अनुराग कश्यप अपनी फिल्म ‘‘उड़ता पंजाब’’ को पंजाब के लिए आन बान शान के साथ साथ अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात का मुद्दा उठाते हुए पंजाब के कलाकारों का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन इस मसले पर जिम्मी शेरगिल, अनुराग कश्यप के साथ नजर नहीं आते.

इस सारे विवाद पर जब हमने जिम्मी शेरगिल से बात की, तो जिम्मी शेरगिल ने कहा-‘‘पंजाब से मेरा गहरा नाता है. 2004 से मैं हर साल एक पंजाबी फिल्म में अभिनय करता आ रहा हूं. 2011 से 2013 के बीच मैंने खुद चार पंजाबी भाषा की फिल्मों का निर्माण भी किया है.

मुझे पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के साथ साथ पंजाब की भी समझ है. मैं मानता हूं कि पंजाब में मादक दृव्य/ड्रग्स एक बड़ी समस्या है. पर यह समस्या ऐसी नहीं है कि आप चंडीगढ़ या अमृतसर जाएं, तो आपको सड़क पर लोग ड्रग्स के नशे में झूमते या ड्रग्स के नशे में चूर इंसान सड़क पर गिरे नजर आएंगे. हां! पंजाब के अंदरूनी हिस्से यानी कि गांव के अंदर इस तरह की समस्याएं हैं, जिसकी कई वजह हैं.

फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ के निर्माताओं के अलावा कुछ चैनलों ने भी मुझसे कहा कि मैं चैनल पर आकर इस फिल्म को लेकर बात करुं. लेकिन मैंने इंकार कर दिया. इसकी वजह यह है कि मैं पंजाब की हकीकत से परिचित हूं. वहां क्या हो रहा है, उससे भी वाकिफ हूं.

मगर फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में क्या और कैसे चित्रित किया गया है, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है. ऐसे में मैं फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ के पक्ष या विपक्ष में कैसे बात कर सकता हूं. मैं तो चाहता हूं कि लोग मुझे ‘उड़ता पंजाब’ दिखा दें. उसके बाद मैं खुलकर इस विषय पर अपनी राय रख सकता हूं.’’

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