रेटिंगः ढाई स्टार

निर्माताः के सेरा सेरा, विक्रम भ्ज्ञट्ट प्रोडक्शन

लेखकः महेश भट्ट

निर्देशकः विक्रम भट्ट

कलाकारः अक्षय ओबेराय, एंद्रिता रे, मेहेरझान मझदा, जिया मुस्तफा,  रूशद राणा‘

अवधिः दो घंटे दो मिनट

गुलाम , राज सहित कई सफलतम फिल्मों के निर्देशक विक्रम भट्ट को सिनेमा जगत में नित नए सफल प्रयोग करने के लिए जाना जाता है. रामसे बंधुओं के बाद हॉरर फिल्मों को एक नई पहचान देने में विक्रम भट्ट का बढ़ा योगदान है. अब विक्रम भट्ट फिल्मों की शूटिंग की एक नई तकनीक ‘‘वच्र्युअल फार्मेट’’ लेकर आए हैं. इसी तकनीक वह पहली हॉरर के साथ प्रेम कहानी युक्त फिल्म ‘‘जुदा होके भी’’ लेकर आए हैं, जिसमें उन्होने वशीकरण का तड़का भी डाला है. वशीकरण एक ऐसी तांत्रिक क्रिया है, जिससे किसी भी इंसान व उसकी सोच को अपने वश में किया जा सकता है. मगर यह फिल्म कहीं से भी डराती नही है. विक्रम भट्ट का दावा है कि ‘वच्र्युअल तकनीक ही सिनेमा का भविष्य है. मगर फिल्म ‘जुदा हो के भी ’’ देखकर ऐसा नही लगता. विक्रम भट्ट के निर्देशन में बनी यह सबसे कमजोर फिल्म कही जाएगी.

कहानीः

कम उम्र में अपने बेटे राहुल की मृत्यु के बाद सफल गायक व संगीतकार अमन खन्ना (अक्षय ओबेरॉय) इस कदर टूट जाते हैं,  कि वह खुद को दिन रात शराब के नशे में डुबा कर अपना जीवन व कैरियर तहस नहस कर देते हैं. इस त्रासदी के परिणामस्वरूप मीरा (ऐंद्रिता रे) से उसकी शादी को भी नुकसान हुआ है. पिछले चार वर्षों से मीरा ही किताबें लिखकर या दूसरों की लिखी किताबांे का संपादन कर घर का खर्च चला रही है. पति अमन से मीरा की आए दिन तूतू में मैं होती रहती है. इसी बीच उत्तराखंड में बिनसार से सिद्धार्थ जयवर्धन (मेहरजान मज्दा) अपनी जीवनी लिखने के लिए मीरा को उत्तराखंड आने का निमंत्रण देते हैं. इसके एवज में वह मीरा को बीस लाख रूपए देने की बात कहते हैं. अमन नही चाहता कि मीरा उससे दूर जाए. मगर घर के आर्थिक हालात व पति के काम करने की बजाय दिन रात शराब मंे डूबे रहने के चलते मीरा कठोर मन से उत्तराखंड चली जाती है. उत्तराखंड के अति सुनसान इलाके बिनसार में पहुॅचने के बाद मीरा अपने आपको सिद्धार्थ जयवर्धन के मकड़जाल मे फंसी हुई पाती है. उधर उत्तराखंड में टैक्सी चलाने वाली रूही के अंधे पिता(रुशाद राणा),  अमन को सचेत करते है कि वह मीरा को बचा ले. अमन उत्तराखंड पहुॅचकर मीरा को अपने साथ ले जाना चाहता है. पर क्या होता है, इसके लिए फिल्म देखनी पड़ेगी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...