मुंबई से सटे थाणे जिले के अंतर्गत एक छोटा सा शहर उल्हासनगर है.  इस शहर में सिंधी समुदाय के लोगों की ही बस्ती है. यह वह लोग हैं, जो कि बंटवारे के ेवक्त यहंा आकर बस गए थे. यह सभी निम्न मध्यमवर्गीय या मध्यमवर्गीय लोग हैं. इन परिवारों में लड़कियों पर कई तरह की पाबंदियंा लगी हुई थी. लेकिन एक सिंधी मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की सिम्रिथि भटीजा ने बचपन से ही ‘मिस इंडिया’ के अलावा फिल्म अभिनेत्री बनने का सपना देखना शुरू कर दिया था. उसके माता पिता ने अपनी कम्यूनिटी के विरोध के बावजूद अपनी बेटी का हौसला बढ़ाया. सिम्रिथि बचपन से कई तरह के खेल खेलने के अलवा नृत्य सीखती रही.  अपनी बेटी के उज्ज्वल भविष्य को गति देने के लिए सिम्रिथि के पिता ने उल्हासनगर से निकलकर मुंबई के मुलुंड उपनगर में रहना शुरू किया और अपनी बेटी को जयहिंद कालेज में पढ़ने के लिए भेजा. अंततः बहुमुखी प्रतिभा की धनी सिम्रिथि भटीजा ने सितंबर 2019 में टोक्यो, जापान में संपन्न ‘‘मिस इंडिया इंटरनेशनल ’’ का खिताब अपने नाम किया. फिर कुछ म्यूजिक वीडियो किए और अब बतौर हीरोईन उनकी पहली फिल्म ‘‘धूप छंाव’’ प्रदर्शन के लिए तैयार है. तो वहीं अब सिम्रिथि भटीजा अपनी सिंधी कम्यूनिटी और छोटे शहरों की लड़कियों के अंदर जागरूकता लाने के लिए काम कर रही हैं. वह हर सप्ताह उल्हासनगर जाकर वहंा की लड़कियों से बात करती हैं, उन्हे सेल्फ डिफेंस व रैंप वॉक करना सिखाती हैं. सिम्रिथि भटीजा राष् ट्ीय स्तर की एथलिट भी हैं.

प्रस्तुत है सिम्रिथि भटीजा से हुई एक्सक्लूसिब बातचीत के अंश. .

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