कभी एक्शन स्टार व खिलाड़ी कुमार के रूप में मशहूर रहे अक्षय कुमार पिछले कुछ सालों से लगातार उन फिल्मों को तवज्जो दे रहे हैं, जो बेहतरीन कहानी व संदेश परक होने के साथ ही नारी सशक्तिकरण की भी बात करती हैं. इन दिनों अक्षय कुमार फिल्म ‘‘मिशन मंगल’’को लेकर चर्चा में हैं. 15 अगस्त को प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘मिशन मंगल’’की कहानी 5 नवंबर 2013 को ‘‘इसरो’’ की पांच महिला वैज्ञानिकों के अथक प्रयास से मंगल ग्रह पर भेजे गए मंगलयान से प्रेरित है. अक्षय कुमार इस फिल्म के निर्माता होने के साथ साथ विद्या बालन,तापसी पन्नू,सोनाक्षी सिन्हा,कीर्ति कुल्हारी व नित्या मोहन के साथ अभिनय भी किया है.  हाल ही में अक्षय कुमार से उनके आफिस में एक्सक्लूसिव बातचीत हुई,जो कि इस प्रकार रही....

फिल्म ‘‘केसरी’’ के बाद अब ‘‘मिशन मंगल’’ की है. इनमें आप क्या अंतर देखते हैं?

-दोनों फिल्मों की कहानी अलग है. दोनों में एक ही समानता है कि इनके किरदार देश के लिए काम करते हैं. फिल्म ‘केसरी’ का नायक आर्मी से जुड़ा है. इसकी कहानी उन 21 सिखों की है, जिन्होंने दस हजार अफगानी सैनिकों, जो कि आततायी थे, हमारे देश के दुश्मन थे से युद्ध करते हुए देश की सुरक्षा की थी.  जबकि फिल्म ‘‘मिशन मंगल’’ पांच औरतों की कहानी है, जो कि वैज्ञानिक हैं. फिल्म ‘केसरी’ के सिखों ने देश की जमीन को सुरक्षित रखने के लिए लड़ा था. तो ‘मिशन मंगल’ की पांच वैज्ञानिक औरतें अंतरिक्ष में पहुंचाने की लड़ाई लड़ती हैं और यान को अंतरिक्ष में पहुंचाने में सफल होती है. दोनों फिल्मों की कहानियां अलग हैं. दोनों के कालखंड अलग हैं. ‘केसरी’ का कालखंड 1897, तो ‘मिशन मंगल’ 5 नवंबर 2013 है. हां! मेरी नजर में दोनों के बीच समनता सिर्फ सिर्फ यह है कि दोनों यथार्थप्रद कहानियां हैं, सत्यघटनाक्रम की कहानियां हैं.

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