हर वित्त वर्ष के दौरान आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना सिर्फ यह साबित नहीं करता है कि आप एक जिम्मेदार नागरिक हैं, बल्कि आयकर रिटर्न दाखिल करना कई लिहाज से करदाताओं के लिए भी फायदेमंद होता है. बीते वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 है. हम इस खबर में आपको ऐसे पांच कारणों के जरिए समझाने की कोशिश करेंगे कि आईटीआर फाइल करना क्यों जरूरी है.

इनकम टैक्स रिफंड: अगर आप इनकम टैक्स फाइल करते हैं तो यह आपको एक फायदा भी दिला सकता है. अगर आपके नियोक्ता ने आपकी सैलरी से ज्यादा टीडीएस की कटौती कर दी है तो आप इस अतिरिक्त राशि के लिए आयकर रिटर्न फाइलिंग में क्लेम भी कर सकते हैं. आपको अतिरिक्त कटौती की राशि वापस कर दी जाएगी.

पेनाल्टी देने से राहत: अगर आप समय पर इनकम टैक्स फाइल करते हैं तो आप पेनाल्टी से बच सकते हैं. अगर आपकी आय पांच लाख तक या उससे कम है और आप 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं तो आपको 1000 रुपये की पेनाल्टी देनी होगी. वहीं 5 लाख से ज्यादा आय होने की सूरत में 31 जुलाई से एक दिन की देरी पर भी आपको 5,000 रुपये की पेनाल्टी देनी होगी. हालांकि आपको इस सूरत में 31 दिसंबर तक अपना रिटर्न फाइल ही करना होगा. अगर आप अपना आईटीआर 1 जनवरी से 31 मार्च 2019 तक भरते हैं तो आपको 10,000 रुपये बतौर पेनाल्टी देने होंगे.

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लोन मिलने में रहती है आसानी: अगर आप हर साल अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं तो आपको लोन लेने में आसानी हो सकती है. आईटीआर आपकी आमदनी का प्रूफ होता है और निजी क्षेत्र के अधिकांश बैंक इसे प्रूफ के तौर पर स्वीकार करते हैं. आमतौर पर बैंक लोन देने से पहले इसकी मांग करते हैं.

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