संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'एनिमल' में अभिनेता रणवीर कपूर के अभिनय की बहुत तारीफ की जा रही है, वहीं दूसरी ओर इसकी बुराई भी खूब हो रही है. फिल्म में हिंसक और इंटिमेट सीन्स को लेकर तमाम तरह की बातें कही जा रही हैं. कुछ लोग तो 'एनिमल' के कंटेंट पर भी सवाल उठा रहे हैं. यही नहीं, फिल्म के मुख्य किरदार रणविजय यानि रणवीर कपूर को बहुत ही हिंसक और महिला विरोधी और स्त्रियों के अस्तित्व पर बड़ा आघात करने वाली बताया जा रहा है. कई सेलेब्स ने इस फिल्म का विरोध भी किया है. सिंगर स्वानंद किरकिरे ने तो 'एनिमल' को भारतीय सिनेमा को शर्मसार करने वाली फिल्म बताया है. अभिनेता महेश ठाकुर ने हिंसात्मक फिल्मों को परिवार समाज और यूथ की मानसिकता के लिए बहुत प्रभावशाली बताया है, जिसे कम करना जरुरी है. फिल्मों में मनोरंजन है ही नहीं, जबकि फिल्मों की कहानी की मूल में मनोरंजन होना जरुरी होता है. यही वजह है कि आजकल व्यक्ति पडोसी में चोरी होने पर खुद के घर की ताले को मजबूत करता है, ताकि उन्हें कुछ न हो. मीडिया को इसमें समन्वित रूप से भागीदारी होने की जरुरत है, तभी जागरूकता बढ़ेगी.

मानव भावनाओं का तीव्र प्रदर्शन

संदीप रेड्डी ने इससे पहले हिंसक फिल्म कबीर सिंह बनाई थी, उसमे भी उन्होंने मानव भावनाओं को तीव्र रूप में प्रस्तुत किया था, हालांकि कुछ को फिल्म में शाहिद कपूर के आक्रामक एक्टिंग को पसंद किया गया, लेकिन बहुतों को फिल्म की कांसेप्ट पसंद नहीं आई. अधिकतर युवा दर्शकों ने इसे बीमार मानसिकता वाले व्यक्ति की संज्ञा दी, जो आज के परिवेश में सही नहीं बैठती, जहाँ महिलाएं प्यार को पाने के लिए कुछ भी सहने के लिए आज तैयार नहीं होती यही वजह है कि युवाओं में डिवोर्स की संख्या लगातार बढती जा रही है.

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