अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी की फिल्म बागबान को इस सप्ताह 20 साल हो गए है. रवि चोपड़ा द्वारा निर्देशित यह फिल्म 3 अक्टूबर 2003 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. एक पारिवारिक ड्रामा, जो मेलोड्रामा के साथ बूढ़े माता-पिता की दुर्दशा पर ध्यान केंद्रित करती है,

इस फिल्म को दर्शकों ने खूब पसंद किया था और यह आज भी लोकप्रिय बनी हुई है. जहां हेमा और अमिताभ के बीच की केमिस्ट्री को सराहना मिली और सलमान खान ने अपने कैमियो से दर्शकों का दिल जीत लिया, वहीं इस फिल्म में चार युवा एक्टर्स - अमन वर्मा, समीर सोनी, साहिल चड्ढा और नासिर खान को "नालायक बेटे" बना दिया.

बागबान को हुए 20 साल

जैसा कि इस फिल्म के निर्देशक बागबान के 20 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं वहीं अमन, समीर, साहिल और नासिर ने खुलकर बताया कि अक्टूबर 2003 में फिल्म रिलीज होने के बाद उनका जीवन कैसे बदल गया और कैसे बुजुर्ग लोग अभी भी उन्हें अपने माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार करने और उन्हें पालने तक अलग करने के लिए डांटते हैं. इस फिल्म में सलमान द्वारा निभाया गया किरदार बेटा अमन उनके बचाव में आया था.

अमन वर्मा ने अजय नाम के बेटे का किरदार निभाया

अमन वर्मा को यकीन नहीं हो रहा कि बागबान को रिलीज हुए 20 साल हो गए हैं. वह कहते हैं, ''मैं 1996 में मुंबई आया और 4-5 साल में बागबान मूवी की. फिल्म से पहले मैंने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' और 'खुल जा सिम सिम' जैसे तमाम टीवी सीरियल में काम किया था. जब तक मुझे बागबान नहीं मिला था, मैं कुछ हद तक संघर्ष कर रहा था. इस फिल्म ने सभी के करियर पर गहरा प्रभाव डाला. "मेरी मखना" और "होली खेले" गाने अभी भी शादियों और त्योहारों पर बजाए जाते हैं जब मैं आसपास होता हूं.

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