अभिनेत्री रिया शर्मा महाराष्ट्र के नागपुर की है. उनकी मां प्रतिमा शर्मा एक यूट्यूबर हैं. उन्होंने नागपुर, महाराष्ट्र के एक कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है. उन्होंने ‘सात फेरो की हेरा फेरी’, से कैरियर की शुरुआत की थी, इसके बाद उन्होंने “ये रिश्ते हैं प्यार के”, “तू सूरज मैं साँझ पियाजी”, “इतना ना करो मुझे प्यार के लिए” आदि कई धारावाहिकों में अभिनय के लिए जानी जाती हैं. आज उनका नाम टेलीविज़न जगत में बड़ी अभिनेत्रीयों में गिना जाता हैं. इसके अलावा वह हिंदी फिल्म रिया “एम.एस धोनी” में छोटा सा रोल निभा चुकी हैं. अभी रिया सोनी सब टीवी पर ‘ध्रुव तारा – समय सदी से परे’ यह एक फेंटासी शो है, जिसमें रिया ने तारा की भूमिका निभाई है, जिसे दर्शक पसंद कर रहे है. इस शो के प्रमोशन पर रिया ने अपनी जर्नी के बारें में बात की,पेश है कुछ अंश.

मिली प्रेरणा

रिया का कहना है कि मेरा अभिनय में आना एक इत्तफाक था. मुझे बचपन से ही परफोर्मेंस पसंद रहा, स्कूल से आने के बाद मैं आइने के सामने खड़ी होकर डायलाग बोलती थी. खुद से बातें करती थी और मुझे दर्शकों की वाहावाही बहुत पसंद थी, लेकिन मुझे ये पता नहीं था कि मैं एक्ट्रेस ही बनूँगी. दूर -दूर तक कभी मुंबई आने के बारें में नहीं सोचा था. अचानक मुझे शो ‘फियर फाइल्स’ एपिसोड की लीड के लिए बुलाया गया था, मैंने ऑडिशन दिया और चुनी गई और मुंबई आ गयी, जबकि मेरी पूरी फॅमिली एजुकेशन बैकग्राउंड से है.

मिला सहयोग

रिया कहती है कि मेरी माँ प्रतिमा शर्मा बहुत सपोर्टिव थी, बचपन में मुझे पोएट्री रिसाईटिंग, स्टेज ड्रामा आदि में ले जाती थी. उन्हें पता था कि मुझे ये सब पसंद है. कॉलेज में आने के बाद मैंने अभिनय को लेकर सोचना शुरू किया, लेकिन इतने बड़े शहर में अकेले जाना मेरे लिए बड़ी बात थी, लेकिन जब इत्तफाक से मैं अभिनय के लिए चुनी गई, तो मेरे पेरेंट्स ने साथ दिया. 17 साल की उम्र से मैंने अभिनय शुरू किया.

रिलेटेबल है ये कहानी

रिया कहती है कि मैंने इस तरह के फेंटासी शो पहले भी किये है और इसे सुनकर मैं बहुत उत्साहित थी. इसमें कॉमेडी, ड्रामा और अलग तरीके की बातचीत सबकुछ शामिल है. जो मुझे बहुत अच्छा लगा. मैं हमेशा ही कुछ न कुछ आगे के लाइफ के बारें में सोचती रहती हूँ और उसे इमेजिन भी करती हूँ. मुझे लगता है सभी जीवन में ऐसी बातें हमेशा ही सोचते है,

आगे क्या होगा, पीछे क्या हुआ था, लोग तब कैसे थे ये सब जानने की इच्छा होती है.

मुझे पास्ट और फ्यूचर में जाने की भी बहुत इच्छा है. इस चरित्र से मैं कुछ अवश्य रिलेट करती हूँ, जैसे छोटी-छोटी हाव-भाव जो मुझसे मेल खाती है. मैंने पहले जो भी भूमिका निभाई है, हर चरित्र से खुद को रिलेट कर पाई हूँ. इसमें तारा हर चीज को देखकर उत्साहित हो जाती है. मैं भी रियल लाइफ में छोटी-छोटी चीजो से खुश हो जाती हूँ.

होती है अनुभव की कमी

कोविड की वजह से लोगों ने भविष्य की प्लानिंग करना छोड़ दिया है, क्योंकि कल के बारें में किसी को पता नहीं, लेकिन टाइम लाइन पर अगर कोई भविष्य को जान पाता है, तो उसे लाइफ की प्लानिंग करना आसान होगा क्या? इस बारें में रिया कहती है कि अगर फ्यूचर देखकर उसमे कुछ सुधार कर सकती थी, तो जीवन में आये उतार-चढ़ाव का सामना करने के अनुभव को पाने में समर्थ नहीं होती.

था संघर्ष

रिया आगे कहती है कि रियलिटी यहाँ का अलग ही था, मैं नागपुर जैसे छोटे शहर से आई थी, जहाँ ट्राफिक नहीं थी, लाइफ इजी थी. कभी मैंने इतना संघर्ष नहीं किया, थोड़े पैसे जो घर से मिले थे. जब वह खत्म होने लगी, तब चिंता सताने लगी, इससे पहले मुंबई इसकी ग्लैमर से बहुत प्रभावित थी, यहाँ समस्या यह थी कि शूट की पेमेंट 40 दिन बाद होती है और मुझे पैसों की जरूरत थी, लेकिन मैंने पेरेंट्स से पैसे नहीं मांगे और अपने पैसे से गुजारा करना चाहती थी. हालाँकि पेरेंट्स ने कभी पैसे के लिए मना नहीं किया, बल्कि ख़ुशी से देते थे, पर मेरे लिए अपने दम पर घर चलाना एक चुनौती थी और मैं वह कर पाई, जो मेरे लिए बड़ी बात रही. मैंने जिंदगी के बहुत कठिन समय को नजदीक से देखा है, इसलिए

आज जो भी मुझे मिलता है, उसमें खुश रहती हूँ.

इसके अलावा संघर्ष हमेशा रहता है, ये सही है कि अब चीजे थोड़ी आसान हुई है, लेकिन हमेशा कुछ अच्छा करने की कोशिश में संघर्ष है. असल में इंडस्ट्री के बारें में पता कर पाना आसान नहीं, क्योंकि यहाँ कभी काम है, कभी नहीं. कई बार एक काम मिलने के बाद आगे अच्छा मिलेगा या नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं होती. मेरी माँ ने हमेशा कहा है कि लाइफ में रिस्क नहीं लेने से व्यक्ति आगे नहीं बढ़ सकता और मुझे भी वह ऐसी ही सलाह देती आई है.

करना है हिंदी वेब और फिल्मों में काम

रिया हंसती हुई कहती है कि मैं हर शो के बाद मैं हिंदी फिल्मों और वेब में काम करने की इच्छा रखती हूँ, लेकिन कोई ढंग का काम नहीं मिलता. इसके अलावा मैं सोचती हूँ कि जब मुझे अच्छी शो में काम मिल रहा है, तो मैं मना कैसे कर सकती हूँ, क्योंकि आज बहुतों के पास एक अच्छा काम नहीं है. मुझे आगे चलकर हिंदी फिल्मों और वेब सीरीज को भी एक्स्प्लोर करना है. मुझे को-स्टार अभिनेता संजय दत्त और निर्देशक राजकुमार हिरानी के साथ काम करने की बहुत इच्छा है.

फैशन है पसंद

रिया को वेस्टर्न और इंडियन दोनों तरीके की पोशाक पसंद है. ये अधिकतर उनके मूड पर निर्भर होता है. वह हर तरीके की ड्रेस पहनती है.

रिश्तों को सहेजना है जरुरी

रिया कहती है कि रिश्तों में आजकल बहुत सारे बदलाव आ चुके है, आज रिश्तों में एक एडवेंचर या चुनौती होती है. मेरे हिसाब से किसी रिश्ते को संबंधों में बाँध लेने से उसे जीने में आसानी होती है, पर आज ऐसा नहीं है, बिना शर्तों के प्यार चलती है, शर्तों से वे बिगड़ जाती है. सपनो का राजकुमार मेरे जीवन में नहीं है. अभी सपने सिर्फ कैरियर ही है. तनाव होने पर मैं खुद को समझा लेती हूँ कि मुझे एक अच्छा काम मिला है और मुझे इसे दिल से करना है. अधिकतर मुझे पेरेंट्स की याद आती है और समय की कमी की वजह से जा नहीं पाती. फ़ोन पर बात कर लेती हूँ.

दिया सन्देश

युवाओं को मेरा मेसेज है कि सभी को अपने पेरेंट्स को देखकर, उनके मेहनत को देखकर सीख लेनी है, किसी चीज के न मिलने पर परेशान न हो, बल्कि धीरज धरे और आगे बढे, तनाव न लें. इससे सफलता अवश्य मिलेगी. मुझे कोई सुपर पॉवर मिलने पर असहाय लोग और जानवरों के लिए कुछ काम करना चाहती हूँ.

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