रिलीज इयर– 2017

क्रिएटर- ब्रूस मिलर

कास्ट– एलिज़ाबेथ मोस, जोसफ फ़िएन्नेस, य्वोन स्ट्राहोव्सकी, एलेक्सिस ब्लेडेल

जोनर– ड्रामा, डिसटोपियन फिक्शन

मार्गरेट अटवुड की डिस्टोपियन नोवल 'द हैंडमेडस टेल' पर बेस्ड यह सीरीज एक ऐसी सोसाइटी को दिखाती है जहां कुछ औरतों को बंदी बनाकर उन्हें हैंडमेड बना दिया जाता है. इन हैंडमेड्स का काम अपने मालिकों को बच्चे पैदा करके देना होता है. इन के साथ बलात्कार होता है, हर तरह का अत्याचार होता है और आवाज उठाने पर इनका हाथ, जीभ यहां तक की जननांग भी काट दिए जाते हैं.

यह सीरीज जितनी रिमार्केबल है उतनी ही टेरीफाइंग भी है. इसमें ऐसे कितने ही मूमेंट्स हैं जब इसे देखना कठिन हो जाता है फिर भी इग्नोर नहीं किया जाता. सीरीज का मुख्य किरदार एलिज़ाबेथ मोस ने निभाया है जिनकी एक्टिंग और परफौरमेंस ब्रिलियंट है.

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एलिज़ाबेथ का किरदार ओफ़्फ़्रेड/जून एक अमेरिकी महिला है जिसे गिल्लीएड में बतौर हैंडमेड रखा गया है. जिस परिवार में जून को भेजा जाता है वहां सेरेना और फ्रेड वाटरफोर्ड उससे एक बच्चे की उम्मीद रखते हैं जिसके चलते उसका बारबार बलात्कार किया जाता है. हिम्मत हारने की बजाए जून इस पूरी व्यवस्था के खिलाफ लड़ती है और एक ऐसे कैरेक्टर को पोट्रेट करती है जो गलतियां करता है, बेवकूफी भरे कदम भी उठाता है लेकिन अपने साथ हो रहे अन्याय को चुप्पी साधकर सहता नहीं रहता.

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जून के साथ-साथ एमिली, जनीन, मोइरा और सेरेना का किरदार बेहद स्ट्रोंग है. यह एक मस्ट वाच सीरीज है. इसके अब तक तीन सीजन आ चुके हैं.

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