बालों की सुरक्षा के लिए आप समय समय पर इन्हें जरूरी ट्रीटमैंट देती रहती हैं. इन्हीं ट्रीटमैंट्स में एक है, हेयर कंडीशनिंग. घरेलू नुसखों के साथ साथ बाजार में कई कंडीशनर भी उपलब्ध हैं, जो हर प्रकार के बालों के लिए बनाए गए हैं. मगर इन का चुनाव सावधानी के साथ करना चाहिए वरना इन का विपरीत प्रभाव बालों की सेहत को बिगाड़ भी सकता है.

अकसर महिलाएं इस बात को नजरअंदाज कर शैंपू और कंडीशनर की आकर्षक पैकिंग और उन के विज्ञापनों पर ही गौर करती हैं. कंडीशनर में मौजूद इनग्रीडिएंट्स उन के लिए महत्त्व नहीं रखते. जबकि सब से पहले किसी भी प्रोडक्ट पर दिए गए निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ लेना बहुत जरूरी होता है.

एक अध्ययन के मुताबिक 70% महिलाओं को पता ही नहीं होता कि कंडीशनर का इस्तेमाल क्यों किया जाता है. वे तो बस इसे एक प्रक्रिया के तौर पर बालों में लगा लेती हैं, तो कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जो हर बार शैंपू और कंडीशनर बदल लेती हैं. ऐसे में बालों का खराब होना तय होता है.

इन में से कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें कंडीशनर के इस्तेमाल करने का ढंग और उस के फायदों के बारे में तो पता होता है, लेकिन यह पता नहीं होता है कि उन के बालों के टैक्स्चर पर कौन सा हेयर कंडीशनर फायदेमंद साबित होगा.

आइए, जानें कि किस तरह बालों के टैक्स्चर को समझ कर उन पर कौन सा कंडीशनर लगाना चाहिए.

पतले और महीन बाल

बालों के पतले होने के 2 कारण हो सकते हैं, या तो बालों को सही ट्रीटमैंट नहीं दिया जा रहा है या फिर आनुवंशिकता की वजह से भी बालों का टैक्स्चर महीन हो सकता है. लेकिन इन्हें सही ट्रीटमैंट के जरीए कुछ हद तक दुरुस्त किया जा सकता है. खासतौर पर हलके और वौल्यूमाइजिंग फौर्मूला बेस्ड कंडीशनर ऐसे बालों के लिए सब से अच्छा विकल्प साबित होते हैं.

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दरअसल, ऐसे बालों को भारीपन के साथ ही चमक की भी जरूरत होती है और इस के लिए जरूरी है कि बालों में नमी रहे. लेकिन ऐसे बालों के लिए कंडीशनर चुनते वक्त यह जरूर देख लें कि उस में बायोटिन, कैफीन, पैंथेनोल और अमोनिया ऐसिड जैसे तत्त्वों का इस्तेमाल न किया गया हो. साथ ही, ऐसे बालों पर कंडीशनर को क्राउन एरिया पर लगने से बचाना चाहिए और जड़ों से लगभग 2 इंच बाल छोड़कर कंडीशनर लगाना चाहिए.

नौर्मल एवं मीडियम बाल

ऐसे बालों को मैंटेन रखने के लिए हाईड्रेशन लैवल में संतुलन बनाए रखना जरूरी है. अच्छी बात है कि आप के बाल शाइनी और हैल्दी हैं, लेकिन उन की इस खूबी को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि उन्हें जरूरी ट्रीटमैंट मिलता रहे. ऐसे बालों के लिए विटामिन ए, सी और ई युक्त कंडीशनर का इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही यूकलिप्टस और व्हीट प्रोटीन वाले कंडीशनर भी ऐसे बालों में नमी बनाए रखते हैं.

घुंघराले बाल

घुंघराले बालों में मौइश्चराइजिंग कंडीशनर ही लगाना चाहिए. ऐसे कंडीशनर बालों को शाइनिंग देते हैं और पोषण भी. ऐसे बालों के लिए कंडीशनर का चुनाव करते वक्त यह जरूर देख लें कि उस में शामिल सामग्री में प्रोटीन जरूर हो. इस के अतिरिक्त ऐसे बालों में शीया बटर, औलिव औयल और ग्लिसरीन युक्त कंडीशनर भी फायदेमंद साबित होते हैं. ये बालों में हाईड्रेशन और इलास्टिसिटी को भी बनाए रखते हैं.

मोटे बाल

यदि बाल मोटे और कड़े टैक्स्चर वाले हैं तो सब से पहले उन्हें मुलायम बनाया जाए, जिस के लिए कंडीशनर में ऐवोकाडो का तेल और सोया मिल्क जैसे इनग्रीडिएंट्स का शामिल होना बेहद जरूरी है. यह ऐसे बालों को भारी और सिल्की बनाएगा और साथ ही वौल्यूम को भी स्मूद करेगा.

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औयली बाल

वैज्ञानिक तौर पर जिन की स्कैल्प ड्राई होती है उन के बाल औयली होते हैं. दरअसल, ड्राईनैस की वजह से स्कैल्प पर मौजूद औयल ग्लैंड तेल निकालना शुरू कर देती है, जिस से बाल ग्रीसी दिखने लगते हैं. कई महिलाएं बाल औयली होने की वजह से कंडीशनर को नजरअंदाज करने लगती हैं. लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. ऐसे बालों में कंडीशनर को बालों के निचले हिस्से में लगाना चाहिए और वह भी स्प्रिंग की तरह बालों को घुमाघुमा कर कंडीशनर लगाने से फायदा होता है.

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