लंबे समय तक चले आंदोलन के बाद एक मई 1960 को मराठी भाषा के आधार पर ‘महाराष् ट्’राज्य का गठन हुआ था. अब साठ वर्ष पूरे होने पर ‘‘पीपुल्स आर्ट सेंटर’ की तरफ से हर क्षेत्र से चुनी गयी चालिस मराठी भाषी हस्तियों को ‘‘महाराष्ट्रची गिरी शिखरे पुरस्कार’’से नवाजा गया.मुंबई में बांदरा स्थित रंग शारदा सभागृह में 26 दिसंबर को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुरेश वाडेकर, उषा मंगेशकर, डॉ मीरा बोरवणकर, रोहिणी हतंगिड़ी, तेजस्विनी सावंत, भीमराव पंचाले, अशोक पतकी, अनंत कुलकर्णी,शशिकांत गरवारे,डॉ.आर के शेट्टी, माधव पवार आशा खाडिलकर सहित काफी हस्तियों को महाराष्ट्राची गिरीशिखरे अवार्ड से नवाजा.

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इन हस्तियों को अपने हाथों से ट्रॉफी देने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सम्बोधित करते हुए कहा-‘‘मैं यहाँ सभी पुरस्कृत हस्तियों को बधाई देता हूँ.यह सभी अपने अपने क्षेत्रों के दिग्गज लोग हैं.जिन्हें भी सम्मानित किया गया न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरा देश आप सभी पर गर्व महसूस करता है. समाज के कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दूसरों के लिए उदाहरण पेश करते हैं. ऐसे ही लोगों को आज यह सम्मान दिया गया.पुरस्कार से प्रोत्साहन मिलता है.इसलिए समाज में अच्छा काम करने वालों का समय समय पर सम्मान किया जाना जरूरी होता है.  हम सब भारत माता की संतान हैं और अपने देश का नाम ऊंचा करने की दिशा में हम सबको कार्य करना चाहिए.पीपल स आर्ट सेंटर से जुड़े तमाम लोगों का मैं अभिनंदन करता हूँ.‘‘

1 मई 1960 को कोंकण, पश्चिमी महाराष्ट्र, विदर्भ और मराठवाड़ा के एक बहुभाषी राज्य मराठी भाषी लोगों के रूप में महाराष्ट्र के गठन तक लगभग डेढ़ दशक तक महाराष्ट्र का एक बहुमुखी इतिहास रहा है.इस शानदार कार्यक्रम में शास्त्रीय और लोक कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए.

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