फिल्म ‘मुझे कुछ कहना है’ से फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करने वाले अभिनेता तुषार कपूर की पहली फिल्म कामयाब रही, लेकिन इसके बाद उनकी कई फिल्में असफल साबित हुई. करीब दो वर्षों तक उन्होंने इस असफलता का सामना करने के बाद फिल्म ‘खाकी’ से उनका कैरियर ग्राफ चढ़ा और कई सफल फिमें की. इस उतार-चढ़ाव को उन्होंने हमेशा साधारण तरीके से लिया और आगे बढ़ते गए. इस फ़िल्मी जर्नी में उन्होंने माना कि वे टाइपकास्ट के शिकार हुए, जिसका फायदा और नुकसान दोनों उनके साथ हुआ. फिल्मों के अलावा उन्होंने वेब सीरीज में भी काम किया है. तुषार जीवन में आये किसी भी चुनौती को स्वीकार करने से डरते नहीं. 

शांत और हंसमुख स्वभाव के तुषार कपूर सिंगल फादर है और 4 साल के बेटे लक्ष्य के साथ इस फेज को एन्जॉय कर रहे है. उनका कहना है कि मैं सिंगल फादर बना और इसे बहुत एन्जॉय भी कर रहा हूं. मैंने सही समय में इसका निर्णय लिया और पिता बना. कोई रिग्रेट नहीं, बल्कि मैं अपने आपको ब्लेस्ड मानता हूं. मेरी लाइफ अब पूरी हो चुकी है. मेरे लाइफ में एक बदलाव की जरुरत थी जिसे मैंने किया. सभी माता-पिता के लिए लाइफ पार्टनर से अधिक कीमती उसके बच्चे होते है, क्योंकि काम से थककर जब व्यक्ति घर आता है, तो बच्चे ही उसकी थकान को मिनटों में दूर कर देते है. अगर मुझे दूसरा बच्चा भी मिलता है,फिर भी लक्ष्य मेरे लिए पूरी जिंदगी लक्ष्य ही रहेगा. इस लॉक डाउन में मैं उसके साथ खेल रहा हूं और फनी वीडियोज बनाकर समय बिता रहा हूं. मुझे मानसून पहले कभी पसंद नहीं था, पर अब लक्ष्य की वजह से अच्छा लगता है, क्योंकि उसके साथ मुझे पार्क में जाना पड़ता है, क्योंकि दिनभर की बारिश के बाद पार्क में खेलने की उसकी मांग को मैं पूरा कर पाता हूं. 

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