रेटिंग: पांच में से साढ़े तीन स्टार

निर्माताः एकता कपूर, शोभा कपूर,गुनीत मोंगा,अचित जैन

लेखकः अशोक मिश्रा

निर्देशक: यशोवर्धन मिश्रा

कलाकार: सान्या मल्होत्रा,अनंतविजय जोशी,विजयराज,राजपाल यादव,नेहा सराफ व अन्य

अवधिः एक घंटा 55 मिनट

ओटीटी प्लेटफार्मः नेटफ्लिक्स

श्याम बेनेगल के लिए ‘‘वेलकम टू सज्जनपुर’’,‘वेलडन अब्बा’ के अलावा ‘ वॉक अलोन’,‘गंजे की कली’,‘बवंडर’,‘समर’ व ‘नसीम’ जैसी फिल्मों के लेखक व गीतकार अशोक मिश्रा के लेखन की अपनी अलग पहचान है. उन्हे सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखन का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है. अब वही अशोक मिश्रा ने फिल्म ‘‘कटहल’’ का लेखन किया है, जिसका निर्देशन उनके बेटे यशोवर्धन मिश्रा ने किया है.

विधायक के दो कटहल की चोरी के इर्द गिर्द घूमती फिल्म ‘‘कटहल’’ में कई अहम मुद्दे उठाए गए हैं. फिल्म में इन दिनों जिस तरह से पत्रकारों के साथ व्यवहार किया जा रहा है,उसका भी बाखूबी सुंदर चित्रण है,काश ! फिल्मकार स्वयं इन दृश्यों से कुछ सबक ले पाते.

बहरहाल, फिल्म ‘‘कटहल’’ 19 मई से ओटीटी प्लेटफार्म ‘नेटफिलक्स’ पर स्ट्रीम हो रही है. फिल्म देखते हुए दर्शकों को उत्तर प्रदेश के विधायक आजम की भैंस की चोरी सहित कई घटनाक्रम याद आ जाएं,तो गलत नहीं होगा.

अमूमन देखा जाता है कि ज्यादातर फिल्में गंभीर समस्याओं को उठाती हैं,मगर उन समस्याओं की गहराई में जाने की बजाय सतही स्तर पर ही बात करती हैं. जबकि फिल्म ‘‘कटहल’’ हलके फुलके विशय को उठाकर समाज व आम इंसान से जुड़े कई गंभीर मुद्दों पर कहीं हास्य तो कहीं व्यंग के साथ बात करती है. यह लेखक व निर्देशक की समाज व देश की गंभीर समझ से ही संभव हो पाया है.  बिना नाम लिए किसी को भी कटघरे में खड़ा करने में फिल्मकार विचलित नहीं हुए है.

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