चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में चेतावनी देने वाले आठ व्हिसलब्लोअर में सबसे पहले एक 34 वर्षीय चीनी डॉक्टर ली वेनलियांग थे, जिन्होंने 30 दिसंबर 2019 को ही अपने साथी डॉक्टरों को कोरोना के बेहद खतरनाक होने से आगाह कर दिया था. चीनी मैसेजिंग ऐप वीचैट पर उन्होंने अपने साथियों को बताया था कि वुहान के स्थानीय सी फूड बाजार से आए सात मरीजों का सार्स जैसे संक्रमण का इलाज किया जा रहा है,जिसके लिए उन्हें अस्पताल के पृथक वार्ड में रखा गया है. डॉ वेनलियांग की यह बातचीत कुछ घंटे में ही वायरल हो गयी,जिस पर पुलिस ने उन्हें अफवाह फैलाने वाला करार देकर प्रताड़ित किया. अंततः 6 फरवरी 2020 को डॉ वेनलियांग खुद भी इसी से मर गए.अगर शी जिनपिंग की सरकार ने  एक योग्य डॉ पर भरोसा किया होता और बीमारी को छिपाने की बजाय इस पर काबू पाने के लिए दुनिया से मदद ली होती तो आज दुनिया की यह स्थिति न होती.

अमरीका में 25 मार्च 2020 की सुबह तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 55000 मामले सामने आ चुके थे और 775 लोगों की मौत हो चुकी थी.डब्लूएचओ ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस का अगला बड़ा पड़ाव अमरीका हो सकता है.तमाम मेडिकल विशेषज्ञ घबराए हुए हैं .बावजूद इस सबके अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमरीका में लॉक डाउन के पक्षधर नहीं हैं.उनका कहना है जल्द ही सब सही हो जाएगा.उन्हीं के शब्दों में, "ईस्टर मेरे लिए बहुत ख़ास दिन होता है. उस दिन आप देखेंगे कि पूरे देश में चर्च पूरी तरह भरे होंगे." गौरतलब है कि ईस्टर आगामी 12 अप्रैल को है.

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