सोशल मीडिया पर महिला हिंसा के खिलाफ एक कैंपेन चला. पूरी दुनिया में चले इस कैंपेन का नाम था #MeToo. जिसने पूरी दुनिया की महिलाओं को साथ ला खड़ा कर दिया. इस कैंपेन का असर इतना हुआ कि हाल ही में प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने #MeToo को 2017 का अपना ‘पर्सन आफ द ईयर’ चुना. टाइम ने प्रतिष्ठित सामाजिक लोगों द्वारा अतीत में किये गये यौन प्रताड़ना, यौन हमला और बलात्कार आदि का खुलासा करने के लिए सामने आयी महिलाओं को 'साइलेंस ब्रेकर्स' का दर्जा दिया.

उल्लेखनीय है कि कई प्रतिष्ठित अभिनेत्रियों ने इस अभियान के जरिए हौलीवुड के बड़े निर्माता हार्वे वींसटाइन पर यौन शोषण के आरोप लगाये थे. उसके बाद 'मी टू' हैशटैग के साथ कई बौलीवुड अभिनेत्रियों सहित दुनिया भर की आम महिलाओं ने भी उनके साथ हुए यौन शोषण की घटना का खुलासा किया था.

जिसके बाद एक्ट्रेस रिचा चड्ढा ने भी कुछ समय पहले यौन उत्पीड़न पर एक ब्लौग पोस्ट कर बौलीवुड में होने वाले यौन शोषण के बारे में अपने विचार रखें. एक्ट्रेस रिचा चड्ढा का मानना है कि बौलीवुड में यौन शोषण पर को लेकर आवाज बुलन्द होने में वक्त लगेगा क्योंकि यहां पर इस विषय पर लोग खुलकर नहीं बोलते और अगर बौलीवुड में यौन उत्पीड़न की बात होगी तो यह इंडस्ट्री अपने कई हीरो को खो देगी.

इस पोस्ट के बाद कई लोगों ने उनपर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आप क्यों नहीं उनका नाम लेतीं?

जिसके जवाब में रिचा ने एक और पोस्ट करते हुए कहा कि अगर आप मुझे जिंदगी भर पेंशन देंगे, मेरी और मेरे परिवार की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे और वादा करेंगे कि मुझे फिल्मों और टीवी, जहां भी मैं काम करना चाहूं, वहां पर काम मिलता रहेगा तो अभी के अभी मैं उनका नाम लेने को तैयार हूं. सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि दूसरे भी ऐसा करेंगे. लेकिन कोई है जो ऐसा करेगा?

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