी को खूबसूरत, यादगार और शानदार इवेंट का रूप कैसे दें:

वैडिंग प्लान करें कुछ ऐसे

विवाह लग्जरी वैडिंग्स के फाउंडर मोहसिन खान बताते हैं कि वैडिंग प्लान करते समय इन बातों का ध्यान रखें:

  •  सब से पहले जरूरी है कि आप कुछ बातें पहले से क्लीयर करें जैसे आप को लोकल मैरिज  करनी है या डैस्टिनेशन वैडिंग. अपने बजट के हिसाब से लोकेशन और गैस्ट लिस्ट तैयार करें. अब फंक्शंस डिसाइड करें कि कौनकौन से फंक्शन होने हैं जैसे सगाई, हलदी, संगीत, मेहंदी, शादी आदि. अगर समय या बजट का इशू है तो आप 2-3 फंक्शन को एक में भी मिला सकते हैं. अब हर फंक्शन की गैदरिंग डिसाइड करें. इस के बाद आप एक वैंडर लिस्ट तैयार करें जैसे डैकोरेटर, ऐंटरटेनमैंट, मेकअप आर्टिस्ट, बैंडबाजा वाला, पगड़ी वाला, कैटरिंग वाला. अब या तो सारे प्लान और इंतजाम के लिए वैडिंग प्लानर हायर करें या फिर घर के 2 मैंबर को सारे इंतजाम की जिम्मेदारी सौंपें.
  •  शादी के दौरान वेन्यू डिसाइड करना भी एक महत्त्वपूर्ण फैसला है. ध्यान रखें कि जो प्रौपर्टी आप ने ली है उस में मल्टीपल औप्शन हों जैसे लौन, पूल साइड, बैंक्वेट आदि सब हों. उस का अप्रोच अच्छा हो, खाना अच्छा हो, रिव्यूज भी अच्छे हों और यह वैडिंग फ्रैंडली हो. ज्यादा ट्रैफिक जाम वाला एरिया न हो ताकि आप के गेस्ट्स को वहां तक पहुंचने में दिक्कत न हो. मैट्रो के पास हो. कई ऐसी प्रौपर्टी होती हैं मार्केट में जो कौरपोरेट फंक्शन ज्यादा करती हैं उन्हें वैडिंग का ज्यादा ऐक्सपीरियंस नहीं होता.
  •  कोशिश करें कि आप की शादी के सारे फंक्शन अलगअलग वेन्यू में हों. वेन्यू रिपीट करेंगे तो फोटोग्राफी में सारे फंक्शन एक जैसे लगेंगे और फोटोग्राफी में मजा नहीं आएगा.
  • यह मौका जश्न का होता है. जाहिर है लजीज व्यंजनों के बिना कोई भी जश्न अधूरा लगता है. ऐसे में शादी में अच्छे खाने की व्यवस्था की जाती है, जिस के लिए पहले से तैयारी करनी होती है और शादी का मेन्यू तैयार किया जाता है.

डैस्टिनेशन वैडिंग के मेजर औप्शंस

राजस्थान में पुष्कर, जयपुर, रणथंबोर, उदयपुर, जोधपुर आदि हैं. यहां के पैलेस और फोर्ट्स में शादी शानदार नजर आती है मगर ये महंगे औप्शन हैं. खर्च काफी आता है. सस्ते औप्शंस में जिम कार्बेट, आगरा, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल आदि आते हैं जहां रीजनेबल शादी हो सकती है. वैसे कुल मिला कर दूसरे शहर जा कर यानी डैस्टिनेशन वैडिंग महंगी होती है. लोगों की फीस ज्यादा होती है और आनाजाना भी महंगा हो जाता है.

  •  शादी यादगार हो इस के लिए ऐसे ऐलिमैंट्स ऐसे रखने होंगे- डैकोरेशन क्रिएटिव हो, कोई खास थीम पर सजावट करें जैसे मोरक्कन थीम, विलेज थीम, दुबई थीम आदि ट्रैंड में हैं. ब्राइड ऐंट्री यनीक हो जैसे लो फौग ऐंट्री जबरदस्त और सपनों सी लगती है जैसे बादलों पर चल रहे हैं. जयमाला में इफैक्ट डाले जा सकते हैं.  फ्लौवर रेन करवा सकते हैं जो महंगा नहीं होता मगर सुंदर लगता है. इसी तरह कोल्ड फायर करा सकते हैं. आजकल लोग फेरों के वक्त भी कुछ डिफरैंट करते हैं जैसे मैजिकल फेरे ट्रैंड में हैं. दूल्हा जलती हुई मशाल आदि के साथ ऐंट्री कर सकता है. लाइव बैंड के द्वारा धूम मचा सकते हैं. डीजे और ढोल की जुगलबंदी भी शानदार लगती है.

शादी को ऐसे बनाएं मजेदार और यादगार

  •  आप अपनी शादी में डांस या गाने का कंपीटिशन करवा सकते हैं. इस के लिए आप मेहमानों की टीम बना कर भी कंपीटिशन करवा सकते हैं. इस तरह की फन ऐक्टिविटीज आप के मेहमानों के लिए यादगार बन जाएंगी और सभी को पसंद भी आएंगी. आप अपने मेहमानों को इन फन ऐक्टिविटीज के बाद कुछ खास गिफ्ट भी दे सकती हैं.
  •  आप अपनी शादी में फ्लौवर फ्रेम लगा सकती हैं. इस से डैकोरेशन भी सुंदर दिखेगा, साथ ही साथ फोटोज लेने के लिए भी एक अच्छा फ्रेम मिल जाएगा. यह आप के यादगार पलों को और खास बनाएगा. इस फ्रेम को आप अलगअलग फूलों से सजा सकती हैं या फिर एक ही रंग के फूल भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

आज की जैनरेशन सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव रहती है वहीं इस फ्रेम में फोटो खिंचवाने के बाद आप इसे सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकती हैं.

  •  फोटो डैकोरेशन मेहंदी या हलदी के फंक्शन के लिए परफैक्ट डैकोरेशन है. इस डेकोरेशन को आप लाइट और फोटोज से कवर कर सकती हैं. इन फोटोज में आप अपनी पुरानी यादों को ताजा कर सकती हैं और इसे सीरीज के बीच में सजा सकती हैं. इस डैकोरेशन से आप की आज की यादें तो यादगार बनेंगी ही साथ ही साथ आप की कुछ खास पुरानी यादें भी ताजा होंगी. फोटो डैकोरेशन के साथसाथ आप फूलों का बंच बना कर बीचबीच में टांग सकते हैं.

आप अपने पलों को और यादगार बनाने के लिए इमोजी फ्रेम्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इन फ्रेम्स की खासीयत यह है कि यह आप के आज के पलों को फोटो में संजो कर रखेगा जिसे आप भविष्य में याद कर अपने पलों को ताजा कर सकते हैं. इन फ्रेम्स में आप कई तरह की इमोजी का इस्तेमाल कर सकते हैं. आप कुछ प्यारेप्यारे संदेश भी लिख सकते हैं.

  •  इंडियन वैडिंग्स में अपने परिवार से ज्यादा रिश्तेदारों का खयाल और उन की जरूरतों का खयाल रखा जाता है. रिश्तेदारों को स्पैशल फील करवाने के लिए आप थैंक्यू पैकिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस की खास बात यह है कि यह आप को ज्यादा महंगा भी नहीं पड़ेगा और देने में बेहद खूबसूरत भी लगेगा.

इस के अंदर आप कुछ स्पैशल गिफ्ट रख सकते हैं और बाहर एक थैंक्यू मैसेज भी दे सकते हैं. आप ऐसी पैकिंग का इस्तेमाल शादी के अलावा भी किसी छोटेमोटे फंक्शन में कर सकते हैं. पैकेट्स के अंदर कुछ ड्राई फ्रूट्स या फिर बच्चों को देने के लिए चौकलेट रख सकते हैं.

प्री वैडिंग फोटोशूट हो यादगार

  •  आप अपने प्री वैडिंग शूट को किसी खास जगह ??पर करवा सकते हैं जिस से फोटोज का बैकग्राउंड जबरदस्त लगेगा. आप इस के लिए किसी ऐतिहासिक बिल्डिंग, बीच या पहाड़ी जगह को चुन सकते हैं.
  • आप चाहें तो अपने प्री वैडिंग शूट का फिल्मी थीम रख सकते हैं जैसे आप खेतों में दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे के थीम पर फोटोशूट करवा सकते हैं. इसी तरह अगर आप को कोई और फिल्म पसंद है तो आप उस के थीम पर शूट करवा सकते हैं.
  • अपने प्री वैडिंग शूट में आप थोड़ा ड्रामैटिक एंगल दे सकते हैं जैसे यहां हवा में उड़ता हुआ दुपट्टा, ग्रीन बैकग्राउंड के साथ रैड आउटफिट, सरप्राइज प्रपोजल पोज आप के फोटोज को ड्रामैटिक टच देंगे, साथ ही आप कुछ फनी भी ट्राई कर सकते हैं. अगर आप के पास कोई लोकेशन नहीं है तो आप कुछ अलग तरह से शूट करवा सकते हैं जैसे ऊपर से गिरती हुई गुलाब की पत्तियां एक अलग ही इफैक्ट देंगी.

धर्म के नाम पर पैसे बरबाद न करें

प्राचीनकाल से ही हमारे यहां शादी के दौरान धार्मिक रीतिरिवाजों पर बहुत ज्यादा जोर दिया जाता है. धर्मग्रंथों में भी बेकार के रिवाजों पर जोर दिया जाता है. कौन सा कदम पहले उठाना है, कौन से रंग के कपड़े पहनने हैं, कौन से मुहूर्त में शादी होगी, कौन सी पूजा सामग्री के होने पर ही पूजा संपन्न होगी, कौन से मंत्र जरूरी हैं, कौन सी चीजें बनानी जरूरी हैं, कौन से पकवानों का भोग लगाना जरूरी है जैसे नाना प्रकार के रिवाज हैं जिन्हें पूरा करना जरूरी माना जाता है वरना यह कह कर डराया जाता है कि शादी टूट सकती है. बारबार रस्मों का उल्लेख किया जाता है और लोग नाहक परेशान हो उठते हैं. पुराणों में शादियों का जिक्र है पर उन में भव्यता का जिक्र है जिस का इस्तेमाल पंडेपुजारी अपने फायदे के लिए करते हैं. इस में न फंसें.

रामायणकाल में जनक और दशरथ के बच्चों की शादी का विस्तृत विवरण वाल्मीकी रामायण में है जिसे आज न तो दोहराया जा सकता है न दोहराने लायक है जैसे वाल्मीकि रामायण के बालकांड में भी इस बात का उल्लेख है.

विवाह वेदी को चारों ओर से गंध पुष्प तथा यवांकुर आदि से अलंकृत किया. उस के पास यवांकुर युक्त तथा विचित्र वर्ण के कलश रखे. उन कलशों पर यवांकुर युक्त परई और धूप युक्त धूपपात्र रखे. तदनंतर अर्घ्य आदि से युक्त शंखपात्र, सुवा सुक् आदि जुटाए गए. इन के अतिरिक्त लावा से भरे पात्र, हलदी आदि से रंगे अक्षत भरे पात्र आदि यथास्थान रखे गए. तब मंत्रोच्चारण के साथ विधिवत् कुश बिछा कर वेदी पर अग्नि का आधान किया और मुनिपुंगव तथा महातेजस्वी वसिष्ठ अग्नि में हवन करने लगे.

ये सब करने के बाद क्या शादी करने वाला जोड़ा सुख पाया. उन की शादी को सफल शादी तो कतई नहीं कहा जा सकता. जानकी को शादी के बाद कितने कष्ट सहने पड़े. दोनों को सालों पहले जंगलों में रहना पड़ा फिर 2 बार विरह पीड़ा सहनी पड़ी और अंत में एक ने प्राण ही त्याग दिए. रामायण के अनुसार तो आखिर हंसीखुशी से दोनों ने गिनेचुने दिन ही गुजारे. फिर क्या फर्क पड़ा शादी की विधियां निभाने से?

दरअसल, ये रीतिरिवाज और पूजापाठ तो धर्म के ठेकेदारों की खोली गई दुकानें हैं और वे इन के जरीए दानपुण्य करा कर अपनी जेबें भरने का कारोबार करते हैं. इसलिए बेकार के रिवाजों के पीछे समय और पैसा जाया करने के बजाय शादी के जश्न के दौरान खुशियां बटोरें और रिश्तों को सहेजें. पौराणिक ग्रंथों की कहानियां इस खुशी के अवसर को पंडोंपुजारियों के हवाले कर देती हैं. अत: ऐसा न करने दें.

दहेज न दें और न लें

हमारे यहां दहेज की प्रथा भी सदियों से चली आ रही है. यही वजह है कि लड़कियों के पैदा होने पर लोग दिल खोल कर खुशियां नहीं मना पाते जैसाकि बेटे के जन्म के बाद होता है. बेटी के आते ही लोगों को एक बो?ा सा महसूस होता है और वे उस बच्ची के लिए दहेज जुटाने की तैयारियों में लग जाते हैं. वहीं लड़कों के परिजन सोचते हैं कि उन्होंने एक फैक्टरी डाल ली है.

अब लड़का बड़ा होगा तो उस की शादी में ढेर सारा दहेज ले कर अपनी शान दिखाएंगे. मगर क्या आप को नहीं लगता कि शादी के शानदार होने के लिए दहेज का शोऔफ करने की जरूरत नहीं. यह तो एक तरह से खरीदबिक्री की रस्म हो गई. यह रस्म आज की नहीं है. रामायण और महाभारत काल से भी पहले से चली आ रही है. वाल्मीकि रामायण में सीता की शादी के दौरान जनक द्वारा दी गई दहेज सामग्री का बखूबी बखान किया गया है.

बालकाण्डे दशरथपुत्रोद्वाहो नाम त्रिसप्ततितम: सर्ग:॥ 73॥

(जामदग्न्याभियोग:)॥ अथ रार्त्यां व्यतीतायां विश्वामित्रो महामुनि:॥ आपृच्छय तौ च राजानौ जगामोत्तरपर्वतम्॥ 1॥ आशीभि: पूरयित्वा च कुमाराश्च सराघवान्॥ विश्वामित्रे गते राजा वैदेहं मिथिलाधिपम्॥ 2॥ आपृच्छपाथ जगामाशु राजा दशरथ: पुरीम्॥ गच्छन्त तं तु राजानमन्वगच्छन्नराधिप:॥ 3॥ अथ राजा विदेहानां ददौ कन्याधनं बहु ॥ गवां शतसहस्राणि बहूनि मिथिलेश्वर:॥ 4॥ कम्वलानां च मुख्यानां क्षौमकोट्यम्बराणि च॥ हस्त्यश्वरथपादातं दिव्यरूपं स्वलंकृतम्॥ 5॥ ददौ कन्याशतं तासां दासीदासमनुत्तमम्॥ हिरण्यस्य सुवर्णस्य मुक्तानां विद्रुमस्य च॥ 6॥ ददौ परमसंहृष्ट: कन्याधनमनुत्तमम्॥ दत्त्वा बहुधनं राजा समनुज्ञाप्य पाथिवम्॥ 7॥ प्रविवेश स्वनिलयं मिथिलां मिथिलेश्वर:॥ राजाप्ययोध्याधिपति: सह पुत्रैर्महात्मभि:॥ 8॥

श्रीमद्वाल्मीकीय रामायणम्॥ सर्ग 73॥

‘‘(जनकपुर से महाराज दशरथ की विदाई और मार्ग में परशुराम से भेंट) रात बीतने पर सवेरे महाराज दशरथ तथा विदेहराज जनक से अनुमति ले कर विश्वामित्र उत्तर पर्वत पर चले गए. उन के जाते ही अवधेश दशरथ ने भी जनकजी से पूछ कर अयोध्या जाने की तैयारी

कर ली॥ 1-3॥ उस समय विदेह राज ने बहुत

सा धन दहेज में दिया. उस के अतिरिक्त कई लाख गाऐं, अच्छेअच्छे कंबल, करोड़ों कपड़े, सुंदर और अलंकृत हाथीथोड़े, रथ तथा पैदल सेना, सौ सुंदरी कन्याएं, सुंदर दासदासी, सोनाचांदी और मूंगे आदि भी बड़े प्रसन्न मन से दिए. इस प्रकार बहुत तरह की वस्तुएं दे कर जनकजी बहुत दूर तक पहुंचाने गए. फिर राजा दशरथ से अनुमति ले कर के मिथिला को लौट आए.’’

जनक अमीर थे राजा थे. सो उन्होंने सहजता से सब जुटाया और दहेज दिया. मगर इसे रिवाज बना कर जब आगे की पीढि़यों द्वारा निभाया गया तो बहुत से सामान्य लोगों के लिए यह गले का फंदा बन गया. रिवाज की दुहाई दे कर ऐसे लोगों से भी दहेज निकलवाया गया जो इस के चक्कर में खुद को गिरवी रखने को मजबूर हो गए. लोग विवाह को संस्कारों से जोड़ते हैं. उन के लिए रामायण का यह प्रसंग आंख खोलने वाला है कि हर संस्कार तार्किक हो जरूरी नहीं. आज लड़के और लड़कियां मिल कर घर चलाते और कमाते हैं. ऐसे में दहेज की शान दिखाना महज बेवकूफी है और कुछ नहीं.

तनाव हावी न होने दें

यह बहुत जरूरी है कि आप शादी के दौरान तनाव हावी न होने दें. सगाई और शादी के बीच का समय सपनों का होता है. व्यक्ति अपने भावी जीवनसाथी के साथ प्यारमनुहार भरे लमहों का आनंद लेना चाहता है. उसे ले कर कुछ अपेक्षाएं होती हैं. मगर इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि यह समय एक तरह के डर और अजनबीपन का भी होता है. किसी को महसूस हो सकता है कि शादी के बाद उस की जिंदगी बदल जाएगी और इस बात को ले कर उसे कुछ भय या तनाव हो सकता है. उस के मन में कुछ शंकाएं हो सकती हैं कि क्या उस ने सही जीवनसाथी चुना है?

मन में उठ रहे ये सवाल तब गहरे होने लगते हैं जब आप का जीवनसाथी आप की सोच या अपेक्षा से अलग व्यवहार करने लगे. जैसाकि फिल्म ‘जिंदगी न मिलेगी दोबारा’ में दिखाया गया है. इस में कल्कि अपने होने वाले पति अभय को ले कर ज्यादा ही पजैसिव हो जाती है. इस की वजह से अभय को घुटन महसूस होने लगती है. कल्कि भी तनाव में रहने लगती है. उस के अंदर का तनाव और बेचैनी उस के व्यवहार में ?ालकने लगती है. इस से हालात बिगड़ते हैं और दोनों के बीच कहासुनी होने लगती है.

जल्द ही अभय को समझ आ जाता है कि कल्कि के साथ शादी कर वह खुश नहीं रह पाएगा. वह शादी से इनकार कर देता है. इस तरह एक खूबसूरत रिश्ता जुड़ने से पहले ही टूट जाता है. ऐसा ही कुछ ‘विवाह’ फिल्म में हुआ जब अमृता की चाची बड़े घर में हो रही उस की शादी के दौरान खुश नहीं थी और घर में तनाव था. इसी तनाव की वजह से घर में हादसा होता है और अमृता काफी जल जाती है.

ऐसा कुछ न हो और शादी खुशीखुशी

निबट जाए इस के लिए जरूरी है कि शादी से पहले का समय कूल हो कर और एकदूसरे को सम?ाने की कोशिश कर के बिताया जाए. तनाव हावी न होने दें.

Wedding Special: शादी के बाद तीर्थ नहीं यहां जाएं

दोपहर का रसोई का काम निबटा कर मैं अपने बैडरूम में बैड पर लेटी ही थी कि तभी मोबाइल बजने पर जाग गई. फोन की स्क्रीन पर अपनी बैस्टी निर्वीका का नाम देख मैं खुशी से उछल पड़ी.

‘‘इतने दिन लगा दिए यार अपने हनीमून में, एक बार फोन तक नहीं किया मुझे कि मेरी खैरखबर ले लेती. अब विहान जो तुझे मिल गया है. अब मैं कहां की बैस्टी, कैसी बैस्टी?’’ मैं ने निर्वी से कहा.

‘‘अरे मिनी गुस्सा मत कर यार. पिछले कुछ दिन इतने हैक्टिक बीते कि पूछ मत. फिर जो मैं ने पुष्कर जैसे तीर्थस्थल को अपने हनीमून स्पौट के तौर पर चुना, उस में भी बहुत जबरदस्त पंगा  हो गया. विहान को हनीमून के लिए पुष्कर बिलकुल रास नहीं आया. इस के चलते वह दोनों दिन मेरी जान खाता रहा कि तुम हनीमून के लिए आई हो या तीर्थ यात्रा के लिए? सच में हनीमून के लिए मेरा पुष्कर का चुनाव बहुत गलत रहा. कदमकदम पर मंदिर, पंडित, पुजारी, घंटियों, मंत्रों, पूजा की आवाज.

विहान तो कहने लगा, ‘‘हनीमून के लिए तुम्हें चप्पेचप्पे पर मंदिरों वाला यही शहर सू?ा? जहां मूड थोड़ा रोमांटिक होता वहीं कोई मंदिर दिख जाता और रोमांस का सारा मूड चौपट हो जाता.’’

निर्वी की ये बातें सुन मैं बेतहाशा ठठा कर हंस पड़ी, ‘‘मूर्ख लड़की, आखिर पुष्कर जैसे एक धार्मिक शहर को तू ने हनीमून डैस्टिनेशन के तौर पर चुना ही क्यों? पूरे राजस्थान में और भी तो बढि़या जगहें हैं. चित्तौड़, उदयपुर कहीं भी चली जाती. यह तेरी सूई आखिर पुष्कर पर ही क्यों अटक गई, आखिर मैं भी तो सुनूं जरा?’’

‘‘अरे मिनी, तुझे तो पता है झाल, दरिया, नदी मुझे बेहद फैसीनेट करते हैं. मैं ठहरी एक प्रकृति प्रेमी. इस की ब्यूटी मुझे सदा से लुभाती आई है. कुछ वर्षों पहले मैं पुष्कर गई थी. तब वहां गुलाबों के बड़ेबड़े खूबसूरत बगीचे और खूबसूरत झीलें देख मन में खयाल आया था कि अपने हनीमून के लिए पुष्कर जरूर जाऊंगी. मगर शादी की व्यस्तता में गूगल करना भूल ही गई कि ये 2-3 महीने वहां गुलाब खिलते भी हैं या नहीं? विहान से डांट अलग खाई कि तुम जैसा डफर आज तक नहीं देखा जो यह पता लगाए बिना कि वहां इस सीजन में गुलाब खिलते हैं या नहीं तुम ने वहां हनीमून का प्रोग्राम बना लिया,’’ निर्वी रोंआसे स्वर में बोली.

‘‘तुम ने एक बार भी यह नहीं सोचा

पुष्कर जैसी धार्मिक जगह पर मंदिरों की भरमार होगी और मंदिर और रोमांस का दूरदूर तक कोई रिश्ता नहीं.’’

‘‘यार, मेरी सासूमां और दादी सासूमां ने भी इस जगह को फाइनल करने में इंपौर्टैंट भूमिका निभाई. दोनों ने ही कहा, ‘‘जिंदगी की शुरुआत अगर किसी पवित्र जगह पर ईश्वर के आशीर्वाद के साथ हो तो इस से बेहतर कुछ नहीं. तो यह फैक्टर भी हनीमून के लिए पुष्कर के चुनाव में बेहद इंपौर्टैंट रहा.’’

‘‘तेरा कुछ नहीं हो सकता निर्वी, तू झल्ली की झल्ली ही रहेगी,’’ इस बार मैं ने मुसकराते हुए उसे छेड़ा.

‘‘हां यार, छुट्टियों के 2 महत्त्वपूर्ण दिन पुष्कर में जाया हो गए, साथ ही विहान की चिड़चिड़ाहट झली वह अलग. पुष्कर की तुलना में उदयपुर में हर दूसरे कदम पर रोमांटिक मूड

का कबाड़ा करने के लिए कोई मंदिर, घंटेघडि़याल नहीं थे. सो वहां हम ने अपना हनीमून बेहद ऐंजौय किया.’’

‘‘तू तो अब अनुभवी है. तू क्या सोचती है कि क्या हर विवाहित जोड़े को नईनई शादी के बाद हनीमून ट्रिप अवश्य प्लान करना चाहिए? क्या वाकई में हनीमून विवाहित दंपती के सुखद भविष्य की आधारशिला रखता है?’’ मैं ने निर्वी से पूछा.

इस पर निर्वी का कहना है-

परस्पर अंडरस्टैंडिंग का विकास

‘‘हनीमून जिंदगी की व्यस्तता से चुराया गया वह अनमोल समय होता है जब सर्वथा नए परिवेश में पलेबढ़े, बहुत हद तक एकदूसरे से अजनबी 2 इंसानों को एकदूसरे को अच्छी तरह से समझबूझ कर एकदूसरे के स्वभाव, आदत, जीवनमूल्य, जीवनशैली, जीवन के प्रति रवैए के अनुरूप अपनेआप को ढाल कर एक सर्वथा नूतन ढंग से जिंदगी को जीने की तैयारी की शुरुआत करनी पड़ती है.

‘‘मैं ने और विहान ने इस ट्रिप में और एकदूसरे के सामने अपने जीवन मूल्यों और सिद्धांतों का खुलासा किया. हनीमून ट्रिप के इस एकांत में हमें एकदूसरे की मानसिकता और शख्सीयत के बारे में गहराई से जानने का मौका मिला, जो हमारे बीच अंडरस्टैंडिंग विकसित कर भविष्य की साझा जिंदगी को पौजिटिव दिशा देने में निश्चित ही मददगार सिद्ध होगा.

एकदूसरे से अपेक्षाओं और उम्मीदों का जायजा

‘‘इस पीरियड में हमें एकदूसरे की एकदूसरे से अपेक्षाओं और उम्मीदों का जायजा लेने का मौका मिला. विहान एक पत्नी के तौर पर मुझ से किस तरह की मानसिक, भावनात्मक सपोर्ट की अपेक्षा रखता है उस ने मुझे से खुलासा किया. मैं एक पति के रूप में उस से क्या तमन्ना करती हूं, मैं ने उस से चर्चा की.

मानसिक तनाव से मुक्ति

‘‘शादी के 2-3 माह पहले से इस की तैयारियों में और इस के लिए बड़ी रकम का जुगाड़ करने में हम दोनों ही काफी मानसिक तनाव में आ गए थे, साथ ही विहान और उस के मातापिता व भाईबहन के साथ एक ही घर में एक जिम्मेदार बहू, भाभी और ननद के रूप में सफलतापूर्वक एडजस्टमैंट करने का तनाव भी कुछ हद तक मेरे दिमाग में था.

‘‘विहान को टैंशन थी कि वह एक पति के तौर पर हर पैमाने पर मेरी अपेक्षाओं पर खरा उतर पाएगा या नहीं. घरपरिवार से दूर उदयपुर जैसे शांत रमणीक स्थान पर हम दोनों को एकदूसरे के साथ बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के क्वालिटी टाइम बिता कर इस तनाव से बहुत हद तक मुक्ति मिली.

जीवन में आए खुशनुमा बदलाव पर फोकस

‘‘इस हनीमून के दौरान हम दोनों का ध्यान एकदूसरे पर पूरी तरह केंद्रित था जिस से हमें अपने नए रिश्ते से जीवन में आए सुखद बदलाव पर फोकस करने का मौका मिला और इस का अनुभव हम दोनों ने ही किया.

परस्पर अंतरंगता को नया आयाम

‘‘फिजिकल इंटिमेसी एक सफल विवाह की महत्त्वपूर्ण शर्त होती है. हनीमून के दौरान हम ने अपने बीच के कनैक्शन को खंगाला, अंतरंगता बनाई और परस्पर प्यार और इंटिमेसी के समीकरण का आकलन किया.

‘‘हमें एकांत में बिना किसी गतिरोध के एकदूसरे की कंपनी ऐंजौय करने का अवसर मिला. वक्त बीतने के साथ अमूमन घरगृहस्थी की सौ उल?ानें, दफ्तर और इन की जिम्मेदारियों के बो?ा तले नएनए कपल के लिए ये सब प्राथमिकता बनने लगते हैं और रोमांस बैक

सीट पर आ जाता है. हम दोनों ने अपने विवाहित जीवन के हर दौर में हर हाल में अपने मध्य रोमांस की चिनगारी को जिंदा रखने का प्रण लिया.

भावनात्मक बौंडिंग में मजबूती

‘‘घर, परिवार, मातापिता, भाईबहनों की अनुपस्थिति में एकदूसरे में डूब कर हम दोनों को एकदूसरे के प्रति अपनी चाहत का अंदाजा लगा, जिस से हमारे बीच की भावनात्मक बौंडिंग मजबूत हुई. मेरा मानना है कि यह भावनात्मक नजदीकी हमारे मध्य भरोसे और खुशी का भाव लाएगी जिस से हमारे रिश्ते में लौंगटर्म संतुष्टि पैदा होगी.

‘‘इस ट्रिप में हम ने एक सुखद साथ भविष्य के ख्वाब बुने और उन्हें पूरा करने की दिशा में आवश्यक ठोस प्लान की रूपरेखा बनाई.

‘‘एकांत में एकदूसरे के सान्निध्य में बिताए गए दिन और परस्पर संवाद से मुझे अपनी और विहान की जरूरतों जैसे एकदूसरे की कंपनी, अंतरंगता, रोमांच, साथ पौजिटिव अनुभव, पैशन एवं फन व रोमांस की आवश्यकताओं का एहसास हुआ और हम दोनों उन्हें पूरा करने की जरूरत के प्रति सचेत हुए तथा इस प्रकार हमारी परस्पर प्रतिबद्धता को एक नया आयाम मिला.

‘‘तो मेरी जान, समझ तुम? मैं अब दावे से कह सकती हूं कि विवाहित जीवन के सफर में हनीमून निश्चित तौर पर एक यादगार माइलस्टोन होता है, जो यकीनन नए शादीशुदा दंपती के सुनहरे साथ भविष्य की सशक्त फाउंडेशन साबित होता है.

न्यूली कपल का टिपटौप घर

मुंबई की एकता सोसाइटी के फ्लैट नंबर-15बी में इशिता मेहरा और मंयक मेहरा 2 महीने पहले शिफ्ट हुए हैं. आज जब इशिता की सहेली नमिता मुखर्जी उस के घर आई तो वह घर का हाल देख कर हक्कीबक्की रह गई. वह सम?ा नहीं पा रही थी कि घर की हालत इतनी खराब कैसे है, जबकि इन के घर में तो अभी कोई छोटा बच्चा भी नहीं है. फिर भी घर का सारा सामान इधरउधर फैला है. जब नमिता किचन में गई तो वहां की हालत देख उस से रहा नहीं गया.

इशिता, तुम ने घर की यह क्या हालत बना रखी है? कोई भी सामान सही जगह नहीं रखा है. ऐसे बिखरे घर में तुम कैसे रह सकती हो?इशिता ने उत्तर दिया, ‘‘यार, मैं वर्किंग वूमन हूं. मैं काम करतेकरते थक जाती हूं. मुझे अपने लिए तो वक्त मिलता नहीं है घर की साफसफाई के लिए कैसे वक्त निकालूं. मंयक भी आते ही टीवी देखने लगते हैं. घर के कामों में बिलकुल हैल्प नहीं करते हैं.’’ नमिता ने उसे समझते हुए कहा, ‘‘ऐसे घर फैला हुआ अच्छा नहीं लगता है. अगर घर में कोई आएगा तो यही कहेगा कि तुम बहुत आलसी हो. रही बात वक्त न होने की तो वक्त होता नहीं है, निकालना पड़ता है.

अगर तुम कोशिश करो तो घर और औफिस दोनों मैनेज कर सकती हो. इस बारे में मंयक से भी बात करो. उसे सम?ाओ कि तुम भी वर्किंग हो. ऐसे में तुम्हें घर और औफिस दोनों एकसाथ संभालने में प्रौब्लम हो रही है. अत: वह भी घर के कामों में तुम्हारा हाथ बंटाए.  ‘‘इस के अलावा तुम दोनों चाहो तो कोई मेड लगवा सकते हो. इस के बाद भी तुम्हें और मयंक को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जैसे घर आते ही शूज और चाबियां सही जगह रखना.‘‘इशिता तुम तो जानती हो कि घर को मैनेज करना आसान नहीं है. एक वर्किंग वूमन जब औफिस से थक कर घर आती है तो वह भी चाहती है कि वह अपने पार्टनर के साथ कुछ रोमांटिक क्षण जीए. लेकिन फैले घर में ये सब पौसिबल नहीं है.

इस के लिए घर का व्यवस्थित होना बहुत जरूरी है. घर के सही से मैनेज न होने पर अकसर कपल्स में लड़ाई झगड़े होने लगते हैं. इस से उन की रिलेशनशिप में प्रौब्लम आ जाती है जो बिलकुल सही नहीं है. इसलिए कपल्स को मिल कर घर को मैनेज करना चाहिए ताकि लोग उन की मिसाल देते न थकें.’’

पर्सनल स्पेस जरूरी 

माना कि घर को हमेशा साफसुथरा और टिपटौप रखना कोई चुटकी बजाने का काम नहीं है. एक वर्किंग वूमन के लिए तो यह और भी मुश्किल है क्योंकि उसे 2 काम करनी पड़ती हैं. एक औफिस की और दूसरी घर की. फिर भी ऐसे कुछ तरीके हैं जिन के जरीए आप घर और औफिस दोनों को अच्छे से मैनेज कर सकती हैं. आइए, जानते हैं उन तरीकों को. अगर आप न्यूली मैरिड कपल हैं और आप अपना घर किराए पर लेने जा रहे हैं तो कोशिश करें कि कम से कम आप 2 बीएचके लें. इस के कई फायदे हैं. जैसे किसी गैस्ट के आप के घर में रुकने पर आप और आप के पार्टनर को अलगअलग नहीं सोना पड़ेगा. जब एक पार्टनर को पर्सनल स्पेस चाहिए होती है तो भी 2 बीएचके का फ्लैट फायदेमंद साबित होता है.

कभीकभी कपल्स में मनमुटाव या कहें लड़ाई झगड़ा हो जाता है. इस की वजह से वे अलगअलग सोने लगते हैं. एक रूम होने पर उन में से किसी एक को हौल में सोना पड़ता है. लेकिन 2 बीएचके का फ्लैट होने से उन की यह प्रौब्लम सौल्व हो जाएगी. वहीं अगर 1 बीएचके का फ्लैट होगा तो पार्टनर सोफे पर सोएगा. ऐसे में जब आप उसे मनाने के लिए जाएंगे तो सोफे पर इतनी स्पेस नहीं होगी कि आप अपने पार्टनर के साथ लेट सकें. लेकिन दूसरे रूम में यह पौसिबल है. साथ लेटने से हो सकता है कि आप का नाराज पार्टनर अपनी नाराजगी भूल जाए.

बैडरूम है खास  बात बैडरूम की करें तो इसे पूरी तरह से रोमांटिक बनाएं. वालपेपर का कलर ऐसा हो जो आप दोनों को पसंद हो. इस बात का ध्यान रखें कि यह रोमांटिक थीम बेस हो. बैडरूम विंडो पर कर्टन जरूर हो. यह कर्टन अट्रैक्टिव होना चाहिए. रूम वालपेपर के अनुसार ही कर्टन का कलर और डिजाइन रखें.  बैडरूम में 2 तरह की लाइटिंग करें. दिन के समय नौर्मल लाइट और रात के समय रैड कलर की छोटीछोटी लाइट्स हो सकती हैं.

इन लाइट्स में रोमांस करते हुए आप को और आप के पार्टनर को ज्यादा मजा आएगा. कपल के लिए इसे बैस्ट माना जाता है. इस बात का ध्यान रखें कि बैडरूम में एक कालीन भी हो. अगर आप न्यूली मैरिड कपल हैं तो आप अपनी इंगेजमैंट, शादी या रिसैप्शन की एक बड़ी तसवीर बैडरूम में बैड के पीछे लगा दें. इस के अलावा आप अपने बैडरूम को क्यूट और रोमांटिक मूमैंट से भरे फोटो कोलाज से सजा सकती हैं जो आप को आप की लाइफ के सुनहरे पलों की याद दिलाएंगे. बैडशीट में आप वहाइट, रैड, लाइट पिंक, लाइट यलो, क्रीम या औरेंज कलर को अपना सकती हैं.

बैडरूम में वार्डरोब एक कोने में रखें. यह बैड से थोड़ा दूर होना चाहिए. इस में बने अलगअलग खानों में कपड़ों को सैट करें. लौकर में अपनी ज्वैलरी और अन्य कीमती सामान रख सकती हैं. अगर वार्डरोब में अलग से फुटवियर रखने की जगह है तो उन्हें वहां रख सकती हैं.

काली पौलिथीन है फायदेमंद

घर और बाथरूम की डस्टबिन में काली पौलिथीन का ही यूज करें ताकि उस का कूड़ा दिखाई न दे. सफेद पौलिथीन में रखा कूड़ा दिखाई देता है जो बहुत बुरा लगता है. खासकर बाथरूम में. अगर बाथरूम की डस्टबिन में सफेद पौलिथीन का प्रयोग किया जाएगा तो उस में यूज किया सैनिटरी पैड, यूज किया कंडोम भी होगा जो न सिर्फ देखने में गंदा लगेगा बल्कि यह आप का इंप्रैशन भी खराब करेगा. इसलिए डस्टबिन में हमेशा काली पौलिथीन का ही प्रयोग करना चाहिए.

अगर बात की जाए डस्टबिन में पौलिथीन का यूज ही क्यों करना है तो इस का फायदा यह है कि पौलिथीन यूज करने का फायदा यह है कि सारा कूड़ा उसी में होगा. सफाई करते वक्त सफाई कर्मचारी बस पौलिथीन को निकाल कर ले जाएगा. इस से आप को डस्टबिन को बारबार धोना नहीं पड़ेगा.

न्यूली कपल और किचन

न्यूली कपल के लिए किचन न सिर्फ खाना बनाने की जगह है बल्कि यह रोमांस की भी बढि़या जगह है. इसलिए जब भी घर लें तो किचन का भी पूरा ध्यान रखें. किचन बड़ी और हवादार होनी चाहिए. इस के अलावा यह मौड्यूलर भी होनी चाहिए. कुछ फेमस मौड्यूलर किचन डिजाइन हैं. एल शेप मौड्यूलर किचन डिजाइन, यू शेप मौड्यूलर किचन डिजाइन, पैरालल डिजाइन, आइलैंड डिजाइन और ओपन डिजाइन.मैसी किचन किसी को नहीं भाती है.

मैसी किचन का मतलब आप का मन और पेट हमेशा मैसी रहना. इसलिए किचन यूज करने के बाद सभी डब्बे और अन्य सामान सही जगह रखें. गैस स्टोव क्लीन करें. सिंक में पड़े बरतनों को धो लें. उन्हें बाद के लिए टालें नहीं. कई बार छोटीछोटी चीजें आप और आप के पार्टनर के बीच दूरियां ला सकती हैं. मैसी किचन उन्हीं में से एक है.

जैसे कभी आप का पार्टनर कुछ नए और अलग अंदाज में आप से रोमांस करना चाहता है. लेकिन मैसी किचन देख कर उस का मूड खराब हो जाता है. इस तरह मैसी किचन आप की रिलेशन के लिए बिलकुल सही नहीं है.

इस बात का भी ध्यान रखें कि ऐसे मूमैंट्स आप अपने पार्टनर के साथ तभी एंजौय कर सकते हैं जब आप उन का हाथ बंटाएंगे. इस का फायदा यह भी है कि आप का काम भी निबट जाएगा और रोमांस भी हो जाएगा. अकेले रहने का एक लाभ यह भी है कि आप को मांओं की तरह ढेरों तरह के कंटेनरों में फालतू सामान नहीं रखना होगा.

डाइनिंगटेबल को रखें क्लीन  

डाइनिंगटेबल का चयन करते वक्त आप मौडर्न सर्किल डाइनिंगटेबल, ग्लास सर्कल डाइनिंगटेबल और मार्बल सर्कल डाइनिंगटेबल को चुन सकती हैं. ये सभी आजकल बहुत ट्रैंड में हैं. डाइनिंगटेबल को हमेशा क्लीन रखें. उस पर कवर बिछा कर रखें. उस पर पानी की एक बोतल जरूर हो. इस के अलावा उस पर 2 गिलास, चम्मच का सैट, आचार, टेबल साल्ट भी हो. आप उस पर कुछ फ्रैश फ्रूट या आर्टिफिशियल फ्रूट भी रख सकती हैं. इस के अलावा डिफरैंट टाइप की सौंफ और कैंडी रखें. लगना चाहिए कि आप न्यूक्लीयर फैमिली में रहने को ऐंजौय कर रहे हैं.

हौल को रखें टिपटौप

नए कपल का घर इस तरह डिजाइन और डैकोरेट हो कि यह उन के बीच रोमांस को बढ़ाने में हैल्प करे. हौल में लगे वौलपेपर लाइट कलर के हों. यहां थ्री डी वौलपेपर एक अच्छा औपशन हैं. जैसे ट्री वौलपेपर. इस के अलावा थी ड्री इल्यूजियम वौलपेपर भी आजकल बहुत ट्रैड में है.  सोफे पर हैंडलूम या रौयल कवर लगा सकते हैं. ये लोगों का ध्यान जल्दी आकर्षित करते हैं. इस के अलावा हौल को हैंडलूम डैकोरेटेड सामान से सजा सकते हैं. वहीं स्विच बोर्ड के आसपास आप स्विच बोर्ड स्टिकर लगा सकते हैं. आप अपने हाथों की छाप छोड़ने वाला कपल ‘होल्डिंग हैंड मोल्डिंग’ भी हौल में सजा सकते हैं. लोग आप और आप के घर की तारीफ करते नहीं थकेंगे और सब की चहेती बन जाएंगी.

लाइट्स को दें रोमांटिक टच 

न्यूली कपल की लाइफ में रोमांस बहुत महत्त्वपूर्ण होता है. आप के घर में सिर्फ आप और आप का पार्टनर रहता है. इसलिए आप के पास रोमांस की कई जगहें हैं जैसे लिविंगरूम, किचन, बैडरूम, बाथरूम.अगर आप लिविंगरूम में रोमांस करना चाहती हैं तो आप को वहां की डैकोरेशन से ले कर लाइटिंग तक का ख्याल रखना होगा. लिविंगरूम में सोफा, काउच, टीवी, बुक शैल्फ, टेबल होनी जरूरी है. सोफे के पास एक कालीन भी बिछा होना चाहिए. डैकोरेशन के लिए छोटेछोटे एंटीकपीस, फलास्क रखे जा सकते हैं. इस बात का खास ध्यान रखें कि इन सभी चीजों की समयसमय पर सफाई करते रहें. इस के लिए वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल  किया जा सकता है.

अगर बात करें लाइट की तो काम करते समय नौर्मल लाइट रखें. वहीं रोमांस करते टाइम या मूवी देखते हुए रैड और ब्लू कलर की डिम लाइट का यूज किया जा सकता है. यह न सिर्फ आप के रोमांस को बेहतर बनाएगी बल्कि आप की चौइस की तारीफ भी चारों ओर होगी.

रूम फ्रैशनैस का करें यूज 

न्यूली कपल के घर में रूम फ्रैशनैस का इस्तेमाल ऐसे हैं जैसे दाल में तड़का लगा कर उस की खूबसूरती बढ़ाना. आप अपने घर में रूम फ्रैशनैस स्प्रे रखें. अगर आप एक वर्किंग वूमन हैं और आप के पास बारबार स्पे्र करने का समय नहीं है तो आप रूम फ्रैशनैस मशीन की हैल्प भी ले सकती हैं. मार्केट में ऐसी बहुत सी रूम फ्रैशनैस की मशीनें मिलती हैं जैसे गोदरेज, एअर विक्क, रूबरू, पार्क ऐवैन्यू, रोजमूर, मंगलम कैमप्योर, मीनीसो और ओडौनिल. इस में कई फ्लेवर आते हैं जैसे जैस्मीन, रोज, सनफ्लौवर, लैवेंडर. इस का फायदा यह है कि जब कभी भी आप या आप के गैस्ट घर में ऐंट्री करें तो उन का वैलकम भीनीभीनी खुशबू के साथ हो न कि उदासीनता के साथ.

सलीके से रखें चीजें एक घर की खूबसूरती सिर्फ उस घर की बनावट में नहीं है बल्कि उस घर की चीजों को सलीके से रखने में भी है. ऐसा कई बार होता है कि जल्दीजल्दी में बाहर जाने के लिए हम अपनी चीजों को इधरउधर रख कर या कहें छोड़ कर चले जाते हैं.

वापस आने पर इतने थके होते है कि चीजों को समेटने तक की भी हिम्मत नहीं होती है. हम थक कर सो जाते हैं. अत: जब भी बाहर जाएं तो अपने सारे सामान को सही जगह पर रख कर जाएं ताकि जब आप को वह सामान चाहिए हो आसानी से मिल जाए. आप को इस के लिए परेशान न होना पड़े.

कई लोगों की आदत होती है कि वे नहा कर गीला टौवेल बैड पर ही छोड़ देते हैं जो बुरी आदत है. ऐसी कुछ लड़कियां भी होती है जो बाल पोंछने के बाद टौवेल बैड पर ही छोड़ देती हैं. ऐसा करना गलत होता है. बालों को पोंछने के बाद टौवेल को सूखने डाल देना चाहिए और बाल सूखाने के लिए ड्रायर का प्रयोग करें. आप दोनों पार्टनर को अपनीअपनी चीजें इस्तेमाल करने के बाद उन्हें सही जगह रखना चाहिए.

जरूरी है शूरैक

न्यूली कपल के पास कपड़ों के कलैक्शन के हिसाब से शू और स्लीपर होते हैं. अगर बात की जाए लड़कियों के स्लीपर की तो इन की संख्या ज्यादा होती है. इन्हें रखने के लिए स्पेस भी ज्यादा चाहिए होती है.  मार्केट में डिफरैंट टाइप के शूरैक आते हैं. जैसे लकड़ी, प्लास्टिक और मैटल के शूरैक.अगर आप अपने घर को साफसुथरा और चमकदार बनाना चाहती हैं तो घर में ऐंटर होने से पहले घर के मेन गेट के बाहर डोरमैट जरूर रखें ताकि घर में आने वाले लोग  पहले अपने शूज में लगी गंदगी को वहां साफ कर सकें.

हैंड टौवेल की इंपौर्टैंस

कई बार तब तकलीफदेहज मूमैंट हो जाता है जब खाना खाने के बाद रौस्ट हाथ धोने के बाद उन्हें पोंछने के लिए इधरउधर हैंड टौवेल ढूंढ़ने लगते हैं. लेकिन वहां कहीं हैंड टौवेल नहीं होता. ऐसे में गैस्ट कुछ बोल नहीं पाते. वहीं इन्वाइट करने वाला कपल अपमानित फील करता है. इसलिए वाशरूम और बाथरूम के बाहर हैंड टौवेल जरूर रखें.  इस के अलावा वाशबेसिन के पास भी एक हैंड टौवेल जरूर रखें ताकि किचन का काम करने के बाद हाथ धोने के बाद पोंछ सकें. हैंड टौवेल साफ रहने चाहिए.

वाशरूम रहे क्लीन 

सोचो क्या हो जब गैस्ट ने आप के घर की साफसफाई और देखरेख की तारीफ की हो, लेकिन वाशरूम में जाते ही सिर को चकरा देने वाली बदबू से जब उन का सामना हुआ तो उन्हें लगा जैसे उन्होंने तारीफ कर के गलती कर दी हो. इस तरह की शर्मिंदगी से बचने के लिए वाशरूम क साफ किया जाना बहुत जरूरी है. यह नहीं भूला जाना चाहिए कि न्यूली कपल के लिए वाशरूम सिर्फ नहाने के लिए ही नहीं होता बल्कि यह रोमांस की भी एक जगह है. इसलिए यहां हाइजीन का खास खयाल रखना चाहिए. हाइजीन के लिए कपल अलगअलग टावल का यूज कर सकते हैं.

शावर न्यू स्टाइल के होने चाहिए. खुशबू के लिए रूम फै्रशनर या ओडोनील का इस्तेमाल किया जा सकता है. बाथ ऐक्सैसरीज भी होनी चाहिए. अगर आप का वाशरूम और बाथरूम एकसाथ हैं तो स्मैल होने के ज्यादा चांस होते हैं. इस स्मैल को खत्म करने के लिए टौयलेट फ्लश टैंक में टौयलेट बाउल क्लीनर डाल सकते हैं. वाशरूम में एक डस्टबिन भी होनी चाहिए जिस में काली पौलिथीन लगी हो.

जरूरी है मैट  

बड़ीबड़ी चीजों के चक्कर में हम हमेशा छोटी चीजों को भूल जाते हैं. मैट उन्हीं में से एक चीज है. कई बार हमारे स्लीपर और शूज में धूलमिट्टी लगी होती है. यह मिट्टी मैट न होने के कारण हमारे साथसाथ घर में आ जाती है. इसलिए घर के हर दरवाजे पर एक मैट होना बहुत जरूरी है ताकि पैरों में लगी गंदगी घर के अंदर न आए.न्यूली कपल अपनी रिलेशनशिप को ऐंजौय करना चाहते हैं, लेकिन फैला हुआ घर देख कर पार्टनर करीब आने की जगह दूरदूर भागने लगता है. पार्टनर को करीब लाने के लिए आप को थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी.

इस के लिए सब से पहले आप फैले घर को व्यवस्थित कर लें. उस के बाद अपने रिश्ते को.लेकिन इस बात का खास ध्यान रखें कि घर समेटतेसमेटते आप का रिलेशन बिखर न जाए. आप घर और औफिस दोनों को मैनेज कर सकती हैं. इस में अपने पार्टनर की हैल्प भी लें. कुछ चीजों को खरीदने में आप को लग सकता है कि आप का बजट गड़बड़ा रहा है पर बाद में जब सुकून मिलने लगेगा तो यह सही इनवैस्टमैंट ही लगेगी.

जिस के साथ बौंडिंग उसी के साथ शौपिंग

कावेरी अपनी शादी पक्की होने के बाद से ही बहुत एक्साइटेड थी. इस दिन के लिए उस ने बहुत सारे सपने देखे थे. वह चाहती थी कि यह उस की जिंदगी का ऐसा दिन हो जो जिंदगी भर के लिए एक यादगार बन जाए.

कावेरी सब भाई बहनों में सब से छोटी और सब से लाडली है. उस के मातापिता ही नहीं बल्कि परिवार का हर सदस्य उस की शादी में खुल कर पैसे खर्च करने वाला था. आर्थिक रूप से उस का परिवार काफी संपन्न है. लिहाजा कावेरी की शादी की शौपिंग लिस्ट भी काफी लंबीचौड़ी बनी थी.

अपनी सहेलियों की और बड़ी बहनों की शादियों में कावेरी ने जैसे लकदख कपड़े, जेवर, मेकअप, सजावट, संगीत और रौनकें देखी थीं, अपनी शादी में वह उन सब से अच्छा, कुछ हट कर, कुछ यूनीक चाहती थी. शादी के लहंगे से ले कर मेंहदी और मेकअप आर्टिस्ट तक सैकड़ों चीजें उसे तय करनी थीं, लेकिन वह चाहती थी कि अपनी सारी शौपिंग किसी ऐसे के साथ करे, जिस से उस का मिजाज और चौइस मिलती हो.

जो उस के नजरिए को समझता हो, जो ट्रेडिशनल के साथसाथ लेटैस्ट फैशन की समझ रखता हो क्योंकि साडि़यों, लहंगों और कुछ भारी काम के सलवारसूट के अलावा कावेरी को वैस्टर्न स्टाइल और लेटैस्ट डिजाइन के आउटफिट्स भी लेने थे, जिन्हें वह हनीमून पर और फ्रैंड्स बगैरा के घर पर पार्टी आदि में पहन सके. अब हर जगह तो भारी सूट या साड़ी वह नहीं पहन सकती है.

शौपिंग में साथ की जरूरत

इस के साथ ही अपने कपड़ों से मिलतेजुलते सैंडल्स व बैग भी उसे लेने थे. फिर लेटैस्ट डिजाइन के अंडरगारमैंट्स, नाइटी, चूडि़यां, कौस्मैटिक्स की तो काफी लंबी लिस्ट थी. कावेरी इन तमाम चीजों की शौपिंग अपनी मां अथवा चाची या मामी के साथ नहीं बल्कि किसी हमउम्र के साथ करना चाहती थी.

कावेरी ने शौपिंग के लिए जो लिस्ट बनाई उस में आइटम्स के हिसाब से उस ने तीन कैटेगरी बनाई. शादी के लहंगे, कपड़े, लौंजरी, नाइटी, फुटवियर, बैग, कौस्मैटिक्स जैसी चीजों की खरीदारी के लिए उस ने अपनी बचपन की सहेली रत्ना को फोन किया.

दरअसल, कावेरी की आदत है कि वह एक चीज के लिए कई दुकानें देखती है. किसी एक जगह उसे चीज पसंद नहीं आती है. रत्ना और कावेरी स्कूल टाइम में खूब घूमती थीं. 1-1 चीज के लिए कईकई दुकानें देखती थीं. दुकानदार से खूब मोलभाव करती थीं. दोनों को एकदूसरे का साथ पसंद था. दोनों के बीच बढि़या ट्यूनिंग थी. दिनभर हाथ में हाथ डाले घूमतीं और थकान का नामोनिशान नहीं. कावेरी को उस वक्त किसी ऐसे का साथ चाहिए था जो दिनभर उस के साथ मार्केट में घूम सके.

ताकि कोई पछतावा न हो

शादी की शौपिंग करते वक्त ज्यादातर लड़कियां जो गलती करती हैं वह है शादी के बाद के लिए सारे हेवी आउटफिट्स खरीदने की. कावेरी की बहनों और कुछ सहेलियों ने अपनी शादी के वक्त काफी हैवी साडि़यां और सूट खरीदे मगर शादी के 1 महीने के बाद ही उन तमाम हैवी सूट्स और साडि़यों का कोई इस्तेमाल नहीं रहा.

वे आउट औफ फैशन हो गए. इसलिए अपनी शादी में कावेरी बहुत सारे हैवी आउटफिट्स खरीदने की जगह कुछ अलगअलग पैटर्न और डिजाइन के हैवी दुपट्टे और हैवी ब्लाउज भी लेना चाहती थी जो बाद में प्लेन सूट्स और साडि़यों के साथ मैच किए जा सकें, जिन्हें अलगअलग चीजों के साथ अलगअलग तरीकों से स्टाइल किया जा सके.

मगर कावेरी का यह पौइंट औफ व्यू उस की मम्मी या उन की उम्र की औरतें नहीं समझ सकेंगी, यह उसे पता था. इस के लिए उसे अपनी सहेली रत्ना पर भरोसा था.

शादी में दुलहन को पहनाए जाने वाले जेवर और दूल्हे को दी जाने वाली चेन, अंगूठी जैसी चीजें सब से ऐक्सपैंसिव आइटम्स होती है. इन्हें सहेली के साथ नहीं बल्कि परिवार के सदस्यों के साथ ही खरीदा जाता है. कावेरी का परिवार सोने और हीरे के जेवर के लिए सिर्फ लाला जुगल किशोर ज्वैलर्स पर ही भरोसा करता है. शादी में क्व15-20 लाख के गहनों की खरीदारी होनी थी तो उस के लिए कावेरी को अपने मातापिता और बड़ी बहन के साथ जाना ठीक लगा. उन्हें गहनों की परख थी.

कावेरी से बड़ी दोनों बहनों और दोनों भाभियों के गहनों की खरीदारी उस के मातापिता ने ही की थी. उन की पसंद सभी को पसंद आई थी. सभी गहने नई डिजाइनों से बहुत आकर्षक थे.

भारतीय शादियों में दुलहन के घर वालों की पूरी कोशिश रहती है कि वे अपनी बेटी को अच्छी से अच्छी और हैवी से हैवी ज्वैलरी शादी में दें, जिस से उस की ससुराल में उस की तारीफ हो और समाज में उन के परिवार का स्टेटस बना रहे. मगर स्टेटस मैंटेन करने के चक्कर में अकसर प्रैक्टिकल होना भूल जाते हैं.

स्टेटस का चक्कर

कावेरी जानती थी कि शादी की हैवी ज्वैलरी को शादी के बाद दोबारा पहनने के बहुत ही कम मौके मिलते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए वह 1-2 हैवी सैट के साथ 4-5 हलके सैट या अलगअलग पीसेज लेना चाहती थी जिन्हें वह अलगअलग आउटफिट्स के साथ और कई तरीकों से स्टाइल कर सके. उस ने अपनी मां से कहा कि वे उस के लिए सिर्फ गोल्ड या डायमंड ज्वैलरी में इन्वैस्ट न करें बल्कि सिलवर और जंक ज्वैलरी भी लें.

हालांकि यह बात उस की मां को कुछ जमी नहीं, मगर बेटी की पसंद को देखते हुए उन्होंने कुछ हलके सैट के लिए हामी भर दी. कावेरी खुश थी कि उस की पसंद के अनुरूप ज्वैलरी की खरीदारी हो गई.

तीसरी कैटेगरी लकड़ी का फर्नीचर जैसे पलंग, गद्दे, चादरें, सोफा सैट, अलमारी, ड्रैसिंग टेबल और कावेरी की अपनी चीजें रख कर ले जाने के लिए सूटकेस और लगेज बैग की थी. इस के अलावा दूल्हे के कपड़े और दूल्हे के परिवार को दिए जाने वाले गिफ्ट भी खरीदे जाने थे.

ये सब भी कावेरी की पसंद से लिए जाने थे जिस के लिए उसे अपने दोनों बड़े भाइयों के साथ जाना ठीक लगा. उन्हें इस सामान की दुकानों की भी जानकारी थी और रेट्स की भी.

एक त्योहार की तरह

लड़कों के मुकाबले लड़कियों की शादी की शौपिंग एक बहुत ही हैक्टिक और स्ट्रैसफुल काम है.शादी की शौपिंग बहुत सोचसमझकर और सही प्लानिंग के साथ हो तो सारा पैसा वसूल हो जाता है वरना शादी के हफ्ते 2 हफ्ते बाद ही खरीदी गई चीजें बेकार महसूस होने लगती हैं और लगता है सारा पैसा व्यर्थ चला गया. इसलिए शादी के बाद के लिए एवरग्रीन और वर्सटाइल दिखने के साथसाथ कंफर्ट जैसी चीजों का विशेष ध्यान रखते हुए ही खरीदारी की जानी चाहिए.

नौकरीपेशा लड़कियां शादी के बाद हर वक्त क्रिसमस ट्री की तरह सजीधजी या जगमगाती नहीं दिखना चाहती हैं खासतौर से औफिस में. वे तो चंद रोज बाद ही हैवी गहने और भारी काम वाली साडि़यां पहनना छोड़ देती हैं. ये महंगी चीजें फिर हमेशा के लिए उन की अलमारी में ही बंद हो कर रह जाती हैं.

आज लड़कियां सोचती हैं कि शादी की खरीदारी ऐसी हो कि हैवी आउटफिट्स और चमचमाते गहनों के बिना भी न्यूली मैरिड लुक पाया जा सके. मगर घर के बुजुर्ग इन बातों को समझ नहीं पाते हैं इसलिए ‘गृहशोभा’ की राय तो यही है कि शादी की शौपिंग उस के साथ करें जिस के साथ आप की बढि़या ट्यूनिंग हो, जो आप की पसंद और आप की जरूरत को अच्छी तरह समझता हो. वह आप की सहेली भी हो सकती है और आप की बहन भी.               –

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