कॉमेडी की दुनिया में अपनी एक अलग छाप छोड़ने वाले स्टैंडअप कॉमेडियन और अभिनेता सुनील ग्रोवर को प्रसिद्धी ‘कॉमेडी नाइट्स विथ कपिल’ की शो में गुत्थी, रिंकू भाभी और डॉक्टर मशूर गुलाटी की भूमिका से मिली. उन्हें हमेशा से कॉमेडी करना, किसी की नक़ल उतारना पसंद था. स्कूल, कॉलेज में सभी उनके इस हुनर की तारीफ करते थे. कॉलेज के एक कार्यक्रम में कॉमेडी करते हुए सुनील को पता चला कि उन्हें इसी फील्ड में जाना है और उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा और धीरे-धीरे कामयाब हुए. सुनील बहुत ही धैर्यवान और शांत स्वभाव के है, जब उनके पास काम नहीं था, उन्होंने डबिंग और आकाशवाणी में काम किया. सुनील को परिवार वालों ने मुंबई आने से नहीं रोका, क्योंकि वे सुनील की प्रतिभा से परिचित थे. गृहशोभा के लिए सुनील ने खास बात की, आइये जानते है उनकी जर्नी, उन्हीँ की जुबानी.

सवाल-हँसना और हँसाना कितना जरुरी है?

हँसना हमेशा बहुत जरुरी है. कई बार लोगों की परिस्थिति ख़राब होती है, जैसा कोविड के बाद से लोगों को हुआ, क्योंकि बहुतों की नौकरियाँ चली गयी, किसी के पास रहने को घर नहीं, तक़रीबन हर परिवार ने कोविड से किसी न किसी प्रियजन को खोया है. पेंडेमिक की वजह से सबको बहुत नुकसान किसी न किसी वजह से हुई है और ये बहुत ही संवेदनशील परिस्थिति है, जिसमें किसी को भी हँसाना बहुत मुश्किल है, हालांकि अभी सब खुल चुके है, लेकिन ये बीमारी है और लोग इससे डर रहे है. इसलिए पहले जैसी हालात बनने में काफी समय लगेगा.

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