अमिताभ बच्चन को आज भले बॉलीवुड का महानायक कहा जाने लगा हो लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब फिल्मी दुनिया ने उनको इतना हताश कर दिया था कि वह रुपहले पर्दे के इस संसार को छोड़कर जाने का मन बना चुके थे.

अमिताभ को फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' में एक रोल मिला, जिसके बाद उन्हें फिल्में तो कई मिलीं, लेकिन सब फ्लॉप होती गईं. फ्लॉप फिल्मों से आहत अमिताभ ने इस रंगीन दुनिया को अलविदा कहने का फैसला किया और वापस जाने की तैयार करने लगे, लेकिन उस वक्त बॉलीवुड के महान कलाकार मनोज कुमार ने उनकी मदद की.

मनोज कुमार ने अमिताभ को बहुत समझाया और अपनी फिल्म रोटी कपड़ा और मकान में रोल दिया. हालांकि ये फिल्म 1974 में रिलीज हुई, लेकिन उससे पहले अमिताभ की फिल्म जंजीर रिलीज हो गई और वो रातोंरात स्टार बन गए थे.

जंजीर अमिताभ की ऐसी फिल्म थी, जो उनके लिए मील का पत्थर साबित हुई और उनको एंग्री यंगमैन का खिताब मिल गया. मनोज कुमार की बात मानकर अमिताभ फिल्मी दुनिया को छोड़कर नहीं गए और आज पूरी दुनिया में अमिताभ की पहचान है उन्हें सदी का महानायक तक कहा जाता है.

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