मैं 21 वर्षीय युवती हूं और चाहती हूं कि मेरे बाल लंबे हो जाएं. अत: कुछ प्रभावी घरेलू नुसखे बताएं ताकि मैं अपनी इस इच्छा को पूरा कर सकूं?
किसी भी स्त्री के बालों की लंबाई बहुत हद तक उस के जींस पर निर्भर करती है. कुछ महिलाओं में यह जेनेटिक गुण होता है कि उन के बाल सालोंसाल बढ़ते रहते हैं और घुटनों से नीचे तक पहुंच जाते हैं. ठीक इस के विपरीत कुछ महिलाओं में बालों के बढ़ने का चरण बहुत छोटा होता है, जिस से उन्हें यह लगता है कि उन के बाल सदा झड़ते रहते हैं. इस स्वभावगत ग्रंथि से मुक्त हो पाना न तो किसी के हाथ में है और न ही किसी केश तेल, औषध या फिर वनस्पति से संभव है. यदि किसी परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी लंबे बाल होते आए हैं, तो इस का श्रेय उन के जींस को जाता है न कि किसी खास तेल को, जो संयोग से उस परिवार में इस्तेमाल होता रहा है. बाल धोने और कंघी करने पर 5, 10 या 15 बालों का गिरना मन को शंकित कर देता है कि शायद बालों की तंदुरुस्ती ठीक नहीं है. यह चिंता बिलकुल अनावश्यक है, क्योंकि एक सामान्य महिला के 1 दिन में 20 से 100 बाल तक झड़ सकते हैं. यह सच जान लेने के बाद बालों की साजसंभाल के निम्न मूलमंत्र जीवन में उतार लेने जरूरी हैं:
बालों को साफसुथरा रखें: बालों को धोने के लिए सामान्य शैंपू, साबुन, शिकाकाई, रीठा या सिरका काम में ला सकती हैं. इन में कार्बनिक अम्ल होते हैं, जो बालों पर चिपके मैल को हटाने में मदद करते हैं. मुलतानी मिट्टी या दही में बेसन घोल कर उस से बाल धोना भी उपयोगी रहता है. साफ रहने पर बाल सुंदर तो दिखते ही हैं, उन की चमक भी बनी रहती है. अत: बालों को हफ्ते में 2-3 बार धोने का नियम बना लें, लेकिन अगर बीच में भी बालों में मैल नजर आए तो उन्हें धोने में कोताही न बरतें. जब भी बाल धोएं ध्यान रखें कि शैंपू या साबुन बालों में न रहे. सिर पर खूब पानी डाल कर बालों को अच्छी तरह धो लें. शैंपुओं की सचाई: शैंपू विक्रेता कंपनियां अकसर यह संदेश देती रहती हैं कि बालों में पोषक तत्त्वों से युक्त शैंपू, प्राकृतिक पदार्थ जैसे बेसन, अंडा, नीबू, हलदी, हरे फल, वनस्पतियां इत्यादि लगाने से बालों को मजबूती मिलती है. लेकिन सचाई यह है कि बाल की आवरण परत एक ऐसे पदार्थ से बनी होती है, जो किसी भी पोषक तत्त्व को बाल के भीतर नहीं पहुंचने देता. अत: बालों को धोने के लिए किसी प्रोटीन या विटामिन और पोषक तत्त्वों से भरपूर महंगे शैंपू का प्रयोग निरर्थक है. सौंदर्य विशेषज्ञ चाहे इस मत से सहमत न हों, लेकिन सच यही है कि बाल केराटिन नामक अगम्य पदार्थ से बने होते हैं. उन का उगना भी पूरी तौर पर उन की उस जड़ पर ही निर्भर करता है, जो त्वचा में दबी होती है. बाल सुखाने में हड़बड़ी ठीक नहीं: अगर बालों को सुखाने के लिए हेयरड्रायर इस्तेमाल में लाएं तो जल्दबाजी के चक्कर में इसे कदापि ऊंचे तापमान पर सैट न करें, क्योंकि ऊंचे तापमान पर बाल जल जाते हैं और उन की चमक नष्ट हो जाती है. चंपी में हैं बड़ेबड़े गुण: सिर की मालिश से सिर की त्वचा की रक्तवाहिकाओं में खून का दौरा बढ़ जाता है, जिस से बालों की जड़ों को मजबूती मिलती है.
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मैं 23 साल की युवती हूं. मुझे लगता है कि मेरी वैजाइना की लंबाई कम है, जिस कारण मैं अपने पार्टनर के साथ और्गैज्म का सुख नहीं हासिल कर पाती. मुझे क्या करना चाहिए? क्या इस समस्या का कोई इलाज संभव है?
आप अनावश्यक चिंता में डूबी हैं. स्त्री चाहे लंबी हो या छोटी, वयस्क उम्र में पहुंचने पर उस की वैजाइना की कुल लंबाई आमतौर पर साढ़े तीन-चार इंच ही होती है. शारीरिक कदकाठी, वजन, जेनेटिक पृष्ठभूमि का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. सच तो यह है कि भगमुख से गर्भाशय तक फैली वैजाइना बहुत कुछ एक गुफा के समान होती है, जिस का नीचे का हिस्सा संकीर्ण और ऊपर की तरफ जाने वाला हिस्सा फैला हुआ होता है. यों भी और्गैज्म का वैजाइना की लंबाई से कोई संबंध नहीं होता. समागम के समय क्लाइटोरिस की भागेदारी चरमसुख प्राप्ति के लिए आवश्यक होती है, जिस के लिए आप के पार्टनर और आप को सैक्स तकनीक में परिवर्तन लाने की जरूरत है. दूसरी खास बात यह है कि वैजाइना में पाया जाने वाला विशेष नाड़ी उत्तेजना केंद्र जी स्पौट भी वैजाइना के शुरू के हिस्से में ही होता है. अच्छा होगा कि आप सैक्स तकनीक से संबंधित पुस्तकें पढ़ कर उन का फायदा उठाएं.
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मैं 17 साल की किशोरी हूं. मेरे दाहिने स्तन का निपल धंसा हुआ है. कोई ऐसा हल बताएं जिस से कि वह बाएं स्तन के निपल की तरह नौर्मल हो जाए?
किशोर मन में ब्रैस्ट के विकास के बारे में तरहतरह की शंकाएं और चिंताएं उठना आम बात है. कभीकभी तो सब कुछ ठीकठाक होता है, लेकिन शरीर में हो रहे नित नएनए परिवर्तनों को देख कर मन विचलित हो जाता है. कुछ मामलों में समस्या वास्तविक भी होती है. शारीरिक विकास के समय स्तन और निपल के विकास में अंतर रह जाने से निपल दबा रह जाता है. डाक्टर इसे रिट्रैक्शन औफ द निपल कहते हैं. युवा उम्र में इस समस्या का इलाज एक आसान से व्यायाम से किया जा सकता है. अपने अंगूठे और उंगली के बीच निपल को बाहर निकालने की कोशिश करें. इस क्रिया को कई बार दोहराएं. नियम से 3 हफ्तों तक सुबहशाम यह क्रिया करने से यह समस्या दूर हो जाएगी. अगर किसी कारणवश इस से सुधार न हो तो किसी सर्जन से मिलें. ध्यान रखें कि लापरवाही बरतना ठीक नहीं होगा वरना जीवन में आगे चल कर मां का फर्ज पूरा करते समय परेशानी खड़ी हो सकती है. बच्चे को दूध पीने में तो दिक्कत आएगी ही, निपल में जख्म होने और स्तन में फोड़ा बनने का डर रहेगा.