रविवार, 7 जुलाई को फिल्म ‘‘जजमेंटल है क्या’’ के एक गाने की रिलीज के लिए बुलाई गयी प्रेस कौंफ्रेंस में कंगना रनौत और पीटीआई के पत्रकार जस्टिन राव के बीच हुई तूतूमैंमैं के बाद मामला निरंतर उलझता और अति कड़ुवाहट वाला होता जा रहा है. कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल सोशल  मीडिया पर पत्रकारों के खिलाफ जमकर आग उगल रही हैं. रंगोली ने ट्वीटर पर मीडिया के खिलाफ ‘अपमानजनक’ अभियान चला रखा है. तो दूसरी तरफ शुक्रवार देर शाम ‘मुंबई प्रेस क्लब’ ने भी कंगना रनौत के बहिष्कार का ऐलान कर दिया. ‘मुंबई प्रेस क्लब’ की तरफ से ‘एंटरटेन्मेंट जर्नलिस्ट गिल्ड’ का समर्थन करने की बात कही गयी है.

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तो वहीं कंगना रनौत की बहन और उनकी मैनेजर रंगोली चंदेल ने अपने ट्वीटर हैंडल पर अपने वकील ‘सिद्दिकी एंड एसोसिएट्स’ की तरफ से जारी आधिकारिक बयान वाला पत्र सांझा किया है. रंगोली ने दावा किया है कि उनकी बहन का पत्रकार द्वारा खुलेआम उपहास, उत्पीड़न और अपराधिक धमकी दी गयी थी. अपने बयान में रंगोली ने लिखा है- ‘‘यह तथाकथित प्रोफेशनल जर्नलिस्ट सार्वजनिक मंचो का उपयोग शरारत करने के लिए करते हैं. मेरे कथित ग्राहक सहित किसी भी सेलेब्रिटी का अवैध और अपराधिक रूप से परेशान करने के लिए, पूरी जानकारी के बावजूद कि उनके अवैध और अपराधिक कार्य स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति नही बल्कि मानहानि का मामला है. ’’वकील के पत्र के नीचे  रंगोली ने लिखा है- ‘‘सर ये तो दुकान बंद करवाएंगे और इनको जेल भी भिजवाएंगे. क्रिमिनल कहीं के.. कैसे यह बदनाम करने की धमकी देते हैं और कंगना को डराते हैं..’’

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वकील के इस पत्र में अपंजीकृत संस्था ‘‘इंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट गिल्ड’’ से कहा गया है कि वह इस तरह के मुद्दे के खिलाफ अपना पक्ष रखे और ऐसे माध्यमों के माध्यम से अनप्रोफेशनल पत्रकारों का सीधे समर्थन या प्रोत्साहन करना बंद करे.

 

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इससे पहले गुरूवार, 11 जुलाई को कंगना रनौत ट्वीटर व यूट्यूब पर अपना पक्ष रखते हुए एक वीडियो जारी कर चुकी हैं, जिसमें कंगना रनौत ने पत्रकारों को ‘छद्म पत्रकार’ और ‘देशद्रोही’ की संज्ञा देते हुए इन सड़े गले और झूठे बताते हुए उन पर बैन लगाने की मांग की है. कंगना ने पत्रकारों को ‘छद्म उदारवादी’ और ‘दीमक’ की संज्ञा देते हुए अपनी बात शुरू करते हुए कहा- ‘‘पत्रकारों का एक वर्ग देश के गर्व, समानता और अखंडता पर झूठी अफवाहों व राष्ट्र विरोधी विश्वासघाटी मूल्यां का दीमक की तरह प्रसार कर रहा है. फिर भी संविधान में इनके लिए कोई दंड या सजा नहीं है. यह बिके हुए पत्रकार हैं. यदि यह धर्म निरपेक्ष होते तो धार्मिक मामलों पर देश पर हमला न करते.’’

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इतना ही नही इस वीडियो में कंगना ने पत्रकारों को धमकी देते हुए खुद पर बैन लगाने के लिए कहा है. इस वीडियो में कंगना ने आगे कहा है- ‘‘मैं आप लोगों से हाथ जोड़कर विनती करती हूं कि आगे बढ़ो और मुझ पर प्रतिबंध लगाएं. क्योंकि मैं नहीं चाहती कि मेरी वजह से तुम लोगों के घर का चूल्हा जले. ’’इस वीडियो में कंगना ने पत्रकार जस्टिन राव का विस्तार से जिक्र किया है.

इस तरह कंगना रनौत की तरफ से एक तरह से मीडिया के खिलाफ युद्ध का ऐलान हो चुका है. कम से कम वह ‘एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट गिल्ड’ की मांग के अनुरूप माफी मांगने के मूड़ में तो कतई नहीं हैं.

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