Sudhir Yaduvanshi : फिल्म ‘किल’ के टाइटल ट्रेक ‘कावा कावा…’ गा कर चर्चित हुए सिंगर सुधीर यदुवंशी बौलीवुड में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं और आज कई फिल्मों में वे गा भी रहे हैं. उन्होंने फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’, ‘पंचायत’, ‘अंगारें’, ‘उड़ जा काले कावा’ आदि कई फिल्मों के गाने गाए हैं.
बिना गौडफादर के यहां तक का उन का सफर कभी आसान नहीं रहा, क्योंकि उन्हें हर बार यह प्रूव करना पड़ा है कि वे अच्छा गा सकते हैं. इस के लिए वे गाने बना कर हर बड़े संगीतकार के स्टूडियो के बाहर घंटों उन्हें अपनी संगीत सुनाने का इंतजार करते, लेकिन उन्हें उस का मौका कम ही मिल पाता था.
लाइव शो की लोकप्रियता ने उन्हें संगीत में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और वे आगे बढ़ते गए. वे हमेशा से सिंगर कैलाश खेर के गानों को पसंद करते हैं और उन की तरह लोकप्रिय सिंगर बनना चाहते हैं.
पहले उन्हें क्रिकेटर बनने का बहुत शौक था, क्योंकि क्रिकेटर मेहनत बहुत करते हैं, लेकिन उन की लाइफ लग्जरी वाली होती है और लोग उन से बहुत प्यार करते हैं, जो सुधीर को बहुत पसंद था. वे हमेशा खेलकूद में भी भाग लेते थे.
इन दिनों सुधीर कई हिंदी फिल्मों के लिए गाने गा रहे हैं. उन्होंने खास गृहशोभा से बात की और अपनी जर्नी को शेयर किया. पेश हैं, कुछ खास अंश :
मेहनत से मिलती है सफलता
सुधीर इन दिनों लाइव शो की तैयारी करने के साथसाथ कुछ फिल्मों के गाने भी रिकौर्ड कर रहे हैं. वे कहते हैं कि मैं 3 बार ग्रामी अवार्ड विनर रिकी केज के साथ उन के लाइव शो के लिए उन के बैंड में मुख्य गायक के रूप गाने की प्रैक्टिस कर रहा हूं. साथ ही कुछ फिल्मों के गाने की रिकौर्डिंग भी कर रहा हूं. मुझे खुशी है कि पिछले साल मेरे कई सौंग रिलीज हुए थे. मैं अधिकतर फिल्मों में गाने की कोशिश करता हूं और मुझे अवसर भी मिलता है. फिल्मों में गाने के लिए करीब 100 गाने रिकौर्ड कराने पड़ते हैं, जिस में केवल 10 गाने ही फिल्मों में आते हैं, क्योंकि पहले की तरह स्टोरी के अनुसार गाने नहीं बनाए जाते और न ही गाने फिक्स होते हैं.
वे कहते हैं कि एक गाने को फिल्मों में लाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है. आज गाना पहले गाया जाता है और बाद में कहानी में उसे फिट कर दिया जाता है. मैं ने अभी आने वाली 15 से 20 फिल्मों के लिए गाने गाए हैं. ये गाने अगर सिचुऐशन के हिसाब से सूट करेंगे, तो उन्हें लिया जाएगा। इस में भी फैन फौलोइंग के अनुसार सिंगर के गाने को फिल्म मेकर चुनते हैं. इस तरह से बहुत सारी चीजों से गुजर कर ही गाना फिल्मों में आता है.
पारिश्रमिक
वे आगे कहते है कि कुछ संगीतकार गाना गाने के बाद सिंगर को पारिश्रमिक देते हैं, तो कुछ लोग नहीं देते, क्योंकि उन की सोच होती है कि वे सिंगर के लिए फेवर कर रहे हैं, क्योंकि गाना फिल्म में आने से सिंगर की पौपुलैरिटी बढ़ती है, जिस से वे स्टेज शो कर सकते हैं और वहां उन्हें पैसा मिलता है. इसलिए कई बार वे थोड़ाबहुत पैसा ही देते हैं. अगर गाना हिट हुआ तो अच्छाखासा पैसा मिलता है और मुझे मिला भी है.
श्रोताओं की पसंद ने बनाया सिंगर
सुधीर ने कभी संगीत के क्षेत्र में आने के बारे में सोच नहीं था, लेकिन कई स्टेज शो पर उन्होंने दूसरे सिंगर के कई गाने गाए, जिसे श्रोताओं ने पसंद किया। इस से उन्हें लगने लगा कि वे इस फील्ड में भी कुछ कर सकते हैं, इसलिए उन्होंने खुद को ग्रूम करने के लिए गाने सीखे और कई कंपीटिशन में भाग ले कर जीत भी गए। इस से उन्हें गाना गाने की प्रेरणा मिली.
उन्होंने कई रियलिटी शोज के लिए औडिशन दिया. रियलिटी शो ‘हुनरबाज’ में करण जौहर के सामने परफौर्म किया. उस शो के 2 साल बाद उन्हें करण जौहर ने गाने का मौका दिया.
सुधीर कहते हैं कि ‘कावा कावा…’ गाने से मुझे काफी प्रसिद्धि मिली. इस के बाद जब मैं ने गाना ‘शंभू…’ गाया था, उस समय कुछ फाइनल नहीं था कि यह गाना फिल्म में जाएगा या इस में कौन ऐक्टिंग करेगा. यह गाना अक्षय कुमार पर शूट हो गया था, लेकिन मुझे बिलकुल भी नहीं बताया गया, क्योंकि मेरे लिए यह एक सरप्राइज था.
वे कहते हैं कि मेरे पास अचानक कौल आया और मुझे बताया कि गाना ‘शंभू…’ रिलीज होने वाला है और इस में अक्षय कुमार ऐक्टिंग कर रहे हैं. यह बात सुन कर मैं काफी ज्यादा खुश हुआ था. इस गाने को काफी पौपुलैरिटी मिली. ‘द वौयस शो’ मे भी मैं ने परफौर्म किया और उस में मुझे बैस्ट परफौर्मर का खिताब मिला था, लेकिन मैं उस में अंत तक नहीं पहुंच पाया था.
मिली मायूसी
सुधीर कहते हैं कि मैं ने लाइव शोज से अपना कैरियर शुरू किया था और उस से ही मुझे पता चला कि अच्छी संगीत भी लोगों के दिलों में जगह बना सकती है और लोग इसे सालों तक याद रखते हैं. यहीं से मेरा सपना शुरू हुआ और मैं ने इसे ही अपना कैरियर बना लिया. मैं ने अपना एक बैंड भी बना लिया था लेकिन एक रियलिटी शो में गाने और ऐक्ट करने का मौका मिला, पर कुछ कारणों से मैं सिलैक्ट नहीं हुआ. तब मैं मायूस हुआ था, लेकिन उस दिन से मैं ने कुछ अच्छा करने की ठान ली और फिर अपने स्तर पर फिल्मों में गाने की कोशिश के साथ शोज करने लगा और काम मिलता गया.
परिवार का सहयोग
मेरे परिवार वालों ने कभी मुझे इस क्षेत्र में आने के लिए सहयोग नहीं दिया। उन्होंने शुरू से मना कर दिया, क्योंकि कोई भी मेरे परिवार का व्यक्ति संगीत से जुड़ा हुआ नहीं है और न ही उन्होंने किसी व्यक्ति को संगीत से पैसे कमाते देखा है. ऐसे में, मेरा संगीत के क्षेत्र में आना संभव नहीं था। पिता ने एकदम मना कर दिया. हालांकि मेरे पिता और दादा शौकिया कभीकभी माइथोलौजिकल शो के लिए गाते थे, लेकिन किसी ने प्रोफैशनली इसे नहीं अपनाया. कालेज खत्म होने के बाद 21 साल की उम्र में मैं ने क्लासिकल संगीत की 3 साल की ट्रेनिंग ली है और साथसाथ शोज करता रहा. मैं क्लासिकल बेस के साथ वर्ल्ड म्यूजिक में विश्वास रखता हूं, ताकि भाषा कोई भी हो, संगीत का आनंद सभी उठा सकें.
होती है मायूसी
सुधीर कहते हैं कि मैं ने संगीत निर्देशक जोड़ी सलीम सुलेमान के लिए गाने गाए हैं, लेकिन फिल्मों में उसे लिया नहीं गया और यही दस्तूर इंडस्ट्री का है. अगर एक गाना किसी ने नहीं लिया, तो बिना सोचे आगे बढ़ जाना पड़ता है, क्योंकि गाने को उन्होंने कंपोज किया है, मैं ने केवल आवाज दिया है, ऐसे में सिंगर का उस गाने पर कोई अधिकार नहीं होता. इस से मायूसी होती है, लेकिन मैं पीछे की जिंदगी को देखता हूं, जब मैं पैसे बचाने के लिए कभीकभी कालेज से घर पैदल चला जाता था. बहुत सारे अभाव जिंदगी में थे, जो अब नहीं हैं. अब मैं अपने हिसाब से वह सब कर सकता हूं, जिस की मुझे इच्छा है.
धीरज और मेहनत जरूरी
सुधीर जो सोच कर मुंबई आए और जो उन्हें मिला, उस बारे में वे कहते हैं कि धीरेधीरे वह मिल रहा है, जो मैं ने चाहा था, लेकिन यहां धीरज और मेहनत के साथ आगे बढ़ना पड़ता है. यहां कोई आप को कुछ देता नहीं है, उसे पाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है. मैं ने एक रियलिटी शो में एआर रहमान के सामने गाने गाए, जहां मुझे बैस्ट परफौर्मर का अवार्ड मिला है. अभी मैं उन के संगीत निर्देशन में एक गाना गाने की इच्छा रखता हूं. इस के अलावा एमएम करीम की गाना गाने की इच्छा है.
सुधीर यदुवंशी की जर्नी अभी बहुत लंबी है, लेकिन उन की धीरज और मेहनत ही उन्हें आगे ले जा सकेगी, जिस के लिए वे निरंतर प्रयासरत हैं.